ईश्वर ने प्रत्येक जीव आत्मा के कल्याण के लिए इस सृष्टि को बनाया इससे ईश्वर का दयालू होना सिद्ध होता है, ईश्वर ने इस सृष्टि में दो तरह की रचना की है एक जड़ जिसमें सूर्य चंद्र लोक लोकतंत्र प्रथ्वी आदि को बनाया है दूसरा चेतन जिसमें एक भोग योनि जिसमें जीव आत्मा केवल अपने कर्मों का फल भोगती है दूसरा कर्म योनि को बनाया है जिसमें जीव आत्मा कर्म करने में स्वतन्त्र और फल भोगने में परतंत्र इस सृष्टि के अन्दर एक जीव आत्मा जैसे जैसे पाप और पुण्य कर्म करती है ईश्वर उसको वैसा ही फल प्रदान करता है इससे ईश्वर का nyaaykari का होना सिद्ध होता है.
आचार्य जी मेरा सादर प्रणाम मैं आपसे जानना चाहता हूं कि श्री कृष्ण जो गीता में अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाए थे क्या सही है जैसा की हमे बताया जाता है और मैं तो बस सब कुछ योगी राज श्री कृष्ण को ही मानता हूं
आचार्य श्री जी सादर नमस्ते जी धन्यवाद
आचार्य जी आप की विषयवस्तु को समझाने की शैली अति उत्तम है। ईश्वर आपको सदैव सामर्थ्यवान बनाए रखे ताकि आप सभी को शुद्ध व सत्य ज्ञान से अवगत कराते रहें 🙏🙏
आचार्य जी नमस्ते शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
आचार्य जी नमस्ते आयुष्मान भव: ओम् ।
🚩जय भारत।
ओ३म् 🙏
मेरे प्रिय आत्मन हृदय की गहराई यो से आपका स्वागत संध्या मंत्र का ब्याख्या करने की कृपा करे
👏👏👌🙏🏼🙏🏼
आचार्य जी सादर नमस्ते जी
यह रास्ता हमारे माता, पिता और गुरू जन ही दिखाते हैं, उसी पर बच्चे चलते हैं।
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अति ज्ञान वर्धक प्रस्तुति आचार्य जी
ईश्वर ने प्रत्येक जीव आत्मा के कल्याण के लिए इस सृष्टि को बनाया इससे ईश्वर का दयालू होना सिद्ध होता है, ईश्वर ने इस सृष्टि में दो तरह की रचना की है एक जड़ जिसमें सूर्य चंद्र लोक लोकतंत्र प्रथ्वी आदि को बनाया है दूसरा चेतन जिसमें एक भोग योनि जिसमें जीव आत्मा केवल अपने कर्मों का फल भोगती है दूसरा कर्म योनि को बनाया है जिसमें जीव आत्मा कर्म करने में स्वतन्त्र और फल भोगने में परतंत्र इस सृष्टि के अन्दर एक जीव आत्मा जैसे जैसे पाप और पुण्य कर्म करती है ईश्वर उसको वैसा ही फल प्रदान करता है इससे ईश्वर का nyaaykari का होना सिद्ध होता है.
नमस्ते आचार्य जी
Acharya ji Namaste
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No words to express gratitude to u achaaryaji🙏🙏🙏
आचार्य जी को सादर प्रणाम। मैं आपके इस चैनल से जुड़ना चाहता हूं । कैसे जुड़ूं कृपया बताने की कृपा करें। आपकी मुझ पर अति कृपा होगी ।
🙏
आचार्य जी मेरा सादर प्रणाम मैं आपसे जानना चाहता हूं कि श्री कृष्ण जो गीता में अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाए थे क्या सही है जैसा की हमे बताया जाता है और मैं तो बस सब कुछ योगी राज श्री कृष्ण को ही मानता हूं
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Namaste aacharya ji excuse me this is the 4th mantra
Sachchi bat
Namaste ji
ऊँ