घमंड की हार | Hindi moral stories | New short stories
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- เผยแพร่เมื่อ 2 พ.ย. 2024
- यह कहानी उस समय की है जब स्कूटर, कार, बस, ट्रेन या सड़कें नहीं हुआ करती थीं। एक छोटे से गांव में, जिसकी आबादी बहुत कम थी, चारी नाम का एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति रहता था। उसकी शिक्षा ने उसे घमंडी बना दिया था, और वह हमेशा खुद से कम पढ़े-लिखे लोगों को नीचा दिखाने में लगा रहता था।
हर साल पड़ोस के गांवों में सबसे शिक्षित लोगों का सम्मान करने का एक समारोह आयोजित होता था। इस बार चारी को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था।
उस समय कोई सड़कें नहीं थीं, और पड़ोस के गांव तक पहुंचने के लिए घने जंगल से होकर जाना पड़ता था, जहां शेर और बाघ जैसे खतरनाक जंगली जानवर रहते थे। इसलिए, लोग आमतौर पर अकेले यात्रा नहीं करते थे।
अपनी यात्रा शुरू करने से पहले, चारी ने अपने दोस्तों से साथ चलने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हम जैसे साधारण लोगों को तो साथी की जरूरत होती है, लेकिन तुम इतने पढ़े-लिखे और महान हो, तुम्हें किसी मदद की क्या जरूरत है?" अंदर से डरते हुए भी, चारी ने अकेले ही अपनी यात्रा शुरू की।
जंगल में कुछ दूर चलने के बाद, चारी ने देखा कि उसके गांव का एक व्यक्ति, राजू, जो पेड़ों से शहद इकट्ठा करके बेचता था, उसके पीछे चल रहा है। चारी ने राहत की सांस ली, यह सोचकर कि उसे एक साथी मिल गया है।
चलते-चलते, चारी ने राजू से पूछा कि क्या उसने पढ़ाई की है। जब राजू ने जवाब दिया कि नहीं, तो चारी ने घमंड से कहा, "तुम्हारी ज़िंदगी आधी बर्बाद हो गई, पढ़ाई न करने की वजह से ही तुम छोटे-मोटे काम कर रहे हो।"
राजू ने चारी की बातें धैर्य से सुनीं। कुछ देर बाद, उन्होंने शेर की दहाड़ सुनी। चारी ने डर के मारे राजू से पूछा कि क्या हो रहा है।
राजू ने शांत स्वर में कहा, "शेर आ रहा है।" चारी का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा, और तब तक राजू ने बिना समय गंवाए एक पेड़ पर चढ़कर चारी को भी ऊपर खींच लिया। शेर वहां से गुजरते हुए हिरण का पीछा करता हुआ चला गया।
जमीन पर उतरने के बाद, राजू ने चारी से कहा, "तुमने कहा कि बिना पढ़ाई के मेरी ज़िंदगी आधी बर्बाद हो गई, लेकिन अगर तुम्हें पेड़ पर चढ़ना न आता तो आज तुम्हारी पूरी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती। जिस कौशल को तुमने तुच्छ समझा, वही हमें बचाने में काम आया।"
चारी ने अपनी गलती समझी और महसूस किया कि हर किसी की अपनी ताकत होती है, और इनका सम्मान करना चाहिए। उसने आगे से अपनी महानता का घमंड करना और दूसरों को नीचा दिखाना बंद कर दिया।
*शिक्षा:* असली ज्ञान इस बात में नहीं है कि आप कितने पढ़े-लिखे हैं, बल्कि इस बात में है कि आप दूसरों की अनूठी क्षमताओं का सम्मान करते हैं। घमंड कभी भी आपको दूसरों की असली काबिलियत का एहसास नहीं होने देता।