🚩🚩आज का सत्य क्षत्रियों की गलती ।। बदलता समाज ।। हिंदू क्षत्रिय 🚩🚩

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ส.ค. 2024
  • 🚩🚩आज का सत्य क्षत्रियों की गलती ।। बदलता समाज ।। हिंदू क्षत्रिय वचन ।। @kshatriya1008 🚩🚩 #shorts
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ความคิดเห็น • 17

  • @princesinghrajput998
    @princesinghrajput998 ปีที่แล้ว +9

    Kash aisi soch hrr rajput ki hoti
    Kshtriya dharm apnao bhaiyon
    Jai Rajputana from bihar🔥

  • @adityasinghparihar6357
    @adityasinghparihar6357 ปีที่แล้ว +6

    Ek daam sahi baat

  • @AADITYA100
    @AADITYA100 ปีที่แล้ว +5

    जय मां भवानी जय राजपुताना

  • @shrikantnaik6349
    @shrikantnaik6349 ปีที่แล้ว +4

    Jay shree Ram

  • @raimuzammilmanj9839
    @raimuzammilmanj9839 ปีที่แล้ว +2

    Right information

  • @bhagwantsinghparihar8717
    @bhagwantsinghparihar8717 ปีที่แล้ว +5

    Jay ma bhawani Jay rajputana ❤

    • @sumant_Rathore
      @sumant_Rathore ปีที่แล้ว

      *_राजपूत_भूमिहार प्रसंग_* ...
      हिंदू धर्म के जगत गुरु पूरी संक्राचार्य जी कहते है..
      संक्राचार्य जी का भूमिहार प्रसंग..
      पहले भूमिहार खुद को *_बैश्य_*
      कहते थे उसके बाद वो खुद को *क्षत्रिय* कहने लगे और फिर आगे जाके वो खुद को *ब्राह्मण* कहने लगे .. भूमिहार जाति मे राजपूत और ब्राह्मण दोनो का उपनाम है.. और कुछ (कुरी) कुल भी मिलते जुलते है..
      आज राजपूत खुद को *क्षत्रिय* कह दूसरी जाति से लड़ रहे है..
      और वही *भूमिहार* समय के साथ खुद को आगे कर लिया और ब्राह्मण में जा मिला है..
      आज कल हर जाति खुद को क्षत्रिय कहने लगी है..जैसे अहिर,कुर्मी,कोइरी, चनऊ...
      शुद्र तो शुद्र अतिशुद्र भी खुद को *क्षत्रिय* मानते है..अब
      राजपूत क्यू पड़ा है पचड़ा में क्या अब *क्षत्रिय* धर्म या परंपरा बचा है *नही न* जो नही उसको छोड़ दो ..
      राजपूत और ब्राह्मण एक है...पर राजपूतो का जो आज कल सिंह नाम का उपहास हो रहा राजपूत समाज इस से बचे और राजपूत समाज सिंह उपनाम के जगह आने वाले नए पीठ को नए उपनाम से जोड़े *पुरोहित* , *रायजादा* , *राणा* *शाही* से और खुद को .. शुद्ध रखे ..
      राजपूत समाज एक होके एक टाइटल में बंधे अब *पुरोहित* , *शाही* , *राणा* , *रायजादा* , *राय* , *_ठाकुर_*
      जादा तर *_राजपूत_* यूपी के सहारन पुर,मैनपुरी,बाराबंकी छेत्र मे अपने होने वाले नए पीठि को *_पुरोहित_* और *_ठाकुर_* उपनाम दे रहे है
      सिंह टाइटल आज कल शुद्रा और अतिशुद्र दोनो जाति के लोग कही ना कही लिख रहे है.. यही कारण है जिस से अब राजपूत समाज सिंह लिखना छोड़ रहे है..
      दीक्षित राजपूत खुद का उपनाम दीक्षित कर ले..
      सोमबंशी और ऋषि बंशी खुद को पुरोहित उपनाम से जुड़ जाए..
      जाति की सुधत्तता पर राजपूत समाज ध्यान दे..
      सिंह उपनाम का त्याग कर दे अब राजपूत क्युकी अगर राजपूत समाज भी सिंह उपनाम लिखे और भी जाति समाज के लोग सिंह उपनाम लिखे तो इससे राजपूत की इजात गई कहा राजपूत खुद सोच ले..
      राजपूत है कौन (राजपूत ब्राह्मण) एक ही है.. राजपुतो के बहुत सारे कुल है जो ब्रह्मणो से मिलते है जैसे गौड़ राजपूत, गौड़ ब्राह्मण,दीक्षित राजपूत,दीक्षित ब्राह्मण, कौशिक राजपूत,कौशिक ब्राह्मण, पालीवाल ब्राह्मण,पालीवाल राजपूत किनवार राजपूत और किनवार ब्राह्मण भी है गौतम राजपूत और गौतम ब्रह्मण भी है ऐसे अनेकों राजपूत कुल है जो ब्रह्मण और राजपूतो में एक ही है।।
      भूमिहार खुद को ब्राह्मण मान लिया और राजपूत से हर मामले में ठीक भी है.. पर राजपूत आज भी मूर्ख बना शूद्रो से लड़ रहा है..
      शुद्र अतिशुद्रा से लड़ने से अच्छा खुद को बदल लो।। *_राजपूत_** **_राजा_* *_मेदनी राय_* !!

