अंबिका दीदीजी (निर्देशिका बेंगलुरु सेवा केंद्र ) माताओं की भट्टी 16.07.2024 ! 4.00PM-7.00PM !

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ส.ค. 2024
  • राजयोग सीखने की दिशा में यह पहला कदम है। यदि कोई 7 दिनों का कोर्स करता है, तो भट्टी को सच्चे स्व (आत्मा) और सर्वोच्च आत्मा (भगवान) के प्रति ''अंतर्मुखी'' होना आवश्यक है। भट्टी मन की एकाग्रता की शक्ति (एकाग्रता की शक्ति) को बढ़ाने के लिए भी की जाती है। पाठ्यक्रम के बाद जिसमें व्यक्ति को यह पता चलता है कि आत्मा एक आत्मा है, योग भट्टी आत्म चेतना का अनुभव करने का अवसर देती है और इससे आत्म चेतना की स्वाभाविक भावना विकसित होती है।

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