First FILMFARE Winning Moment For The Bollywood Singers 🔥

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 10

  • @jsvsbhaks1171
    @jsvsbhaks1171 8 หลายเดือนก่อน +4

    Shreya mam and Arijit Singh my favourite singer ❤❤❤❤❤

  • @SupriyoLet-qc2hr
    @SupriyoLet-qc2hr 4 หลายเดือนก่อน +1

    Udit narayan world femous singer ❤❤❤

  • @kemokemo8047
    @kemokemo8047 7 หลายเดือนก่อน +1

    Udit Narayan statement was meaning full

  • @Musiclover-qs4bx
    @Musiclover-qs4bx 8 หลายเดือนก่อน

    कुमार सानू और उदित नारायण दोनों के साथ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई थी। बेहद दुख की बात है कि मैं यहाँ हूँ यहाँ और तेरे नाम टाइटल सॉन्ग जैसे बेहतरीन ब्लॉकबस्टर songs के लिए उदित जी को फिल्म फेयर अवार्ड नहीं मिला। इसी तरह इनके कई बेहतरीन गाने हैं जिनके लिए इनको नॉमिनेट तो किया लेकिन फिल्म फेयर नही मिला। उदित जी के साथ कभी इंसाफ नहीं हुआ। मैं यहां हूं यहां (वीर जारा), कहो ना प्यार है टाइटल सॉन्ग, दिल तो पागल है टाइटल सॉन्ग, एक दिलरूबा है (बेवफा), जादू तेरी नजर, पहला नशा पहला खुमार, फूलों सा चेहरा तेरा, हो नहीं सकता (दिलजले ), कुछ कुछ होता है टाइटल सॉन्ग, तेरे नाम टाइटल सॉन्ग, दिल ने ये कहा है दिल से, आंखें खुली हो या हो बंद ( मोहब्बतें ), पंछी सुरु में गाते हैं (सिर्फ तुम), मेरी सांसों में बसा है, दुनिया हसीनो का मेला, इत्यादि। ये सारे गाने नॉमिनेट हुए थे। उदित जी को टोटल 20 बार फिल्मफेयर के लिए नॉमिनेट किया गया, इतनी बार अभी तक भारत के इतिहास में सिर्फ किशोर कुमार को नॉमिनेट किया गया है। Kumar sanu जी को 13 बार नॉमिनेट किया गया। अगर इमानदारी से फिल्मफेयर दिया जाता तो उदित जी को कम से कम 20 में से 10 बार फ़िल्म फेयर मिलना चाहिए था। वर्ष 1995 में तुझे देखा तो जाना सनम(कुमार सानू )को अवार्ड मिलना चाहिए था, साल 1992 में पहला नशा को अवार्ड मिलना चाहिए था और वर्ष 1993 में ये काली काली आंखें की जगह पर जादू तेरी नजर को अवार्ड मिलना चाहिए था। ऐसा ही वाकया नेशनल अवार्ड में भी हुआ है। घूंघट की आड़ से दिलबर का यह गाना कुमार सानू और अलका जी दोनों ने गाया था, लेकिन नेशनल अवॉर्ड सिर्फ अलका जी को मिला। कुछ कुछ होता है के टाइटल सॉन्ग के लिए अलका जी को नेशनल अवार्ड मिल गया, लेकिन उदित नारायण को नहीं मिला। फिल्मफेयर टीम के judges के फैसले पर मुझे बहुत आपत्ति है. साल 2004 में मर्डर फिल्म का एक गाना ' प्यासा दिल मेरा, एक रात बिताओ मेरे साथ ' जैसे बेहूदा और वाह्ययात गाने के लिए कुणाल गांजा वाला को फिल्म फेयर दे दिया जाता है, जबकि उस साल का सर्वश्रेष्ठ गाना था मैं यहां हूं यहां (वीर जारा ). पता नहीं क्या सोचकर यह लोग फिल्म फेयर देते हैं ? इन्हें म्यूजिक के टेस्ट का कुछ पता ही नहीं है और चले आते हैं जज बनने। साल 1991 में दिल फिल्म का सबसे सुपरहिट गाना था-' न जाने कहां दिल खो गया', लेकिन इसकी जगह पर फिल्मफेयर के लिए ओ पिया पिया गाने को नॉमिनेट कर दिया गया. इन्हें जज कौन बना देते हैं यार? जज बनने की क्राइटेरिया को क्या यह लोग पूरा करते हैं? विशेषकर तेरे नाम के साथ तो हद ही हो गई, यह सोंग पूरे बॉलीवुड का सबसे ज्यादा फेमस गाना है, इसके टक्कर में दूर दूर तक आज भी कोई गाना नहीं है, फिर भी तेरे नाम को फिल्मेफेयर नहीं दिया गया।

  • @JJbossm3648
    @JJbossm3648 8 หลายเดือนก่อน

    ये गरीब तो हम को है भाई

  • @Sound_Busters
    @Sound_Busters 8 หลายเดือนก่อน

    Sir intro to change kro 🤡 kab arhe h idhr sir

  • @TheSangam1
    @TheSangam1 8 หลายเดือนก่อน +1

    Per month kitna earning ho jata hai average

    • @austinwolf6592
      @austinwolf6592 8 หลายเดือนก่อน

      Yaha to bas ghareebi he earn horahi hai

    • @Sound_Busters
      @Sound_Busters 8 หลายเดือนก่อน

      earning nhi h bhai ap sponsor kr rhe ho ky kch😂

    • @austinwolf6592
      @austinwolf6592 8 หลายเดือนก่อน

      @@Sound_Busters yar ghareebi hai mere pas wo chaheay to lelo