क्या सही तरीका है ईश्वर भक्ति का || By स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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- เผยแพร่เมื่อ 18 ส.ค. 2023
- स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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जय सच्चिदानन्द स्वामी की जय। ॐ
मैं स्वामी जी की बात से सहमत हूं जो ये ईश्वर के बारे में बता रहे हैं इसी बात को हमारे सतगुरु सत्पुरुष बाबा फूलचंद वाले भी बताते हैं की सभी देवी देवता हमारे पूर्वज हैं और हम उनकी संताने हैं जितने भी देवी देवता है वे सब कभी इंसान थे उन्होंने परमात्मा की आराधना की और उस परमात्मा के बताते रास्ते पर चलेऔर वह देवता बन गए हमें भी उस परमात्मा की पूजा करनी चाहिए
सत्य बात हुई
कहते हैं जब ईश्वर कण-कण में है तो फिर मूर्ति में क्यों नहीं मेरी आस्था अगर मूर्ति में है तो मेरी प्रभु मुझे मूर्ति में भी मिल जाएंगे क्योंकि वह प्रभु सर्वेश्वर प्रभु वही है जो हर असंभव को संभव कर सकते हैं. जो आम दुनिया का कोई साधु महात्मा ऋषि मुनि इंसान नहीं कर सकता भगवान के सोच से भी दूर कि वह हर चीज कर सकते हैं जिसे मनुष्य असंभव समझता है एक खंभे को टूटने पर भगवान नरसिंह ने निकलकर हिरण कश्यप का वध किया था क्या यह कोई दुनिया में ईश्वर के सिवा कर सकता है उल्टी-सीधी तर्क देकर धर्म विहीन ना करो हिंदू पहले से ही बहुत भटक चुके हैं अपने धर्म से इस तरह के साधु संत लोगों का बहिष्कार करना चाहिए सभी सनातनी हो सनातनयों को जो हमें हमारे आस्था और धर्म से दूर करना चाहते हैं जय श्री कृष्ण 🙏
8:01
आपने सही बात कही है, यह आर्य समाज खुद भी पथ भ्रष्ट हो चुके हैं और दूसरों को भी पथ भ्रष्ट कर रहे हैं, जय श्री राधे,
@@jaishreekrishna2000कृष्ण मुक्ति का मार्ग नहीं है
कृष्ण ने अकाल पुरुष परमात्मा की उपासना की
नमस्ते स्वामी जी। आप सत्य कह रहे हैं। मै वेद वर्णित निराकार स्वरूप ईश्वर की संध्या-हवन करता हूॅ
10:11
ओ३म् ओ३म् ओ३म्
🙏🙏
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
धन्यवाद गुरु जी मेरे भीआप जैसे ही विचार हैं।
स्वामी जी आप के प्रवचनों से हम सहमत हूँ।आप के द्वारा ढोंग और पाखंड के बारे में उदहारण सहित एकदम सटीक जानकारी से अवगत कराया गया है।स्वामी जी के प्रवचन सुनने के बाद पाखण्डियों को शर्मसार होजाना चाहिए।सत्यमेव जयते।सत्य की जय।
द्म व क्षेत्र ़ऋ ओओऋश्रक्ष😅😮
सत्य वचन महाराज जी 👌👌✍️🧘🧘🙏
नमस्ते पूज्य स्वामी जी 🙏
जय हो स्वामी जी आपकी आपकी प्रवचन सुनने में हमें बहुत ही
स्वामी जी का उपदेश अत्यन्त सराहनीय है। और ये कार्य एक आर्य ही कर सकता है।
ओम नमस्ते आचार्य जी
बहुत सुंदर विचार स्वामी जी
स्वामी जी में आर्य समाजी तो नहीं है लेकिन आपकी बात परम सत्य है में इससे बिलकुल सहमत हूँ
स्वामी जी का बहुत बहुत धन्यवाद,बहुत बढ़िया जानकारी दी है गुरुजी आपने
स्वामी जी मैं 3 महीने से आपकी हर वीडियो देख रही सुन रही हूं आपकी एक एक बात बिल्कुल सही है 50 साल पहले तक जो आर्य समाज थे वे अब पाखंड वादी हो गए उनमें मैं भी एक हूं हमारे गांव में पहले एक भी मंदिर नहीं था सभी आर्य समाज थे पशु पक्षी जल वायु सूर्य इनकी पूजा करते थे लेकिन अब सारे त्यौहार मनाने लगे मुझे वीडियो देखने के बाद आडंबर लगता है पाखंड लगता है हिंदू जितना मूर्ख है उतना संसार में कोई नहीं अभी जन्माष्टमी है वह भी दो बना दी गई है रक्षा बंधन 2 दिन मनाया गया बड़े दुख की बात है
आप किस जिले से हैं जहाँ पहले आर्य समाज था और अब सब पौराणिक हैं ?