  • @jaimadhadhpratiharjaimihir5853
    @jaimadhadhpratiharjaimihir5853 ปีที่แล้ว +2

    Nice bhai 🚩⚔️

  • @salthakur7510
    @salthakur7510 ปีที่แล้ว +2

    Sahi kaha hukum aapne 🙏🚩🚩

  • @devrajput3576
    @devrajput3576 ปีที่แล้ว +6

    Jay Rajputana 🙏🙏🙏

  • @sonurawat4510
    @sonurawat4510 ปีที่แล้ว +4

    Jai 👑rajputana🦁 hukum 😢🙏

  • @devrajput3576
    @devrajput3576 ปีที่แล้ว +7

    Ham se Jal ne vale Hindu hai

    • @princesinghrajput998
      @princesinghrajput998 ปีที่แล้ว +5

      Shi baat.
      Hindu ki aise v koi aukaat nhi h

    • @sumant_Rathore
      @sumant_Rathore ปีที่แล้ว

      *_राजपूत_भूमिहार प्रसंग_* ...
      हिंदू धर्म के जगत गुरु पूरी संक्राचार्य जी कहते है..
      संक्राचार्य जी का भूमिहार प्रसंग..
      पहले भूमिहार खुद को *_बैश्य_*
      कहते थे उसके बाद वो खुद को *क्षत्रिय* कहने लगे और फिर आगे जाके वो खुद को *ब्राह्मण* कहने लगे .. भूमिहार जाति मे राजपूत और ब्राह्मण दोनो का उपनाम है.. और कुछ (कुरी) कुल भी मिलते जुलते है..
      आज राजपूत खुद को *क्षत्रिय* कह दूसरी जाति से लड़ रहे है..
      और वही *भूमिहार* समय के साथ खुद को आगे कर लिया और ब्राह्मण में जा मिला है..
      आज कल हर जाति खुद को क्षत्रिय कहने लगी है..जैसे अहिर,कुर्मी,कोइरी, चनऊ...
      शुद्र तो शुद्र अतिशुद्र भी खुद को *क्षत्रिय* मानते है..अब
      राजपूत क्यू पड़ा है पचड़ा में क्या अब *क्षत्रिय* धर्म या परंपरा बचा है *नही न* जो नही उसको छोड़ दो ..
      राजपूत और ब्राह्मण एक है...पर राजपूतो का जो आज कल सिंह नाम का उपहास हो रहा राजपूत समाज इस से बचे और राजपूत समाज सिंह उपनाम के जगह आने वाले नए पीठ को नए उपनाम से जोड़े *पुरोहित* , *रायजादा* , *राणा* *शाही* से और खुद को .. शुद्ध रखे ..
      राजपूत समाज एक होके एक टाइटल में बंधे अब *पुरोहित* , *शाही* , *राणा* , *रायजादा* , *राय* , *_ठाकुर_*
      जादा तर *_राजपूत_* यूपी के सहारन पुर,मैनपुरी,बाराबंकी छेत्र मे अपने होने वाले नए पीठि को *_पुरोहित_* और *_ठाकुर_* उपनाम दे रहे है
      सिंह टाइटल आज कल शुद्रा और अतिशुद्र दोनो जाति के लोग कही ना कही लिख रहे है.. यही कारण है जिस से अब राजपूत समाज सिंह लिखना छोड़ रहे है..
      दीक्षित राजपूत खुद का उपनाम दीक्षित कर ले..
      सोमबंशी और ऋषि बंशी खुद को पुरोहित उपनाम से जुड़ जाए..
      जाति की सुधत्तता पर राजपूत समाज ध्यान दे..
      सिंह उपनाम का त्याग कर दे अब राजपूत क्युकी अगर राजपूत समाज भी सिंह उपनाम लिखे और भी जाति समाज के लोग सिंह उपनाम लिखे तो इससे राजपूत की इजात गई कहा राजपूत खुद सोच ले..
      राजपूत है कौन (राजपूत ब्राह्मण) एक ही है.. राजपुतो के बहुत सारे कुल है जो ब्रह्मणो से मिलते है जैसे गौड़ राजपूत, गौड़ ब्राह्मण,दीक्षित राजपूत,दीक्षित ब्राह्मण, कौशिक राजपूत,कौशिक ब्राह्मण, पालीवाल ब्राह्मण,पालीवाल राजपूत किनवार राजपूत और किनवार ब्राह्मण भी है गौतम राजपूत और गौतम ब्रह्मण भी है ऐसे अनेकों राजपूत कुल है जो ब्रह्मण और राजपूतो में एक ही है।।
      भूमिहार खुद को ब्राह्मण मान लिया और राजपूत से हर मामले में ठीक भी है.. पर राजपूत आज भी मूर्ख बना शूद्रो से लड़ रहा है..
      शुद्र अतिशुद्रा से लड़ने से अच्छा खुद को बदल लो।। *_राजपूत_** **_राजा_* *_मेदनी राय_* !!

