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विशुद्ध वचनम्
India
เข้าร่วมเมื่อ 26 มี.ค. 2023
ज्ञान, आस्था, धर्म
एक व्यक्ति ने जैन मुनि से पूछा अंग्रेज़ी मैं सवाल जैन मुनि ने कहाँ अब पूरा इंग्लिश मैं ही पूछो
एक व्यक्ति ने जैन मुनि से पूछा अंग्रेज़ी मैं सवाल जैन मुनि ने कहाँ अब पूरा इंग्लिश मैं ही पूछो
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วีดีโอ
दुसरे धर्म मैं लोग पति के पैर छूते है क्या हमे पति के पैर छूने चाहिए
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दुसरे धर्म मैं लोग पति के पैर छूते है क्या हमे पति के पैर छूने चाहिए
अगर रास्ते मैं हमे स्वेतांबर साधु मिल जाए तो हमे उन्हे नमस्कार करना चाहिए
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अगर रास्ते मैं हमे स्वेतांबर साधु मिल जाए तो हमे उन्हे नमस्कार करना चाहिए
बुरे कर्मो के उदय से शरीर मैं रोग आते है ऐसे मैं हमे दवाई लेनी चाहिए या धर्म करना चाहिए
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जो लोग मंदिर मैं जिनवानी छिपाकर रख देते है क्या उनको पाप लगता है
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जो लोग मंदिर मैं जिनवानी छिपाकर र देते है क्या उनको पाप लगता है
जैन मुनि ने अपने प्रवचन मैं कहाँ भगवान के पास जाओ और उनसे मिलकर आओ
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जैन मुनि ने अपने प्रवचन मैं कहाँ भगवान के पास जाओ और उनसे मिलकर आओ
आज जो लड़के लड़कियाँ बिगड़ रही है इसमे सबसे ज्यादा गलती उनके माँ बाप की है
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आज जो लड़के लड़कियाँ बिगड़ रही है इसमे सबसे ज्यादा गलती उनके माँ बाप की है
शिखर जी मैं हुआ था एक जैन मुनि का अपमान कहाँ ये मुनि कितना ही दूध पियेगा
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शिखर जी मैं हुआ था एक जैन मुनि का अपमान कहाँ ये मुनि कितना ही दूध पियेगा
जो फौजी देश की रक्षा के लिए बंदूक चलाते है क्या उनको पाप पड़ता है
มุมมอง 1789 ชั่วโมงที่ผ่านมา
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अगर हम दुसरो के लिए दुआ करते है तो हमारी दुआ दुसरो को लगती है
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मेहनत करने के बाद भी हमे सफलता नही मिल रही फिर हमे क्या करना चाहिए
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मंदिर मैं जो एक दीपक रखा रहता है क्या उससे बार बार आरती हो सकती है
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क्या हम देर रात तक पड़ सकते है या सुबह जल्दी उठकर पड़ना सही है
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एक व्यक्ति ने जैन मुनि से कहाँ आप देश के प्रधानमंत्री होते तो क्या करते
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एक व्यक्ति ने जैन मुनि से कहाँ मुझे दारु की लत लग गयी है क्या करु
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एक लड़की बोली मुझे रात्रि भोजन त्याग करना है पर घर वाले करने नही दे रहे
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जब मंदिर की वेदी पर काम चलता है तब क्या हमे मजदूरों के कपड़े बदलवाना चाहिए
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जब मंदिर की वेदी पर काम चलता है तब क्या हमे मजदूरों के कपड़े बदलवाना चाहिए
एक महिला ने जैन मुनि से कहाँ हम मरने के बाद जहाँ जाते है उसको छुकर आते है
