डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह एक प्रसिद्ध भारतीय इतिहासकार, भाषाविद, प्रोफेसर, लेखक और समाजसेवी हैं, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति के उपनिवेशवाद विरोधी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 5 जनवरी 1965 को बिहार के रोहतास जिले के अरांग गांव में हुआ था। शैक्षिक योग्यता 1. स्नातक: डॉ. सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से हिंदी विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 2. स्नातकोत्तर: उन्होंने हिंदी में ही परास्नातक (M.A.) किया। 3. डॉक्टरेट: 1994 में उन्होंने हिंदी भाषा पर शोध कर पीएच.डी. (डॉक्टरेट) की उपाधि प्राप्त की। व्यावसायिक करियर 1996 में वे वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में नियुक्त हुए। बाद में शांति प्रसाद जैन कॉलेज से जुड़ गए, जहां उन्होंने प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। फरवरी 2024 में उन्हें उसी कॉलेज में हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। मुख्य योगदान डॉ. सिंह ने भाषा विज्ञान, साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके कार्य विशेष रूप से हाशिये पर पड़े समाजों और उपaltern दृष्टिकोण को उजागर करते हैं। प्रमुख पुस्तकें भाषा का समाजशास्त्र हिंदी साहित्य का सबऑल्टर्न इतिहास बुद्ध सभ्यता की खोज सम्मान और पुरस्कार बिहार सरकार द्वारा उन्हें डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनके साहित्यिक और शैक्षिक योगदान के लिए उन्हें कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह का कार्य भारतीय भाषाओं और इतिहास के अध्ययन और प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रमुख पुस्तकें (शोध आधारित) 1. भाषा का समाजशास्त्र (2003) 2. हिंदी साहित्य का सबऑल्टर्न इतिहास 3. बुद्ध सभ्यता की खोज 4. इतिहास का मुयाना 5. भोजपुरी-हिंदी-इंग्लिश लोक शब्दकोश 6. ओबीसी साहित्य विमर्श 7. दलित साहित्य का इतिहास भूगोल 8. भोजपुरी के भाषा विज्ञान 9. ओबीसी साहित्य के विविध आयाम शोध पत्रों के मुख्य विषय 1. भाषा और समाज: हिंदी और भोजपुरी भाषा के समाजशास्त्रीय पहलुओं पर अध्ययन। भाषाओं के उपनिवेशीकरण का प्रभाव। 2. सबऑल्टर्न दृष्टिकोण: हाशिए के साहित्य और समाज की ऐतिहासिक दृष्टि से समीक्षा। दलित और ओबीसी साहित्य की ऐतिहासिक और सामाजिक प्रासंगिकता।
@@MitanCG1111 abe konse publishing house se publish karwaye hai ye kitabe koi gali chap se he honge. Is rajendra dait ke degree konse hai kaha se PhD kiya hai Konse top university me parata hai? research paper kitne publish kiye ek baap ka hai toh ek ka naam bata
हम सब तो अपने इतिहास से बहुत विक्षिप्त हो चुके थे लेकिन आपके मार्मिक v तार्किक विश्लेषण से ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाली पीढ़ियां अपनी विलुप्त उत्कृष्ट इतिहास को दुबारा पहचान लेगे। इसके लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद!
कोणागमन बुध्द को त्रिवार वंदन.... कश्यप बुध्द को त्रिवार वंदन... कनकमुनी बुध्द को त्रिवार वंदन... दिपांकर बुध्द को त्रिवार वंदन.... शाक्यमुनी तथागत बुध्द को त्रिवार वंदन... और आनेवाले 28 वे मैत्रेय बुद्ध को भी त्रिवार वंदन.... साधू साधू साधू...
@@वैभवकुमार अत दीप भव तर्क बुद्धि विवेक पर खरी ना उतरे... उस बात को मानना ही नहीं है... भले ही वो बुद्ध के नाम पर किसी ने भी कही हो की ये बात बुद्ध ने कही है। धन्यवाद।
Sir Dr. Rajendra! Your talks are eye opener, and heart warming. I had gotten hugely disappointed with my OBC community seeing how intellectually backward they are and how sleepy they are. Your talks give me a new hope. Amazing work by you. Sadhu! Sadhu! Sadhu!
