Krishna Chandra Dahiya has done the biggest research on Jats जाटों पर सबसे बडा शोध इन्होंने किया है
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 14 ต.ค. 2022
- #KrishnaChandraDahiya #jats #jat #jathistory
jat,jatni,jat regiment,jat army,jat history,jat airways,jat vs,jaata,sikh jat,jat sena,jat reservation,jat caste,jat samaj,jat brand,jaton ka itihaas,jat flight,jat shorts,jat brand dk,jat khaliyeh,jat new songs,jat flight 367,istorijat jat,jat khaleeyeh,jaton ka itihaas kya hai,kya hai jaton ka itihaas,jat mangal pala,jat nepali song,jat song nepali,mzia jat fi madama,tere bina jatni,bita jat khaleeyeh,jaato ka itihaas,jaat
Welcome to The Haribhoomi TH-cam Channel. The Haribhoomi channel is all about Latest News, politics news, entertainment news, sports news, social media news, movie reviews, opinion news and more.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in the favor of fair use.
देश के प्रमुख हिंदी समाचार पत्रों में शुमार हरिभूमि के यूट्यूब चैनल पर आपका स्वागत है. यहां आपको मिलेगी राजनीति, मनोरंजन, खेल, अर्थव्यवस्था, अपराध और धर्म से जुडी सभी खबरें मिलेंगी. साथ ही खास मुद्दों पर मिलेगा पूरा विश्लेषण.
Welcome to The Haribhoomi TH-cam Channel. The Haribhoomi channel is all about Latest News, politics news, entertainment news, sports news, social media news, movie reviews, opinion news and more.
India's leading Hindi Website and a leading Hindi News daily. For updates log on to haribhoomi.com. You can get news updates on ur mobile @m.haribhoomi.com
Stay tuned for all the trending news in Hindi, exclusive videos and celebrity interviews
कृष्ण चंद्र दहिया जी अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिछले दिनों उनका कैंसर के चलते निधन हो गया है। उनका काम हमेशा उनको जिंदा रखेगा।
_धर्मेंद्र कंवारी, संपादक हरिभूमि
Ek bar or bat honi thhi 😢
शत शत नमन
ॐ शांति। 🙏🙏🙏
नमन।
धर्मेंद्र जी कृपया कृष्ण चंद्र दहिया जी की क़िताबें उपलब्ध करवाने का कष्ट करें।
Sir I want this books I am satwant kaur from Germany
So sed bot history di hai logo ko logo ko inka video sabko dekha chahia
दहिया साहब द्वारा समाज के लिए किए गए साहित्यिक योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा । आने वाली पीढ़ियां अवश्य उनसे प्रेरणा लेंगी ।
मेरे बचपन की बात है, राह चलते लोग दोपहर के खाने के वक़्त किसी के भी खेत में खाने के लिए रुक जाते थे। हमारे घर से दो तीन आदमीओँ का खाना ज़्यादा जाता था। लोगों का उस खाने पर हक़ होता था। बहुत बार बचा हूआ लौटता था, मगर जाता ज़रूर था।
यहाँ कनाडा में एक गोरा पंजाबीओं के साथ काम करता था।वह बाहेँ फैला कर बोल रहा था कि पंजाबी जटों का इतना बड़ा है । वह बोलता था कि माता खाने के बग़ैर आने ही देती।
yes, bilkul sahi kha apne , or jab koi ass pdose ka ajata hmare sath beth kr khane ke liye to us bat ki bhi andr ne khusi hoti thi joki aj bhi ase hi chl rha h 🙏😊
बहुत ही तार्किक जानकारी। धर्मेंद्र जी यदि किसी विद्वान ने जाति व गोत्र व्यवस्था पर research किया हो तो उसका भी interview करना।
ताऊ की लिखी किताब पढ़ें उनमें जाटों के बारे में सभी जानकारी गोत्र वगैरह की भी जानकारी है
Krishan Chand dahiya ji very
Learned, wise man very good research on JAAT and
Indian civilization. Great work. Thank you so much for providing best knowledge. Keep it up sir.
