काय बरोबर आहे? हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
काय बरोबर आहे? हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
अतिशय उत्तम परखड मत आपण बोलून ,तथा कथित आंबेडकरवादी नेत्यांना चांगली चपराक दिली आहे. त्याबद्दल आपले मनःपूर्वक अभिनंदन. सध्या आंबेडकरी समाजाला एका नवीन नेतृत्वाची गरज आहे. जय भीम.
वंचित बहुजन आघाडीला एकूण ३.६७% मते मिळाली *ती जर ६-७% मते मिळाली असता तर तो प्रादेशिक पक्षाचा दर्जा प्राप्त करू शकला असता व आपला स्वतचा एक मजबूत राजकीय पक्ष असावा हे आंबेडकरवादी माणसाचे स्वप्न पूर्ण झाले असते* #परंतु आंबेडकरवाद्यानी स्वतः चा राजकीय प्रादेशिक पक्ष बनविण्याचे स्वप्न अर्धवट ठेवले किमान भविष्यात स्वतः चा मजबूत राजकीय पक्ष उभा करण्यासाठी आंबेडकरवादी माणूस वंचित बहुजन आघाडी सोबत उभे राहावे.
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
कोणत अप्रतिम आंबेडकरी जनतेतील शिकाऊ तीतर तुम्ही कधीचं डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांच्या विचाराचे नव्हते, तुम्ही तुमच्या पिढ्यानपिढ्या हे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या विरोधात होते ते आजही डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांचे नातू श्रद्धेय बाळासाहेब आंबेडकर यांच्या विरोधात आहेत, अश्या गद्दार पासून समाज सावधान आहे तो पूर्वी पण होता तो आज पण आहे....
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर आणि संविधानावर प्रेम करणारे भारतामध्ये प्रचंड नागरिक आहेत हे या निकालावरून सिद्ध झाले आहे हा चॅनल पोहणारे आणि ऐकणारे हे सुद्धा 100% संविधानावर प्रेम करणारेच आहेत असा माझा विश्वास आहे जय हिंद
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
@@chandanesampat1832मतदान हे गुप्त असत मतदान करतांना स्वातंत्र्य पाहिजे प्रत्येक जणाला हेच विसरले भारतीय म्हणुन राजेशाहीच दिसली आत्तापर्यंतच्या ( भारतीय जनतेच्या संघर्षात) भारतीय जनता संघर्षच करत आली आहे राजेशाही सुटलीच नाही
खूप सुंदर आणि गरज असलेले topic निवडले साहेब. दलित समजाला त्यांचेच नेते भरकंवत आहे. दिशाहीन करताय. दलित समाजाने आपले दुश्मन ओळखले पाहिजे नाही तर खूप वाईट परिस्थिती होईल
अभिव्यक्ती च्या माध्यमातून आपण खूप मार्मिक.विश्लेषण केलं सर, महाराष्ट्रातील प्रत्येक आंबेडकरी व्यक्तीची हीच इच्छा होती, प्रकाश आंबेडकरांनी इंडिया आघाडी सोबत जावे, भाजप ची b team म्हणून त्यांनी काम केलं.
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
जय भीम साहेब.. मी वाट बगत होतो तुमच्या या व्हिडिओ ची.. महाराष्ट्र मद्ये दलित नेत्यांचे स्वतःचे इगो सुटत नाहीत अहंकार सुटत नाहीत.. वागणं असं आहे की बिजेपी लां समोरून किंवा मागून लपून मदत होईल.. आत्ता दलित चळवळीमध्ये नक्कीच एक पोकळी आहे.. अपेक्षा की लवकर भरून निघेल
चंद्रशेखर नेता महाराष्ट्राला पाहिजेल आहे महाराष्ट्रातले सर्व नेतेमंडळी आमच्या मनातून उतरले आहे त्यांना वाटत असेल त्यांना काही समजत नाही आम्हाला सगळे त्यांचे डावपेच कळलेले आहे
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
वंचित बहुजन आघाडीला एकूण ३.६७% मते मिळाली *ती जर ६-७% मते मिळाली असता तर तो प्रादेशिक पक्षाचा दर्जा प्राप्त करू शकला असता व आपला स्वतचा एक मजबूत राजकीय पक्ष असावा हे आंबेडकरवादी माणसाचे स्वप्न पूर्ण झाले असते* #परंतु आंबेडकरवाद्यानी स्वतः चा राजकीय प्रादेशिक पक्ष बनविण्याचे स्वप्न अर्धवट ठेवले किमान भविष्यात स्वतः चा मजबूत राजकीय पक्ष उभा करण्यासाठी आंबेडकरवादी माणूस वंचित बहुजन आघाडी सोबत उभे राहावे.
अगदीं बरोबर बोललात आपण साहेब आम्ही आपल्या मताशी सहमत आहे साहेब, त्यांनी जे केले ते वंशजांना सुद्धा जमले नाही,आणि भविष्यात ते जमणार सुद्धा नाही,कारण फक्त एकाच घरात तीन पार्ट्या,आणि गर्व एवढेच,आणि आम्ही अशी कॉमेंट दिली तर अंध भक्त सरळ आंबेडकर द्रिही म्हणून ट्रोळ करतील
अभिनंदन सर आपले आपण अतिशय योग्यप्रकारे आंबेडकरी समुदायला आंबेडकर घराण्याशी तोडलेत .एका लढाऊ स्वाभिमानी समुदायला प्रस्थापित पक्षांच्या वळचनिला बांधण्यास आपण यशस्वी झालत.अभिनंदन सर आपले.
