आपसे व्याकरण सीखने का अवसर नहीं मिला।पर कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आपकों बीस नहीं बीसियों बार श्रवण करेंगे। भारतीय संस्कृति को जीवंत करता हर वीडियो अनमोल रत्न समान है।🙏🙏 राधे राधे
महाराज जी के चरणो में कोटि कोटि मेरा प्रणाम मैं अपने जीवन में पहली बार ज्ञानवर्धक श्रीमद् भागवत जी का रसपान कर रहा हूं जय हो त्रिपाठी जी महाराज की शत शत नमन 🙏🙏
महाराज जी आपकी कथा अमृत मय है कथा से हटने की इच्छा नहीं होती विद्वान पुरुष है आप कहा जाता है विद्या वतां भागवते परीक्षा जय श्री राधे श्री राधे श्री राधे
यह समय कौन सा है? कृष्णको अनेक लीला-पक्ष हैँ । राधा व गोपिनीयोँ की प्रसंग हैँ यह नकार नही सकता मैँ साथ ही सुदर्शन चक्रधारक उग्र कृष्ण भी हैँ महाभारतके युद्धके सूत्राधार कृष्ण भी हैँ ऐसे ही विविध प्रसंग हैँ कंस-जरासन्ध-शिशुपाल-वधके प्रसंग अधासुर, बकासुर, अन्धकासुर, पूतना वध-प्रसंग अथवा कालीय नागका अधमर बनाके भगाना असुर, अधम नाशके अनेक प्रसंग भी तो हैँ! यह समय कौन सा है ? रासकी रसमेँ डूबने की कि सुदर्शन चक्र चला कर विधर्मीका ध्वंस करने या गोवर्द्धन पहाड उठा कर प्रजाऔँकी रक्षा करने की ? या शकुनीकी छलको ध्वस्त करने की या द्रौपदीका लाज बचानेके लिए कुछ करने की ? क्या यह समय उपयुक्त है राधे-राधे कर के नचानेके लिए? गोपिनी सङ्ग श्रृङ्गार रसमेँ डूबने के लिए? त्रिवक्राकी मनोकामना पूर्ण कर तीन दिन उससे हमविस्तर बनने के लिए? या यह समय चक्र उठा कर दैत्य राक्षसको ध्वस्त करनेका है? या छलबल, कपट जो भी करके अधर्मीको गिरानेके लिए या उनसे बचने, बचानेके लिए रणछोडदास, विजयी या छली बनके यथोचित उपाय करनेका है? चहुओर देख मुझे लगता है आज तक गीतामेँ उनके सन्देश "यदा यदा हि ..." पूरा करनेके लिए आह्वान करनेका समय है यह? रौद्र या वीररसके कृष्णको जगाना जन जनमेँ चक्रधारी, धनुर्धारी अथवा बम् बम् शिवके हाथमेँ अणुबम या मारक हथियार त्रिपुरारीका अमोघ वाण/त्रिशूलधारी? राधा राधा कर या जलस्थ गोपिनीको वस्त्र चुराकर उपहास, मजाक है मरणमेँ रमण दुनिया रसातलमेँ जा रहा है नीरो बंशी बजा रहा है शरम करो, कुछ तो सोचो वृन्दाको छलो, हिमालयको चकमा दो या अश्वत्थाम हतोहत प्रसङ्ग चलाओ जो भी करो क्षम्य है, सह्य है दक्षका यज्ञ भङ्ग करो मारो शङ्खचूड या जालन्धर विश्वविपदा
आज के अंधज्ञान.के युग में रोशनी की किरण दिखाई दे रही है वरना अंधभक्तों और फूहड़ कथा वाचकों.ने श्रीमद्भागवत महापुराण की क्या.दुर्दशा की है आपके चरणों में कोटि कोटि वंदन
पूज्य श्री सादर अभिवादन प्रणाम करते हैं। मेरा अनुरोध है कि श्रीमद भागवत के हर श्लोक की तत्व वाख्या कृपया अगर कर सकते हे तो हम जैसे अज्ञान मानव को भागवत के संबध में समझ आ सकता है। केवल श्लोक की तत्व वाख्या। प्रणाम।
आप जैसे विद्वान के श्री मुख से तो रहस्य सार गूढ़ तत्व सुनने को मिले तो ज्यादा सही न की संगीत संगीत तो सबके लिए आधार है पर तात्विक सविवेचना करना सबके बस का नहीं है
आदरणीय मनोज जी। जब मूर्खों में अहंकार भरा है तो मेरे चाचा जी तो विद्वान हैं। कृपया मर्यादा में कमेंट करें आपके लेख से आपकी योग्यता और संस्कार दोनों दिख रहे हैं।
आप अगर भागवतजी जिनको लगभग कंठस्थ है. ऐसे त्रिपाठी जी अहंकारी लगतें हैं तो कोई प्रमाण उदाहरण तो कारण तो बताना चाहिए. और कहीं महामूर्खों के मुख से शास्र विरुद्ध बकवास को सुनकर कोई भी विद्वान व्यक्ति नहीं टोकेगा तो कोई गद्हा टोकेगा. बच्चों को गुरुजनों का गलत बोलने पर टोकने का 100000000000000000000000000%अधिकार है अब महामूर्ख चमचों को इसमें अहंकार दिखाई दे तो इसमें श्री त्रिपाठी जी का दोष नहीं है।
