Biography of Fauji Mehar Singh| Jaat Mehar Singh Ka Jeevan Parichay |फौजी मेहर सिंह का जीवन परिचय|

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ส.ค. 2024
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ความคิดเห็น • 14

  • @CHOUBISIMUSIC
    @CHOUBISIMUSIC 6 หลายเดือนก่อน +1

    बढ़िया प्रस्तुति । महान कवि को कोटि - कोटि नमन ।

  • @ranashaukatalichohan2593
    @ranashaukatalichohan2593 6 หลายเดือนก่อน +2

    Wah g wah maher sing g ki story

  • @NaseemRajput-sp8jj
    @NaseemRajput-sp8jj 3 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏

  • @user-vt1md9wb5p
    @user-vt1md9wb5p 6 หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤very nice story

  • @DevenderSaharan-u7x
    @DevenderSaharan-u7x หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @kscchannel1359
    @kscchannel1359 วันที่ผ่านมา

    करके घायल तड़पती छोड़ी, जान क्यूं ना काढ़ लेग्या
    हो परदेसी गैल मेरे, बांध क्यूं ना हाड़ लेग्या...... टेक
    सक्‍कर पारे, गिरी, छुआरे, लाड्डू और सिवाली घी की
    घर-घर के माँ, चालू होगी, लाड़ कोथली बेटी-धी की
    हे ईश्वर कद प्यास बुझावै, रटना लगी चौरासी जी की
    आधा सामण उतरकै चाल्या, हर कोऐ बांट देख्ख मींह की
    मैं सूखी तीज मनाऊं क्यूंकर, मीह का मौका साढ़ लेग्या.....
    ससुर मेरे पै छोह म्हं आवै, सासू देवै गाल मेरी
    ओ परदेसी तनै आणकै, कोन्या लई संभाल मेरी
    ओढण, पहरण, न्हान, खाण, की कत्ती छूट ली ढाल मेरी
    सिंगरल्यूं तै ताने मारै, इक छोटी नणद छिनाल मेरी
    रंग और चाव पति की गैल्या, तू घाल गोज म्हं लाड़ लेग्या......
    बड़ी मुश्किल तै पता चला, तेरी चिट्ठी मिली खोज की थी
    तेरे आवण की छुट्टी खत म्हं, लिखी बीस रोज की थी,
    सारा कुणबा राजी होग्या, मेरी उस दिन रात मौज की थी
    चौदस, पूर्णमासी, पड़वा, पक्की बात दोज की थी
    चंदा बणके दिख्या कोन्या कितै, बादला की आड़ लेग्या......
    भर्ती हूंगा, भर्ती हूंगा या बेदन तेरे तन म्हं थी
    घर ते बाहर जाण की भर्ती, 41 के सन म्हं थी
    कुछ ते जोर दिया अन्न जल नै, कुछ तेरे भी मन म्हं थी
    मैं के करूं पति तेरी किस्मत गोरमेंट के अन्न म्हं थी
    घर कुणबे तै दूर “दयाचन्द”, तने ठा भर्ती का चाढ़ लेग्या.......

  • @dharampalmalik8207
    @dharampalmalik8207  6 หลายเดือนก่อน +2

    My contact number (Dharampal Malik) is +91 9416959203

  • @SUKHBIRSINGH-wi7ey
    @SUKHBIRSINGH-wi7ey 2 หลายเดือนก่อน +1

    बिल्कुल गलत मेहर सिंह का कोई गुरु नहीं था उसे समय ब्राह्मण को आदर ,इज्जत से देखा जाता था इसलिए ब्राह्मण को दादाकहते थे कृष्णाचंद्र ने देहाती को बताया था कि लख्मीचंद के सॉन्ग से उठकर लोग मेहर सिंह को सुनते थे जाते थे

    • @DrSunil-kx3cv
      @DrSunil-kx3cv หลายเดือนก่อน

      थोड़ी सी और जानकारी भी दे देते कि ये अंजना पवन, अजीत सिंह राजबाला जैसे किस्से भी कृष्णचन्द जी के दान किये हुए हैं -
      12 साल होए रो रो कै मुश्किल झाल थामणी,
      मामूली सी बात के ऊपर करदी काल कामणी,
      भर्ती होण तै पहलां उसनै पहरे सूट जामणी,
      दो आड्या का फेर लिया और कठ्ठी करी लामणी,
      रो रो कै न्यूं कहगी बामणी ( ना के जाटणी जो जुड़ता बी कोन्या), तू कित कृष्णचन्द मरग्या।
      12 साल होए अंजना तै फेटण नै जी करग्या।।

  • @PawanKumar-dk6dj
    @PawanKumar-dk6dj 6 หลายเดือนก่อน +2

    Jai dada Saheed fauji Mehar Singh Dahiya

    • @dharampalmalik8207
      @dharampalmalik8207  6 หลายเดือนก่อน +2

      Pawan bhai ram Ram. Thank you very much Bhai ji .