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
महाराष्ट्रातील सर्व आंबेडकरी विचारवंत नेत्यांनी निकोप दाखवून सर्व वंचित शोषित पिडीत या लोकांना न्याय देण्याचं काम करावं चंद्रशेखर आझाद यांनी महाराष्ट्रामध्ये येऊन या फुटीर नेत्यांना एका ठिकाणी आणण्याचं काम करावं अभिनंदन चंद्रशेखर आझाद खासदार झाल्याबद्दल महामानव डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर यांचे विचार जंत पर्यंत पोहोचवावे व गोरगरीब जनतेला सुशी पिढीत वंचित या लोकांना न्याय द्यावा चंद्रशेखर आझाद खासदार आगे बढो हम तुम्हारे साथ है महाराष्ट्र गरीब ग्रेड संघटनेचे जिल्हा निरीक्षक माननीय श्रीधर भाऊ सपकाळ बुलढाणा जिल्हा निरीक्षक तालुका मेहकर गाव मुश्किल वाडी
आदरणीय साहेब तुमचा अभिनंदन🎉 तुम्ही पहिली सविस्तर माहिती दिली, ती वंचित वाल्यांना झोंबेल, पण 100% सत्य आहे प्रकाश आंबेडकर हे मात्र समाजाच्या हिताचं पोषक राजकारण करत नाही ही डेरिंग है धाडस तुम्ही दाखवल्यामुळे तुमचा अभिनंदन❤ १०० %✓✓✓✓✓ सत्य आहे प्रकाश आंबेडकर हे १९६७ पासून राजकारण करीत आहेत, बाबासाहेबांनी जेवढं समाजासाठी आणि देशासाठी मेहनत केली , त्यांचं एक सुद्धा अंश प्रकाश आंबेडकरांचा या समाजासाठी झालं नाही, जर प्रकाश आंबेडकर यांनी सुरुवातीपासून चांगलं राजकारण केलं असतं तर हा समाज त्यांच्यापासून दूर न जाता आज बाबासाहेबांचे खरे वारसदार शोभले असते व समाजाने स्वीकारले असते, परंतु या समाजाला प्रकाश आंबेडकर हे कधी स्वतःच्या समाजाला जवळ केले नाही, म्हणून गल्ली गल्लीत छोटे छोटे नेते पैदा झाले, प्रकाश आंबेडकर यांची भूमिका दरवेळी वादग्रस्त ठरत आहे, आणि हेच सत्य वंचित=भाजप पैशांचा खेळ आहे पैशापुढे शहाणपण चालत नाही
बरेच ब्राम्हण समाजाचे लोक आंबेडकरवादी आहेत आणि बरेच दलीत लोक ब्राम्हणवादी, त्यामुळे महाराष्ट्रात पुरोगामी विचार अजून खोल रुजवण्याची अत्यंत गरज आहे. त्यात आपला मोलाचा वाटा राहिल...
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
आता भारताचे तुकडे करणे कठीण. काश्मीर पाकिस्तानला देता येणार नाही. अफजल गुरूच्या खुनी लोकांचा बदला कसा घेणार. भारतात जवळपास 80 कोटी हिंदू अजुन जिवंत आहेत. त्यांचं काय करणार.
अत्यंत सुंदर अभ्यासू आणि परखड विश्लेषण केले आहे . आंबेडकरी चळवळीतील नेत्यांना घटनाकार बाबासाहेब यांच्या विचारांचे अनुकरण व जपणूक करता आली नाही हे खरे आहे. पण प्रकाश आंबेडकर यांनीही तीच भूमिका बजावली.एकेक मत किंमती असतांनाही लाखांनी समाजाची मते निष्प्रभ केली यासाठी कोण जबाबदार आहे.
देशाच्या सर्व मागासवर्गीय च्या भावी हिता साठी खुप चांगले नालायक नेत्या बद्दल , सर तुम्ही चांगले विचार मांडले त्या बद्दल धनयवाद या नेत्यांना गोलया घालायची वेल आली आहे चंद्र शेखर आझाद हे महाराष्ट्र व देशाचेही नेतृत्व करतील च त्या साठी तुमचेही परबोधन अवश्य आहे जय बुध्द जयभिम
एकदम अचूक आणि झणझणीत अंजन घालणारे असे तुमचं विश्लेषण आहे सर तुमचे आज आंबेडकरी समाजाला वालीच राहिलेला नाही. बाबासाहेबांचा नातू म्हणून बरेच अनुयायी अंधभक्ता सारखे लगेच जातात त्याचाच गैरफायदा हे पुढारी घेतात.. पण तुम्हाला सर मानाचा मुजरा आमचा... मला कुतूहल होतं वंचितच्या मतदानाच्या टक्केवारीच..ती समजली ✌️✌️🙏🙏
वानखेडे सर आपण अगदी सत्य बोलत आहात हे मला पटल सर. मला वाटते हे नेते bjp ची बी टीम असावी. लाज वाटते सर या नेत्याची. सेल्फिष झाले आहेत. आता आमचा भीम तरुण चंद्रशेखर आझाद तयार झाले आहेत. त्यांचा अभिमान वाटतो सर. सर तुम्ही खूपच अर्थपूर्ण बोलत आहात. मला तुमचा अभिमान वाटतो सर.
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
जय ज्योती जय क्रांती ज्ञान ज्योती सावित्रीबाई फुले क्रांती सूर्य ☀️ महात्मा ज्योतीबा फुले जय भीम डॉ बाबासाहेब आंबेडकर संत गाडगेबाबा महाराज कर्मवीर भाऊराव पाटील शाहू महाराज छत्रपती शिवाजी महाराज जय महाराष्ट्र
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
आद. रविंद्र पोखरकर साहेब अगदी योग्य विश्लेषण आपण खरे बोलता. Dr. बाबासाहेब आंबेडकर ह्यांनी खापऱ्या महाराची गोष्ट सांगितली होती Dr. बाबासाहेब आंबेडकर कोकणातले ज्या वेळेस दिक्षा घेण्याची वेळ आली त्या वेळेस त्यांनी नागपूर हे ठिकाण निश्चित केल. Dr. बाबासाहेब आंबेडकर ह्यांना माहित होते. माझा कोकणातील समाज सुज्ञ. समंजस, आणि हुशार आहे हे महार सुधारावे म्हणून नागपूर ला दिक्षा घेण्याचे ठरिवले. पण हे महार काय सुधारले नाही. महार ते महार च मरे पर्यंत महारच राहणार. म्हणून आम्ही कोकणस्त बुद्ध ह्यांना विचारत नाही. जय जिजाऊ जय शिवराय जय भिम जय संविधान नमोबुध्दाय. 🙏🙏🙏
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
दिड दमडीच्या पैशासाठी माझा समाज विकणार नाही. हे बाबासाहेबांचे बोल. हेच लोक पायदळी तुडवत आहेत. म्हणून आता नवीन नेतृत्व पुढे येणे काळाची गरज आहे. हरिभाऊ कोळेकर बार्शी
आगदी बरोबर...मायावती....आप ने आच्छ्या नाही किया.....पोखरकर साहेब....ह्या साठी धन्यवाद...ह्या लोकांना कुणी डिवचत नाहीत...तुमचा आभारी आहे....आठवले फार लाचार नेते आहेत... जय महाराष्ट्र
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
पाकिस्तानी सेनेचा सर्वात मोठा शत्रू आर एस एस आहे. पाकिस्तानी सेनेचा आदेश जिकडे आर एस एस, संघी दिसेल तिकडे ठेवून टाका. कारण जोपर्यंत आर एस एस आहे तोपर्यंत पाकिस्तान भारतावर कब्जा करू शकत नाही.