अति उत्तम प्रेरणा दायक विचार है जी
बहुत बहुत धन्यवाद जी
प्रभुआपकीजीयवेदसबकेपासहोनाचाइय
सनातन धर्म में, भगवान और देवी देवताओं में अंतर है! भगवान एक ही है! और देवी देवता अनेक !
देवी देवताओं में भी सौम्य और उग्र हैं!
देवता 36 प्रकार के है।
* Akshat ji.pranamji.. suprabhatam. Namaskar..
* Aap ki or Swamiji ki Bat
100% sahi he....
*GOD-GODESSES=Dev-
Deviyan Alag he..
*Bhagvan'=Ishwar alag he.
* or..
PARMATMA ALag..he..
***
*KSHAR.. AKSHAR & AKSHRATIT ..(GEETA ji)
* LAA- .ILLAH..& ALLAH
( Kurane Sharif )...
* GOD..CREATER GOD &.
THE SUPREME TRUTH GOD...( BIBLE )...
* Matlab ki KSHAR ka Brahmand ( Kalmaya) jo
Patal se Vaikunth tak 14 Lok/ 14 Tabak/14 Realms
Jo Ham sab rahte he..
Or ..3 Gun- 5 Tatva & 14 logo ka MAHAPRALAY me
Nash honevala he ye to
Sab Shashtron kahte he..
* MAHAPRALAY= HASHRA ka Din= DOOMSDAY = Kayamat =
Sarvanash.....
** AKSHAR BHAGVAN
AKSHAR KA BRAHMAND=
YOGMAYA ka BRAHMAND
Jo Avinashi AKSHAR Bhagvan ka= SAT- SWARUP=SATTA-POWER
= jo SARJANHAR= Kudrat
he jo MAN- CHIT- BUDDH &
or AHANKAR ki LILA se
HAZARO BRAHMANDo ki
Rachna = Sarjan karte he
or Mitate he..jisko Shashtron ki Bhasha me
( Avyakrit/ sablik/ keval &
Satswarup Brahm bhi kaha jata he..Yogmaya Akhand Bhumi ete
..**AKSHRATIT= ( UTTAM PURUSH)= PURUSHOTTAM = PURANBRAHM =PARVARDIGAR =Allah= PuranBrahm = Parpurush
Jugal kishor=Kishorangam YUGALSWARUP= Anadi.
Ajar Amar YUVA = Amradsurat =Pran-nath =
DHAM DHANI =SACHIDANAND SWARUP
NIRVIKAR = CHANGLESS
SANGOPANG = SHINING BODY =(NOORJAMAL =
ADITYA VARN .= =SHOBHAYMAN- DARSHANIY....Gun- Bhavatmak namse punkara jata he...jese ki
** RAJ-SHYAMAJI =HAK-SHUBHAN =RUHALLAH= HAK- HADI=
SHYAMA SHYAM= THE
SUPREME TRUTH GOD & HIS CONSORTIUM = (AHULADINI SHAKTI) SHYAMA MAHARANI ...
* in Details..ref.Granth books..Shri kuljam swarup Saheb & The Vitak saheb of ..Shri Nijanand Sampraday ( Shri Krishna Pranami Dharm)
..pranamji Namaskar Suprabhatam sir ji..
Pranamji..