राधे राधे, राम राम गुरुदेव आपको बारम्बार प्रणाम कथा अमृतमयी श्रीमद्भागवत कथा बहुत ही अद्भुत है, , राम राम राधे राधे
जय हो महाराज श्री श्री मद्भागवत की बहुत ही बढ़िया व्याख्या! पूज्य श्री के चरण कमलों में कोटि कोटि नमन 🙏🙏
Aisa pravachan aajtak nahi sunatha radhy radhy tripathiji
बहुत सुंदर दिव्यतम कथा
पूज्य गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि बंधन
जय जय श्री राधेकृष्ण जी। वन्दे ते महापुरुषचरणारविन्दम्।
विद्वानों की कथा श्रवण का आनन्द ही अलग है।
Prem ka bhav hi jivan ka Aadhar hai
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 👏👏🙏🙏
सादर प्रणाम महाराज जी
आपसे व्याकरण सीखने का अवसर नहीं मिला।पर कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आपकों बीस नहीं बीसियों बार श्रवण करेंगे। भारतीय संस्कृति को जीवंत करता हर वीडियो अनमोल रत्न समान है।🙏🙏 राधे राधे
आपके श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन आपके श्री मुख से भगवान के पावन कथा का अति सुन्दर ज्ञानदर्शन प्राप्त हुआ जय श्रीमन्नारायण
❤❤❤❤❤❤❤@@rupnarayansingh8009
महाराज जी के चरणो में कोटि कोटि मेरा प्रणाम मैं अपने जीवन में पहली बार ज्ञानवर्धक श्रीमद् भागवत जी का रसपान कर रहा हूं जय हो त्रिपाठी जी महाराज की शत शत नमन 🙏🙏
भागवत पुराण के प्रत्येक श्लोक की व्याख्या करने से आगे की पीढ़ी को सरलता होगी ऐसी गुरुदेव के चरणों में निवेदन है,👏👏👏
आगे की क्यों वर्तमान पीढी को भी भागवत की व्याख्या की जरुरत ही नहीं है. अब तो भागवतजी की जगह नौटंकी डायरी ने ले ली है
आभार अभिनंदन आपका प्रभु जी।आपकी लाइव कथा पहली बार देख रहे हैं।✍️🕉️🙏🪔🎊🙏🙏
Radhe radhe mahraj ji.
कृत कृत्य हो गया महराज जी आपकी कथा सुनकर श्री राधे श्री राधे श्री राधे
प्रभु आपके दर्शन की जिज्ञासा है जय द्वारिकाधीश
Radhe Radhe
Gurudev aap bahut gyani hai aap ka katha gyanvardhak hai
सादर प्रणाम I
Guruji koti koti pranam
🙏🙏🙏🙏🙏
Anirudhacharya ji aapne gjjb trol kiye
😀😀😀😀😀😀
Dhanyavad ji e rash pan ke liye ❤
गुरुजी प्रणाम बहुत आनंद प्राप्त हुआ
Shat shat naman
जय श्रीकृष्ण 🎉🎉😊
गुरु जी सादर प्रणाम आप बहुत सुंदर कथा का बाचन करते हैं सुनकर हदय प्रसन्न हो गया
जय जय महाराज.. आप का ज्ञान और ख्याति चहुंदिश फैले.. जय जय श्री राधे
बाबा के चलचित्र से मुझे भागवत कथा की तैयारी करने सहायता प्राप्त होता है।
एक एक विडियो को बार बार देख रहा हूं मन नहीं भरता।
शोभनमुक्तम्भवता जिज्ञासितव्यमवश्यम्
महाराज जी आपकी कथा अमृत मय है कथा से हटने की इच्छा नहीं होती विद्वान पुरुष है आप कहा जाता है विद्या वतां भागवते परीक्षा जय श्री राधे श्री राधे श्री राधे
त्रिपाठी गुरुजी के चरणों में नमन
पूज्य सद गुरुदेव भगवान के चरणों में सादर प्रणाम 🙏🙏
Koti koti Pranam
Maharaj ji ko koti koti naman
आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम🙏
जय हो गरदेव जय श्री कृष्ण राधे
जय श्री कृष्ण,आपके मुख से कथा श्रवण भागवत कथा है।
आप सभी भक्तों को जय श्रीमन नारायण गुरु जी
Great सर आपको एक्यूरेट इंजीनियरिंग कॉलेज में सुना बहुत अच्छा
जय हो महाराज प्रणाम
अतिसुंदर जय हो
जय हों 🙏🏼🙏🏼राधे राधे
Jai Shri radhe guru ji
Ram
Ram
Ji
Aanpki Katha aur sunane aur samjhane ka tarika bahut achchha dhanybad
Radhe radhe maharaj ji.
