श्रीराम-कौशल्या संवाद

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  • เผยแพร่เมื่อ 6 ก.ย. 2024
  • अयोध्याकाण्ड प्लेलिस्ट
    • रामचरितमानस गायन (अयोध...
    अति बिषाद बस लोग लोगाईं। गए मातु पहिं रामु गोसाईं॥
    मुख प्रसन्न चित चौगुन चाऊ। मिटा सोचु जनि राखै राऊ॥4॥
    भावार्थ:-सभी पुरुष और स्त्रियाँ अत्यंत विषाद के वश हो रहे हैं। स्वामी श्री रामचंद्रजी माता कौसल्या के पास गए। उनका मुख प्रसन्न है और चित्त में चौगुना चाव (उत्साह) है। यह सोच मिट गया है कि राजा कहीं रख न लें। (श्री रामजी को राजतिलक की बात सुनकर विषाद हुआ था कि सब भाइयों को छोड़कर बड़े भाई मुझको ही राजतिलक क्यों होता है। अब माता कैकेयी की आज्ञा और पिता की मौन सम्मति पाकर वह सोच मिट गया।)॥4॥
    दोहा :
    * नव गयंदु रघुबीर मनु राजु अलान समान।
    छूट जानि बन गवनु सुनि उर अनंदु अधिकान॥51॥
    भावार्थ:-श्री रामचंद्रजी का मन नए पकड़े हुए हाथी के समान और राजतिलक उस हाथी के बाँधने की काँटेदार लोहे की बेड़ी के समान है। 'वन जाना है' यह सुनकर, अपने को बंधन से छूटा जानकर, उनके हृदय में आनंद बढ़ गया है॥51॥
    चौपाई :
    * रघुकुलतिलक जोरि दोउ हाथा। मुदित मातु पद नायउ माथा॥
    दीन्हि असीस लाइ उर लीन्हे। भूषन बसन निछावरि कीन्हे॥1॥
    भावार्थ:-रघुकुल तिलक श्री रामचंद्रजी ने दोनों हाथ जोड़कर आनंद के साथ माता के चरणों में सिर नवाया। माता ने आशीर्वाद दिया, अपने हृदय से लगा लिया और उन पर गहने तथा कपड़े निछावर किए॥1॥
    * बार-बार मुख चुंबति माता। नयन नेह जलु पुलकित गाता॥
    गोद राखि पुनि हृदयँ लगाए। स्रवत प्रेमरस पयद सुहाए॥2॥
    भावार्थ:-माता बार-बार श्री रामचंद्रजी का मुख चूम रही हैं। नेत्रों में प्रेम का जल भर आया है और सब अंग पुलकित हो गए हैं। श्री राम को अपनी गोद में बैठाकर फिर हृदय से लगा लिया। सुंदर स्तन प्रेमरस (दूध) बहाने लगे॥2॥
    * प्रेमु प्रमोदु न कछु कहि जाई। रंक धनद पदबी जनु पाई॥
    सादर सुंदर बदनु निहारी। बोली मधुर बचन महतारी॥3॥
    भावार्थ:-उनका प्रेम और महान्‌ आनंद कुछ कहा नहीं जाता। मानो कंगाल ने कुबेर का पद पा लिया हो। बड़े आदर के साथ सुंदर मुख देखकर माता मधुर वचन बोलीं-॥3॥
    * कहहु तात जननी बलिहारी। कबहिं लगन मुद मंगलकारी॥
    सुकृत सील सुख सीवँ सुहाई। जनम लाभ कइ अवधि अघाई॥4॥
    भावार्थ:-हे तात! माता बलिहारी जाती है, कहो, वह आनंद- मंगलकारी लग्न कब है, जो मेरे पुण्य, शील और सुख की सुंदर सीमा है और जन्म लेने के लाभ की पूर्णतम अवधि है,॥4॥
    दोहा :
    * जेहि चाहत नर नारि सब अति आरत एहि भाँति।
    जिमि चातक चातकि तृषित बृष्टि सरद रितु स्वाति॥52॥
    भावार्थ:-तथा जिस (लग्न) को सभी स्त्री-पुरुष अत्यंत व्याकुलता से इस प्रकार चाहते हैं जिस प्रकार प्यास से चातक और चातकी शरद् ऋतु के स्वाति नक्षत्र की वर्षा को चाहते हैं॥52॥
    चौपाई :
    * तात जाउँ बलि बेगि नाहाहू। जो मन भाव मधुर कछु खाहू॥