बाबासाहेबांचं नांव घेऊन, दुकान उघडलं, की मस्तच धंदा करता येतो.....!!.. पण बौध्द अनुयायी पक्के आणि सच्चे पाईक आहेत बाबासाहेबांचे,....त्यामुळेच या बांडगुळांना लोक ओळखतात....!!! सुंदर विश्लेषण सर,...!
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
भाऊ महाराष्ट्रामध्ये बीजेपी सतरा जागेवर विजयी झाली आहे त्याच 12 जागा जर बाळासाहेबांना दिले असते ना तर पूर्ण फोटो जागेवर विजयी झाले असते बाळासाहेबांचा पूर्ण भारतामध्ये स्टार प्रचारक म्हणून चेहरा काँग्रेसने जर दिला असताना पूर्ण भारताचा निकाल आज लय वेगळा असता पण महाविकास आघाडी आरमोड भूमिकेमुळे आज त्यांच्या त्यांच्या बोच्यात घु
Are Bhai,Tumhi 2019 la na hi 2024 la hon.Ambedkar Sahebana Vote dile.nahitar 2 ni veles Hon. Ambedkar niwdun aale asate..kuthala bahujan samaj? Jalil sahab na matra boudhni niwdun aanale.. Congress ne tumhala kiti seats dilya? Tashi Tumachi aata garaj nahi..Anyay hoto tyaveli Ambedkar wadi tumche sathi ladhtat.. Congress Wale baghat pan nahit.
सर तुम्ही खूप छान विचार मांडतात, मी नेहमीच तुमच्या प्रत्येक विचाराशी सहमत असतो, कारण तुमच्या विचारात नेहमी समाजहित असत, सर्वधर्म समभाव त्यात असतो, आणि मी सुध्दा अशाच विचारांना नेहमी फॉलो करतो, मला एवढंच माहिती आहे माणसाचा पहिला धर्म हा माणुसकी आहे. आज हे धर्म भेदभाव करणारे जिंकून पण हरल्यासारखे आहे, यांना पाय तर आहे पण चालता येणार नाही, त्यासाठी त्यांना दोन काठ्यांची गरज आहे आणि त्या काठ्या कधी साथ सोडेल आणि कधी मोडेल सांगता येत नाही
@PG-bl2pnbete tu kya chahte hai desh ki gandgi hamare samaj ki log dhote reh Jaya apne bate na kare vo kam kya tere upper cast log karte hai vo matlab desh mai gujrati log army Mai nahi to kya tum jaise log unke bare kuch nahi bolte kyoki businessman hai is liya aur salo adavasi ki zameen cheen late ho jo jungli dekh bhal karte hai to kya apne haq ki baat nahi kare tumhare jaise log ko kya bola Jaya ab
हो बरोबर आहे महाराष्ट्रामध्ये त्यांना मानसन्मान देऊन आपण त्यांच्या पाठीशी उभे राहणे गरजेचे आहे ते संविधानाची रक्षा करू शकतील आणि जनतेला पण पाठबळ मिळेल आणि एखादा खरा नेता पण मिळेल
पत्रकार साहेब ! आपणास जय भिम . विश्लेषण पाहिजे तसेच केले आणि बरोबर सुद्धा आहे . आपल्या सारखे तळागाळातील पत्रकार जर महाराष्ट्रात तयार झाले तर बहुजन विचारसरणी चे आंबेडकरवादी सरकार महाराष्ट्रात बसल्याशिवाय राहणार नाही . स्वतःला आंबेडकरी विचारांचे पुढारी समजनारेच खरे आंबेडकरी विचारांचे मारेकरी ठरले , यात शंका नाही . या नेत्यांचे चाल चरीत्र समाजाला हितावह दिसले नाहीत . सुरवातीच्या काळात मात्र थोडेफार धरने आंदोलन करत समाजात थोडी जागा केली खरी पण समाजाचा भ्रम निराश झाला . यामध्ये मात्र अपवाद आहेत बसपा प्रमुख बहन मायावती . आंबेडकरवादी विचारधारा संपूर्ण भारतभर पेरण्या मां. कांशीराम जी आणि मायावती यांनी अविवाहित राहून बसपा वाढविली आणि चार वेळा उ.प्र. च्या विधानसभेवर निळा झेंडा फडकवला . बाबासाहेब यांनी सांगितले होते की जा आपल्या घराच्या भिंतीवर लिहून ठेवा " आम्हाला या देशाची शासनकर्ती जमात बनायचे आहे " हे विधान बसपाने खरे करून दाखवले . कालांतराने बसपा कमकुवत होत गेली सद्या शुन्यवर आहे . यामध्ये काही चुका झाल्या असतील यात मी खोलवर जाणार नाही तो पक्ष श्रेष्ठी चा निर्णय असतो . एक प्रश्न आहे ज्या आघाडी ने संविधान वाचवण्यासाठी आणि आरक्षणासाठी संपूर्ण भारतभर कांगावा केला त्यांनी सत्ता असताना किती संविधान आणि आरक्षण वाचवण्यासाठी प्रयत्न केला ? याचे उत्तर जनतेला द्यावेच लागेल . कॉंग्रेसने आपल्या शासन काळात संविधानात किती बदल केला हेआपणास माहिती असेल आणि अखिलेश यादव यांनी आरक्षण बिल फाडले जे मायावतीजीने विधेयक राज्यसभेत मांडले होते . मग कसा काय विश्वास या इंडिया आघाडी ठेवावा . या कारणांने बसपा आघाडीत गेली नसावी तसेही आघाडीकडून खास निमंत्रण नव्हते आणि अखिलेश यांनी बहनजी ला आघाडीत येण्यासाठी रोखले . अशा प्रकारे हे माझे विश्लेषण आहे . आणि हो... बहनजी च्या शासन काळात झालेल्या विकास कामांचा महिमा आपल्या या चैनल च्या माध्यमातून मांडा म्हणजे लोकांना माहिती होईल . जय भिम
एक दम्म आपण जे बोलले ते 100%बरोबर आहे. सर जी आपल्याच नेत्यानी आपल्या ला अंधारात ठेऊन आपलं मस्त करून घेतले. व भाजपाला फायदा करून दिला. 🙏जय भीम 🙏नामोबुध्दाय 🙏
बाबा साहेब आंबेडकर यांच्या नावावर हे लोक राजकारण करत आहे . पण समाज जागृत आहे . त्यासाठी समाजाची काम करावी लागते त्यांचे दुःख त्यांच्या गलीत जाऊन विचारावं लागते एलेशन आलकी मी बाबा साहेबांचा अनुयायी आहे याला अर्त नाही तो कोणी आसुध्या शिका झरा .. चंद्रशेखर आझाद कडून