🥀🙏जय गुरुदेव 🙏🥀
Shree guru ji ke charno me sastang dandvat
सादर प्रणाम ब्यास भगवन
आप किस जनपद की पवित्र धरती के किस गाँव को जन्म लेकर धन्यवाद व पवित्र किये है उस ग्राम कुल भूमि को शत शत नमन
राधे-राधे गुरु जी
Jai shree Ram
शत शत नमन है। श्री चरणों में
जय हो पूज्य गुरुदेव श्री के चरणों में सादर प्रणाम स्वीकार हो 🙌🙌🙌🙌🙏🙏🙏
बहुत सुंदर कथा
Jay shree ram 🙏🙏🙏
🙏जय श्री राधे,बहुत सुंदर
राधे राधे गुरु जी जय श्रीमन नारायण गुरु जी के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम करता हूं 🙏🙏🌹🌹
भागवत हो तो ऐसी हो बाकि तो सब अपनी-अपनी दुकान चला रहे हैं।
महाराज जी आप तो भागवत में राधा नाम का निशेध करते हैं और अब आप ही राधे राधे बुलवा रहे हैं ये बात समझ में नहीं आता?
गुरुदेव प्रणाम
जय श्रीमन्नारायण गुरूदेव आप श्री के चरणों कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
Hari om!
राधे . राधे
राधे राधे
Jai Sri ram
जय हो गुरु जी मन तृप्त हो गया आपके मुख से दिव्य कथा श्रवण करके🙏😊❤️
Guru ji prnaa🙏🙏🙏🙏🙏
यह समय कौन सा है?
कृष्णको अनेक लीला-पक्ष हैँ ।
राधा व गोपिनीयोँ की प्रसंग हैँ
यह नकार नही सकता मैँ
साथ ही
सुदर्शन चक्रधारक उग्र कृष्ण भी हैँ
महाभारतके युद्धके सूत्राधार कृष्ण भी हैँ
ऐसे ही विविध प्रसंग हैँ
कंस-जरासन्ध-शिशुपाल-वधके प्रसंग
अधासुर, बकासुर, अन्धकासुर, पूतना वध-प्रसंग
अथवा कालीय नागका अधमर बनाके भगाना
असुर, अधम नाशके
अनेक प्रसंग भी तो हैँ!
यह समय कौन सा है ?
रासकी रसमेँ डूबने की
कि सुदर्शन चक्र चला कर
विधर्मीका ध्वंस करने
या गोवर्द्धन पहाड उठा कर
प्रजाऔँकी रक्षा करने की ?
या शकुनीकी छलको ध्वस्त करने की
या द्रौपदीका लाज बचानेके लिए कुछ करने की ?
क्या यह समय उपयुक्त है
राधे-राधे कर के नचानेके लिए?
गोपिनी सङ्ग श्रृङ्गार रसमेँ डूबने के लिए?
त्रिवक्राकी मनोकामना पूर्ण कर
तीन दिन उससे हमविस्तर बनने के लिए?
या यह समय चक्र उठा कर
दैत्य राक्षसको ध्वस्त करनेका है?
या छलबल, कपट जो भी करके
अधर्मीको गिरानेके लिए
या उनसे बचने, बचानेके लिए
रणछोडदास, विजयी या छली बनके
यथोचित उपाय करनेका है?
चहुओर देख मुझे लगता है
आज तक गीतामेँ उनके सन्देश
"यदा यदा हि ..."
पूरा करनेके लिए
आह्वान करनेका समय है यह?
रौद्र या वीररसके कृष्णको
जगाना जन जनमेँ चक्रधारी, धनुर्धारी
अथवा बम् बम् शिवके हाथमेँ
अणुबम या मारक हथियार
त्रिपुरारीका अमोघ वाण/त्रिशूलधारी?
