कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए। एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गाए।।कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए। एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गाए।।
सनातन धर्म महान है पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l पवित्र गीता जी के अनुसार भक्ति करने वाले ही आदि सनातन धर्म को मानने वाले हैं
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Jai Ho bandi chor.ki sat saheb ji
कबीर , मानुष जन्म दुर्लभ है ,मिले ना बारंबार, तरुवर से पत्ता टूट गिरे , बहुर ना लगता डार। सत साहेब जी।।
कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए।
एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गाए।।कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए।
एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गाए।।
सनातन धर्म महान है
पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l
पवित्र गीता जी के अनुसार भक्ति करने वाले ही आदि सनातन धर्म को मानने वाले हैं