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
भारतीय जनता पार्टीला पण सत्तेत येण्यासाठी 70 वर्षे लागली तर वंचित पंधरा वर्षे दोन्ही पार्टी आहे ती 15 वर्षापासून प्रयत्न करते एक दिवस नक्की सत्यतील विजय हा वंचितांचाविजय हा वंचितांचा सोहेल जय वंचित बाळासाहेब आंबेडकर तर स्वतःच बघत असते ना आज ते देशातले सगळ्यात मोठे उद्योगपती असते याचाही जरा विचार करा
अभिनंदन सर आपले, आपण पद्धतशीर आंबेडकरी समाजाला काँग्रेस, राष्ट्रवादी शरद पवार, शिवसेना ह्या पक्षाकडे समाजाला वळवले, लोक तुमचे अभिनंदनाचा वर्षाव करीत आहेत, सविधाना बद्दल जेवढी कळकळ प्रकाश आंबेडकर यांना आहे. तेवढी कळकळ कोणत्या नेत्यांत आहे,काँग्रेस, राष्ट्रवादी शरद पवार, शिवसेना उद्धव ठाकरे, ह्या पक्षातिला कोणत्या नेत्यांत आहे सांगू शकता. मी माझं मत मांडले आहे पटलं तर घ्या नाहीतर राहू द्या. मंगल हो तुमचे
आदरणीय ! सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे. हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 26 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
म्हणूनच महाविकास आघाडीचे नेत्याच्या मागे ईडी सीबीआय लागतील मग बीजेपी मध्ये जातात बीजेपीच्या काँग्रेसच्या दम असेल तर ईडी सीबीआय लावून दाखवा प्रकाश आंबेडकर च्या मागे काँग्रेसला घराणेशाही वाचवायची होती संविधान वाचकाचे नव्हतं अक्कल गहाण ठेवणारे तुम्ही लोकं तू तुमच्या विचारधारेवर थु तुमच्या बुद्धीवर थु
नमस्कार सर 🙏आपण प्रत्येक विषयाचं आणि प्रत्येक बाबींच अगदी विस्तृत विश्लेषण करता आणि वर्तमान परिस्थितीच्या विचारांचं अभिसरण करून सामान्य जनतेसमोर सत्य परिस्थिती मांडता व जनजागृती करता याबाबत आपले आभार व मनःपूर्वक अभिनंदन🙏💐
bar mag , 3 khasdar nivdun aale jyanna pathimba dila te ka dist nahi ???🤬 aani 1-2 jaga niwdun aalyane kay diwa lawla asta Shivsena ,Congress ne ??😜 1-2 jagene bjp chya samor aste ka ? kuthe 244 BJP aani fakt 99 Congress ,😜 farak samjto ka tula 😜😂😂😂😂😂
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
अगदी बरोबर आहे सर...!!!
आपली भूमिका नेहमीच संविधान प्रेमी, मानवतावादी लोकांना भावते...!!
काय बरोबर आहे?
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
काय बरोबर आहे?
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
9😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊 ca QA x❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
समाजाच्या मनातलं बोललात sir. He विचार सांगणे गरजेचे होते. त्याला आपण वाट करून दिलीत sir. Thanks 🙏
एकदम खरं बोलले सर तुम्ही.
या अशा नेत्यांमुळेच दलित समाजाची वाताहत झाली.
अतिशय उत्तम परखड मत आपण बोलून ,तथा कथित आंबेडकरवादी नेत्यांना चांगली चपराक दिली आहे. त्याबद्दल आपले मनःपूर्वक अभिनंदन. सध्या आंबेडकरी समाजाला एका नवीन नेतृत्वाची गरज आहे. जय भीम.
डोळ्यात अंजन घालणार हा विडिओ अप्रतिम सर अगदी बरोबर
खूप हिम्मत लागते भाऊ या विषयाला हात घातला खूप खूप अभिनंदन
यां संगळ्यांचा विचार आंबेडकरी जनतेने करायला हवा आणि व्हिडिओ जस्तिस्त जास्त शेअर करा
अगदी बरोबर आहे हा video सर्व अंबेडकरी जनतेपर्यंत पोहचला पाहिजे.
वंचित बहुजन आघाडीला एकूण ३.६७% मते मिळाली *ती जर ६-७% मते मिळाली असता तर तो प्रादेशिक पक्षाचा दर्जा प्राप्त करू शकला असता व आपला स्वतचा एक मजबूत राजकीय पक्ष असावा हे आंबेडकरवादी माणसाचे स्वप्न पूर्ण झाले असते*
#परंतु आंबेडकरवाद्यानी स्वतः चा राजकीय प्रादेशिक पक्ष बनविण्याचे स्वप्न अर्धवट ठेवले किमान भविष्यात स्वतः चा मजबूत राजकीय पक्ष उभा करण्यासाठी आंबेडकरवादी माणूस वंचित बहुजन आघाडी सोबत उभे राहावे.
Asech congress dalache video share karun tumi lokani aamedkar chalaval sanlavali
Ravindr pokharkar saheb tumachi abhivyakti khup chan
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
आपण पोटतिडकीने मांडलेल्या मुद्द्यांबद्दल मनापासून आपले खूप खूप आभार. 🙏
सुंदर अप्रतिम, विश्लेषण!🎉🎉🎉
अगदी बरोबरच सर खूप छान सर
भिम आर्मीचा आदर्श घ्यावा
व्याख्यान देणारे सर अप्रतिम वास्तव बोलले आहेत.प्रत्येकांनी समजून घेतलेच पाहिजे.- डॉ.संजय हिराजी खैरे
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
कोणत अप्रतिम आंबेडकरी जनतेतील शिकाऊ तीतर तुम्ही कधीचं डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांच्या विचाराचे नव्हते, तुम्ही तुमच्या पिढ्यानपिढ्या हे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या विरोधात होते ते आजही डॉ बाबासाहेब आंबेडकरांचे नातू श्रद्धेय बाळासाहेब आंबेडकर यांच्या विरोधात आहेत, अश्या गद्दार पासून समाज सावधान आहे तो पूर्वी पण होता तो आज पण आहे....
