ये क्या मांग आए ?| कविता प्रखर सक्सेना

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  • เผยแพร่เมื่อ 16 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 14

  • @ashishk8054
    @ashishk8054 7 หลายเดือนก่อน +2

    हृदय को छू गई जब ये पंक्तियां
    हाथ में ले मशाल हम सब चल दिये।🙏❤️

  • @shivsharnam786
    @shivsharnam786 7 หลายเดือนก่อน +2

    बहुत सुंदर भावनाशील पंक्तियां

  • @rameshwerverma1864
    @rameshwerverma1864 7 หลายเดือนก่อน +1

    पूज्य गुरुदेव गायत्री माता की कृपा हमेशा बनी रहे
    बहुत सुंदर पंक्तियां

  • @sarojraikwar750
    @sarojraikwar750 7 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत सुंदर भाव

  • @premlatakalra306
    @premlatakalra306 7 หลายเดือนก่อน +1

    🎉🎉 हृदय को छू देने वाली पंक्तियां,, आभार 🙏🎉🎉

  • @GaneshMaurya-rp1lm
    @GaneshMaurya-rp1lm 7 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत ही प्रेरणा दायी कविता।प्रणाम। धन्यवाद।

  • @yatharthhack
    @yatharthhack 7 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुन्दर,
    यही तो गुरू की महिमा है, कुछ और चाहत ही शेष नही होती गुरुदेव की शरण मे आने के बाद

  • @hindigayatribynishtharastogi
    @hindigayatribynishtharastogi 7 หลายเดือนก่อน +2

    सुंदर कविता

  • @anilsrivastava8888
    @anilsrivastava8888 7 หลายเดือนก่อน

    अति प्रेरणादायक, अनुकरणीय स्वर

  • @swastik1462
    @swastik1462 7 หลายเดือนก่อน +1

    अद्भुत 🙏

  • @harshitsahu9316
    @harshitsahu9316 7 หลายเดือนก่อน +1

    Well done👍👍👍👍

  • @सविताशुक्ला-घ3ड
    @सविताशुक्ला-घ3ड 7 หลายเดือนก่อน

    Bahut sundar kavita, vastav me sabko yhi mangna chahiye

  • @drrajniprabha5122
    @drrajniprabha5122 7 หลายเดือนก่อน

    Bahut sunder