  • @sumant_Rathore
    @sumant_Rathore ปีที่แล้ว

    *_राजपूत_भूमिहार प्रसंग_* ...
    हिंदू धर्म के जगत गुरु पूरी संक्राचार्य जी कहते है..
    संक्राचार्य जी का भूमिहार प्रसंग..
    पहले भूमिहार खुद को *_बैश्य_*
    कहते थे उसके बाद वो खुद को *क्षत्रिय* कहने लगे और फिर आगे जाके वो खुद को *ब्राह्मण* कहने लगे .. भूमिहार जाति मे राजपूत और ब्राह्मण दोनो का उपनाम है.. और कुछ (कुरी) कुल भी मिलते जुलते है..
    आज राजपूत खुद को *क्षत्रिय* कह दूसरी जाति से लड़ रहे है..
    और वही *भूमिहार* समय के साथ खुद को आगे कर लिया और ब्राह्मण में जा मिला है..
    आज कल हर जाति खुद को क्षत्रिय कहने लगी है..जैसे अहिर,कुर्मी,कोइरी, चनऊ...
    शुद्र तो शुद्र अतिशुद्र भी खुद को *क्षत्रिय* मानते है..अब
    राजपूत क्यू पड़ा है पचड़ा में क्या अब *क्षत्रिय* धर्म या परंपरा बचा है *नही न* जो नही उसको छोड़ दो ..
    राजपूत और ब्राह्मण एक है...पर राजपूतो का जो आज कल सिंह नाम का उपहास हो रहा राजपूत समाज इस से बचे और राजपूत समाज सिंह उपनाम के जगह आने वाले नए पीठ को नए उपनाम से जोड़े *पुरोहित* , *रायजादा* , *राणा* *शाही* से और खुद को .. शुद्ध रखे ..
    राजपूत समाज एक होके एक टाइटल में बंधे अब *पुरोहित* , *शाही* , *राणा* , *रायजादा* , *राय* , *_ठाकुर_*
    जादा तर *_राजपूत_* यूपी के सहारन पुर,मैनपुरी,बाराबंकी छेत्र मे अपने होने वाले नए पीठि को *_पुरोहित_* और *_ठाकुर_* उपनाम दे रहे है
    सिंह टाइटल आज कल शुद्रा और अतिशुद्र दोनो जाति के लोग कही ना कही लिख रहे है.. यही कारण है जिस से अब राजपूत समाज सिंह लिखना छोड़ रहे है..
    दीक्षित राजपूत खुद का उपनाम दीक्षित कर ले..
    सोमबंशी और ऋषि बंशी खुद को पुरोहित उपनाम से जुड़ जाए..
    जाति की सुधत्तता पर राजपूत समाज ध्यान दे..
    सिंह उपनाम का त्याग कर दे अब राजपूत क्युकी अगर राजपूत समाज भी सिंह उपनाम लिखे और भी जाति समाज के लोग सिंह उपनाम लिखे तो इससे राजपूत की इजात गई कहा राजपूत खुद सोच ले..
    राजपूत है कौन (राजपूत ब्राह्मण) एक ही है.. राजपुतो के बहुत सारे कुल है जो ब्रह्मणो से मिलते है जैसे गौड़ राजपूत, गौड़ ब्राह्मण,दीक्षित राजपूत,दीक्षित ब्राह्मण, कौशिक राजपूत,कौशिक ब्राह्मण, पालीवाल ब्राह्मण,पालीवाल राजपूत किनवार राजपूत और किनवार ब्राह्मण भी है गौतम राजपूत और गौतम ब्रह्मण भी है ऐसे अनेकों राजपूत कुल है जो ब्रह्मण और राजपूतो में एक ही है।।
    भूमिहार खुद को ब्राह्मण मान लिया और राजपूत से हर मामले में ठीक भी है.. पर राजपूत आज भी मूर्ख बना शूद्रो से लड़ रहा है..
    शुद्र अतिशुद्रा से लड़ने से अच्छा खुद को बदल लो।। *_राजपूत_** **_राजा_* *_मेदनी राय_* !!