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर आणि संविधानावर प्रेम करणारे भारतामध्ये प्रचंड नागरिक आहेत हे या निकालावरून सिद्ध झाले आहे हा चॅनल पोहणारे आणि ऐकणारे हे सुद्धा 100% संविधानावर प्रेम करणारेच आहेत असा माझा विश्वास आहे जय हिंद
Sir jaibheem , you are absolutely right. jithe mothe paksh alieance kartayat tithe chotya pakshanni vegle rahne mhanje apratyakshpane BJP la sath dene.
जयभीम सर मि बौद्ध समाजाची आहे मी कायंम उद्धव साहेबांचा शिवसेने लाच मतदान करत आले आहे जयसंविधान जय महाराष्ट्र 🙏
@@sureshgaikwad9502 भारतीय मतदाराला मतदान कोणत्या पक्षाला किंवा कोणत्या उमेदवाराला द्यावे याचे ट्रेनिंग देणे अतिशय महत्त्वाचा आहे
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
@@chandanesampat1832मतदान हे गुप्त असत मतदान करतांना स्वातंत्र्य पाहिजे प्रत्येक जणाला हेच विसरले भारतीय म्हणुन राजेशाहीच दिसली आत्तापर्यंतच्या ( भारतीय जनतेच्या संघर्षात) भारतीय जनता संघर्षच करत आली आहे राजेशाही सुटलीच नाही
खूप सुंदर आणि गरज असलेले topic निवडले साहेब. दलित समजाला त्यांचेच नेते भरकंवत आहे. दिशाहीन करताय. दलित समाजाने आपले दुश्मन ओळखले पाहिजे नाही तर खूप वाईट परिस्थिती होईल
सर सत्य परिस्थिती समजावून सांगितले या बद्दल धन्यवाद आभारी
अभिव्यक्ती च्या माध्यमातून आपण खूप मार्मिक.विश्लेषण केलं सर, महाराष्ट्रातील प्रत्येक आंबेडकरी व्यक्तीची हीच इच्छा होती, प्रकाश आंबेडकरांनी इंडिया आघाडी सोबत जावे, भाजप ची b team म्हणून त्यांनी काम केलं.
महोदय, आप 100% सही हैं, अपने अहंकार के कारण, वे सीधे अनुसूचित जाति समुदाय को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खुपच छान विश्लेषण.
महाराष्ट्रातील नेत्यांनी चंद्रशेखर आझाद कडून धडा शिकविण्याची गरज आहे.
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
जय भीम साहेब.. मी वाट बगत होतो तुमच्या या व्हिडिओ ची..
महाराष्ट्र मद्ये दलित नेत्यांचे स्वतःचे इगो सुटत नाहीत अहंकार सुटत नाहीत..
वागणं असं आहे की बिजेपी लां समोरून किंवा मागून लपून मदत होईल..
आत्ता दलित चळवळीमध्ये नक्कीच एक पोकळी आहे.. अपेक्षा की लवकर भरून निघेल
WHAT ABOUT ARUNACHAL , ODISA, ANDHRA PRADESH ASSEMBLY ELECTIONS WIN PLEASE TALK ON THIS. OUR MODIJI IS GREAT AND WORLD HERO. WE RESPECT MODIJI.
@@shreeganesha7779 what gretnees did he achieved just hate politics bringing politics into religion
चंद्रशेखर नेता महाराष्ट्राला पाहिजेल आहे महाराष्ट्रातले सर्व नेतेमंडळी आमच्या मनातून उतरले आहे त्यांना वाटत असेल त्यांना काही समजत नाही आम्हाला सगळे त्यांचे डावपेच कळलेले आहे
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
@@shreeganesha7779modi manuwadi logo ka gulam hain.
अतिशय निर्भीड व सत्य बोलत आहात पोखरकर सर धन्यवाद
खुप छान विश्लेषण केले सर तुम्ही.... आणि हे सगळं बोलायला खुप हिम्मत लागते.. 👍👍👍
👌👌👌👌👌 अभिनंदन सर. आपण या नेत्यांच्या नादी न लागलेलं बरं हे सर्व नेत्यांना समाजाला मागे ठेवायचा आहे आपले विचार फार आवडतात धन्यवाद
हाच खरा स्वाभिमानी बिबळ्या वाघ आहे चंद्रशेखर आझाद सॅल्युट
इतिहास याना माफ करना र नाही
@@pramodmankar8425माफ पण करणार नाही नीच वृत्ती ल बळ पण देणार नाहीत अशी अपेक्षा करू वंचित कडून
वंचित बहुजन आघाडीला एकूण ३.६७% मते मिळाली *ती जर ६-७% मते मिळाली असता तर तो प्रादेशिक पक्षाचा दर्जा प्राप्त करू शकला असता व आपला स्वतचा एक मजबूत राजकीय पक्ष असावा हे आंबेडकरवादी माणसाचे स्वप्न पूर्ण झाले असते*
#परंतु आंबेडकरवाद्यानी स्वतः चा राजकीय प्रादेशिक पक्ष बनविण्याचे स्वप्न अर्धवट ठेवले किमान भविष्यात स्वतः चा मजबूत राजकीय पक्ष उभा करण्यासाठी आंबेडकरवादी माणूस वंचित बहुजन आघाडी सोबत उभे राहावे.
नीला कबूतर 😂😂😂
द्या अजुन शिव्या BJP ला फायदा केला नाही दलितांनी😂@@ganeshsawant4926
अतिशय सुंदर विचार या पत्रकाराला 1000 तोफांची सलामी.
अगदीं बरोबर बोललात आपण साहेब आम्ही आपल्या मताशी सहमत आहे साहेब, त्यांनी जे केले ते वंशजांना सुद्धा जमले नाही,आणि भविष्यात ते जमणार सुद्धा नाही,कारण फक्त एकाच घरात तीन पार्ट्या,आणि गर्व एवढेच,आणि आम्ही अशी कॉमेंट दिली तर अंध भक्त सरळ आंबेडकर द्रिही म्हणून ट्रोळ करतील
चंद्रशेखर आजाद ला सलाम😊😊😊😊😊😊😊
आजचे विश्लेषण खुपच चांगले होते, त्यांच्या डोळ्यात चांगले अंजन घातले,
दलीत समाजासाठी नवीन चेहऱ्याची गरज आहे.. धन्यवाद रविंद्र सर 🙏
महाराष्ट्रातील आंबेडकरी जनतेलाही विचार करायला लावणारे खरे निवेदन आहे वानखेडे सरांचे याबद्दल आपले आभार आहे
पण इतरा बाबत बोला की
अभिनंदन सर आपले आपण अतिशय योग्यप्रकारे आंबेडकरी समुदायला आंबेडकर घराण्याशी तोडलेत .एका लढाऊ स्वाभिमानी समुदायला प्रस्थापित पक्षांच्या वळचनिला बांधण्यास आपण यशस्वी झालत.अभिनंदन सर आपले.
