Kabir Bijak , Shabd ka Vichar Na karne ka Parinam,, कबीर बीजक,शब्द का विचार ना करने का परिणाम,

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  • เผยแพร่เมื่อ 6 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 2

  • @salikramsoni4560
    @salikramsoni4560 11 วันที่ผ่านมา +1

    परीक्षा नंबर-37-का जबाव-सत साहेब गुरुजी सादर प्रणाम। आपने भ्रामरी और सारशब्द के फायदे समान हैं के बारे में पूछा है किन्तु मैं इससे सहमत नहीं हूँ। भ्रामरी एक देहिक क्रिया को कहा जाता है जबकि सारशब्द विदेही सुमिरण को मेरी निज अनुभूति के अनुसार कह सकता हूँ। भ्रामरी मानवकृत है जबकि सारशब्द परमात्मा प्रदत्त है। भ्रामरी से परममोक्ष हासिल नहीं होता जबकि सारशब्द परममोक्ष दायक है। भ्रामरी खंडित अभ्यास है जबकि सारशब्द अखण्डित है। चूंकि परमात्मा सतगुरु द्वारा सारशब्द जिज्ञासुओ सुपात्रों विरलों को स्वयं के द्वारा दिया जाता हैऔर भ्रामरी देही गुरुओ के द्वारा किसी को भी दिया जा सकता है। सारशब्द की अनुभूति आत्मा को होती है और भ्रामरी का अभ्यास मन करता है। दोनों में जमीन आसमान वाला अंतर है। भ्रामरी से केवल देहिक शारिरिक अस्थाई लाभ मिल सकता है और सारशब्द सुमिरण से लौकिक के साथ साथ पारलौकिक लाभ भी प्राप्त होता है। अस्तु अभी इतना ही, भूल चूक को क्षमा कीजिऐगा।।सादर समर्पित।।सालिकराम सोनी।।00।।

  • @SerendaraSingh
    @SerendaraSingh 2 วันที่ผ่านมา

    एक बार शराब बीजक का वीडियो बनाकर पढ़ते हुए