बुद्ध ही बुद्ध है, बाकी सब पाखंड ब्राह्मण धर्म है, ततागत बुद्ध, सम्राट अशोक, विश्वरत्न बोदीसत्व परमपूज्य महामानव डॉ-बाबासाहेब भीमराव रामजी आंबेडकर और संविदान महान है
सप्तबुद्ध का वर्णन हमें न सिर्फ साहित्य में बल्कि हजारों साल पहले की कलाओं में भी मिलता है। ऐसा पुरातात्विक अंकन हमें संस्कृत साहित्य में वर्णित सप्तर्षि का नहीं मिलता है। ऐसे में माना जाना चाहिए कि संस्कृत साहित्य में सप्तर्षि की अवधारणा बौद्ध परंपरा के सप्तबुद्ध की देन है। संदर्भ: बौद्ध सभ्यता की खोज लेखक: अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वैज्ञानिक प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद सिंह जी
डॉक्टर,राजेंद्र प्रसाद सिंह को कोटि , कोटि नमन।आप के विचार चेतना जगा रहे हैं।आप के ज्ञान , विज्ञान, तर्क, और शोध को क्रांतिकारी सलाम करता हूं।आप का वक्तव्य स्मरणीय है।जय संविधान, जय भीम, नमो बूद्धाय।
आदरणीय डाॅ.राजेंद्रप्रसाद सिंह जयभीम नमोबुद्धाय जय सम्राट असोक 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹बहुत-बहुत धन्यवाद सर, कोणागमण बुद्ध और सप्तबुद्ध की जाणकारी दी है ❤अजब-गजब की शिल्पकला देखनेको मीलती है पत्थर पर उखारी गई अप्रतिम कारीगरी थी प्राचीन काल मे वह भी बुद्धीस्ट संस्कृती मे 💖💓💕 .🎉🎉🎉........अब कुछ भोलेनाथ के भक्त है मंदबुद्धी लोग हिंदुधर्म की बता रहे.......चाहे बुद्धीस्ट गुफाएं हो या अजंठा एलोरा जैसे अनेक प्राचीन बौद्धिक स्थान है हिंदुधर्म का बताके अपना उल्लू सीधा कर लेते.....
भारत के सही इतिहास बताने के लिए, आप जैसे सभी विद्वान इतिहास कारों को सभी मूल भारतवासियों की तरफ से कोटी कोटी नमन बुद्धम शरणम गच्छामि नमो बुद्धाय बुद्ध परम सत्य है
आदरणीय सर आपको बहुत बहुत धन्यवाद। किंतु कितनादुर्भाग्य है कि हम अपने महान इतिहास के प्रति कितने लापरवाह है। मैं अपने आस पास देखती हूं कि पढ़े लिखे विद्वान कहे जाने वाले लोग अपने ही जीवन v मस्ती में डूबे हुए हैं। मैं आप सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं कि आप जैसे महानबहुजनो के इतिहास को जानने वाले, एसजे सर, राजेंद्र प्रसाद सर, हमारा अतित सर आदि सभी मूलनिवासी बहुजन भाई यो की बदौलत अपने पुरखों की शरण में आ गई। जय भीम नमो बुद्धाय।
प्रिय भाइयों बहनों आप हम सबको ज्ञात हो गय कि भारत के जो यससीयसटी ओबीसी नाम दिया है कि एक ना हो सकें क्या हम सबको नहीं लगता कि भारत हमारे पुरखों धरती है छल कर कब्जा किया है जयभीम।
सप्तबुद्धों के पुरातात्विक प्रमाण हैं कोनागमन बुद्ध उन्हीं में से एक बुद्ध हैं इसको कोई भी नकार नहीं सकता है। बहुत सुंदर और ज्ञानवर्धक ऐतिहासिक जानकारी।
स्कॉलर / रिचसर्र प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह साहब को दिल से बुद्ध वन्दामि भीम जोहार
jhantu kahe ka professor konse top university me parata hai ye gajput?? Kitne paper publish kiye? koi bhi aera gera professor ban jata hai aajkal
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह एक प्रसिद्ध भारतीय इतिहासकार, भाषाविद, प्रोफेसर, लेखक और समाजसेवी हैं, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति के उपनिवेशवाद विरोधी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 5 जनवरी 1965 को बिहार के रोहतास जिले के अरांग गांव में हुआ था।
शैक्षिक योग्यता
1. स्नातक:
डॉ. सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से हिंदी विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
2. स्नातकोत्तर:
उन्होंने हिंदी में ही परास्नातक (M.A.) किया।
3. डॉक्टरेट:
1994 में उन्होंने हिंदी भाषा पर शोध कर पीएच.डी. (डॉक्टरेट) की उपाधि प्राप्त की।
व्यावसायिक करियर
1996 में वे वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में नियुक्त हुए।
बाद में शांति प्रसाद जैन कॉलेज से जुड़ गए, जहां उन्होंने प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।
फरवरी 2024 में उन्हें उसी कॉलेज में हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
मुख्य योगदान
डॉ. सिंह ने भाषा विज्ञान, साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके कार्य विशेष रूप से हाशिये पर पड़े समाजों और उपaltern दृष्टिकोण को उजागर करते हैं।
प्रमुख पुस्तकें
भाषा का समाजशास्त्र
हिंदी साहित्य का सबऑल्टर्न इतिहास
बुद्ध सभ्यता की खोज
सम्मान और पुरस्कार
बिहार सरकार द्वारा उन्हें डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
उनके साहित्यिक और शैक्षिक योगदान के लिए उन्हें कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह का कार्य भारतीय भाषाओं और इतिहास के अध्ययन और प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रमुख पुस्तकें (शोध आधारित)
1. भाषा का समाजशास्त्र (2003)
2. हिंदी साहित्य का सबऑल्टर्न इतिहास
3. बुद्ध सभ्यता की खोज
4. इतिहास का मुयाना
5. भोजपुरी-हिंदी-इंग्लिश लोक शब्दकोश
6. ओबीसी साहित्य विमर्श
7. दलित साहित्य का इतिहास भूगोल
8. भोजपुरी के भाषा विज्ञान
9. ओबीसी साहित्य के विविध आयाम
शोध पत्रों के मुख्य विषय
1. भाषा और समाज:
हिंदी और भोजपुरी भाषा के समाजशास्त्रीय पहलुओं पर अध्ययन।
भाषाओं के उपनिवेशीकरण का प्रभाव।
2. सबऑल्टर्न दृष्टिकोण:
हाशिए के साहित्य और समाज की ऐतिहासिक दृष्टि से समीक्षा।
दलित और ओबीसी साहित्य की ऐतिहासिक और सामाजिक प्रासंगिकता।
Jiske bare me aukat na ho na to bat nhi krna chahiye
@@MitanCG1111 abe konse publishing house se publish karwaye hai ye kitabe koi gali chap se he honge. Is rajendra dait ke degree konse hai kaha se PhD kiya hai Konse top university me parata hai? research paper kitne publish kiye ek baap ka hai toh ek ka naam bata
अशोकबुद्ध के इतिहास की जानकारी देने वाले यह देश आपका ऋणी रहेगा प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद सिंह
हम सब तो अपने इतिहास से बहुत विक्षिप्त हो चुके थे लेकिन आपके मार्मिक v तार्किक विश्लेषण से ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाली पीढ़ियां अपनी विलुप्त उत्कृष्ट इतिहास को दुबारा पहचान लेगे।
इसके लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद!
भारत का असली इतिहास ❤
Very good jankari hai sir ji Jai bheem namo buddya
कोणागमन बुध्द को त्रिवार वंदन....
कश्यप बुध्द को त्रिवार वंदन...
कनकमुनी बुध्द को त्रिवार वंदन...
दिपांकर बुध्द को त्रिवार वंदन....
शाक्यमुनी तथागत बुध्द को त्रिवार वंदन...
और आनेवाले 28 वे मैत्रेय बुद्ध को भी त्रिवार वंदन....
साधू साधू साधू...
बौद्ध पुस्तकों में वही सब है जो पौराणिक पुस्तकों में है अंतर कुछ नहीं है ये अंतर बामसेफ वालो ने किया है
नमो बुधाय
@@वैभवकुमार अत दीप भव
तर्क बुद्धि विवेक पर खरी ना उतरे... उस बात को मानना ही नहीं है... भले ही वो बुद्ध के नाम पर किसी ने भी कही हो की ये बात बुद्ध ने कही है। धन्यवाद।
इन सबकी जानकारी देने वाले प्रोफेसर साहब को त्रिवार नमन 🙏🙏🙏
@@वैभवकुमार 😂 kaun si baudh pustak jo jal ke raakh ho gayi vo?
