Very informative video! Thanks a lot!😇👍👌🙏 I am in 3rd year mechanical engineering and I am planning to work in QC department after my bachelors. This is really a life-changing and inner motivating video.
Muze gauges manufacturing company may 6 years ka QC experience hai .. Dusre company interview k liye jao toh kehte hai aapka product alag tha woh experience humare kisi kam ka nahi...Muze steel industry may switch hona hai 😑
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language .,...,,.....
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language.,.,....,
no dear both field is different to each other.. but the way of work is same in any field of qc .. its very easy to know about qc one of the best future field
Bhai I have a doubt and I'm confused I am working in an company from past few weeks and I have been hired for particular department but the thing is the Boss is not utilising my abilities to full extent with this I'm loosing 10hrs every day even though I am getting paid but money is not everything I am going to work so that I can improve my self every day...but they hardly use my Skills, there are few pending works which my boss has to do I remind him every day but he just ignores that which is obviously not a good sign that work is very important but still he kept that on pending because of this I am loosing my time ... Please guide me what shall I do
Sir kindly request you to please make a vidoe on jobs responsibilities of construction quality management in the field of fabrication as per quality management requirements iso 9001 - 2015..
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language..,.,....
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language......,....
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language........,
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language.....,.. ,..
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ? = > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो " तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ! = > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h so plz minimum one time read Quran it is a word of god , i promise you will know everything that you want Search on you tube Quran translation in your language.,...,...,,
Main 12 pass out hi science P.C.B group se,aur abhi U.G kar raha hu ,mujhy Q.C main job mili thi ,maine 3 din kar ke chid de kya main sahi kiya ya galt,agar glat kiya to kaise please bataey,thanks
I have 2year of experience in QA/ QC department but when I am switching industry interviewer have only single question,your experience is not worthy for our organization. So I am know what the the best ans for this question? please reply otherwise make video in type of questions.
Hi namaste brother QC me future Kaisa rahga mujhe v call Aaya tha QC k lie but counse Hu Kru ya nahi After 1or 2 k baad salary Kaisa rahga reply me plz ....
Sir Apki Smile bahut Sweet hai...😊🥰🙏
आप बहुत अच्छे वीडियो बनाते थैंक्स आपकी वीडियो से बहुत कुछ सीखने को मिलता है
Very informative video! Thanks a lot!😇👍👌🙏
I am in 3rd year mechanical engineering and I am planning to work in QC department after my bachelors.
This is really a life-changing and inner motivating video.
All the best
@@FocusLocus quality control engineer ke liye konsa software sikhna chahiye.
Mechanical engineer 4th year ka student hu
Sir aapki interview ki video dekhi mera QC post pe selection ho gaya
Or kya qualification hona chahiye
Bhai apna no. Dena
Muze gauges manufacturing company may 6 years ka QC experience hai .. Dusre company interview k liye jao toh kehte hai aapka product alag tha woh experience humare kisi kam ka nahi...Muze steel industry may switch hona hai 😑
elmuniyam caustic GDCquality ke bare mein
Solar me quality engineer ka kya kaam hota plz explane
E&I QA/QC karna chate hai hum to india kaha se Course kare kon sa Institution better hai jiska certificate ka value hai
Hello sir thank you so much for your support in terms of your best knowledge sharing and sharing your experience with us
Thanks and welcome
Please ek video production engineer ke JD pe sir
Good video sir
Thanks
Sir ap zcl me Kam karte hai kya
DHaga campny me Wrapping kaise check kiya jata hai
I would request you to please upload a video on job responsibilities of production engineer or in charge
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h
so plz minimum one time read Quran
it is a word of god , i promise you will know everything that you want
Search on you tube Quran translation in your language .,...,,.....
Hello sir , I am working in tire industry in QC but i want to jump in Steel industry. Is tire industry experience will work in steel industry?
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h
so plz minimum one time read Quran
it is a word of god , i promise you will know everything that you want
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Sister aap kon se branch se ho
Ap kaha se ji.odisha se kya
no dear both field is different to each other.. but the way of work is same in any field of qc .. its very easy to know about qc one of the best future field
Thank you making such a great video. Industrial knowledge is what is required to narrow down between a company's requirement and candidate knowledge.
Could u share me ITP process for steel Struture.
Me color blind hun aur diploma aur b. Tech mechanical engineering complete hun to me kar paunga mere liye kounsa department acha he plz reply kijiye
Sir line checker ka kya kam hota h spesly
Sir ma wood ma qualti ki job karna chaiti hu ma Kaya karu bolo
Sir, chemistry degree Holders do this work ? In Quality control department, and manufacturing or architecheral industry?
Sir Civil QC kaisa hoga scope ,maine civil branch se diploma kiya h....