    पितु समीप तब जाएहु भैआ। भइ बड़ि बार जाइ बलि मैआ॥1॥
    भावार्थ:-हे तात! मैं बलैया लेती हूँ, तुम जल्दी नहा लो और जो मन भावे, कुछ मिठाई खा लो। भैया! तब पिता के पास जाना। बहुत देर हो गई है, माता बलिहारी जाती है॥1॥
    * मातु बचन सुनि अति अनुकूला। जनु सनेह सुरतरु के फूला॥
    सुख मकरंद भरे श्रियमूला। निरखि राम मनु भवँरु न भूला॥2॥
    भावार्थ:-माता के अत्यंत अनुकूल वचन सुनकर- जो मानो स्नेह रूपी कल्पवृक्ष के फूल थे, जो सुख रूपी मकरन्द (पुष्परस) से भरे थे और श्री (राजलक्ष्मी) के मूल थे- ऐसे वचन रूपी फूलों को देकर श्री रामचंद्रजी का मन रूपी भौंरा उन पर नहीं भूला॥2॥
    * धरम धुरीन धरम गति जानी। कहेउ मातु सन अति मृदु बानी॥
    पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू। जहँ सब भाँति मोर बड़ काजू॥3॥
    भावार्थ:-धर्मधुरीण श्री रामचंद्रजी ने धर्म की गति को जानकर माता से अत्यंत कोमल वाणी से कहा- हे माता! पिताजी ने मुझको वन का राज्य दिया है, जहाँ सब प्रकार से मेरा बड़ा काम बनने वाला है॥3॥
    * आयसु देहि मुदित मन माता। जेहिं मुद मंगल कानन जाता॥
    जनि सनेह बस डरपसि भोरें। आनँदु अंब अनुग्रह तोरें॥4॥
    भावार्थ:-हे माता! तू प्रसन्न मन से मुझे आज्ञा दे, जिससे मेरी वन यात्रा में आनंद-मंगल हो। मेरे स्नेहवश भूलकर भी डरना नहीं। हे माता! तेरी कृपा से आनंद ही होगा॥4॥
    दोहा :
    * बरष चारिदस बिपिन बसि करि पितु बचन प्रमान।
    आइ पाय पुनि देखिहउँ मनु जनि करसि मलान॥53॥
    भावार्थ:-चौदह वर्ष वन में रहकर, पिताजी के वचन को प्रमाणित (सत्य) कर, फिर लौटकर तेरे चरणों का दर्शन करूँगा, तू मन को म्लान (दुःखी) न कर॥53॥
    चौपाई :
    * बचन बिनीत मधुर रघुबर के। सर सम लगे मातु उर करके॥
    सहमि सूखि सुनि सीतलि बानी। जिमि जवास परें पावस पानी॥1॥
    भावार्थ:-रघुकुल में श्रेष्ठ श्री रामजी के ये बहुत ही नम्र और मीठे वचन माता के हृदय में बाण के समान लगे और कसकने लगे। उस शीतल वाणी को सुनकर कौसल्या वैसे ही सहमकर सूख गईं जैसे बरसात का पानी पड़ने से जवासा सूख जाता है॥1॥
    * कहि न जाइ कछु हृदय बिषादू। मनहुँ मृगी सुनि केहरि नादू॥
    नयन सजल तन थर थर काँपी। माजहि खाइ मीन जनु मापी॥2॥
    भावार्थ:-हृदय का विषाद कुछ कहा नहीं जाता। मानो सिंह की गर्जना सुनकर हिरनी विकल हो गई हो। नेत्रों में जल भर आया, शरीर थर-थर काँपने लगा। मानो मछली माँजा (पहली वर्षा का फेन) खाकर बदहवास हो गई हो!॥2॥
    * धरि धीरजु सुत बदनु निहारी। गदगद बचन कहति महतारी॥
    तात पितहि तुम्ह प्रानपिआरे। देखि मुदित नित चरित तुम्हारे॥3॥
    भावार्थ:-धीरज धरकर, पुत्र का मुख देखकर माता गदगद वचन कहने लगीं- हे तात! तुम तो पिता को प्राणों के समान प्रिय हो। तुम्हारे चरित्रों को देखकर वे नित्य प्रसन्न होते थे॥3॥
    शेष यहाँ:
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ความคิดเห็น • 30

