।।जय श्री सच्चिदानंद परमेश्वराय नमो नमः।।:-कविता:-नमस्ते नमस्ते सतगुरु महाराज, भवसागर से तारणहार। संतो का करते बेडा पार, पारब्रम्ह सत साहेब ऋषिराज।।00।।साल बीसम बीसा से तुम धरा धाम पर आऐ, सारशब्द की अलख जगाए। बिना दक्षिणा के शबद लखावें, संतों के चित्त को अति भावे।अमरधाम के तुम हो वासी, परमपितामह परमेश्वर अविनाशी। सुरति शबद संग मेल मिलाप कराते, अंत समय सतधाम ले जाते।।01।।तेरा सारशब्द सुमिरण ही तारणहार, जीव जगत पर तेरा उपकार। जो कोई जाने वो तुझे माने, मायाबी संसार क्या जाने।।जो कुछ है सब तेरा ही दाता, ब्रम्हांडों का तू सिरजन कर्त्ता। काल जाल से तू ही बचाता, बंदीछोड़ तभी कहलाता।।02।।तेरी महिमा अपरम्पार ,क्या जानेगा निगुरा संसार। सगुण निर्गुण से तू न्यारा, पांच-तीन के उस पारा।।सतयुग त्रेता द्वापर कलियुग में भी आया तू। अब घोर कलिकाल में नूरी विदेही स्वरुप बनाया तू।।03।।जय जय जय सतपुरुष नूरी कबीर अवतार। सालिकराम करता तुझको नमस्कार।।साँई अरुण जी महाराज नित तेरे ही गुण गावे, यूट्यूब और फैश बुक पर सतसंग सुनावे। तेरी कृपा से ही तेरा परम भेद बतावे, जो सुन पावे वह सारशब्द का सुमिरण पावे।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।00।।
बढ़िया सर वस्तु क्या है जो प्राप्त कर दोगे और आपने कहा सर वस्तु है वहदे देगा इसका मतलब समझना😅 हां यह बात है जो मेरे तपस्या और रास्ता वह बता देंगे उसको साफ शब्दों
।।जय श्री सच्चिदानंद परमेश्वराय नमो नमः।।:-कविता:-नमस्ते नमस्ते सतगुरु महाराज, भवसागर से तारणहार। संतो का करते बेडा पार, पारब्रम्ह सत साहेब ऋषिराज।।00।।साल बीसम बीसा से तुम धरा धाम पर आऐ, सारशब्द की अलख जगाए। बिना दक्षिणा के शबद लखावें, संतों के चित्त को अति भावे।अमरधाम के तुम हो वासी, परमपितामह परमेश्वर अविनाशी। सुरति शबद संग मेल मिलाप कराते, अंत समय सतधाम ले जाते।।01।।तेरा सारशब्द सुमिरण ही तारणहार, जीव जगत पर तेरा उपकार। जो कोई जाने वो तुझे माने, मायाबी संसार क्या जाने।।जो कुछ है सब तेरा ही दाता, ब्रम्हांडों का तू सिरजन कर्त्ता। काल जाल से तू ही बचाता, बंदीछोड़ तभी कहलाता।।02।।तेरी महिमा अपरम्पार ,क्या जानेगा निगुरा संसार। सगुण निर्गुण से तू न्यारा, पांच-तीन के उस पारा।।सतयुग त्रेता द्वापर कलियुग में भी आया तू। अब घोर कलिकाल में नूरी विदेही स्वरुप बनाया तू।।03।।जय जय जय सतपुरुष नूरी कबीर अवतार। सालिकराम करता तुझको नमस्कार।।साँई अरुण जी महाराज नित तेरे ही गुण गावे, यूट्यूब और फैश बुक पर सतसंग सुनावे। तेरी कृपा से ही तेरा परम भेद बतावे, जो सुन पावे वह सारशब्द का सुमिरण पावे।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय संत परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।00।।
हां भैया आपने तो मेरे मन की बातबोल दी तूने वेशभूषा कुछ भी नहीं हैऔर
Sat saheb ,,,piriye
😢The.😊😅😅
Sai Arun ji maharaj Saraswati ka Vaidik Guru
Aur vah Sar Shabd Humko prapt Hua Hai
Sai Arun ji Maharaj Vedi Guru hai aur Sar shabd Sar Shabd Lagati Hai
अकह अलख परमात्मा है तो कबीर परमात्मा कैसे हुए?
Nihang dharm singh ji neh Bii
Bahut kaam Kiya Hai satgur Kabir ji ki Bani par
बढ़िया सर वस्तु क्या है जो प्राप्त कर दोगे और आपने कहा सर वस्तु है वहदे देगा इसका मतलब समझना😅 हां यह बात है जो मेरे तपस्या और रास्ता वह बता देंगे उसको साफ शब्दों