हे अर्जुन मेरे परम वचन को सुन! अहा! कैसा अनुपम उद्घोष है! ऐसा प्रतीत हो रहा गुरुदेव के रूप में भगवान मधुसूदन स्वयं ही अपनी गीता का भाष्य कर रहे हों! धन्य हुए मेरे श्रवण! धन्य हुआ मैं!
भगवद्गीता मेरा पसंदीदा धर्मग्रन्थ है। इसके ऊपर पहले भी मैंने आपके अद्भुत प्रवचन सुने हैं। मेरी हार्दिक इच्छा है कि इस महाग्रंथ के हर श्लोक की व्याख्या आपके मुखारविंद से सुनूं। नमन हे महात्मन्, कोटि नमन!
Apke sabhi pravachan anmol hain. Mai ek niymait shrota hun. Apke vachano se mere jivan me bahut parivartan aaya hai. Mai apka abhaari hun. Sadar Naman..!!!
संसार में तीन तरह के वचन कहे जाते हैं; सत्य वचन और असत्य वचन। किंतु कृष्ण परम वचन कह रहे हैं। परम वचन वे होते हैं जो सत्य और असत्य की सीमा के परे जाते हैं। परम वचन वे होते हैं जिनकी सत्यता प्रमाणित करने के लिए स्वयं ही रूपांतरित होना पड़ता है।
सर मन बुद्धि चित्त अहंकार जो सूक्ष्म है जिसे आँखों से नही देखा जा सकता और इसका निवास स्थान मस्तिष्क मे है मस्तिष्क जो स्थूल है जिसे आँखों से देखा जा सकता है मन जिसका काम संकल्प विकल्प है बुद्धि जिसका काम निश्चय लेना है क्या ये मन बुद्धि चित्त अहंकार क्या ये चारो मस्तिष्क के function है
कैसी अद्भुत वाणी है! कैसा परम तेज है! इस अमृतवर्षा के लिए आपका बारम्बार धन्यवाद!
हे अर्जुन मेरे परम वचन को सुन! अहा! कैसा अनुपम उद्घोष है! ऐसा प्रतीत हो रहा गुरुदेव के रूप में भगवान मधुसूदन स्वयं ही अपनी गीता का भाष्य कर रहे हों! धन्य हुए मेरे श्रवण! धन्य हुआ मैं!
भगवद्गीता मेरा पसंदीदा धर्मग्रन्थ है। इसके ऊपर पहले भी मैंने आपके अद्भुत प्रवचन सुने हैं। मेरी हार्दिक इच्छा है कि इस महाग्रंथ के हर श्लोक की व्याख्या आपके मुखारविंद से सुनूं। नमन हे महात्मन्, कोटि नमन!
Apke sabhi pravachan anmol hain. Mai ek niymait shrota hun. Apke vachano se mere jivan me bahut parivartan aaya hai. Mai apka abhaari hun. Sadar Naman..!!!
Adbhuta
अद्भुत 🙏🏻🙏🏻
Guru ji danivadh great Satsang video ❤
Bahut sundar
Super ji🎉🎉
Pranam guru ji🎉
वाह!
संसार में तीन तरह के वचन कहे जाते हैं; सत्य वचन और असत्य वचन। किंतु कृष्ण परम वचन कह रहे हैं। परम वचन वे होते हैं जो सत्य और असत्य की सीमा के परे जाते हैं। परम वचन वे होते हैं जिनकी सत्यता प्रमाणित करने के लिए स्वयं ही रूपांतरित होना पड़ता है।
Waah anandit kar diya prabhu pranam aapko
🙏🙏🙏🙏🙏
सर मन बुद्धि चित्त अहंकार जो सूक्ष्म है जिसे आँखों से नही देखा जा सकता और इसका निवास स्थान मस्तिष्क मे है मस्तिष्क जो स्थूल है जिसे आँखों से देखा जा सकता है मन जिसका काम संकल्प विकल्प है बुद्धि जिसका काम निश्चय लेना है क्या ये मन बुद्धि चित्त अहंकार क्या ये चारो मस्तिष्क के function है
Kya Guru ji adhyay 15 purushotam yog ka Satsang video mili ga