ये कहानी मेरे आंखों के सामने चलचित्र की भांति चल रहा है ऐसा लग रहा है मुझे, कहानी की बयां करने का ऐसा खूबसूरत अंदाज अब तक नहीं देखा मुंतशिर सर ईश्वर आपको हमेशा खुश रखे🙏
मैंने मुंशी प्रेमचंद्र जी की लगभग सारी लघु कथाएं पढ़ी है, बल्कि मैंने कुछ उपन्यास भी पड़े हैं जैसे निर्मला, गोदान, गबन। मुंशी जी से अच्छा लेखक मुझे और कोई नहीं लगता। यह कहानी भी मैंने कई बार पढ़ रखी है लेकिन आज आपके मुंह से सुनकर फिर से उतना ही आनंद आया।
प्रिय मनोज जी आपने कहानी सुनाने के साथ साथ उस समय की तथा आज की सामाजिक स्थिति का कटु परन्तु सत्य मार्मिक विश्लेषण किया है आपका यह वर्णन सभी को सोचने को विवश कर देगा आज़ जो दलित समाज के कुछ लोग उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की आलोचना करके बुरा भला कहते हैं वे सच्चाई से मुंह मोड़ कर समाज का ही नुकसान कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद जी ने चामारौं की बुराईयों के साथ साथ अन्य समाजों की तथा तथाकथित संपन्न तथा संभ्रांत कहे जाने वाले लोगों की भी कमियों तथा बुराईयों को भी उजागर किया है आपकी प्रस्तुति को दिल से सलाम धन्यवाद
Mai Urdu hrs ki student hu jb Mai yeah story padhi to mujhe bhot pasand aya or smjh v Mai sochi TH-cam me try krti hu class nhi ki hu to shayad Koi axa se explain kr de Masha Allah apne bhot axe explain kiya thank you ❤
मैंने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द जी की कहानियों एवम् उपन्यासों को हजारों बार पढ़ा है औैर मेरा यह मानना रहा है कि कोई अन्य विधा जैसे वाचन , सीरियल अथवा फिल्म मूल रचना के साथ न्याय कर सकने में समर्थ नहीं हो सकती , क्योंकि वह पाठक की कल्पना शक्ति को सीमित कर देती है । इसके कुछ अपवाद मुझे पूर्व में देखने को मिले थे । अब उसमें आपकी वाचन कला भी जुड़ गई है । आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।
मैने ये पाठन कला स्कुलो में महसूस की है जब एक अध्यापक अपने विध्यार्थियो के सामने बूक पढकर उन्हें सुनाता है तब अध्यापक ज्यौ ज्यौ किताब को पढते हुए आगे बढता है , वैसे वैसे उसके विध्यार्थियो की सोच उस कहानी की गहराई तक जाती रहती हैं
आज भी घीसू माधव जैसे लोगों कमी नहीं है सर जो औरों के टुकड़ों में पलते है और महिलाओं के लिए समाज के लिए बोझ बने पड़े है प्रेरणा स्रोत मुंशी प्रेम चंद जी को सलाम🙏
मुंशी जी ने यह लिखा कि ठाकुर के भोज में खूब प्रेम से तृप्त कर सभी को अमीर गरीब के बंधन से मुक्त भोज खिलाया. अन्यथा आज के लोग ठाकुर का कुआँ सुनाकर छवि को धूमिल करते रहते हैं.
आपका कहानी बयां करने का अंदाज ही कुछ अलग है । हालांकि मैंने ये कहानी पहले भी पढ़ी है लेकिन जैसा आपके द्वारा बताई गई कहानी समझ आई वैसा खुद से पढ़ी हुई मैं नहीं। जब आप कहानी सुनाते हो , मानो ऐसा लगता है की काल्पनिक तौर पर नहीं वरन, वास्तविक रूप मैं आंखों के सामने चल रही हो । Salute hai sir jai hind 🙏🙏🙏
कलम के सिपाही को कलम के जादूगर का ये सलाम बहुत ही दिलकश और प्रेरणादायी लगा वाकई प्रेमचंद जी ने हमे सिखाया की शब्द केवल सम्प्रेषण ही नही करते बल्कि रोते और हँसते भी है ......👍👍👍
शब्दों का जादू है जो सत्य का अनुभव कराता है आपके बोलने का तरीका मानो भावनाओं का दरिया में बिन माझी नाव तैर रहा हो.. जो डूबता ही नहीं..🌷🙏 मुंशी प्रेमचंद के शब्दों को आपने पुनः जीवित किया..🙏
Waah kya baat hai Manoj ji !!!!! Premchand ji ki kaljayi kahani ko aapne phir se ek baar hamare samne ek naye tarike se barnan kar diya..Aapki barnan ki saili aur mukh ke bhab- rekha ek nayi umang bhar deta hai.... Hum uss pal ko seriously relate kar paye aur uss abasta ko bhi anubhav kar paye...bahut bahut shukriya aapko...phir kabhi Kalam Bhubaneshwar aye to jarur milenge..
