motivational lecture by Mr Mukund Kanetkar

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  • เผยแพร่เมื่อ 14 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 10

  • @umeshkumarsingh7798
    @umeshkumarsingh7798 ปีที่แล้ว

    हमेशा की तरह अद्भुत
    प्रणाम दादा जी

  • @mayadadhich1263
    @mayadadhich1263 3 ปีที่แล้ว

    🙏 sir Jai shree Ram

  • @अग्नि-फ1ढ
    @अग्नि-फ1ढ 4 ปีที่แล้ว +2

    विवेकानंद जी की ये विशेष बातें आज के युवाओं को पता नहीं है,
    कृपा कर विवेकानंद की सम्पूर्ण जिंदगी पर ऐसे वीडियो बनाकर डालें,,,

  • @dr.maheshdadhich600
    @dr.maheshdadhich600 7 ปีที่แล้ว +4

    स्वामी विवेकानन्द पर मुकुल कानिटकर जी से प्रभावी बौद्धिक पहले कभी नहीं सुना: सादर नमन

  • @mrshubham.508
    @mrshubham.508 3 ปีที่แล้ว +1

    वाह अरे जित लिया अपने मन.
    शत शत नमन ....
    मे आपकी बातो को अभिसे follow करुंगा....🙏🙏🙏🙏🙏

  • @drbsjohri
    @drbsjohri 4 ปีที่แล้ว

    जागरण के लिए आभार

  • @lnsharma1438
    @lnsharma1438 3 ปีที่แล้ว

    Once more opportunity to
    Virtual association with
    A historical association of
    You hoth the pathfinder of mine in BSM.

  • @MahadevaswamyK15
    @MahadevaswamyK15 6 ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏🙏🙏

  • @संजीवरघुवंशी-छ3फ
    @संजीवरघुवंशी-छ3फ 6 ปีที่แล้ว +2

    वन्दे मातरम गुरु जी बहुत महान कार्य कर रहो हो अपना नंबर दे

  • @AnilKumar-qe5di
    @AnilKumar-qe5di 4 ปีที่แล้ว +3

    It was not Swami Turiyananda (Hari Maharaj) rather Swami Akhandananda (Gangadhar Maharaj) , Swamiji's brother disciple who used to bring those volumes for him everyday which was John Lubbock's work. Please correct it.