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इस पंचम काल मैं हर चीज छोटी होती जायेगी पहले शिखर जी पर्वत 144 किलो मीटर का था
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इस पंचम काल मैं हर चीज छोटी होती जायेगी पहले शिखर जी पर्वत 144 किलो मीटर का था
एक व्यक्ति बोला मैने आपमे कमियाँ खोजी पर आपमे कोई कमी है ही नही
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रात को हम कुछ पड़ते पड़ते सो जाए तो क्या हमे पाप पड़ेगा
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रात को हम कुछ पड़ते पड़ते सो जाए तो क्या हमे पाप पड़ेगा
जैन मुनि के पास आये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जैन मुनि बोले अफगानिस्तान तक अखंड भारत है
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जैन मुनि के पास आये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जैन मुनि बोले अफगानिस्तान तक अखंड भारत है
जब भाई ही अपने भाई का हिस्सा लेले तब हमे क्या करना चाहिए
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जब भाई ही अपने भाई का हिस्सा लेले तब हमे क्या करना चाहिए
क्या इस पंचम काल मैं जैन मुनि नरक और निगोद गति जाएँगे
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क्या इस पंचम काल मैं जैन मुनि नरक और निगोद गति जाएँगे
एक मुनि ने दूसरे मुनि से पूछा सवाल पूछा संघ और घर कैसे चलाए
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एक मुनि ने दूसरे मुनि से पूछा सवाल पूछा संघ और घर कैसे चलाए
मंदिर के बाहर हमको अच्छे विचार आते है लेकिन मंदिर मैं नही आते ऐसा क्यों
มุมมอง 253วันที่ผ่านมา
मंदिर के बाहर हमको अच्छे विचार आते है लेकिन मंदिर मैं नही आते ऐसा क्यों
एक बच्चे ने जैन मुनि से कहाँ मन करता है भगवान का सर फोड़ दु
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एक बच्चे ने जैन मुनि से कहाँ मन करता है भगवान का सर फोड़ दु
अंतर्मना के अपमान पर बोले आदित्य सागर कहाँ मुझे भी पच्चीस बार भगाया है
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अंतर्मना के अपमान पर बोले आदित्य सागर कहाँ मुझे भी पच्चीस बार भगाया है
एक व्यक्ति ने जैन मुनि से कहाँ मेरा बच्चा धर्म की बातो को नही मानता है
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एक व्यक्ति ने जैन मुनि से कहाँ मेरा बच्चा धर्म की बातो को नही मानता है
एक महिला ने जैन मुनि से कहाँ आपके दर्शन करके मैं धन्य हो गयी
มุมมอง 37614 วันที่ผ่านมา
एक महिला ने जैन मुनि से कहाँ आपके दर्शन करके मैं धन्य हो गयी
श्वेतांबर ग्रंथ विशेष आवश्यक भाष्य के ओघ-निर्व्यूक्ति भाग में यह कहा गया है कि दिगंबर मुनि के दर्शन मात्र से भी अपशकुन होता है और इसका परिणाम मृत्यु हो सकता है।
Namostu gurudev
Kevalgyani k alava koi bhi vyakti kisi bhi baat ko davey k sath nahi kah sakta hai, Navkar mantra mein sabhi utkrast aatmao ka samavesh ho jata hai isliye vartman mein navkar per dridh aastha rakho baki sab apni apni dhapli apna apna raag wali baat hai
All are quawl Sub jain sadhu vandan ke like hey 56 lacks jain bache he Aisi he khatam ho na he
पीछे कुत्ता लगा हो तो हम जितना दौडेंगे वह और लपकेगा लेकिन हम दौड़ना बंद कर चुपचाप एक स्थान पर खड़े हो जाएँ तो वह पास आकर हमेशा सूंघता है और चंद क्षणों में हमारे तलुए चाटने लगता है, पूँछ हिलाने लगता है ।
Namostu guruver
श्वेताम्बर साधु को जय जिनेन्द्र कह सकते हैं।
नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जैन नवकार महामंत्र, जैन-अजैन सभी भेदों से परे महामंत्र है . जैनियों के इस मन्त्र में पांच नमस्कार हैं, अरिहंत भगवंतों को, सिद्ध पुरुषों, आचार्यों, उपाध्यायों और समस्त लोकों के साधू भगवंतों को प्रणाम किया जाता है I जैन-अजैन का इसमें कोई भेद नहीं है I जिन्होंने अपनी इन्द्रियों को जीत लिया और जिनका कोई शत्रु ही नहीं है, वह अरिहंत भगवान हैं I निखिल ब्रह्माण्ड के I ऐसे ही सिद्ध, आचार्य, उपाध्यायों के अपने अपने गुण हैं I जब समस्त लोकों शब्द आ गया है तो किसी एक मर्यादा के साधुओं की बात ही नहीं रहती है I जैन धर्म में भाव अहिंसा का अत्यधिक महत्त्व है I किसी के मनोभाव में भी किसी अन्य के प्रति मन में तनिक भी दुर्भाव नहीं आना ही भाव अहिंसा का आधार है I जैन मान्यता में अनेकान्तवाद का सिद्धांत भी प्रचलित है, जिसका अर्थ है, मैं भी सही, तू भी सही, ये भी सही, वह भी सही I हम वसुधैव कुटुम्बकम् के सिद्धांत और भाव अहिंसा पर आस्था और विश्वास रखने वाले लोग हैं, हम एकता में अनेकता की अपनी सांस्कृतिक धरोहर को चिरजीवी बनाना चाहते हैं I भारत सभी प्राणियों में ईश्वर के दर्शन करने वाला देश है I तत्वमसि, कण कण में भगवान हमारी सांस्कृतिक धरोहर है I भारत माता की जय I वंदेमातरम्
नमोस्तु गुरुवर 🎉🎉🎉
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 namostu namostu namostu mere param pujya upkari mere maharaj shree ji namostu namostu namostu 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Maharaj ji aasirwad de ki ye vidhan aapki chtrachaya me karwa sake mere bete ki bht icha he ki life me ek vidhan vushal rup me karau jab bhi hamari anukulta ho
Bilkul sahi namostu
संत संभु श्रीपति अपबादा । सुनिअ जहाँ तहँ असि मरजादा ॥ काटिअ तासु जीभ जो बसाई । श्रवन मूदि न त चलिअ पराई। जहाँ संत, और भगवान की निंदा हो, वहाँ ऐसी मर्यादा है कि यदि अपनों वश चले तो उस (निंदा करने वाले ) की जीभ काट लें! और नहीं तो अपने कान मूंदकर वहां से चले जाएं ! अब समाज को जागना होगा और ऐसी कमेटी के लोगों की भरे समाज में बेज़ज्जती करनी चाहिए।जो साधु संतों में भेदभाव करे और साधु संतों की निंदा करे। उन्हें साधु संतों को तीर्थों पर आने से एतराज हो ओर उनकी व्यवस्था करने में दिक्कत हो तो समाज को उनको सबक सिखाना चाहिए।
Kyan swetaber sadhu , shravak ke gunsthan se upar nahi hota ? Namaskar guno ko kiya jata hai naki panth dekh ke, ajain ko bhi namaskar kar sakte hai , Istopadesh jo ki digamber manyata pe hai, uska ist para read kar lijye I am a swetamber follower but respect digamber equally
तीर्थकर भगवान सर्वज्ञ है भगवान ने ही साधुओं को श्वेत वस्त्र धारण करने की अनुमति दी है क्योंकि वो जानते थे कि भविष्य में पांचवे आरे में धर्म का पालन करना कठिन होगा नग्नता इसमें बाधक होगी कई साधु इसलिए दीक्षा ग्रहण नहीं कर पाते क्योंकि वो नग्न नहीं हो सकते इसलिए वो श्रावक धर्म का पालन करते है भले उनके भाव साधु बनने के क्यों न हो
अगर कोई ब्रह्मचारी नग्नता के कारन मुनी महाराज नहीं बन सकते तो शुल्लकजी महाराज भी बन सकते
Namostu namostu namostu namostu mere Gurudev ji 🙏🙏🙏🙏
नमोस्तु गुरुदेव
sadhu ko nahin sadhu ke tyag ko namaskar kiya jata hai. agar aap is mithyatva me jee rahe hain ki kisi bhi digambar ya shwetambar sadhu ka tyag aapse kam hai to bilkul namaskar na karein.