दुरदर्शन पर ये कहानी देखी थी । जिसके निर्देशक गुलजार साहब थे । पंकज कपूर आैर किशोर कदम ने बहुतही बेहतरीन अभिनय किया था । आज भी वो एपिसोड यु ट्युब पर उपलब्ध है।आप सब भी एक बार वो अविस्मरण अनुभव ले ।
"कफन " की कहानी वाकई बचपन की याद दिला गया. समाज में धन तो सभी के घर में लौट आया लेकिन समाज की ऊंच नीच वाली बदबूदार हवा में बिमारी आज तक बरकरार है जो आजाद और विकसित समाज के मूंह पर करारा तमाचा है.
आप शब्दो को कहते या लिखते नही अपितु उन मे जीने का अवसर प्रदान करते हैं मेरे बेटे की उम्र के हो आपको बहुत बहुत आशीर्वाद व बहुत अनुमोदना मै साहित्य प्रेमी फिर से अपना बचपन और युवाकाल जी रही हूँ मेरी यादे कालजयी हो गई
Premchand ji kalam ke jadugar thein. The way he described the condition of villages, society and people's character via his words is just magnificent. Nirmala, Idgaah, Kafan, Mantra, Boodhi Kaki, Godan and many others
मेरा तो आंखे वीडियो से हट गया था। पर सारा ध्यान कहानी के काल्पनिक चित्र बनाने में लग गया।मानो जैसे सारी इन्द्रियां एक साथ एक जगह पर आकर जो चल रहा है उसे ना देख कर, जो सुनाई दे रहा उसपे गौर करने में लग गए हो। ये जादू है आपके आवाज और प्रेमचन्द्र जी के कहानी का जो समय से ज्यादा परिस्थितियों पर सोचने को मजबूर कर देता है।
बचपन की अनदेखी कहानी को आपने सचित्र और हृदय स्पर्शी आवाज के साथ कहानी सुनाकर आपने एक नई ऊंचाई तक कहानी को पहुचाया हैIनही तो कफ़न कहानी कौन सुनता।आपके बदौलत सुनने को मिला।बहुत बहुत धन्यवाद मनोज मुंतसिर जी।👌👌👌
Happy that Sir Muntashir revives golden but forgotten gems of literature! Time changes contexts but our hopes & despairs remain constant. Love the way he explains. Munshi Prem Chand never got his due.
ठेके (दारू की दूकान) का सही वर्णन हिंदी उपन्यास सम्राट प्रेमचंद से बेहतर किसी ने नही किया सलाम उनको , घीसू की आत्मा तृप्त हो गई थी मधुशाला -शराब का ठेका
Your narration is way toooo good!! Mein usually ek story ko 2 ya 3 baar suntha hu just to understand it perfectly, mula (mudha) apki story telling se mujhe ek hi baar mein perfectly samajh aa gayi... Really good!! Keep up the good work..
मनोज सर आज आपको मेरी एक बात माननी पड़ेगी आप कलम के कैप्टन हो सर। आप इन हिंदी काव्य रचनाओं का सभावर्थ व्याख्यान देते हों तो बहुत अच्छा लगता हैं। हमें गर्व कि वर्तमान समय में महाराणा प्रताप जैसे अमर योद्धा, मुंशी प्रेमचंद जी जैसे कलम के सिपाही, विक्रम बत्रा जैसे भारतभूमि के वीर सपूत, अटल बिहारी वाजपेई जैसे राजनेता, मीरा जैसे भयंकर प्रेमी, कलाम जैसे देशप्रेमी की आत्मा के रूप में अवध के नवाब हमारे प्यारे मनोज शुक्ला "मुंतशिर" हमारे बीच मौजूद हैं। भगवान् आपके दीर्घायु व स्वस्थ स्वास्थ्य प्रदान करें। जय श्री कृष्णा हरे कृष्णा ❤️
Beautiful narration,with each and every emotion,along with required explanation.Munshi Premchand ji will live forever through his work.In 11th-12th we read his stories -"eidgah" ,"namak ka daroga".We also borrowed some novels from library-"godan","nirmala" etc from library and read it.The experience was always surreal.I request you sir please make these short stories/stories/novels immortal with you voice.People living in this generation need to be made aware about our so many legendary "साहित्यकार" like him. Again..Thank Manoj Sir for this experience ❤️❤️❤️❤️
भाई ये कहानी मैने पहले ही पढी थी आसुओं को रोक नही सकी थी l मुंशिजी का लेखन प्रत्यय कारी है l आपका कथन वाचन भी प्रभावी है ,जो हमारे साहित्य की बेजोड धरोहर को नई पिढी को जोड रहा है l एक हिंदी शिक्षक का आभार
साहित्य, दर्शनशास्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान जैसे विषयों से जुड़कर व पढ़कर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उतना ही गौरवान्वित भारतीय होने पर महसूस करता हूं ♥
I sincerely appreciate. Your style of taking everyone with the story is too good. Time and again reminding the audience of the era in which the story is evolving and explaining the context in which it's said, virtually takes the audience in that era. It's like a good poet has written down a beautiful poem. Some body comes a few years later and gives it a beautiful Music, making it even better. My sincere appreciation. Regards Siddharth
I have never heard someone telling story in such a touching way! Lots of respect for Munshi Premchand ji for writing such a heartfelt story and Manoj ji who described us in such a way that it provoked another level of thoughtfulness in our heart.
The way Premchand makes you see the society brings you realization that you are blind with good eyes. Or the world is like any coin that you can see only either face.. And he makes you see the another, the contrary one..