Bina skip pura interview dekha hai
Bahut sundar Ram Ram dada ko
Dhanyawad patrkar ko
इस अद्भुत इंटरव्यू के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
आदरणीय दहिया जी को इस ऐतिहासिक रिसर्च कार्य करने के लिए शत-शत नमन। 🙏🙏🙏
excellent deep coverage. I m Hindu Punjabi in delhi, lived in arab countries and workd people from egypt, lebanon etc. I could always visualise jats with people special from egypt/lebanon. Now I can better understand deep mistrust roots in jats about all others specially aryans and will neer accept their leadership even on merit basis. with time, it will change de to education, spirituality, training and development.
Marhoom Dahiya sahib ki aatma ko bhaghwan shaanti de or unki bakhshish furmai 🙏 from punjab
जाट यही के थे कहीं बाहर से नहीं आए बल्कि भारत के ही जाटों ने पूरी दुनिया पर राज किया है यह अंग्रेजों की बनाई हुई बात है कि जाट बाहर से आए जाट यहां के मूल निवासी हैं बाकी उनकी बातें ठीक मानी जा सकती हैं
पुर्व मे ईरान अफगानिस्तान भारत का ही हिस्सा था
भाई बोलने मात्र से जाट हिंदुस्तान के मूलनिवासी नहीं हो सकते। इसके तुम्हारे पास ऐतिहासिक प्रमाण है, तो बताओ..! कोई प्राचीन पांडुलिपि या शिलालेख बताओ..?🇮🇳🤔📝
@@ZmidarGordhnpuraTheNatureLover उत्तर भारत के सभी भाषाएं संस्कृत में से निकली हैं पंजाबी में भी संस्कृत की झलक मिलती है यह क्या छोटा प्रमाण है
@@MandeepSingh-gn4cw pali bhasha jise brahmi kehte hai wo sanskrit se bhi pehle ki hai
dan k time kitni ryaste dan kiya jato nai agr puri duniya mai raj kiya 😅.......salo jaha bhi gye bs bezeti hi krvayi hai jato nai😅
ताऊ कृष्ण चन्द्र को राम राम नमस्कार 🙏 व विशेष आभार समाज के लिए बौद्धिक कार्य करने के लिये
Hamare desh or samaj ko in mahapurushon ki sakht zarurat hai 🙏🏻🙏🏻
Bhagwaan inko Lambi aayu or swaasthya de 🙏🏻🙏🏻
Thanks for great knowledge, and research by Tao ji it's very useful for all of us.
🙏🙏
Very great historical writer about Jat history.your sacrifice will be remembering in Jat community.Those who knows about Jat came in India and How many years before came in india.please read the books of Dahiya sir.
बहुत बढ़िया जानकारी दी ताऊ जी ने, बड़े भाई इस इंटरव्यू के लिए आपका धन्यवाद। अपने बच्चो को कभी अपना इतिहास बताना होगा तो ये वीडियो काफी होगा। गांव के किस्से दिखाते हैं कि कैसे सब जाति के लोग मिलकर रहते थे। जितना हम मॉडर्न हुए हैं उतना जातिवाद का जहर घुल गया हैं, पहले जो भाईचारा था अब पॉलिटिक्स की वजह से कही न कही वो खत्म हो गया हैं।
Very useful information and knowledgeable. Thanks.