आप का बहुत बहुत धन्यवाद।
जय भीम। नमो सबुद्धाय।
जय भीम। मगर बाबा साहब ने इस चीज को माना नहीं है। वो कहते थे एक हो बुद्ध हुए
भारत के महान स्कॉलर डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह जी को सादर अभिवादन जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान 🙏🙏🙏
यही हमारा असली इतिहास है।
🙏🙏🙏💯💯
Yes
❤❤❤
😅😂 kuch bhi
@@RoKuSa007 kalpanik se to acha hai 🤣
विद्वान प्रोफेसर साहब को अतिविशिष्ट जानकारी प्रदान कराने के लिए कोटि कोटि नमन एवं वन्दन।
सर जी तथागत बुद्ध के पहले भी बुद्ध होने के सबूत को बताया धन्यवाद सर ।
स्तूप भी मिले ।
धन्यवाद है अंग्रेजो को उनके कारण बुद्ध की खोज हुई
मगर इस बात को बाबासाहब नहीं मानते उसका क्या?
@ highlighted reply
कैसे पता चला बाबा साहेब नहीं मानते कही लिखा है
बुद्ध के प्रमाण मिले है
@@deekshadongre6714 बाबा साहब ने कहा कि सिर्फ सिद्धार्थ गौतम बुद्ध को ही मानो, वही काफी है। दूसरे बुद्धों पर बाबासाहेब बात भी नहीं करते।
डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह जी के इस चैनल को भारत देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाएं साथियों शहर शहर गांव गांव तक पहुंचाएं हम सब आप की ज़िम्मेदारी है ❤❤❤
सभी 28 बुद्धों के पवित्र चरणों में अपना शीश झुकाकर सादर नमन करता हूं और करोड़ों करोड़ प्रणाम करता हूं। जय भीम जय बुद्ध जय भारत।
जय भीम नमो बुद्धाय सर💐💐🙏🙏💯💯
NAMO BUDDA JAI BHIM JAI SAMRAAT ASOK🙏🙏
Pichle sabbhi buddh ko naman
Sir Dr. Rajendra! Your talks are eye opener, and heart warming. I had gotten hugely disappointed with my OBC community seeing how intellectually backward they are and how sleepy they are. Your talks give me a new hope. Amazing work by you. Sadhu! Sadhu! Sadhu!
🎉❤🎉❤🎉❤🎉 बुद्धम नमामि धम्मनमामि संघम नमामि जय भीम नमो बुद्धाय जय चक्रवर्ती सम्राट जयजोहार जय मूलनिवासी जय आदिवासी 🎉❤🎉
Jai bhim sur Rajendra singh ǰi आप ki bat saty hia
🌱☘️🍀🫒🌿🌴🌾🪴💦🍂🌺 ओम नमो मणीपद्मे हुं 🎄🪔🌟⭐🌼🥦🌞❇️🌞🌱🌺🪔 नमो बुद्धाय 🪔🌹♈🌹❤ 🌷 कोटीक सूर्य का प्रकाश 🌞🪔🍀☘️🌱🫒❇️🌿🌾
वह सर वह क्या सबूत पेश करते हैं कोई लाग लपेट नहीं कहीं किसी को कोई संदेह नहीं जयप्रियदर्शी
"Religion is where you follow everything.
Science is where you challenge everything."