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
महाराष्ट्रातील सर्व आंबेडकरी विचारवंत नेत्यांनी निकोप दाखवून सर्व वंचित शोषित पिडीत या लोकांना न्याय देण्याचं काम करावं चंद्रशेखर आझाद यांनी महाराष्ट्रामध्ये येऊन या फुटीर नेत्यांना एका ठिकाणी आणण्याचं काम करावं अभिनंदन चंद्रशेखर आझाद खासदार झाल्याबद्दल महामानव डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर यांचे विचार जंत पर्यंत पोहोचवावे व गोरगरीब जनतेला सुशी पिढीत वंचित या लोकांना न्याय द्यावा चंद्रशेखर आझाद खासदार आगे बढो हम तुम्हारे साथ है महाराष्ट्र गरीब ग्रेड संघटनेचे जिल्हा निरीक्षक माननीय श्रीधर भाऊ सपकाळ बुलढाणा जिल्हा निरीक्षक तालुका मेहकर गाव मुश्किल वाडी
जबरदस्त आणि निर्भीड विश्लेषण केले आहे साहेब ,हिम्मत लागते यासाठी आणि तुम्ही ते सिद्ध केले आहे .
आदरणीय साहेब तुमचा अभिनंदन🎉 तुम्ही पहिली सविस्तर माहिती दिली, ती वंचित वाल्यांना झोंबेल, पण 100% सत्य आहे
प्रकाश आंबेडकर हे मात्र समाजाच्या हिताचं पोषक राजकारण करत नाही
ही डेरिंग है धाडस तुम्ही दाखवल्यामुळे तुमचा अभिनंदन❤
१०० %✓✓✓✓✓ सत्य आहे
प्रकाश आंबेडकर हे १९६७ पासून राजकारण करीत आहेत, बाबासाहेबांनी जेवढं समाजासाठी आणि देशासाठी मेहनत केली , त्यांचं एक सुद्धा अंश प्रकाश आंबेडकरांचा या समाजासाठी झालं नाही, जर प्रकाश आंबेडकर यांनी सुरुवातीपासून चांगलं राजकारण केलं असतं तर हा समाज त्यांच्यापासून दूर न जाता आज बाबासाहेबांचे खरे वारसदार शोभले असते व समाजाने स्वीकारले असते, परंतु या समाजाला प्रकाश आंबेडकर हे कधी स्वतःच्या समाजाला जवळ केले नाही, म्हणून गल्ली गल्लीत छोटे छोटे नेते पैदा झाले,
प्रकाश आंबेडकर यांची भूमिका दरवेळी वादग्रस्त ठरत आहे, आणि हेच सत्य वंचित=भाजप
पैशांचा खेळ आहे
पैशापुढे शहाणपण चालत नाही
सर आपने बिल्कुल सही बोला महाराष्ट्र में बाबा साहेब का तेज तर्रार नया चेहरा चाहिए समाज को धोखा देने वाले लोग नहीं चाहिए
संपूर्ण जनतेने विश्वास ठेवावा असा नेता डॉक्टर बाबासाहेबांच्या नंतर निर्माण झाला नाही. प्रचंड अहंकारी नेते आहेत.
बरेच ब्राम्हण समाजाचे लोक आंबेडकरवादी आहेत आणि बरेच दलीत लोक ब्राम्हणवादी, त्यामुळे महाराष्ट्रात पुरोगामी विचार अजून खोल रुजवण्याची अत्यंत गरज आहे. त्यात आपला मोलाचा वाटा राहिल...
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
कन्हैया हरला हे दुखः वाटले परंतु रावण जिंकला याने आनंद द्विगुणित झाला🙏❤
आता भारताचे तुकडे करणे कठीण.
काश्मीर पाकिस्तानला देता येणार नाही.
अफजल गुरूच्या खुनी लोकांचा बदला कसा घेणार.
भारतात जवळपास 80 कोटी हिंदू अजुन जिवंत आहेत. त्यांचं काय करणार.
धन्यवाद साहेब खासदार भाई चंद्रशेखर आझाद यांच्यावर एक व्हिडिओ बनवल्याबद्दल❤❤❤
सत्य परिस्थिती आपण सांगितली सर.
आपण अगदी बरोबर विश्लेषण करून चांगले विचार मांडलेत साहेब. नमो बुद्धाय जय भीम
खरे आहे सर आज तुम्ही मनातील बोलला छान वाटलं मी सुद्धा बौद्ध आहे
अत्यंत सुंदर अभ्यासू आणि परखड विश्लेषण केले आहे . आंबेडकरी चळवळीतील नेत्यांना घटनाकार बाबासाहेब यांच्या विचारांचे अनुकरण व जपणूक करता आली नाही हे खरे आहे. पण प्रकाश आंबेडकर यांनीही तीच भूमिका बजावली.एकेक मत किंमती असतांनाही लाखांनी समाजाची मते निष्प्रभ केली यासाठी कोण जबाबदार आहे.
शंभर टक्के सत्य आणि वास्तव विश्लेषण !
मनःपूर्वक आभार सर.
बरोबर आहे साहेब अशा नेत्यां मुळे आपल्या समाजाची अशी अवस्था आहे.
11:47
डॉ. राजरत्न आंबेडकर हे नवीन नेतृत्व उदयास येत आहे. समाजाला त्यांच्या कडून खूप अपेक्षा आहे.