राधा राधा कर
या जलस्थ गोपिनीको वस्त्र चुराकर
उपहास, मजाक है मरणमेँ रमण
दुनिया रसातलमेँ जा रहा है
नीरो बंशी बजा रहा है
शरम करो, कुछ तो सोचो
वृन्दाको छलो, हिमालयको चकमा दो
या अश्वत्थाम हतोहत प्रसङ्ग चलाओ
जो भी करो क्षम्य है, सह्य है
दक्षका यज्ञ भङ्ग करो
मारो शङ्खचूड या जालन्धर विश्वविपदा
गुरु जी को सादर प्रणाम
🙏कथा में संगीत जरुरत नही है🙏
जो नजानता हो तब तो ठिक है पर आपको जरुरत नही हैगुरूजी
आज के अंधज्ञान.के युग में रोशनी की किरण दिखाई दे रही है
वरना अंधभक्तों और फूहड़ कथा वाचकों.ने श्रीमद्भागवत महापुराण की क्या.दुर्दशा की है
आपके चरणों में कोटि कोटि वंदन
सादर प्रणाम।
Jai ho gurudev bhagwan ki jai ho
Sadar Namshkar ji
Guru ji koti koti prnam
प्रणमाम्यहम्
Guru dev ji ko sadar pranam 🙏🙏
Vidwata , tripathi ji Vidwan hain iska unkey savadon se Awasya hi bhan hota hai , Galat comments nahin karna chahiye ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
परमानंद
प्रणाम गुरुदेव
Jai shree Radhe Radhe Radhe 🙏❤️
प्रणाम
🙏🏻🙏🏻
आचार्य जी सादर प्रणाम, बाँगरम ऊ, उन्नाव से। रामदेव तिवारी
Love you
सादर प्रणाम गुरुदेव।🙏🏻
प्रणाम 🙏
Jai ho
कोटि कोटि प्रणाम गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय जय
पूज्य श्री सादर अभिवादन प्रणाम करते हैं। मेरा अनुरोध है कि श्रीमद भागवत के हर श्लोक की तत्व वाख्या कृपया अगर कर सकते हे तो हम जैसे अज्ञान मानव को भागवत के संबध में समझ आ सकता है। केवल श्लोक की तत्व वाख्या। प्रणाम।
Jay shreekrishna❤😂
Radhey Radhey 🙏🙏🙏🙏
आप जैसे विद्वान के श्री मुख से तो रहस्य सार गूढ़ तत्व सुनने को मिले तो ज्यादा सही न की संगीत संगीत तो सबके लिए आधार है पर तात्विक सविवेचना करना सबके बस का नहीं है
श्रीमानजी शहडोल श्रीमद्भागवत कथा का चौथे दिन का भगवत कथा का फुल वीडियो नही मिल रहा। क्या आप में से कोई उपलब्ध करा सकता है।
🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Radhe,radhe
👏🏻👏🏻👏🏻
पूज्य गुरुदेव शास्त्र और पुराण में अंतर बाताये गुरु जी
Very good
🙏🙏
त्रिपाठी जी विद्बान है लेकिन अंहकार कूट कूट कर भरा है
Kese mahamanav 😂
Ye pakka अनिरुधाचार्य ka chela hai 😂
आदरणीय मनोज जी।
जब मूर्खों में अहंकार भरा है तो मेरे चाचा जी तो विद्वान हैं। कृपया मर्यादा में कमेंट करें आपके लेख से आपकी योग्यता और संस्कार दोनों दिख रहे हैं।
आप अगर भागवतजी जिनको लगभग कंठस्थ है. ऐसे त्रिपाठी जी अहंकारी लगतें हैं तो कोई प्रमाण उदाहरण तो कारण तो बताना चाहिए.
और कहीं महामूर्खों के मुख से शास्र विरुद्ध बकवास को सुनकर कोई भी विद्वान व्यक्ति नहीं टोकेगा तो कोई गद्हा टोकेगा.
बच्चों को गुरुजनों का गलत बोलने पर टोकने का 100000000000000000000000000%अधिकार है अब महामूर्ख चमचों को इसमें अहंकार दिखाई दे तो इसमें श्री त्रिपाठी जी का दोष नहीं है।
अपने वाणी को कन्ट्रोल मे कर के बोलो
पंडित जी व्यास एक पदवी है। और लोगों को बताओ कि शुकदेव कौन से व्यास के पुत्र हैं।
कृष्णद्वैपायन व्यास जी के पुत्र श्री शुकदेव जी महाराज।