अपने से बड़े किसी को भी नमस्कार करना चाहिए। दिगम्बर हो या स्वेताम्बर साधू, उनका त्याग सभी मायनो में किसी भी साधारण श्रावक से बड़ा ही होता है, अर्थात वे सभी नमस्कार के योग्य हुए। ऐसी बातें प्रश्न में नहीं पूछनी चाहिए, अपना विवेक लगाना चाहिए। महाराज जी महान त्यागी होते हैं जो सारा जीवन अध्यात्म और शास्त्रों के अध्ययन को समर्पित कर देते हैं। वे सांसारिक वस्तुओं और संबंधों का त्याग कर चुके हैं, उनसे अध्यात्म से अलग अपने जीवन के कषायों की चर्चा करने से बचना चाहिए। महाराज जी मोबाइल, इंटनेट, टीवी वगैरह का उपयोग नहीं करते, उन्हें मंच से अचानक कुछ न कुछ उत्तर तो देना ही पड़ जाता है और फिर बाद में इन फालतू बातों पे विस्तार से पुनर्विचार में अपने तप और अध्ययन का कीमती समय नष्ट करना पड़ता है। ऐसी छोटी छोटी बातें पूछना शुरू करेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब कौन से दिन क्या खाना है और किस दिन क्या करना नहीं करना है ये भी संशय दिमाग में आने लगेगा। कृपया जैन धर्म में तरह-तरह के भेंग न उत्पन्न करें। नमस्कार एक निर्दोष क्रिया है जिससे किसी योग्य का सम्मान किया जाता है। यदि मिथ्यात्व के कारण न किया गया हो, तो इससे किसी तरह का कोई पाप नहीं लगता, मनोबल ऊँचा रखें।
भेद खत्म नहीं कर सकते तो फिर जैन धर्म kahan huaa
गुरुदेव कोटि कोटि चरण वंदन उपदेश में परिस्थिति और समय स्थिति सभी चीजों का विचार करना चाहिए मैं श्वेतांबर मान्यता वाला हूं किंतु बहुत आचार्य भगवन दिगंबर के वंदन दर्शन करता हूं गुरुदेव कालऔर परिस्थिति के अनुसार विचार करना योग्य क्षमा प्रार्थना के साथ निवेदन है
प्रश्न का उत्तर सही नहीँ दिया।श्रमण संस्कृति में जैन शब्द है।इसे जबरदस्ती पूर्वज पण्डितों ने या साधुओं ने या समाज के कुछ व्यक्तियों ने दिगंबर और श्वेतांबर में बाँट दिया।जो पहले हो अतीत(past) में हो चुका।लेकिन अब क्यों कुछ भी बोलकर बाँट रहे? 24 तीर्थंकर के दर्शन श्वेतांबर हौं या दिगंबर सभी करते हैं।नमोस्तु में ही बांटने लगे।नमोस्तू संस्कृत का शब्द है।जिसका अर्थ है मै नमस्कार।मै आपको नमस्कार या करता हूँ।ये तो सामने वाले के हृदय में सम्मान देने के लिये बोला जाता है।दिगंबर को यदि श्वेतांबर साधू मिलते हैं तो नमोस्तू बोलना चाहिये।कोई श्वेताम्बर या दिगंबर मुस्लिम, इसाई साधू नहीं हैं।जैन हैं।जैन हैं तो नमोस्तु, नमस्कार कर सकते है बल्कि करना ही चाहिये।बांटिये मत।वैसे ही मुस्लिम देश में कब्जा करने को लगे हैं।जैन को जाति में क्यों बाँट रहे ? 😊 मै दिगंबर हूँ और स्वेतांबर से भी सम्बन्ध रखता हूँ।मन्दिर भी जाता हुँ और स्वेतांबर, दिगंबर दोनों साधुओं से आशीर्वाद लेता हुँ।😂
🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹
जो महावीर के बताये हुए मार्ग पर चल रहा हैं वो निसंकोच वंदनीय वंदनीय और वंदनीय ही हैं फिर चाहे वो स्वेतांबर हो, दिगंबर हो, स्थानकवासी हो और चाहे तेरपंथी हो l कपड़े खोल देने से या कपड़े पहन लेने से कोई फरक नही पड़ता हैं l देश और काल का खयाल करके यदि कोई वस्त्र का परिधान करता हैं तो वो किसी भी सूरत में गलत नही हैं l सिर्फ तीर्थंकर ही दिगंबर अवस्था में रहते हैं क्योकि उनका इतना जबरदस्त अतिशय होता हैं की उनके गुप्तांग कोई चरम चक्षु वाला देख ही नही सकता l लेकिन तिर्थंकरो के अलावा सभी साधु भगवंत, गणधर भगवंत सब के सब कपड़े पहनते ही थे क्योकि ये तिर्थंकरो का अतिष्य हर किसी को नही होता l अतः ये केहना की सिर्फ दिगंबर ही वंदनीय हैं ये बात सरासर गलत हैं और मिथ्यात्व हैं l दिगंबरो में भी साध्वीजी भगवंत कपड़े पहनते ही हैं तो क्या उनको श्वेतांबर की catagory में लेके ऐसा कहेंगे की वो वंदनीय नही हैं? गितार्थ गुरु भगवंत ऐसा कभी नही कहेंगे........... इसलिए भगवान् ने केह दिया हैं की अमुक संख्या में बड़े बड़े आचार्य भगवंत भी नरक गामी होने वाले हैं जो मिथ्यात्व की शरण लेते हैं l कपड़े खोले तो मोक्ष और पहने तो नरक ऐसा कदापि नही हैं l अंतर आत्मा में राग और द्वेष के परिणामों पर निर्भर हैं मोक्ष या नरक...........