जाती वाद का जहर कुछ राजनीतिक दलों ने अपने फायदे के लिए ईतना फैला दिया के समाज में नासुर बण गया,है शिक्षा का इसमें कोई योगदान नहीं है,आज भी गांवों में ईसकी झलक देखने को मिल जाती है पर पहले वाली नही,पर भगवान की नजर मे सब है,करोना ईसका उद्हारण है जब सब कुछ बंद था तो आपसी भाई चारा ही काम आया जाती पाती नही उससे पहले 1995 की बाढ थी उन समय भी करोना वाले ही हालात थे सभी एक दूसरे के काम आए वो भी जाती वादी से उपर उठ कर भाई चारे मे
जाती वाद का जहर कुछ राजनीतिक दलों ने अपने फायदे के लिए ईतना फैला दिया के समाज में नासुर बण गया,है शिक्षा का इसमें कोई योगदान नहीं है,आज भी गांवों में ईसकी झलक देखने को मिल जाती है पर पहले वाली नही,पर भगवान की नजर मे सब है,करोना ईसका उद्हारण है जब सब कुछ बंद था तो आपसी भाई चारा ही काम आया जाती पाती नही उससे पहले 1995 की बाढ थी उन समय भी करोना वाले ही हालात थे सभी एक दूसरे के काम आए वो भी जाती वादी से उपर उठ कर भाई चारे मे
ताऊ जी को सादर प्रणाम। ताऊ जी ने बहुत अच्छा अनुसंधान किया है और इनकी बातों से एक बात बिल्कुल अच्छे से स्पष्ट होती है कि हमारे समाज में जाट बिरादरी और चमार बिरादरी बहुत पुराने समय से एक दूसरे से अच्छे संबंध रखते आए हैं। पर आज के समाज को देखकर ऐसा लगता है कि हम अपने उन प्राचीन मूल्यों को भूलते जा रहे हैं।
जाट और चमार एक ही कबीले से संबंधित हैं , सामाजिक आर्थिक कारणों से अलग हुए हैं ।
Hamare yahan ahir or. Chmar to ekdusre ke ghar aate jate or khate pite hain
Jat aur jatav ek hi hai
Lekin durbhagya ki baat ye hai ki ye dono jatiyan jahan kisi bhi jagah ladai hoti hai to inhi do jatiyo ke bech hoti hai
@@ramnarayansindhu9949 nhi h
Great Research on our community by Krishan Dahiya sir, may God give you good health for your grate contribution in future.
बाते काफ़ी रुचि भरी है अच्छी है जानकारी का कुछ ज्ञान मिला बहुत दिनों से इनका इंटरव्यू देखना चाहता तो मिला नही आज मिला है इनके देहांत की सूचना भी मुझे पहुंची पर समय के अभाव में मै पहुंच नही सका इनकी जानकारी हमारे लिए काफी फायदेमंद है समाज् के लिए भी मै सभी से निवेदन करना चाहूंगा कि जो भी ज्यादा जानकारी लेना चाहे वो इनकी पुस्तके मगवा सकते हैं शायद ये सब काम अब इनका बेटा संभाल रहे हैं पर आपका अगर सम्पर्क होता है तो ये किताब आप मगवा सकते है । धन्यवाद ।
मनघड़त कहानी सुना रहे है ताऊ जी, जाओ+ ट ये कोनसा संधि विच्छेद है?
जाट शब्द की उत्पति संस्कृत के जटा शब्द से हुवी है। प्राचीन काल में जो बड़ी बड़ी जटा रखते थे और पूर्ण रूप से कृषि और प्रकृति पर निर्भर रहते थे उन्हें ही आज के समय में जाट कहा जाता है।
ताऊ जी कह रहे है गेहूं लिब्नान में हुवा, लेकिन विश्व को कृषि करना भारत वासियों ने सिखाया। मजाकिया ज्ञान है ताऊ जी का।
ताऊ जी बुरा मत मानना आप हमारे समाज के बुजुर्ग हो आपका मान सम्मान हम करते है। पर आपकी कहानी से लगता है आप जाटों को विदेशी बता रहे हो। ये अपने आप में हमारे इतिहास के साथ मजाकिया ज्ञान है।
जाट शब्द ही सही नहीं है सही शब्द तो जट ही है
Bhai sahi kaha .
@@Gudgudi_Adda भाई जाट हिंदी और जट पंजाबी का शब्द है असल में ये शब्द जटा है। जटाधारी ही जट और जाट है।।
अरे अनपढ़ आदमी दुनिया मे पहले सिर्फ ट्राइब्स ही हुआ करती थी m धर्म और राष्ट्र बाद में आए हैं। पंडो ने तुम्हारे दिमाग में कचरा भर दिया।
जाट शब्द की उत्पत्ति कोई बात नहीं करता लेकिन जहां तक बात 10000 से 9000 साल पुरानी है उस समय सारी की धरती सनातनी यों की थी। उस समय भारत के अलावा शायद कोई सांस्कृतिक आइडेंटी भारत के अलावा कहीं नहीं। वह भी अग्नि पूजक है गाय के पेशाब का अपने पूजा पाठ में प्रयोग करते हैं। कुछ समय पहले सऊदी अरब में भी मंदिर के अवशेष मिले हैं हां जी आपकी बात सही है इससे कथित भिमेटों के नरटीव को ताकत मनवाने के लिए
mere se bhi kaie baar fone par baat huie thi Tau se bahot hi zinda dil insan the , unki book Jaton ke itihas ka prancheentam safarnama bhi mere paas hai , ❤❤❤❤
कमाल की बात है कि चाहे कोई भी इतिहासकार चाहे वह चीनी हो, अरब हो, अंग्रेज हो, अफ्रीकी हो, या हिंदुस्तानी हो आज से 300 साल पहले केकिसी की किताब में जाट शब्द नही है। ये कह रहे हैं हजारों साल पहले की।
Jaat basically a tribe thi. Fir bad me wo Hinduism ,Islam aur Sikkhism me convert ho gyi.Hinduism me convert hone pr Jaal ek caste bna gyi . Historians ne hmesha Tribes ko ignore Kiya h apne books me.India me is 700+ tribes present h aur sabka apna religion hai .