बिल्कुल सही कहा आपने स्वामीजी 🙏🙏
आज हमने पहली बार सुना की भगवान मरते भी हैं और पुजारी उनकी आत्मा को अपने वस में रखता है उन्हे नया जन्म देता है 😅😅
कहते हैं जब ईश्वर कण-कण में है तो फिर मूर्ति में क्यों नहीं मेरी आस्था अगर मूर्ति में है तो मेरी प्रभु मुझे मूर्ति में भी मिल जाएंगे क्योंकि वह प्रभु सर्वेश्वर प्रभु वही है जो हर असंभव को संभव कर सकते हैं. जो आम दुनिया का कोई साधु महात्मा ऋषि मुनि इंसान नहीं कर सकता भगवान के सोच से भी दूर कि वह हर चीज कर सकते हैं जिसे मनुष्य असंभव समझता है एक खंभे को टूटने पर भगवान नरसिंह ने निकलकर हिरण कश्यप का वध किया था क्या यह कोई दुनिया में ईश्वर के सिवा कर सकता है उल्टी-सीधी तर्क देकर धर्म विहीन ना करो हिंदू पहले से ही बहुत भटक चुके हैं अपने धर्म से इस तरह के साधु संत लोगों का बहिष्कार करना चाहिए सभी सनातनी हो सनातनयों को जो हमें हमारे आस्था और धर्म से दूर करना चाहते हैं जय श्री कृष्ण 🙏
जय श्री राधे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे राम राम हरे हरे 🙏🙏
ब्रह्मलीन स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज को उनके महान सेवा-कार्यो के लिए सादर प्रणाम।सादर शत-शत नमन वंदन श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
ओम नमो भगवते वासुदेवाय अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम दास मलूका कह गए सबके दाता राम स्वामी जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन वंदन अभिनंदन आर्य समाज सनातन धर्म की जय हो स्वामी सच्चिदानंद जी के चरणों में नमन वंदन अभिनंदन जय श्रीराम
सत्य वचन स्वामी जी आपको नमस्ते🙏🙏
ओम् नमस्ते अचार्य जीं जय सनातन
चरण स्पर्श स्वामी जी
Jai ho स्वामी जी
राम राम❤
Jai Bharat
जय श्री राम जय राम जय राम जय जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जय राम जय राम जय जय श्री राम 🙏🙏
बिल्कुल सही बात है आचार्य जी
Swami ji ki baat bilkul sahi he🙏🌹🙏🙇🙇🙇
Namaste
सवामी जी सादर प्रणाम
स्वामी जी को प्रणाम 👏👏👏
Swami ji aapko koti koti pranam🙏🙏🚩🕉️🚩🙏🙏
आर्य समाज के बिना सनातन अधूरा है दीन और दुबला है.अपनी बिमारी को हमने पहचाना और जाना ही नहीं ,जानने की ईच्छा शक्ति ही नहीं.
Namaste ji me odisha se huo
🙏🙏🌹
जय हो❤❤❤❤❤
ओ३म्
स्वामी जी
ॐ
Sahi baat hai
बहुत ही सुन्दर प्रवचन
Shreeman Aaj apne meri ankhen khol di dhanyawad
अति उत्तम स्वामी जी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🙏🙏🙏🙏🙏
स्वामी जी मै आपके विचारो से सहमत हूं बिलकुल सत्य वचन बखान कर दिया आपने आपका बहुत बहुत धन्यवाद । जय श्री सच्चिदानंद जी स्वामी जी ।
💯🌄💯💯💯💯
पुज्य स्वामी जी सादर नमस्ते 🙏
आडम्बर दिखावा हैं, भक्ति नहीं
सत्य सनातन वेदिक धर्म की जय
आत्मा को देखना ही मानव जीवन की पूर्णता है ,जो देखा है वही ज्ञानी है और उसी का संसृति चक्र नष्ट होता है ,वरना वह कोई भी हो वह अपूर्ण ही रहता है ।
सत्य वचन गुरु जी
आपने कहा कि थाली में चीजें सजाकर ले जाते हो उनकी भगवान को आवश्यकता नहीं फिर गीता में भगवान ने ये क्यों कहा-
पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति।
तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मनः॥
जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्धबुद्धि निष्काम प्रेमी भक्त का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुणरूप से प्रकट होकर प्रीतिसहित खाता हूँ।
~ श्लोक 26 - अध्याय 9
Satya sanatan vaidik dharm ki jay ho 🙏 🙏 🚩 🚩
Har Har Mahadev Har 🙏 🙏
Jay sanatan vaidik rashtra 🚩 🚩 🚩
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 🙏🙏
धर्म ओर भगवान् कोई खाने की वस्तु नहीं है। जिसे हम अच्छा या बराब कहे।
Jay shree Ram Ram
ओम नमः शिवाय। स्वामी जी नमस्ते। हमने तो। जब से। होस संभाला है। एक ही धर्म समझा है बस सनातन धर्म ही। जाना है और कोई धर्म समझा में नहीं आता