महाराज जी केवल नग्न दिगंबर वेष को नमस्कार करने के लिए कह रहे हैं, गुणों को नहीं। णमोकार मंत्र /नमस्कार मंत्र में गुणों को नमस्कार किया गया है-- अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु के गुणों को नमस्कार किया गया है, केवल वेष को नहीं। जैन दर्शन, गुणपूजक दर्शन है।
आप मतलब क्या श्वेतांबर संत वीतराग उपासक नहीं है?
नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namo Loye savv Sahunam
नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्वेताम्बर हो या दिगम्बर हो हा साधु साधु से मंडित हो क्यों नहीं शीश झुका सकता
हमें सभी को नमस्कार करना चाहिए
Aise muktapur sawal TH-cam per kyon Dale jaate Hain aur jawab Dene Wale bhi mere ko lagta hai vivad paida karna chahte hain is tarah ke video kam se kam TH-cam per na Dale jaaye sawal poochhne Wala bhi murkh Hai
दिल में जो आप रख उसे अरमानकहते हैं कार्टून के बीच रहकर भी अपनी खुशबू देता रहे उसे गुलाब का फूल कहते हैं हरे कृष्णा का सती उत्तर दे उन्हें श्री आदित्य सागर जी महाराज करते हैं दिनेश कुमार राठौर
नमस्तु गुरुदेव मेरा सवाल है, मंदिरजी में, बिना वास्तु देखे नई वेदी बनाना, श्री जी को विराजमान करने से, या मानस्तम्भ बनाने से वास्तु दोष या दृष्टि दोष होता है तो, उसका प्रभाव समाज पर क्या होंगा?
Kinhi वास्तुविज्ञ se pata karke theek karwalo kyuki iska prabhav dekha jaata hai
Sab MAHAVIRSWAMI ke hi upasak hain. 🙏🙏🙏 Namostu ya jay jinendra bolna chahiye.......akhir sadharan shravak se unhone jyada tyag kiya hain.🙏🙏🙏
Jai jinendra bol sakte
Namostu Bhagwan
नमोस्तु गुरुदेव जी 🙏🙏🙏 💯👍
परम पूज्य गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि नमन नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Please change heading of this video it give negative fact. Where as Maharaj ji tell other things.
नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्रावकों को तत्व संबधी जिज्ञासा ही पुछना चाहिए, महाराज श्री का समय का दुरुपयोग कराने के कारण पाप बंध होता है।
आपके घर की समस्या को समाज की समस्या है कहकर प्रश्न पुछते है, कारण अपने घर की बदनामी ना हो।
हम बार बार एक ही बार बात पूछ कर अपने आप को क्यों बदनाम कर रहे हैं
साधु के मूल गुणों का पालन करे वही दिगम्बर साधु होता है ...मूल गुण नहीं तो साधु नहीं
Ye kuch bhi ku you tube pe sent karte jain dharm ki shewtamber samaj se leke sab kuch bhi bolte hamare muni ke liye
Ye itna chota bachha aaj apne ko Jain nahi samaj Raha hai per isi umer me uske man me digamber aur swetamber Vali soch Dali ja rahi hai ye muslim mansikta hai jaise musalman bachha ko uske bachpan se hi hindu virodhi mansikta me unke mullah maulvi dwara tabdil Kia jata hai aisi hi kuch yaha bhi ho raha hai
मुनि के लिए ऐसा बोलने वाला वो कौन नीच था जिसने बोला, बुढा कितना दूध पियेगा। महाराज श्री को यदि नाम पता हो तो सार्वजनिक करे। क्योकि इतना अभद्र व्यक्ति का नाम और चेहरा जग जाहिर होना चाहिए
नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