I am selected diploma engineer trainee in Quality in SSWL company mehsana🤗😅
Bhai I have a doubt and I'm confused I am working in an company from past few weeks and I have been hired for particular department but the thing is the Boss is not utilising my abilities to full extent with this I'm loosing 10hrs every day even though I am getting paid but money is not everything I am going to work so that I can improve my self every day...but they hardly use my Skills, there are few pending works which my boss has to do I remind him every day but he just ignores that which is obviously not a good sign that work is very important but still he kept that on pending because of this I am loosing my time ... Please guide me what shall I do
Sir aap kaha work rahe ho??
Polyfabs Limited company me quality ka kaam kya hota hai
Quality control panel means
Sir hame sekha do
Quality inspector aur quality control ik hi hota hai kya
Sir kindly request you to please make a vidoe on jobs responsibilities of construction quality management in the field of fabrication as per quality management requirements iso 9001 - 2015..
Sir quality manje kay saga
Good job bhai...
Thank you
Sir mai ITI kiya hu mujha QC ka course karna hai
Sir me electrical engineering kiya hu kaya quality department kesha plastic auto mobail pharmacy kon acha bataye plz
I have been degree @EE.
May anyone help me to find such institute where QC courses are available.
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h
so plz minimum one time read Quran
it is a word of god , i promise you will know everything that you want
Search on you tube Quran translation in your language..,.,....
Mujhe helper ka kam milega g
sir,
rolling mill me pipe quality control ka job growth kysa h??
please reply
Victora auto pvt limited is good to start career as a graduate engineering training for quality engineering... Plz sir response me
I've completed diploma in mechanical engineering
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h
so plz minimum one time read Quran
it is a word of god , i promise you will know everything that you want
Search on you tube Quran translation in your language......,....
Q.c engineer ke liye documents ana chahiye kau sa
Thanks a lot sir
Most welcome
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
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I am completed Diploma in mechanical engineering....
Which Department is good for me....
Kitine sal ka diploma bro
@@kedarnathsahu6864 3 year's ka bro
Go with your self what ever you want
I am doing job as QC engineer in Havells
Sir ji QC ke sath diploma v company magnti h kya 12 ke bad QC kar skte h kya diploma nhi na magegi.. Plz plz sir ji ek video banayiye plz... Plz
@@ajaysinghrawat8042 where can I QC course.
I have completed diploma in mechanical engineering but i am interested quality department
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h
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Course
@@true1330 se
Good
Sir m 12+iti fitter hu....m QC ka course kar k QC m ja sakta hu ya ni...ya or koi cours Karna hoga....
No bro
is ndt course enhance my knowledge in quality field?
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह , क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > Jo kuchh jameen mein hai jo kuchh aasmanon mein sab kuchh Allah ka hai aur jo hamare pass hai vah hame di gai Amanat hai
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ?
= > Jisne Allah ka phla hukm jhutlaya vo kafir ho gya
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
" अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1 ) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है , जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है , अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा !
= > यहां तक के इंसानों के सामने ज्यादा गिड़गिड़ाना गिड़गिड़ाना भी काफीर बना देता है
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Main 12 pass out hi science P.C.B group se,aur abhi U.G kar raha hu ,mujhy Q.C main job mili thi ,maine 3 din kar ke chid de kya main sahi kiya ya galt,agar glat kiya to kaise please bataey,thanks
Galat kiya
Laundry systems accha hai kya sir
Sir kaya quality me electrical engineering ka scope achha bataye plz
Sir refrigeration company me QA Engineer life secure hai
Quality checker mai kya kam hota hai
Diploma may job chaiya
Sir quality ki job chaiye.
Sir i have complete diploma mechanical engineering .sir mera interested maintenance m ha job ka lye kya kru.
sir job milega QC Mechanical .Diploma .NDT
Me Aviation sector me job mil sakti hai
Please make video in English sir
I have 2year of experience in QA/ QC department but when I am switching industry interviewer have only single question,your experience is not worthy for our organization.
So I am know what the the best ans for this question? please reply otherwise make video in type of questions.
Hi namaste brother
QC me future Kaisa rahga mujhe v call Aaya tha QC k lie but counse Hu Kru ya nahi
After 1or 2 k baad salary Kaisa rahga reply me plz ....
@@imtiyazalam3297 offcourse banao future QC ME Lekin salary hike samay per native karte rahna
Thanks bro
@@mukeshyoutube4981 bro can u share me your experience about qc I want do the course can u share me your number so I contacted you
Sir job fila jiye
Sir pls reply
Mera luminous me quality me hogya hai
Mainly iqc me.. Pls tell isme carrier kaise jaaega mera.
Sir job fila jiye