Tune kitabe pdhi bhi h😂😂😂😂
jo jhati tatv samaj mai rhe whi age chl kr k jat keh lYe😅
Original word is Jatt.... Jat word nhi tha Jatt to tha ... Jat is the hindi meaning of Jatt ... Jat / Jatt both are same ...
Mahrishi paanini ne 3000 Saal phle
Jatt word mention kar diya tha apni book ashtadhyaayi me ...
@@magicalastrology3553great info🙌
बहुत अच्छी जानकारी दी।
इसके लिए आपका बहुत आभार❤🙏
Great Analysis 👍 I would also like meet Dr Dahiya... But u fortunately he is no more... May his soul rest in peace 🙏🏻 🎉
Bhai aapka bahu bhaut dhanyavad iss video ke liye🙏
बहुत ही शानदार अनुसंधान किया है आपने। मै तो आपके इस शोध को जाट का न मान कर यहाँ के उस वक्त के मानववादी इंसानों की फ़ितरत बताने का सही कहूँ तो खोज करने का बढ़िया प्रयास कहूँगा। हमारे माँ बहनों ने कैसे समाज संरचना की जिनको आज के वक्त नज़रअन्दाज़ किया जा रहा है। औरतों ने कैसे पुरुषों को सामाजिक व्यवहार में ढाला आपने तथ्य देकर साबित किया।
बहुत- बहुत धन्यवाद
महिपाल मानव हिसार
Hari bhume tv ka dhanewad Jo sechai ap dekhah rehe h
धर्म बदलते रहते है कभी हिंदू कभी बौद्ध तो कभी मुस्लिम किंतु जाति वंशानुगत मतलब खून से होती है ।इसे आदमी चाहकर भी नही बदल सकता । सरनेम बदल लेने से जाति नही बदलती bs सुरेनाम बदलता है।
जाति वा थी कुछ नहीं है क्रमानुसार वर्ण व्यवस्था थीं
जाती से पहले तो गोत्र यूज़ होता था जैसे कि भारद्वाज गोत्र हरियाणा में ब्राह्मण हैं तो राजस्थान में जाट भी है
Dharm badlne se pakisthan ke muslim jaato mai gazva hind ki bhawana aa jati dharm badlne se bahut kuch hota hai jhoot kam bol
धर्मेंद्र भाई भारत में हर जाति इस काम को करती है अतिथि सत्कार हमारा सबसे पहला धर्म है
घंटा करती है। भारतीय शहरी वर्ग कैसा है ये बताने की जरूरत नहीं है।
Sahi kaha Bhai poonia koi bhi jaati khane ka nhi puchhti sirf chai hum hi puchhte hain sirf khane ka anjaan ko bhi
@@Praveen.Poonia01शहरी क्षेत्र के लोग मतलबी और अवसरवादी होतें हैं
@@satinderdeshwalofficialgaav mai sab puchte hai bhai humare Rajasthan aana kabhi ha city valo ka kah nahi sakte hai unko t apne rishtrdaar bhi nahi pasand bhai 😂
Great Work Dhanwad Dahia Saab Ji.
Waheguru chardi kla rakhe ji.