~A.S Rana
Jay bheem
नमो बुद्धाय 🙏🙏
❤ बहुत अच्छा जानकारी दी हैं धन्यवाद आपका sir जी जय भीम जय संविधान जय भारत ❤❤❤❤
सर जी आपको इतना अच्छा जानकारी देने के लिए कोटि कोटिप्रणाम जय विज्ञान जय संविधान जय भारत जय अंबेडकर जय भीम नमोबुड्ढे
बुद्ध ही बुद्ध है, बाकी सब पाखंड ब्राह्मण धर्म है, ततागत बुद्ध, सम्राट अशोक, विश्वरत्न बोदीसत्व परमपूज्य महामानव डॉ-बाबासाहेब भीमराव रामजी आंबेडकर और संविदान महान है
नमो बुद्धाय
सप्तबुद्ध का वर्णन हमें न सिर्फ साहित्य में बल्कि हजारों साल पहले की कलाओं में भी मिलता है। ऐसा पुरातात्विक अंकन हमें संस्कृत साहित्य में वर्णित सप्तर्षि का नहीं मिलता है। ऐसे में माना जाना चाहिए कि संस्कृत साहित्य में सप्तर्षि की अवधारणा बौद्ध परंपरा के सप्तबुद्ध की देन है।
संदर्भ: बौद्ध सभ्यता की खोज
लेखक: अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वैज्ञानिक प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद सिंह जी
डॉक्टर,राजेंद्र प्रसाद सिंह को कोटि , कोटि नमन।आप के विचार चेतना जगा रहे हैं।आप के ज्ञान , विज्ञान, तर्क, और शोध को क्रांतिकारी सलाम करता हूं।आप का वक्तव्य स्मरणीय है।जय संविधान, जय भीम, नमो बूद्धाय।
Namo Buddhay ..🙏
🎉❤🎉❤🎉❤🎉 बुद्धम नमामि धम्मनमामि संघम नमामि जय भीम नमो बुद्धाय जय चक्रवर्ती सम्राट जय मूलनिवासी जय आदिवासी 🎉❤
भारत का इतिहास बुद्ध के इतिहास से विख्यात।
आदरणीय डाॅ.राजेंद्रप्रसाद सिंह जयभीम नमोबुद्धाय जय सम्राट असोक 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹बहुत-बहुत धन्यवाद सर, कोणागमण बुद्ध और सप्तबुद्ध की जाणकारी दी है ❤अजब-गजब की शिल्पकला देखनेको मीलती है पत्थर पर उखारी गई अप्रतिम कारीगरी थी प्राचीन काल मे वह भी बुद्धीस्ट संस्कृती मे 💖💓💕 .🎉🎉🎉........अब कुछ भोलेनाथ के भक्त है मंदबुद्धी लोग हिंदुधर्म की बता रहे.......चाहे बुद्धीस्ट गुफाएं हो या अजंठा एलोरा जैसे अनेक प्राचीन बौद्धिक स्थान है हिंदुधर्म का बताके अपना उल्लू सीधा कर लेते.....
Omprakash mulnivasi Sonbhadra se Jay bhim nmo budday sir jee
How cruel were those who broke the head and hands of Buddha.
Buddham sangam gachyami
Būd'dham Sarnüm Gacchāmí
Namoh budhay
नमो बुद्धाय जय भीम, जय संविधान। धन्यवाद सर
तथ्यपुर्ण-ज्ञानवर्धक। प्रो0 राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी के प्रति आभार। धन्यवाद।
सुंदर व्याख्यान ✅💯✅
Jai Bhim 💐 Jai Bharat 💐 Jai Savidhan
💐💐💐💐Namo Buddhaya💐💐💐💐
SUKRIYA SIR JI🙏💙🙏 AAP KA DIL SE😊😊
Nice Information Namo bhudhya🙏
नमो बुद्धाय जय भीम सर जी
भारत के सही इतिहास बताने के लिए, आप जैसे सभी विद्वान इतिहास कारों को सभी मूल भारतवासियों की तरफ से कोटी कोटी नमन
बुद्धम शरणम गच्छामि नमो बुद्धाय बुद्ध परम सत्य है
𑀦𑀫𑀸𑁂 𑀩𑀼𑀤𑁆𑀥𑀸𑀬 𑀚𑀬 𑀪𑀸𑀻𑀫 𑀚𑁂𑀸𑀳𑀸𑀭
Waw!! First ever chat in pali..great bro👏
How we can write ✍️ in Pali digitally. Please 🙏 tell us.
जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान
आप जैसे गुरुओं को साक्षात दंडवत प्रणाम
Jay Bheem Jay sanvidhan Jay
Jai bhim namo buddhay
सादर नमो बुद्धाय गुरु जी
Namo buddhay. Jay sanatan bauddh Bharat.