देशाच्या सर्व मागासवर्गीय च्या भावी हिता साठी खुप चांगले नालायक नेत्या बद्दल , सर तुम्ही चांगले विचार मांडले त्या बद्दल धनयवाद
या नेत्यांना गोलया घालायची वेल आली आहे
चंद्र शेखर आझाद हे महाराष्ट्र व देशाचेही नेतृत्व करतील च
त्या साठी तुमचेही परबोधन अवश्य आहे
जय बुध्द जयभिम
महाराष्ट्रातल्या आंबेडकरी जनतेला विचार करायला लावणारे आपले निवेदन आहे खूप छान धन्यवाद
जयभीम जय संविधान
एकदम अचूक आणि झणझणीत अंजन घालणारे असे तुमचं विश्लेषण आहे सर तुमचे आज आंबेडकरी समाजाला वालीच राहिलेला नाही. बाबासाहेबांचा नातू म्हणून बरेच अनुयायी अंधभक्ता सारखे लगेच जातात त्याचाच गैरफायदा हे पुढारी घेतात.. पण तुम्हाला सर मानाचा मुजरा आमचा... मला कुतूहल होतं वंचितच्या मतदानाच्या टक्केवारीच..ती समजली ✌️✌️🙏🙏
Jay Bhim sir 💙
चंद्रशखर भाऊ❤ झिंदाबाद ❤तुम आगे बढो हाम तुम्हारे साथ है जय भीम जय भारत जय संविधान ❤❤❤❤❤
सर खूप छान, आपण समाज जागृती करत आहात ,धन्यवाद सर प्लिज हे काम चालू ठेवा , त्यानेच झोपलेला समाज जागा होईल
अतिशय सुंदर विषलेशन धन्यवाद 12:11
खुप छान विश्लेषण ❤ धन्यवाद रवी सर 🎉❤❤
वानखेडे सर आपण अगदी सत्य बोलत आहात हे मला पटल सर. मला वाटते हे नेते bjp ची बी टीम असावी. लाज वाटते सर या नेत्याची. सेल्फिष झाले आहेत. आता आमचा भीम तरुण चंद्रशेखर आझाद तयार झाले आहेत. त्यांचा अभिमान वाटतो सर. सर तुम्ही खूपच अर्थपूर्ण बोलत आहात. मला तुमचा अभिमान वाटतो सर.
आप जैसे निर्बुद्धी लोगो की इज्जत और ऊपर सर करके जी रहे ना वे सिर्फ बाळासाहेब आंबेडकर की वजहसे
तु लाचर होऊन जीवन जगू नको भाऊ
बहुतांश आंबेडकरी जनतेच्या मनातील खदखद आपण व्यक्त केली .
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
व्हिडिओ ची वाट पाहत होतो..हे विश्लेषण गरजेचे आहे
अप्रतिम विश्लेषण 🙏
पोखरकर साहेब खूप चांगले विचार सडेतोड पने मांडले मला आवडले . आंबेडकरी जनता दुधखुळी नाही त्यांनी लोकसभेला आंबेडकरी जनतेने त्यांची जागा दाखवून दिली आहे.
तरीही महाराष्ट्रात रवींद्र वायकर आणि अनुप धोत्रे आणि धैर्यशील माने . हे निवडून येण्यासाठी मदत झाली. वंचित मुळे
मा.रवींद्र सर..विश्लेषण..छानच..धन्यवाद..आभारी..आहोत..❤❤
जय ज्योती जय क्रांती ज्ञान ज्योती सावित्रीबाई फुले क्रांती सूर्य ☀️ महात्मा ज्योतीबा फुले जय भीम डॉ बाबासाहेब आंबेडकर संत गाडगेबाबा महाराज कर्मवीर भाऊराव पाटील शाहू महाराज छत्रपती शिवाजी महाराज जय महाराष्ट्र
Hamakhas harayache asel tar bahujan vanchit constitution reservation hya bolanarya party madhe ja down market party jay shree ram
ही कटू सत्यता आहे साहेब ह्या लोकानी आता निवृत्ती घ्यायला हवी
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
Very true analysis. सारे आंबेडकरी सो कॉल्ड सीनियर् लीडर्स मनुच्या पालखी चे भोई झाले आहेत.
खूप छान विश्लेषण पहिल्यांदा आपण केला आहे धन्य वाद .आपले मनापासून अभिनंदन. आपण सत्यता समाजा समोर आणली आहे.
उत्तर प्रदेश का खरा हिरो बब्बर शेर है बब्बर शेर चंद्रशेखर भाई आजाद संसद उत्तर प्रदेश खूप खूप शुभेच्छा
आद. रविंद्र पोखरकर साहेब
अगदी योग्य विश्लेषण आपण खरे बोलता. Dr. बाबासाहेब आंबेडकर ह्यांनी
खापऱ्या महाराची गोष्ट सांगितली होती
Dr. बाबासाहेब आंबेडकर कोकणातले
ज्या वेळेस दिक्षा घेण्याची वेळ आली
त्या वेळेस त्यांनी नागपूर हे ठिकाण निश्चित केल. Dr. बाबासाहेब आंबेडकर ह्यांना माहित होते. माझा कोकणातील समाज सुज्ञ. समंजस, आणि हुशार आहे
हे महार सुधारावे म्हणून नागपूर ला दिक्षा घेण्याचे ठरिवले. पण हे महार काय
सुधारले नाही. महार ते महार च मरे पर्यंत महारच राहणार.
म्हणून आम्ही कोकणस्त बुद्ध ह्यांना विचारत नाही.
जय जिजाऊ जय शिवराय
जय भिम जय संविधान
नमोबुध्दाय. 🙏🙏🙏
आजही आमच्या कोकणात जातीय किव्वा धार्मिक वादविवाद नाहीत . कोकणी मुस्लिम सुद्धा कोकणी अस्तलो म्हनून प्रेम करतात .
Tumachya bolnyatun jatiyvad disto, pahile mahar te maharch mhanan soda.
Sacchya Ambedkarvadyani sanvidan vachvnyasathi bjp virodhat aslelya party la matdan kel he visru naka.
Kokani lokanch kai gungan gata tyani bjpla vote kelay
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
स्पष्ठ वक्ता.
पोखरकर खुप नालायक निघाला. 😡 समाजात तेढ निर्माण होइल असा कमेंट Highlight केला. 🙄 पण नवल काय तो जुन्या जातीयवादी शिवसेनाचा कार्यकर्ता. 🤦
खुप खुप शुभेच्छा आझाद, सिराना माझा जय भीम, जय संविधान, जय भारत
अतिशय सुंदर आणि समर्पक विश्लेषण केले सर आपण, फडतूस खोके घेऊन समाजाला वेठीस धरणाऱ्या तथाकथित पुरोगामी आंबेडकरी नेत्यांचे!!
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
खूप छान विश्लेषण केले, आमच्या नेत्याची नैतिकता , राजकीय उदासीनता जास्त वाढली आहे .
दिड दमडीच्या पैशासाठी माझा समाज विकणार नाही. हे बाबासाहेबांचे बोल. हेच लोक पायदळी तुडवत आहेत. म्हणून आता नवीन नेतृत्व पुढे येणे काळाची गरज आहे.