कहते हैं जब ईश्वर कण-कण में है तो फिर मूर्ति में क्यों नहीं मेरी आस्था अगर मूर्ति में है तो मेरी प्रभु मुझे मूर्ति में भी मिल जाएंगे क्योंकि वह प्रभु सर्वेश्वर प्रभु वही है जो हर असंभव को संभव कर सकते हैं. जो आम दुनिया का कोई साधु महात्मा ऋषि मुनि इंसान नहीं कर सकता भगवान के सोच से भी दूर कि वह हर चीज कर सकते हैं जिसे मनुष्य असंभव समझता है एक खंभे को टूटने पर भगवान नरसिंह ने निकलकर हिरण कश्यप का वध किया था क्या यह कोई दुनिया में ईश्वर के सिवा कर सकता है उल्टी-सीधी तर्क देकर धर्म विहीन ना करो हिंदू पहले से ही बहुत भटक चुके हैं अपने धर्म से इस तरह के साधु संत लोगों का बहिष्कार करना चाहिए सभी सनातनी हो सनातनयों को जो हमें हमारे आस्था और धर्म से दूर करना चाहते हैं जय श्री कृष्ण 🙏
মহান " ঈশ্বর " আপনার মঙ্গল করুন l
हिंदुओं के भगवान भी अलग है
Ram Ram
धन्यवाद जी आपके प्रवचन हमारे परम पूज्य संत राजेंद्र सिंह जी महाराज जी यही बात कहते हैं
Pranam guruji
🙏🕉🌺
Jai ho swami ji
ॐ नमः नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण हरि हरि ॐ नमः 🙏🙏
अमेरिका मे 40 साल तक आत्मा पर शोध हुआ,ओर बोला सच मे कोई ना कोई ऊर्जा है मनुष्य के शरीर मे।
ईश्वर किसी का दिया चीज खाते नही ,किन्तु उस भक्त के भाव को ग्रहण करते है ,पत्र पुष्प फल जल यदि भक्त समर्पित करता है तो ईश्वर उसे स्वीकार करते है ।
Pranam swamiji
Bhat acha karaykaram h
Pujya Swami ji, Main aapko jitna sunata hoon Mantra mugdha ho jata hoon.
Guruji pranam bahut bahut hi badhiya
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया 🙏🙏
जय श्री राधे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे 🙏🙏
ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि 🙏🙏
🙏🙏
Om namaste Swami ji bahut sundar shikshya dhanyawad
🙏🙏🙏
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे श्याम 🙏🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमः नारायण हरि हरि 🙏🙏
Ram Ram Bhai.
Satya Sanatan Dharm ki Jay Ho.
Jay ma Bhartiy -Akhand ma Bhartiy.
गुरु जी मैं आपकी बात से सहमत हूं,प़रतू मूर्ति में भगवान का चमत्कार हमें देखने को मिला है, और मां शारदा और सभी देवी दरबार मूर्ति मैं जो कि प्रसिद्ध हैं इसका क्या अर्थ है, बताइए
ॐ नमः नारायण हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ नमः नारायण हरि हरि 🙏🙏
ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे ॐ जय जगदीश हरे हरे 🙏🙏
Jai Sri ram
Maharaj app sahi kahte hai .Hindu Dharma me vrat,pooja paath, darshan,yaatra sirf show baji,dekha dekhi ke liye hi karte hai.
Swami ji me aap se shemat ho kripya karke aap hamare gram mukimpur pilkhuwa jila Ghaziabad tahsil Modinagar mein bhi aap padhare aur ek satsang jarur Karen Swami ji aapka bahut bahut dhanyvad
ઓમ
कभी कभी सच्चाई को बताते है कभी गलत भी बताते है
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ଆର୍ଯ୍ୟ ମତ ଅନୁସାରେ ସର୍ବବ୍ୟାପୀ ପରମାତ୍ମା ହିଁ ଆରାଧ୍ୟ, ଯିଏକି ବେଦ ପ୍ରଦାନ କରିଛନ୍ତି। ମୁଁ ଜାଣିନି, ପରମାତ୍ମା ଚେତନ କି ଅଚେତନ ବ୍ରହ୍ମ।ଯିଏ ଯାହାର ସୁବିଧା ମତେ ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ସ୍ମରଣ କରି ଚାଲିଛନ୍ତି, ସମସ୍ତେ ଏକ ସ୍ଵରରେ,ଏକ ମାର୍ଗରେ ଯିବା ସମ୍ଭବ କି???
Bahut badhiya vichar kote kote naman 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Kabir das g Ka Bani mujhe achhi Lagta hai
👋👋👋🙏👍
ईश्वर निराकार भी है किंतु आकार वाला भी है ,जब योगी आत्म साक्षात्कार करते है तो चित से सत का दर्शन करते है ,तो क्या वह आकार नही है ।
Jis parmatma nain sakar banaya woh nirakar nanhi ho sakta geeta ji pado
Oum namaste ji Acharya ji
12:10 12:19
Savamiji ye hindustan me sahi kon .
Aap jesa hajaro sant alag alag santsang dete he.
Tum sab mahamurkh ho.
Ham hamare sadha se jiyenge.
Swamijee namaste.
10:55 11:13
Swami ji apne bhagwan ko prem nahi karte to jante bhagvan sarwabyapi hai hamne mahsus kiya hai