Bhai sab apni history se pyar krte hai
Traits in any community do not change Very nice research on our origion May You Live long to carry out further research on the subject 🙏
;b
@@palsingh7608 e
Emeemmmmmmmmeeeeeweemmmmemeeeemeemkewwmemewemmemeeemem
Dhanyavad tau 🙏🇮🇳🇮🇳
धर्मेंद्र भाई! आप बहुत अच्छा कर रहे हो। शुक्रिया। आपकी बातचीत आज क्या अभी अभी देखी। बहुत से अनबुझे सवाल दिमाग में घूम रहे हैं। शायद किताबें पढनें से कुछ जानकारी मिल सके।
अगली बात तो किताबें पढनें के बाद ही की जा सकती है।
टिप्पणियों से पता चला ताऊ जी हमारे बीच नहीं रहे, सादर नमन्। अब आपके लिहाज से पुस्तकें कैसे मिल सकती है बताना।
Dahiya Sir, I salute you for your wonderful work on the origin of Jat community and I am also thankful to the interviewer for introducing you to the community.
Thank you for information I'm jatt from punjab
Tauji grt work done
Regards
Amit shokeen
🙏
Great
Dada ji apki mehnat hamne jinda rhn ki himmat deve gi inte jat jive ga agr vo apne sun paya toh maaa ka pyar apki bahu gel pyar kis tra zindgi jini h ek insan bna dia apne apki kitab bhi jaldi carry krne ki kosis rhegi or apki kitab b ek zinda insan hi h dada dahiya ❤
Great work
Mere gaon me boht garhwal hai ap kha se ho
Tau ji jai ram ji ki.bahut dhanywad aapka.hamari identity badi achi tarah samjhane ke liye who we are.thanks hats off
ये कृष्ण चंद्र दहिया राजपूतों की ग़ुलामी करता है, और इसका इतिहास का ज्ञान जाटों को शर्मसार करने वाला है। फ़ार्मासिस्ट इतिहासकार बन गया । What a joke 😮
Or tu kon hai pradhan mantri?
ये कैसी बात की आपने
राजपूत का क्या लेना देना इनसे भला
जाट का मूल भोजन बाजरा रहा है... ऐसा सुना है...!
हा विश्नोई पंथी जाट और राजस्थानी जाटो का 🤗
Hn kuch hdd tk haryana mai bi bajre ki roti khichdi khayi jati hai mostly jaats ke dwara
जाट एक मार्शल कौम है, दूर-दूर से लोग सेना में भर्ती होने आते थे और इन्हीं के दम पर राजा युद्ध जीतते थे, खाने-पीने और शरीर सौष्ठव पर विशेष ध्यान रखते थे। सम्राट अशोक के बाद युद्ध बंदी से सभी योद्धा बेरोजगार हो गए और पशु चारण और खेतीबाड़ी से अपनी आजीविका चलाने लगे
व्हा बेहद उम्दा माहिती आपका और सर का तहे दिल से शुक्रिया,
From maharashtra?
Bahut bahut dhanyawad tau ji
Aisi mhan hsti ko sadar parnam 🙏🙏🙏🙏🙏
Just great 👍👍
Confused kro...duniya bhar ke bhram failate h....sab faltu baat h....Jat jati mhabharat kal se h...baki sab theory milawati h..JAT hindu h....sirf hindu hi rhna chahata....jo Jat hindu ...chhodke sikh or mulla bna h....unse hmara koi DNA match nhi hota.
सब गोत्र महाभारत काल के नहीं लेकिन गुलिया, ठैनुआ, फुटेला, , कुंतल, है जो तंवर गोत्र के उपगोत्र है जो कही न कहा अर्जुन के वंशज है। अब आते है भरतपुर जाट सिनसिंवार, फौजदार, ये भट्टी , khadsii ये यदुवंश जाट है जो भगवान कृष्ण से है। वाकी जाट गोत्र भगवान शिव से है।
भाई आप ब्रहाम्णों द्वारा बाँटे गये एकतरफे ज्ञान की बात कर रहे हैं,जिन्होंने,अधूरा ज्ञान आप जैसे लोगों को परोस दिया था,बस उसी में अन्धे हुये बैठे हो ।
देश को आजाद कराने में,मुगलों और अंग्रेजों के साथ अधिकतर लड़ाईयाँ जाट राजाओं ने लड़ी थी,क्या आपने उनका नाम इतिहास की किताबों में मिला?