  • @rishudwivedi739
    @rishudwivedi739 3 ปีที่แล้ว +5

    Siyawar Ramchandra ki Jay

  • @shriramselection1024
    @shriramselection1024 3 ปีที่แล้ว +6

    Jay siyaram jai siyaram jai siyaram

  • @jagdishparwar2991
    @jagdishparwar2991 4 วันที่ผ่านมา +1

    जय जय श्री राम,,,,🙏🙏🙏हर हर महादेव,,,🙏🙏🙏

  • @user-rw6uw4xr7h
    @user-rw6uw4xr7h 6 หลายเดือนก่อน +1

    Hamare jeevan mein kitni aisee samasyayein aati hain. Ham kitna bichlit hote hain. Jai Shree Ram. Jai Jai Shri Ram.

  • @shambhoonathpandey3026
    @shambhoonathpandey3026 ปีที่แล้ว +1

    Jai Maa koushlya ji ki.

  • @keshubhainparmar1920
    @keshubhainparmar1920 3 ปีที่แล้ว +2

    श्री राम जय राम जय जय राम जय मारुति नंदन जी

  • @JagdishJagdishJaggi-wn4cd
    @JagdishJagdishJaggi-wn4cd ปีที่แล้ว +1

    श्री सीताराम जय-जय श्री महावीर हनुमान

  • @ashishdubey8896
    @ashishdubey8896 ปีที่แล้ว +1

    जय माता दी।।🙏🙏🌹🌹🇮🇳🇮🇳

  • @shambhoonathpandey3026
    @shambhoonathpandey3026 ปีที่แล้ว

    Dhanya ho maa koushlya ji,ap Bhagwan Ram ki maa aise hi thodi hai,ek to prabhu Shree Ram,us par ap unki maa,

  • @dorilalsharma8397
    @dorilalsharma8397 3 ปีที่แล้ว +3

    🙏🌹मेरे राम जय श्री राम 🌹🙏

  • @ThakurVikramSinghBhagel
    @ThakurVikramSinghBhagel 17 วันที่ผ่านมา

    Jay Shree Sita Ram Ji Ki

  • @Vikramsingh-sh1jd
    @Vikramsingh-sh1jd 3 หลายเดือนก่อน

    जय श्री सीताराम जी की

  • @ashishuikey6299
    @ashishuikey6299 2 ปีที่แล้ว +1

    Jai shree Mahesh bhavanee

  • @ManishTiwari-xp6yd
    @ManishTiwari-xp6yd 3 ปีที่แล้ว

    Jay prbhu kalyan kijiyai

  • @chandrikakudva5505
    @chandrikakudva5505 3 ปีที่แล้ว +4

    Jai Shri Ram !

  • @guestaccount3652
    @guestaccount3652 3 ปีที่แล้ว +4

    जय जय सीताराम🙏🙏

  • @son_of_destiny
    @son_of_destiny 3 ปีที่แล้ว +2

    🙏💐ll Jai Shri Ram ll 💐🙏

  • @bharatbarad1404
    @bharatbarad1404 ปีที่แล้ว

    Ram Mere Ram

  • @jagdishprasadsingh2758
    @jagdishprasadsingh2758 3 ปีที่แล้ว +1

    Jai Shri Ram 🙏🙏🙏

  • @RAVIPATEL-eu3bv
    @RAVIPATEL-eu3bv 3 ปีที่แล้ว

    राम राम

  • @ishwardass9488
    @ishwardass9488 10 หลายเดือนก่อน

    Jai Siya Ram

  • @ashutoshagrawal2834
    @ashutoshagrawal2834 3 ปีที่แล้ว

    Jai shri ram

  • @user-rm2ll6su4s
    @user-rm2ll6su4s ปีที่แล้ว

    कृपया कर हमारे लिए सातों अकाउंट नंबर से सुनाओ जय श्री राम आपकी बड़ी कृपा

    • @RamcharitManas
      @RamcharitManas  ปีที่แล้ว

      सातों अकाउंट मतलब?

  • @learn9339
    @learn9339 3 ปีที่แล้ว

    How can l get your background music.Having a school Competition pls Help

  • @shambhoonathpandey3026
    @shambhoonathpandey3026 5 หลายเดือนก่อน

    Aise hi thodi na Ram ji ki mata hi hai,

  • @uttambajpeyee1243
    @uttambajpeyee1243 ปีที่แล้ว

    Jay shree Ram ❤❤❤

  • @rishabhtiwari7791
    @rishabhtiwari7791 ปีที่แล้ว

    Jai shree Sitaram