Where the hell I was till now. I found this channel, randomly. Subscribed. You made me remember my Golden era. I was used to read the great Munshi Premchand' Novels. Godaan, Rangbhoomi, Push ki raat. Thank you.
बहुत सुन्दर अनुवाद किया आपने परंतु इस कहानी में जाति व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण किरदार है जिसे आपने छिपाने की कोशिश करी है जो बहुत गलत है। आज भी इसी व्यवस्था के कारण अनगिनत लोग इन हालातो में जी रहे हैं।
"Timeless" story appears rarely now but those who have lived in our villages in UP, can really revisit the same scenario. It's pity that not much has changed as far as social behaviour of poors is concerned , irrespective of their castes . You have very nicely captured those nuances of social behaviour , so beautifully written by Premchand. In early 70s , I remember that we had a book in our Hindi course " Premchand ki kahaniyan" and read stories only for exam purpose to write summary thereof. After retirement, today having scene the social behaviour in many States of our country during service, when I read it again , I have a different kind of feelings. You have , while reading the story, explained the behaviour of human beings , be it poor or rich , narrated by Premchand. I like and appreciate the good work you have been doing in discussing greatness of many writers, poets. With best wishes.
Sir plzz upload more premchand stories..❤️ I've no words how deeply I'm fascinated by your way of narration.. This is so relaxing that I forgot every problems, stress and chaos around. I'm 17 yrs old and I've never experienced such environment but still I can connect to this!!!
आपका बहुत धन्यवाद जो कफ़न को याद दिला दी जिसने गरम आलू का स्वाद नहीं चखा वो येसा लिख ही नहीं सकते ,मैंने पूस की रात , ठाकुर का कुआ,सजीव चित्रण देखा है भाई ये कहानी आज भी प्रासंगिक है।आपकी प्रस्तुति सराहनीय।
Soooooo..... beautifully u have narrated this story once again I got tears in my eyes Iam writing here once again becoz I had read this story when I was doing my graduation and I remember when I finished this story I had been crying almost for 1 hour.when my mother asked me the reason of my crying I told her mummy this story made me cry and my second sentence was mummy this world is not good enough to live😊😊 and my mother said pagal ladki chal khana kha le😊 Thank u sir to narrate this story.सच और भी कई ग़म है ज़माने में इक मोहब्बत के सिवा.......stay blessed 🙏🙏
मुंतशिर का अर्थ सूफ़ीनामा भी है और बिखरा हुआ भी किन्तु आप वो नही कुछ और ही हैं,बातें जिसकी सुनकर एक नजर रुक जाए,बन्द कानो के पर्दे झरझरा जाएं,बीते इतिहास के धूल भरे पन्ने स्वयं ही खुल जाए,जज्बातों को नई उड़ान की हवा लग जाये ऐसी सख्शियत आपकी है साहेब.........धन्यवाद मनोज जी आपने सनातन इतिहास से भारत के लोगो का सही में परिचय करवाया आज आप जैसे साहित्यकारों की जरूरत भारत को हे सेक्युलरों ने देश की दिशा का नामों निशा मिटाने में कोई कसर नही छोड़ी
मैंने कफन बहुत पहले पढ़ी थी आज फिर से सुनकर , बुधिया के साथ साथ बूढी काकी , निर्मला और भी बहुत सारे पात्र याद आ गए । सर मैं यशपाल जी का पर्दा भी आपसे सुनना चाहूंगी।
सारा शहर ही था उसके जनाजे मे शरीक , तन्हाइयों के खौफ से जो शख्स मर गया..... Great lines....
जिन्हें पढ़ने में रुचि नही, वे सुन के इस कालजयी रचना का आनंद ले सकते है।
मुंशी प्रेमचंद के नायाब रत्न!!
आपका प्रयास अत्यंत अनुमोदनीय है।
hmm
Main 2023 me padh raha hun 😢
I love premchand ❤
Padhne me maja hi alag hai bhaiya
मुन्शी प्रेमचन्द जी ने कहा था मैं एक मजदूर हूँ ।
जिस दिन मैं कुछ ना लिखूँ मैं रोटी खाने का हकदार नहीं।
धन्यवाद दोस्त इतना बढ़िया पढने के लिए......
Vah...... Bahut khub....