उदाहरण के तौर पर आज के समय की बात लगा लो,अगर आपका जन्म 1990 के बाद या उसके आस पास हुआ है तो आप कश्मीर फाईल्स फिल्म को देखकर यही कहोगे कि,काश्मीर से ब्रहामणों को मारकर भगाने का काम कोन्ग्रेस पाटी॔ का था ।
लेकिन हम उस समय33-34साल के थे,हमें तो पता है कि उस समय कोन्ग्रेस की सरकार नहीं थी ।
उस समय इन्हीं लोगों के समथ॔न की सरकार थी और इन्होंने,बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया ।
आज आप जैसे युवा बच्चों को,(जो उस समय जन्में ही नहीं थे) बरगलाने के लिए एक ऐसी सक्रीप्ट तैयार कर दी की आप सरकार को दोषी ना मानकर,कोन्ग्रेस को ही दोषी मानोगे ।
ठीक इसी प्रकार इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई थी कि आप जैसे लोग उस झूठे इतिहास को पढते रहेगें ,और ओरों को ही महान मानते रहेगें ।
@gurpreetchahal2654 bjp
Ye unedited pura video h kya apke pass
सर जी चमार ही यहां के मूल निवासी हैं और इन्ही लोगों ने जाटों को ही नहीं चमार का मुख्य व्यवसाय मूल काम खेती बाड़ी ही रहा और इन्होंने ही जाट को भारत में शरण देने का काम किया था जाट को अपना छोटा भाई बना कर रखा था बाद में जाटों ने खेती बाड़ी को अपना मुख्य व्यवसाय बना लिया 8वी सतांदी में यूरेशिया से आए जो अपने को आर्य कहते थे जो आज आरएसएस के रूप में देश के सामने हैं और उसी दौरान मुस्लिम भारत आए इन्होंने ही आकर देश को आसिथिर करने का काम किया है वरना देश में कोई लड़ाई दंगा नहीं था सब मिलजुल कर रहते थे
Saader Pranam evm salute to Dahiya Sahab ❤
पंचायत सिस्टम सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से नहीं आपसी सहयोग, सद्भाव और सहविकास, सह-अस्तित्व के लिये लाया गया जिसमें सब जातियां बराबर थी कोई भी आदमी अपनी बात बिना डरे ,बिना दबे अच्छी तरह से रख सकता था। हर आदमी को निर्भीक होकर अपनी बात रखने का अधिकार था ये एक बहुत ही सुन्दर व्यवस्था है।
ब्राह्मण वर्ग और भारत वर्ष का हरेक जाति का व्यक्ति पुरातन काल से दादा सूरजमल का और इस भोलेनाथ की सैन्यशक्ति जाट जाति के ऋणी हैं।
जय हो ताऊ स्वर्गीय श्री कृष्णचंद्र दहिया सहाब की। ताऊ कि दोनों किताबें मेरे पास हैं। ताऊ को सदा याद किया जाएगा जब जाट समाज के इतिहास को याद किया जाएगा।
Where to get these books,dear? Please give address.
Bhai Ji, please Inform from where can these books be purchased?
Vety nice
Jai hind sir.
Tau dahiya shab k sath sath patarkar Dharmendra Kanwar ka vivek kabil-e-tarif hai,aap jse sehansheel aur sabhay patarkar agr is desh me ho to ye patarkarita ka satar bhut uncha hoga,tau krishan chandar dahiya ki atoot mehnat aur jat kaum k liye samarpan ko charan vandana,dono mahaan han aap 🙏🙏
So pure sole and very grounded person....amazing insight....kisi or samaaj ke hote too vo ine sar ako pr bita late or ek jaat samaj hai jo ine ab tak ignore krta raja hai
Salute
Dhanvaad Dahiya saab
Ram Ram Chacha Karshan Dhaiya ji
This can be one view and may be conjecture which may not be acceptable factually .The issue needs debate.There are other versions quite different.
Saadar parnnaam ! Achha paryyas hae. lekin Sath waalay kamray se kicee ke bolnay kee aavaaj sharotaon ko disturb kartee hae. Please future main dhian rakheaga.
Ram Ram 🙏🙏
Tau ko parnam, jat from Rajasthan.