Professor Sahab ko puratatvik jankari dene ke liye bahut bahut dhanyvad Jay Bheem namo buddhay 🙏💙👍💐
Real History of India 🇮🇳
नमो बुद्धाय जय भीम
Namo Buddhay sir 🙏
JAYBHIM NAMOBUDDHAY
Namo buddhay Jay bhim
नमो बुधाय जय भीम जय संविधान
Samrat asok 🙏🙏🙏
सर जी भारत के सच्चे इतिहास को उजागर करने के लिए आपको सत सत नमन
जय भीम, नमो बुधाय
🎉🎉🎉🎉🎉 Dear Sir Namo Buddhay 🎉🎉🎉🎉🎉
ऐसी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏
Namo badhai jai bhim sir
Jai bhim namo budhay🙏🙏🙏
गुरु जी। सादर नमो बुद्धाय जय जय सम्राट अशोक जय भीम जय संविधान जय मूल निवासी जय भारत
Namo budhaya 🙏
Buddha hi satya hai 🇮🇳🙏
Namo buddhay mumbai
Dhanyabad Dr Prasad ji. Satya saamne ayega hi. Huma Bhartiyon, jamboodeepvasiyon ko apna itihaas dhoondna, jagrit aur sajha karna hoga. Satyamev Jayate
गुरुदेव सादर प्रणाम जय भीम नमो बुद्धा🙏🙏🙏🙏
Jay Bheem Bharat Ratna
आदरणीय सर आपको बहुत बहुत धन्यवाद। किंतु कितनादुर्भाग्य है कि हम अपने महान इतिहास के प्रति कितने लापरवाह है। मैं अपने आस पास देखती हूं कि पढ़े लिखे विद्वान कहे जाने वाले लोग अपने ही जीवन v मस्ती में डूबे हुए हैं। मैं आप सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं कि आप जैसे महानबहुजनो के इतिहास को जानने वाले, एसजे सर, राजेंद्र प्रसाद सर, हमारा अतित सर आदि सभी मूलनिवासी बहुजन भाई यो की बदौलत अपने पुरखों की शरण में आ गई। जय भीम नमो बुद्धाय।
Bilkul sahi 🙏
जय जय हो बुद्ध
❤❤❤❤❤❤❤
नामोबुध्दाय, जय भीम.
Nice information sir 👍
प्रिय भाइयों बहनों आप हम सबको ज्ञात हो गय कि भारत के जो यससीयसटी ओबीसी नाम दिया है कि एक ना हो सकें क्या हम सबको नहीं लगता कि भारत हमारे पुरखों धरती है छल कर कब्जा किया है जयभीम।
Namo Buddha sir 🙏 😊
गुरुजी सादर नमस्कार,
कृपया बुद्ध के पर्यायवाची शब्दों का भी एक वीडियो बनाएं 🙏🏽🙏🏽
Konagaman buddhay namah ❤❤❤
जय भीम नमो बुद्धाय सर
Jay Tathagat Bodhisattva Vishwaratana Ambedkar
Namo Buddhay
Thank Rajendra Prasadji for your valuable information about Kodagaman Budha. Do keep it up.
Bahut sunder prastuti.
Namo Bhudhy
Ram Ram 🙏🙏
बहुत सुंदर जानकारी प्राप्त हुआ सर्🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सप्तबुद्धों के पुरातात्विक प्रमाण हैं कोनागमन बुद्ध उन्हीं में से एक बुद्ध हैं इसको कोई भी नकार नहीं सकता है।
बहुत सुंदर और ज्ञानवर्धक ऐतिहासिक जानकारी।
आपको कोटि कोटि नमन करता हूं। ऐसे छुपे हुए विरासत को हम लोगों को रूबरू करा रहे हैं।
Namo buddhay 🙏
नमोः बुद्धाय 🙏🙏🙏🙏
Jay Bodhisattva Ambedkar
30th Tathagat Bodhisattva Vishwaratana Ambedkar
जयभीम नमो बुध्दाय❤❤❤
गजब
सर सभी बुद्ध के बारे मे . भी . अवगत . करने की🙏🙏 विनंती करते है हम उत्सुक है ..💐💐🙏🙏🇮🇳🇮🇳🪔🪔🪷🪷🦚🦚✨✨🐘🐘🌟🌟🦣🦣💥💥🍂🍂🌿🌿🪻🪻🌺🌺✍️✍️🌹🌹🌷🌷🍁🍁👍👍
नमो बुधाय
Jai bhim namo budhaye sir
ईनका कार्यकाल बताईये सर
Great job, jay Buddha, jay Buddhist, jay Nepal, Thank you all who love Buddha in the World.