Mu mai muskaaan laane waale ka shukriya 😊
Bhookh pr kitni शानदार व्याख्या
व्यंग्य
आपसे तो छोटे भाई सा प्यार हो गया है जबसे आपके इंटरव्यू जृ देखे हैं।❤️👌👌👌👌👋👋👋👋
@@seemaswaraginikhareaah4478 m
@@seemaswaraginikhareaah4478 p0lppl
ये कहानी मेरे आंखों के सामने चलचित्र की भांति चल रहा है ऐसा लग रहा है मुझे, कहानी की बयां करने का ऐसा खूबसूरत अंदाज अब तक नहीं देखा मुंतशिर सर ईश्वर आपको हमेशा खुश रखे🙏
मैंने मुंशी प्रेमचंद्र जी की लगभग सारी लघु कथाएं पढ़ी है, बल्कि मैंने कुछ उपन्यास भी पड़े हैं जैसे निर्मला, गोदान, गबन। मुंशी जी से अच्छा लेखक मुझे और कोई नहीं लगता। यह कहानी भी मैंने कई बार पढ़ रखी है लेकिन आज आपके मुंह से सुनकर फिर से उतना ही आनंद आया।
आप हिन्दी साहित्य को नये आयाम दे रहे हैं, आपकी इस पहल से हम जैसे युवा भी अपने आप को इन कहानियों और लेखकों से जुड पा रहे हैं।.....very nice work sir😃
Sir aap ki voice Dil Chu jati h aise lgta h Mano SB Kuch hmare samne ho rha h
Etni tarif karne k baad 😀 ye wala sticker kyu lgaaya🤷 pagal ho kya
@@santoshkhilery2307 my emoji sense is very poor but my sense in literature is not so bad....but thanks for your comment
मुंशी प्रेमचंद की कहानी "सद्गति" जब मैंने पहली बार पढ़ी थी तब ज़ार ज़ार रोया था। आज भी पड़ता हूँ तो मन भारी हो जाता है। गज़ब कहानी।
मुझे पढणी हैं ये कहाणी.. किधर मिलेगी
Muze bhi padni he?🙂😐
नेट पर सर्च कर लीजिए मिल जाएगी।
प्रिय मनोज जी आपने कहानी सुनाने के साथ साथ उस समय की तथा आज की सामाजिक स्थिति का कटु परन्तु सत्य मार्मिक विश्लेषण किया है आपका यह वर्णन सभी को सोचने को विवश कर देगा आज़ जो दलित समाज के कुछ लोग उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की आलोचना करके बुरा भला कहते हैं वे सच्चाई से मुंह मोड़ कर समाज का ही नुकसान कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद जी ने चामारौं की बुराईयों के साथ साथ अन्य समाजों की तथा तथाकथित संपन्न तथा संभ्रांत कहे जाने वाले लोगों की भी कमियों तथा बुराईयों को भी उजागर किया है आपकी प्रस्तुति को दिल से सलाम धन्यवाद
th-cam.com/video/sy0NvfL1CgI/w-d-xo.html
वो खेत जिनका जौवन फटा पड़ रहा है, उनमें सिर्फ भूख ही उगती है ।।🥺
Mai Urdu hrs ki student hu jb Mai yeah story padhi to mujhe bhot pasand aya or smjh v Mai sochi TH-cam me try krti hu class nhi ki hu to shayad Koi axa se explain kr de Masha Allah apne bhot axe explain kiya thank you ❤
मैंने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द जी की कहानियों एवम् उपन्यासों को हजारों बार पढ़ा है औैर मेरा यह मानना रहा है कि कोई अन्य विधा जैसे वाचन , सीरियल अथवा फिल्म मूल रचना के साथ न्याय कर सकने में समर्थ नहीं हो सकती , क्योंकि वह पाठक की कल्पना शक्ति को सीमित कर देती है । इसके कुछ अपवाद मुझे पूर्व में देखने को मिले थे । अब उसमें आपकी वाचन कला भी जुड़ गई है । आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।
मैने ये पाठन कला स्कुलो में महसूस की है जब एक अध्यापक अपने विध्यार्थियो के सामने बूक पढकर उन्हें सुनाता है तब अध्यापक ज्यौ ज्यौ किताब को पढते हुए आगे बढता है , वैसे वैसे उसके विध्यार्थियो की सोच उस कहानी की गहराई तक जाती रहती हैं
प्रेमचंद को आपसे बेहतर कहने वाला आज तक नहीं मिला....जियो मुतंशिर सर.....भावुक कर दिया प्रेमचंद की कलम और आपकी आवाज ने
❤️❤️❤️
Right....👍❤️❤️❤️
@@ManojMuntashirShukla शुक्ला जी आपका कॉन्टेक्ट मिल सकता है
😊😊😊😊😊😊😊😊
Tum jaise bk&@&@ hi aise chu%@ ko jagah dete hai mootne ke liye aise
आज भी घीसू माधव जैसे लोगों कमी नहीं है सर जो औरों के टुकड़ों में पलते है और महिलाओं के लिए समाज के लिए बोझ बने पड़े है
प्रेरणा स्रोत मुंशी प्रेम चंद जी को सलाम🙏
Sahi hai
Thanksbro इस कहानी को सुनकर पूरा यकीन हों जाता है कि, कलम का सिपाही, ऐसे ही नहीं कहा गया,
शत शत नमन मुंशी प्रेमचन्द जी को 🙏🙏🙏
मुंशी जी ने यह लिखा कि ठाकुर के भोज में खूब प्रेम से तृप्त कर सभी को अमीर गरीब के बंधन से मुक्त भोज खिलाया. अन्यथा आज के लोग ठाकुर का कुआँ सुनाकर छवि को धूमिल करते रहते हैं.
मैं खुशकिस्मत हूँ कि थियेटर के दौरान मुझे यह कहानी करने का मौका मिला ।
धन्यवाद सर दोबारा इस कहानी को याद करने के लिए ।
Wow aur kahaani or stories in inspiredkahaniya... Budhi kaaki, moteraam ka sathyagrah, bhai Sahab n kafan, eid gah n more...