जाट सिर्फ जोधडो सभ्यता का है । जाट, जाटव, जम्बूदीप, जामुन, जट, जटायु, जिंदल, जमराज, जमुना, जम्मादूत, ये.सारे शब्द श्रोत जोधडो सभ्यता के हैं ।
बहुशोभनम्
जाति के आज के समय में 02 ही महत्व है -
पहला शादी करने में । यदि आपको किसी लड़के/लड़की की शादी/रिश्ते करना है तो सामने वाले से जाति पूछनी चाहिए । और अपनी जाति में शादी करनी चाहिए ।
दूसरा राजनीति करने में । यदि आप नेता हैं तो "फूट डालेंगे, तभी तो राज करेंगे" , इसके लिए चाहे समाज या जातियों में जहर ही क्यों ना फैले, आपको इससे क्या मतलब ? आपको तो अपनी राजनीति चमकानी है । इसलिए राजनेता जाति पूछते हैं ।
और दुर्भाग्य से हमारे पूरे देश मे राजनेताओं की राजनीति हावी है, राजनेता लोग कोई जाति के नाम पर तो कोई वर्ग के नाम पर जैसे चुनाव जीतने के समीकरण हो उसी तरह से समाज में जाति , वर्ग के नाम पर आपस में लड़वा कर अपनी राजनीति कर रहे हैं । चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से हों ।
तो आपसे कोई जाति पूछे तो समझ जाना कि या तो आपका रिश्ता/शादी करवाने का इच्छुक है या कोई राजनेता है या किसी नेता/पार्टी का सदस्य/चमचा है ।
और
इन दोनों के अलावा कोई बिना वजह ही सोशल मीडिया को देख कर या अपने आस पड़ोस के माहौल को देख कर किसी से जाति पूछता है या जातिगत भेदभाव करता है या जातिवाद को बढ़ावा देता है तो वह बस महा मूर्ख ही है ।
शानदार काम किया है दहिया साहब ने
वाहिगूरू आकाल पूरख परमातमा से आरदास करते है की वाहिगूरू आपकी उम्र लंबी करे आर आपको तंदुरुस्ती बख्शे और आप आपने मकसद मे कामयाब हो सके आप जैसा हीरा कोम को सदीयो मैं कभी कभी मिलता है
@@user-yg9gx7fr2j nhi sikh
Gajab ka interview
.
Tau ji ne Sindhu ghati tak ka gyan hame bata Diya ki Arya log bahar se aaye aur sc BC aur sabhi kisan jati mulniwasi hai
Bharat ki ek matra jati jise बहार ka hone pr garv he आश्चर्य
Pr me to apne aap ko मुलतः yahi ka manta hu
🙏🙏🙏🙏🙏TAUJI, A ORIGINAL JAT .....GREAT
Kahna kya chahte ho chacha....saari baate just 35-50 saal purani
Jai jaat ,jai Jawan,jai kisan or jai hindustan
जाट ओउम
Anmol gyan
आपके इस पुरुषार्थ के लिए आपको हृदय से प्रणाम....
दिल्ली पंजाब राजस्थान हरिआना के जाट इक है फेर बी इक बार मुझे इक बराहमन और इक खत्री मुझे मिले और मुझे बोलते थे कि जट और जाट अलग आलग है और मै समझ गिआ किऊ बोल रहे है पंजाब मे जाट सिख है जहां खत्री बराहमन सिख का100मे 4 है
10गूरू साहब खत्री। परिवार से। है
यही है सच्चा इतिहास ताऊ जी , लेकिन व्यापारियों ,सरकारों , अफ़सरो और ज़्यादातर धर्मगुरुओ ने इन दस्तकारों का रोज़गार छीनकर बड़े बड़े उद्योग लगा दिये और समाज के भाईचारे में खाई पैदा कर दी
Bhi it’s good but there’s so much noise
Great man. Tau ji Haryana ke Karnal, Kurukshetra, Ambala,Yamunanagar,Panipat,Kaithal,Jind,Fatehabad aur Sirsa Districts mein gaon k andar Pakistan ke Gujranwala, Sheikhupura, Lahore,Sialkot,Gujarat aur Sargodha zilon se bhari sakhya mein Jatt Sikh migrate ho kar aaye hain. Unka bhi zikar kren. Khatri/Aroras to sirf shehron aur kasbon mein hi aaye hain.