  • @rajputekta5771
    @rajputekta5771 ปีที่แล้ว +1

    Jay ma bhawani Jay rajputana ❤

    • @sumant_Rathore
      @sumant_Rathore ปีที่แล้ว

      *_राजपूत_भूमिहार प्रसंग_* ...
      हिंदू धर्म के जगत गुरु पूरी संक्राचार्य जी कहते है..
      संक्राचार्य जी का भूमिहार प्रसंग..
      पहले भूमिहार खुद को *_बैश्य_*
      कहते थे उसके बाद वो खुद को *क्षत्रिय* कहने लगे और फिर आगे जाके वो खुद को *ब्राह्मण* कहने लगे .. भूमिहार जाति मे राजपूत और ब्राह्मण दोनो का उपनाम है.. और कुछ (कुरी) कुल भी मिलते जुलते है..
      आज राजपूत खुद को *क्षत्रिय* कह दूसरी जाति से लड़ रहे है..
      और वही *भूमिहार* समय के साथ खुद को आगे कर लिया और ब्राह्मण में जा मिला है..
      आज कल हर जाति खुद को क्षत्रिय कहने लगी है..जैसे अहिर,कुर्मी,कोइरी, चनऊ...
      शुद्र तो शुद्र अतिशुद्र भी खुद को *क्षत्रिय* मानते है..अब
      राजपूत क्यू पड़ा है पचड़ा में क्या अब *क्षत्रिय* धर्म या परंपरा बचा है *नही न* जो नही उसको छोड़ दो ..
      राजपूत और ब्राह्मण एक है...पर राजपूतो का जो आज कल सिंह नाम का उपहास हो रहा राजपूत समाज इस से बचे और राजपूत समाज सिंह उपनाम के जगह आने वाले नए पीठ को नए उपनाम से जोड़े *पुरोहित* , *रायजादा* , *राणा* *शाही* से और खुद को .. शुद्ध रखे ..
      राजपूत समाज एक होके एक टाइटल में बंधे अब *पुरोहित* , *शाही* , *राणा* , *रायजादा* , *राय* , *_ठाकुर_*
      जादा तर *_राजपूत_* यूपी के सहारन पुर,मैनपुरी,बाराबंकी छेत्र मे अपने होने वाले नए पीठि को *_पुरोहित_* और *_ठाकुर_* उपनाम दे रहे है
      सिंह टाइटल आज कल शुद्रा और अतिशुद्र दोनो जाति के लोग कही ना कही लिख रहे है.. यही कारण है जिस से अब राजपूत समाज सिंह लिखना छोड़ रहे है..
      दीक्षित राजपूत खुद का उपनाम दीक्षित कर ले..
      सोमबंशी और ऋषि बंशी खुद को पुरोहित उपनाम से जुड़ जाए..
      जाति की सुधत्तता पर राजपूत समाज ध्यान दे..
      सिंह उपनाम का त्याग कर दे अब राजपूत क्युकी अगर राजपूत समाज भी सिंह उपनाम लिखे और भी जाति समाज के लोग सिंह उपनाम लिखे तो इससे राजपूत की इजात गई कहा राजपूत खुद सोच ले..
      राजपूत है कौन (राजपूत ब्राह्मण) एक ही है.. राजपुतो के बहुत सारे कुल है जो ब्रह्मणो से मिलते है जैसे गौड़ राजपूत, गौड़ ब्राह्मण,दीक्षित राजपूत,दीक्षित ब्राह्मण, कौशिक राजपूत,कौशिक ब्राह्मण, पालीवाल ब्राह्मण,पालीवाल राजपूत किनवार राजपूत और किनवार ब्राह्मण भी है गौतम राजपूत और गौतम ब्रह्मण भी है ऐसे अनेकों राजपूत कुल है जो ब्रह्मण और राजपूतो में एक ही है।।
      भूमिहार खुद को ब्राह्मण मान लिया और राजपूत से हर मामले में ठीक भी है.. पर राजपूत आज भी मूर्ख बना शूद्रो से लड़ रहा है..
      शुद्र अतिशुद्रा से लड़ने से अच्छा खुद को बदल लो।। *_राजपूत_** **_राजा_* *_मेदनी राय_* !!