ऐसी मार्मिक कहानी अगर मनोज मुंतशिर जी जैसे वक्ता सुनाए तो फिर आपका भावुक होना तो निश्चित है, चाहे आप पहले से ही क्यों न कहानी को जानते हों
th-cam.com/video/Nl4Oofp13Fs/w-d-xo.html
"आपका बयान करने का अंदाज बाकमाल है, आप जितने अच्छे शायर है, उतने ही अछे वक्ता भी है".. sir!
You are absolutely right
मनोज मुंतशिर! तुम्हारा अंदाजे बयां बेमिसाल है, बाबू!
Very true
@@mohitkumarkumar9949 🎟0
@@ratansalvi1918 ka 8k
Mn
आपका कहानी बयां करने का अंदाज ही कुछ अलग है ।
हालांकि मैंने ये कहानी पहले भी पढ़ी है
लेकिन जैसा आपके द्वारा बताई गई कहानी समझ आई वैसा खुद से पढ़ी हुई मैं नहीं।
जब आप कहानी सुनाते हो ,
मानो ऐसा लगता है की काल्पनिक तौर पर नहीं वरन, वास्तविक रूप मैं आंखों के सामने चल रही हो ।
Salute hai sir jai hind 🙏🙏🙏
बहुत प्यारी प्रस्तुति, वरना आज कल तो लोगों को हिंदी बोरिंग विषय लगता है. आपने हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया है🙏🙏
कलम के सिपाही को कलम के जादूगर का ये सलाम बहुत ही दिलकश और प्रेरणादायी लगा वाकई प्रेमचंद जी ने हमे सिखाया की शब्द केवल सम्प्रेषण ही नही करते बल्कि रोते और हँसते भी है ......👍👍👍
“ن والقلم “....!!!!!
पढ़ तो रखी थी ... लेकिन आपसे सुन कर कहानी और भी अच्छी लगी। धन्यवाद सर!
सर मैं वाराणसी में प्रेमचंद जी के गाँव लमही से 2 कम की दूरी पर रहता हूँ ।और मुझे बहुत गर्व है प्रेमचंद जी पर ।
th-cam.com/video/CogqJy_uz1U/w-d-xo.html
Ach ata hu AK din tere gau
आप एक महान लेखक के गाँव में रहते है,
क्या बात है👌
Bhai
Main v lamhi gaon k pas varanasi seher me rhti hu
वास्तव में ये कहानी हमे एकदम अंदर से झकझोर के रख दी। 😭
Good bhai
शब्दों का जादू है जो सत्य का अनुभव कराता है आपके बोलने का तरीका मानो भावनाओं का दरिया में बिन माझी नाव तैर रहा हो.. जो डूबता ही नहीं..🌷🙏 मुंशी प्रेमचंद के शब्दों को आपने पुनः जीवित किया..🙏
Waah kya baat hai Manoj ji !!!!!
Premchand ji ki kaljayi kahani ko aapne phir se ek baar hamare samne ek naye tarike se barnan kar diya..Aapki barnan ki saili aur mukh ke bhab- rekha ek nayi umang bhar deta hai.... Hum uss pal ko seriously relate kar paye aur uss abasta ko bhi anubhav kar paye...bahut bahut shukriya aapko...phir kabhi Kalam Bhubaneshwar aye to jarur milenge..
दुरदर्शन पर ये कहानी देखी थी । जिसके निर्देशक गुलजार साहब थे । पंकज कपूर आैर किशोर कदम ने बहुतही बेहतरीन अभिनय किया था । आज भी वो एपिसोड यु ट्युब पर उपलब्ध है।आप सब भी एक बार वो अविस्मरण अनुभव ले ।
Sahi kaha
मैंने ये दूरदर्शन पर कम से कम 50 वार देखी हैं
Episode ka naam kya h.?
Tehreer..... Munshi Premchand Ki KAFAN ep# 20
The best story ever, Pankaj Kapoor is 💗💗💗💗💗
TIMELESS...Munshi Prem Chand
Aur apka behudd khoobsoorat bayan
"कफन " की कहानी वाकई बचपन की याद दिला गया. समाज में धन तो सभी के घर में लौट आया लेकिन समाज की ऊंच नीच वाली बदबूदार हवा में बिमारी आज तक बरकरार है जो आजाद और विकसित समाज के मूंह पर करारा तमाचा है.
आप शब्दो को कहते या लिखते नही अपितु उन मे जीने का अवसर प्रदान करते हैं
मेरे बेटे की उम्र के हो आपको बहुत बहुत आशीर्वाद व बहुत अनुमोदना
मै साहित्य प्रेमी फिर से अपना बचपन और युवाकाल जी रही हूँ
मेरी यादे कालजयी हो गई
बहुत खूब ,ऐसा लगा कि मानो पूज्य प्रेमचंद जी स्वंय ही कहानी को पिरो रहे हो, अब नई कहानी का इंतजार
ऐसा फील हुआ जैसे ये कहानी मेरे सामने ही चल रहा हो 😊 आपका स्टोरी बोलने का स्टाइल दूसरी दुनिया मे ले जाता हैं सर जी 💝
God bless you 😘
Thanks for your kind words ♥️♥️♥️
@@ManojMuntashirShukla
You're really very great...
India need such a person like you....