Bhut Acha Bataya tau ji 🙏 ne
बहुत बहुत अच्छा लगा
Nice interview
जबसे बिरानी खेती का चलन कम हुआ गेहूं का उत्पादन उसी समय बड़ा है मैं ज्वार बाजरा जीना गेहूं का आटा तो मेहमानों के लिए ही रखा जाता था। पूरे हिंदुस्तान में ही बारटर सिस्टम था । यद्यपि जाट तो सिर्फ उत्तर भारत के कुछ इलाके में ही लेकिन हिंदुओं से अलग कर के जाटों को यह कोई अच्छी तरह की मानसिकता नहीं दहीया सब एक खास माइंड सेट के व्यक्ति हैं एक तरह की नफरत भी है व्यापारी समुदाय से । यहां तक राखीगढ़ी बात है राखीगढ़ी बाढ़ से ही बर्बाद रही होगी दहिया जी का कहना कोई नदी नहीं थी हरियाणा में। सरस्वती नदी के बड पर हैं जो हिमालय से निकलती कुरुक्षेत्र के होते हुए राखीगढ़ी आती थी। अगर वह नदी न रहती तो इतना बड़ा शहर उस समय में ना बस्ता प्रमुख नगर नदियों के किनारे ही बसते थे। पाकिस्तान पंजाब में ईतनी नदियां चलती थी क्यों कोई शहर बस ही नहीं सकता था । इसलिए हड़प्पा और पुरातत्व शहर इसलिए बसे थे कि वहां नदियां थी। कुछ बेवजह का अहंकार हमारे जाट समाज को लेकर बैठा है जो कि आज भी हमारे समाज को आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहा। कृषि एक अच्छा काम है मैं भी मानता हूं समाज के और लोग भी मानते हैं लेकिन यह सब फील्ड को आप ने नहीं चुना जहां तक मुझे लगता है ना ही आप के बच्चों ने ही इसको नहीं चुना होगा। आपने ठीक ही किया क्योंकि जब तक ज्यादा से ज्यादा लोग कृषि के कार्य से बाहर नहीं आएंगे जब तक जाट समाज का भला होगा और ना ही खेती का भला होगा ।अराजक आंदोलन को बड़े दंभ से आगे बढ़ाने के लिए नौजवानों को उकसाते हुए मुझे दिख रहे हैं दहिया साहब । देखता हूं जिन देवी देवताओं को जाट और पूजते हैं और जाट पूछते हैं उन्हें देवताओं को यहां से 1200 किलोमीटर हिंदू समाज के दूसरे लोग भी पूजते हैं फिर हम उन लोगों से भिन्न कैसे हुए। जाट समाज की तरह पितर देवता हो ग्राम देवता गौमाता हो या प्रमुख बड़े भगवान हो। भैया साहब ने अपनी बातों में कहीं भी का जिक्र नहीं किया कि हमारा डीएनए अन्य भारतीयों से कितना भिन्न है
🙏🙏
very very good struggle
Book name kya h aur kha se milegi....
ram ram ji
mere andar bhi padhne ki lalsa hai aur aap kripya karke in kitabo ka link provide karde
Wah maza aa gaya !!
Nice jee
Nice job
🎉
Very beautiful
Ram Ram ji 🙏 Dada ji... bhut bhut Dhanywad.. Dharmender bhai saab... very very inspirational... Felling proud... a bundle of Thanks... Bhai saab...
हरियाणा की धरोहर है ताऊ जी
Great Person Tau G
Bilkul sahi gal a ji
Haryana Me Sab Bhai Khane ke liye poochte hain,is se jaat ki koi baat nahin hoti
Ghar pe koi bhi aaye...chahe rishteydaar , yaar dost ...koi musaafir , saadhu sant ya koi bhikhari uss ko khane k liye puchhnaa....sirf jat culture ka hissa hai...
Ghar aaye rishteydaar ko toh khane k liye sabhi puchhte hain.
@@SangwanJat to bhai ji aapka kehna hai ki haryana me sabko izzat aur pyaar sirf jaat hi dete hain,aap haryana me kisi bhi caste ke ghar jaake khana mangoge to koi bhi khila dega hai aur bhai ji matlab jaat ke alawa saare bure hain
@@manjeetgrewal6772 rr...fact bta rha hu....orr rhi baat aachhe bure ki...toh woh individual parr depend kre h
@@manjeetgrewal6772 vo magna padta jaat ke gar jana vo samne se kahenga me kisi ka virodh nahi karta ap khud jake ak baar tray karna
गांव के लोग ही पूछते हैं। जाटों के प्रभाव के कारण
Bilkul sahi ji