Legends rarely come together. Here they have met. They leave their footprints on the sands of Kaal(Time) and even long after they are gone, their melodies continue to nourish the soul and water the parched hearts and minds of countless humans. 🌺🙏
90 के दशक में मैंने किशोरी ताई और हरी प्रसाद जी की जुगलबंदी दिल्ली के सिरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम में सुनी थी। तबले पर अनिंदो चटर्जी और हारमोनियम पर जयराम पोतदार जी ने संगति की थी। इनको सुनना स्वर्गिक आनंद की अनुभूति है। यहाँ description में तबला संगत कलाकारों का नाम भी देना चाहिये था।
बहोत प्यारा👌👌❤️❤️ बहोत मिठा 🎉🎉 बहोत मधुर खास करके भूपाली तरामा. Deep Deep tranqility, calmness,peace, आंतरिक शांती,समाधान, आनंद, उल्हास इन सभीका package spiritual classical bonanza.soothing experieance. बस एकसरिखा सुnने को मन करता है. Salute to both kishori and hariprasad aur tabala player
ओहो बेहतरीन
उम्दा प्रस्तुति
आत्मविभोर
ঈশ্বরের অপূর্ব সৃষ্টি এই দুই মহান শিল্পী এই ভূপালি রাগের বন্দিশের মাধ্যমে পৃথিবীতে স্বর্গ সৃষ্টি করেছেন।
Legends rarely come together. Here they have met. They leave their footprints on the sands of Kaal(Time) and even long after they are gone, their melodies continue to nourish the soul and water the parched hearts and minds of countless humans. 🌺🙏
90 के दशक में मैंने किशोरी ताई और हरी प्रसाद जी की जुगलबंदी दिल्ली के सिरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम में सुनी थी। तबले पर अनिंदो चटर्जी और हारमोनियम पर जयराम पोतदार जी ने संगति की थी। इनको सुनना स्वर्गिक आनंद की अनुभूति है। यहाँ description में तबला संगत कलाकारों का नाम भी देना चाहिये था।
Meditating and soothing ❤
बहोत प्यारा👌👌❤️❤️ बहोत मिठा 🎉🎉 बहोत मधुर खास करके भूपाली तरामा. Deep Deep tranqility, calmness,peace, आंतरिक शांती,समाधान, आनंद, उल्हास इन सभीका package spiritual classical bonanza.soothing experieance. बस एकसरिखा सुnने को मन करता है.
Salute to both kishori and hariprasad aur tabala player
The great duo in the Indian Sangeet presenting Soul touching classics esteem rare performance🎉❤👍
Pay Respect them🙏❤
Magical out of world
Taking to some other world❤❤❤
Unbelievable . No words to express the feelings
बाँसुरी जैसी आवाज़ और स्त्री जैसी बोलती बाँसुरी की जुगलबंदी कभी होंठ कंठ की तरह मुखर और कभी कंठ होंठ की तरह मृदुल।
Blissful 🙏🏻
❤❤❤❤❤
❤❤❤❤❤🎉
कुच्छ बॉल नहीं सकते...इतना आनंद ओसंडून वाहू लागला...😂
Apratim kadhi nahi