@@ManojMuntashirShukla Salute you sir
right sach ah great person both of you
आपका बहुत धन्यवाद कि आपने महान लेखक की कहानी को प्रस्तुत किया, श्री मुंशी प्रेमचंद जी मेरे आदर्श तथा प्रेरणास्रोत है।
भावों की गहराई को आस्वादन कराने के लिए धन्यवाद।साहित्य में दो व्यक्ति मेरे प्रिय हैं एक आप और दूसरे विकास दिव्यकिर्ती सर
सारा शहर ही उसके जनाजे में था शरीख
सारा शहर ही उसके जनाजे मे था शरीख
तन्हाइयों के ख्वाफ़ से जो शख्स मर गया😔
Heart touching lines ❤️💗💗
ईदगाह से गोदान तक
सफर आज भी जारी है
आज के समय ऐसी रचनाओं का मिलना मुश्किल है
इनके एक एक वाक्य आज की कसौटी पर भी खरे है
Wah
aaj bhi aapko bahut sare eise hi log miljayege amir aur garib sirf kamchor aur kismat ko kosne valo ki soch hai
Wow aur kahaani or stories in inspiredkahaniya... Budhi kaaki, moteraam ka sathyagrah, bhai Sahab n kafan, eid gah n more...
Premchand ji kalam ke jadugar thein. The way he described the condition of villages, society and people's character via his words is just magnificent. Nirmala, Idgaah, Kafan, Mantra, Boodhi Kaki, Godan and many others
मेरा तो आंखे वीडियो से हट गया था। पर सारा ध्यान कहानी के काल्पनिक चित्र बनाने में लग गया।मानो जैसे सारी इन्द्रियां एक साथ एक जगह पर आकर जो चल रहा है उसे ना देख कर, जो सुनाई दे रहा उसपे गौर करने में लग गए हो। ये जादू है आपके आवाज और प्रेमचन्द्र जी के कहानी का जो समय से ज्यादा परिस्थितियों पर सोचने को मजबूर कर देता है।
बचपन की अनदेखी कहानी को आपने सचित्र और हृदय स्पर्शी आवाज के साथ कहानी सुनाकर आपने एक नई ऊंचाई तक कहानी को पहुचाया हैIनही तो कफ़न कहानी कौन सुनता।आपके बदौलत सुनने को मिला।बहुत बहुत धन्यवाद मनोज मुंतसिर जी।👌👌👌
मैंने यह कहानी पढ़ी है... हमारी विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष के अंग्रेजी के अभ्यासक्रम में यह कहानी समाविष्ट है .. 👌🏻👌🏻👌🏻 अद्भुत
Happy that Sir Muntashir revives golden but forgotten gems of literature! Time changes contexts but our hopes & despairs remain constant. Love the way he explains. Munshi Prem Chand never got his due.
ठेके (दारू की दूकान) का सही वर्णन हिंदी उपन्यास सम्राट प्रेमचंद से बेहतर किसी ने नही किया
सलाम उनको , घीसू की आत्मा तृप्त हो गई थी
मधुशाला -शराब का ठेका
क्या बात है भाई,
आपके सुनाने का तरीका भी मस्त था।👌
मुंशी प्रेमचंद जी को नमन🙏
That one line....."sara sehar tha uske janaje mein"..was enough to explain this story !! Hats off to u sir!!
Your narration is way toooo good!! Mein usually ek story ko 2 ya 3 baar suntha hu just to understand it perfectly, mula (mudha) apki story telling se mujhe ek hi baar mein perfectly samajh aa gayi... Really good!! Keep up the good work..
मनोज सर जी
इतने महान लेखको से हमें सहज रूप से परिचय कराने के लिए बहुत बहुत आभार 🙏🙏
I love to listen stories from childhood.... today i feel so much lucky to listen such heart touching story.
"बड़े भाई साहब" मुंशी जी की बहुत अच्छी short story है।
सच में इस कहानी ने और आपके द्वारा स्पष्ट तरीके से समझाए गए हर एक शब्द ने दिल जीत लिया ❤❤
मनोज सर आज आपको मेरी एक बात माननी पड़ेगी
आप कलम के कैप्टन हो सर।
आप इन हिंदी काव्य रचनाओं का सभावर्थ व्याख्यान देते हों तो बहुत अच्छा लगता हैं।
हमें गर्व कि वर्तमान समय में महाराणा प्रताप जैसे अमर योद्धा, मुंशी प्रेमचंद जी जैसे कलम के सिपाही, विक्रम बत्रा जैसे भारतभूमि के वीर सपूत, अटल बिहारी वाजपेई जैसे राजनेता, मीरा जैसे भयंकर प्रेमी, कलाम जैसे देशप्रेमी की आत्मा के रूप में अवध के नवाब हमारे प्यारे मनोज शुक्ला "मुंतशिर" हमारे बीच मौजूद हैं।
भगवान् आपके दीर्घायु व स्वस्थ स्वास्थ्य प्रदान करें।
जय श्री कृष्णा हरे कृष्णा ❤️
आप हिंदी को बढ़ावा दे रहे हैं ये बहुत ही सराहनीय है। बहुत धन्यवाद। बधाई ❤️ और आशीर्वाद 🙏🙏
Beautiful narration,with each and every emotion,along with required explanation.Munshi Premchand ji will live forever through his work.In 11th-12th we read his stories -"eidgah" ,"namak ka daroga".We also borrowed some novels from library-"godan","nirmala" etc from library and read it.The experience was always surreal.I request you sir please make these short stories/stories/novels immortal with you voice.People living in this generation need to be made aware about our so many legendary "साहित्यकार" like him.
Again..Thank Manoj Sir for this experience ❤️❤️❤️❤️
Love you too ♥️♥️♥️
Aur bhkt bhi 🥺🥺
th-cam.com/video/GdEeUn43MuU/w-d-xo.html
88v8v8v8
ल
Premchand ne emotions ko deeply explain kra hota hai ........and experience b ...
मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां आपकी मुँह जबानी सुन कर ऐसा लगा मानो मैं उस हर छढ को जी रही हु ,मनो हम उस समय उपस्थित हो ,.👌
आपके पढ़ने का अंदाज निराला है, प्रेमचंद जी की कहानी को इससे अच्छा पढ़ना, संभव नहीं.....
Apka story sunane ka Expression hamare Dil ko chhu gaya Thank you sir
You are absolutely incredible. I am grateful that people like you lives in India.
जनपद - अमेठी की धरा से आपको हृदय से नमन करता हूँ |
बहुत सुन्दर 👌
सादर अभिवादन 🙏
आपकी वाचन शैली 🙏अत्यधिक प्रेणनाश्रोत है गुरुदेव
भाई ये कहानी मैने पहले ही पढी थी आसुओं को रोक नही सकी थी l मुंशिजी का लेखन प्रत्यय कारी है l आपका कथन वाचन भी प्रभावी है ,जो हमारे साहित्य की बेजोड धरोहर को नई पिढी को जोड रहा है l एक हिंदी शिक्षक का आभार
सचमुच कलजयी है मुंशी प्रेमचंद जी🙏 की ये( कफ़न ) रचना।
जब मैंने पहली बार पढ़ा था तब आँखे भर आई थी । भारत के 70 प्रतिशत आबादी आज भी इन चीजों से गुजरती है।
Ha मेरी भी 😭😭😭
We are lucky that we are in your era ♥️🙏🙇
th-cam.com/video/4WlayhBZ7FI/w-d-xo.html
self written gazal,👆plz dekhye aur support krye
😊
@@kavimanishmannan aauàaa
\TV
15:27 Bohat hi umada 👌
साहित्य, दर्शनशास्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान जैसे विषयों से जुड़कर व पढ़कर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
उतना ही गौरवान्वित भारतीय होने पर महसूस करता हूं ♥
कमाल भैया ज़िंदाबाद ❣️
मौत, मुझ को, कभी न आएगी!
शे'र, मेरे, जो यार ज़िंदा है।।
- संदीप गांधी "नेहाल"
I sincerely appreciate.
Your style of taking everyone with the story is too good.
Time and again reminding the audience of the era in which the story is evolving and explaining the context in which it's said, virtually takes the audience in that era.
It's like a good poet has written down a beautiful poem. Some body comes a few years later and gives it a beautiful Music, making it even better.
My sincere appreciation.
Regards
Siddharth
Love you 💖
सारा शहर ही था उसके जनाज़े में शरीक, तन्हाइयों के खौफ़ से जो शख्स मर गया।
सुशांत सिंह राजपूत सर की याद आ गयी ।
👌
❤️
GOOD in capital letters.We are proud of such a great story by Premchand.
Yathart kaljayi kahaniyan
वाह! मैंने यह कहानी बहुत बार पढी है , लेकिन आपका कहानी कहने का अंदाज बेहतरीन है।
I have never heard someone telling story in such a touching way! Lots of respect for Munshi Premchand ji for writing such a heartfelt story and Manoj ji who described us in such a way that it provoked another level of thoughtfulness in our heart.
The way Premchand makes you see the society brings you realization that you are blind with good eyes.
Or the world is like any coin that you can see only either face.. And he makes you see the another, the contrary one..
Wow recreat story memories me I would love to watch again story of munshi premchand.
Thanks bro
You are great
Where the hell I was till now. I found this channel, randomly. Subscribed.
You made me remember my Golden era. I was used to read the great Munshi Premchand' Novels.
Godaan, Rangbhoomi, Push ki raat. Thank you.
Mano ji aj prem ehand ji ki kahani. Barhpn. Me padhi thi aj sunkar bahut khush hu thank u
मैने यह कहानी कई बार पढ़ी लेकिन आप के द्वारा सुनाई गई कहानी का मयार अलग ही है, नरेशन बहुत ही बढ़िया
प्रणाम सर,
प्रेमचंद जी का एक उपन्यास है 'अबोध बच्चे' कभी इस पर आपकी कोई प्रतिक्रिया हो।
❤️ से गुजारिश है।
Its indeed a psychoanalysis of inter relationship between indolence and nihilism!!!!!! wow grt...!!!!
इस कहानी को अपनी आवाज़ देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! कभी पटना विश्वविद्यालय भी आएं! आपसे मिलकर हमें भी प्रेरणा मिलेगी !
ज़रूर
बहुत सुन्दर अनुवाद किया आपने परंतु इस कहानी में जाति व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण किरदार है जिसे आपने छिपाने की कोशिश करी है जो बहुत गलत है। आज भी इसी व्यवस्था के कारण अनगिनत लोग इन हालातो में जी रहे हैं।
बहुत प्यारी हैस्टोरी दिल को छू लेने वालीजज्बातों कोकैसे समझा जाएयह तो सिर्फ आपकी बातें ही सुन केपता चलता हैआपकी हर बात दिल को छू लेने वाली होती💖👍👌
"Timeless" story appears rarely now but those who have lived in our villages in UP, can really revisit the same scenario. It's pity that not much has changed as far as social behaviour of poors is concerned , irrespective of their castes . You have very nicely captured those nuances of social behaviour , so beautifully written by Premchand. In early 70s , I remember that we had a book in our Hindi course " Premchand ki kahaniyan" and read stories only for exam purpose to write summary thereof. After retirement, today having scene the social behaviour in many States of our country during service, when I read it again , I have a different kind of feelings. You have , while reading the story, explained the behaviour of human beings , be it poor or rich , narrated by Premchand.
I like and appreciate the good work you have been doing in discussing greatness of many writers, poets. With best wishes.
Thanks for your kind words ♥️
Sir plzz upload more premchand stories..❤️ I've no words how deeply I'm fascinated by your way of narration.. This is so relaxing that I forgot every problems, stress and chaos around. I'm 17 yrs old and I've never experienced such environment but still I can connect to this!!!
I have read this story a couple of times ,but the emotions brought out through your narration are word less.you made me spellbound 🙏
मनोज जी आप का बयान ऐ अंदाज कमाल का है, जो रौंगटे खड़े कर देता है, साक्षात्कार सरस्वती आप की जुबान पर विराजमान लगती है । आप को साधुवाद 🙏
आपका बहुत धन्यवाद जो कफ़न को याद दिला दी जिसने गरम आलू का स्वाद नहीं चखा वो येसा लिख ही नहीं सकते ,मैंने पूस की रात , ठाकुर का कुआ,सजीव चित्रण देखा है भाई ये कहानी आज भी प्रासंगिक है।आपकी प्रस्तुति सराहनीय।
आप अपनी मेहनत औऱ लगन के कारण ही इस मुकाम पर पहुंचे है।
आपको ऐसे सुविधाजनक बैठे देखकर खुशी हुई।
प्रणाम🙏
Kafan,the great story!😢😢😢
Oh my god l am crying in the last line so emotional 😞
मुंशी प्रेमचंद्र जी की सभी उपन्यास या कहानियो में बहुत गहराइयां है ।
मनोज सर आपके कहानी बयां करने का अंदाज बड़ा ही निराला है ।।🙏🏻
Sir mai anxiety ka problem face kr rhi hu और एक बार फिर राहत के लिए मैं प्रेम चंद जी k उपन्यास पढ़ना शुरू किया और मुझे काफी राहत मिली
बहुत पहले ये कहानी पढ़ी थी और आज आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा सर
Upsc ki preparation k dauran pdhi mene bhi...pr bhut bdhiya thi
Soooooo..... beautifully u have narrated this story once again I got tears in my eyes Iam writing here once again becoz I had read this story when I was doing my graduation and I remember when I finished this story I had been crying almost for 1 hour.when my mother asked me the reason of my crying I told her mummy this story made me cry and my second sentence was mummy this world is not good enough to live😊😊 and my mother said pagal ladki chal khana kha le😊 Thank u sir to narrate this story.सच और भी कई ग़म है ज़माने में इक मोहब्बत के सिवा.......stay blessed 🙏🙏
ढेर सारा प्यार। ♥️♥️♥️
Ma'am ye story yhi khatam ho gya kya
Ya iske aage bhi tha kuch??
काफी बरस पहले पढी थी पर आपसे सुनकर और अच्छी लगी।अन्दांज बहुत अच्छा है आपका सुनाने का 😊 👌👏👏
मुंतशिर का अर्थ सूफ़ीनामा भी है और बिखरा हुआ भी किन्तु आप वो नही कुछ और ही हैं,बातें जिसकी सुनकर एक नजर रुक जाए,बन्द कानो के पर्दे झरझरा जाएं,बीते इतिहास के धूल भरे पन्ने स्वयं ही खुल जाए,जज्बातों को नई उड़ान की हवा लग जाये ऐसी सख्शियत आपकी है साहेब.........धन्यवाद मनोज जी आपने सनातन इतिहास से भारत के लोगो का सही में परिचय करवाया आज आप जैसे साहित्यकारों की जरूरत भारत को हे सेक्युलरों ने देश की दिशा का नामों निशा मिटाने में कोई कसर नही छोड़ी
जिस तरह से अपने इसकी बारीकियों को समझाया आनंद आ गया। आज एक नया शब्द भी सीखने को मिला " मुला/ मुदा" ।
Ur words mula reminds me my patients in opd..u r gem
Premchand Stories mirror of society.His mansarovar short stories tremendous.
You should do more Premchand stories ; you are an amazing narrator.😊
आज मैं धन्य हो गई आपकी वाणी से अमर साहित्यकार प्रेमचंद की कहानी सुनकर
मैंने कफन बहुत पहले पढ़ी थी आज फिर से सुनकर , बुधिया के साथ साथ बूढी काकी , निर्मला और भी बहुत सारे पात्र याद आ गए । सर मैं यशपाल जी का पर्दा भी आपसे सुनना चाहूंगी।