हरिभाऊ कोळेकर बार्शी
चंद्रशेखर आझाद या व्यक्तिमत्त्वाचा अभ्यास करून महाराष्ट्रात असा प्रयोग करणे गरजेचे आहे
मी सुर्वाती पासूनच तुमचा चाहता आहे आणि प्रत्येक व्हिडिओ गणिक मझा तुमच्या विषयीचा आदर वाढतच जातो,जय शिवराय, जय भिम🙏🙏
आगदी बरोबर...मायावती....आप ने आच्छ्या नाही किया.....पोखरकर साहेब....ह्या साठी धन्यवाद...ह्या लोकांना कुणी डिवचत नाहीत...तुमचा आभारी आहे....आठवले फार लाचार नेते आहेत... जय महाराष्ट्र
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
बहुजन समाजात हाच मोठा दोष आहे त्याचा फायदा आर एस एस वाले घेतात. नेते लाचार झाल्यामुळे बहुजन समाजाची वाट लागते.
पाकिस्तानी सेनेचा सर्वात मोठा शत्रू आर एस एस आहे. पाकिस्तानी सेनेचा आदेश जिकडे आर एस एस, संघी दिसेल तिकडे ठेवून टाका.
कारण जोपर्यंत आर एस एस आहे तोपर्यंत पाकिस्तान भारतावर कब्जा करू शकत नाही.
Lokanich swatachi akkal vapraychi aahe aata.
Yes साहेब
Very well explained Sir
नेते लाचार हौद्या आपण नाही झालं पाहिजे आपण शिक्षित आहोत.
बाबासाहेबांचं नांव घेऊन, दुकान उघडलं, की मस्तच धंदा करता येतो.....!!..
पण बौध्द अनुयायी पक्के आणि सच्चे पाईक आहेत बाबासाहेबांचे,....त्यामुळेच या बांडगुळांना लोक ओळखतात....!!!
सुंदर विश्लेषण सर,...!
फारच अभ्यासपूर्ण विश्लेषण... कटू आहे पण १००% खर आहे 🙏
आपली भूमिका योग्यच आहे सर..धन्यवाद..🙏
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
वंचित आता आम्बेडकरी जनता पासून नेहमी साठी वंचित राहनार...हे लवकरच महाराष्ट्र विद्यानसभा मधे दिसनार
खूप सुंदर विश्लेषण.100%सत्य आहे.
प्रकाश आंबेडकर साहेब यांनी खरोखर आघाडी सोबत जाण्याची गरज होती हे माझे व्यक्ती गत मत आहे
फकुटात नाही जात
प्रकाश आंबेडकर यांनी तर बाबासाहेब यांच्या विचाराला तिलांजलीच दिली.
यांच्याकडून खूप अपेक्षा होत्या.
आता बहुजन लोकांना विचार करायची वेळ आली आहे.
भाऊ महाराष्ट्रामध्ये बीजेपी सतरा जागेवर विजयी झाली आहे त्याच 12 जागा जर बाळासाहेबांना दिले असते ना तर पूर्ण फोटो जागेवर विजयी झाले असते बाळासाहेबांचा पूर्ण भारतामध्ये स्टार प्रचारक म्हणून चेहरा काँग्रेसने जर दिला असताना पूर्ण भारताचा निकाल आज लय वेगळा असता पण महाविकास आघाडी आरमोड भूमिकेमुळे आज त्यांच्या त्यांच्या बोच्यात घु
हा प्रकाश नाही, हा तर बाबासाहेब नावाच्या दिव्याखालचा अंधार !
Are Bhai,Tumhi 2019 la na hi 2024 la hon.Ambedkar Sahebana Vote dile.nahitar 2 ni veles Hon. Ambedkar niwdun aale asate..kuthala bahujan samaj? Jalil sahab na matra boudhni niwdun aanale.. Congress ne tumhala kiti seats dilya? Tashi Tumachi aata garaj nahi..Anyay hoto tyaveli Ambedkar wadi tumche sathi ladhtat.. Congress Wale baghat pan nahit.
Zatya
Bjp निवडून येईल म्हणून आपण उभे रहायचं नाही का?
सर तुम्ही खूप छान विचार मांडतात, मी नेहमीच तुमच्या प्रत्येक विचाराशी सहमत असतो, कारण तुमच्या विचारात नेहमी समाजहित असत, सर्वधर्म समभाव त्यात असतो, आणि मी सुध्दा अशाच विचारांना नेहमी फॉलो करतो, मला एवढंच माहिती आहे माणसाचा पहिला धर्म हा माणुसकी आहे.
आज हे धर्म भेदभाव करणारे जिंकून पण हरल्यासारखे आहे, यांना पाय तर आहे पण चालता येणार नाही, त्यासाठी त्यांना दोन काठ्यांची गरज आहे आणि त्या काठ्या कधी साथ सोडेल आणि कधी मोडेल सांगता येत नाही
बिलकुल बरोबर
सर चालू घडामोडी चे योग्य विश्लेषण केल्या बद्दल धन्यवाद
मतदार आरएसएस भक्त
SC SC St OBC हिंदूत्व हिंदुराष्ट्र रामराज्य तुष्टिकरण वर्णव्यवस्था मनुस्मृति में लिप्त
@PG-bl2pnbete tu kya chahte hai desh ki gandgi hamare samaj ki log dhote reh Jaya apne bate na kare vo kam kya tere upper cast log karte hai vo matlab desh mai gujrati log army Mai nahi to kya tum jaise log unke bare kuch nahi bolte kyoki businessman hai is liya aur salo adavasi ki zameen cheen late ho jo jungli dekh bhal karte hai to kya apne haq ki baat nahi kare tumhare jaise log ko kya bola Jaya ab
एकदम बरोबर.
आर एस एस मधे 71% दलीत, ओबीसी आणि वाल्मिकी समाजाचा भरणा.
@PG-bl2pnswarn manuwadi log bich me na pade.
Manuwad murdabad
90% wale zindabad
Baaki 10% walo ka naam nahi liya.
Baaki samjh le.
Hearty Congratulations to Chandrashekhar 🎉
खरे दलीत नेता सध्या च्या काळी फक्त चंद्रशेखर आझाद हे आहेत
हा बाटलेला मुस लमान कसा काय दलीत नेता ?
दलीत बायका मुलींवर अत्याचार केले तर शांतीदुतांची बाजू घेतो.
DALIT NETA KA BAHUJAN NETA .........BINDOK AWALAD
हो बरोबर आहे महाराष्ट्रामध्ये त्यांना मानसन्मान देऊन आपण त्यांच्या पाठीशी उभे राहणे गरजेचे आहे ते संविधानाची रक्षा करू शकतील आणि जनतेला पण पाठबळ मिळेल आणि एखादा खरा नेता पण मिळेल
पत्रकार साहेब ! आपणास
जय भिम .
विश्लेषण पाहिजे तसेच केले आणि बरोबर सुद्धा आहे . आपल्या सारखे तळागाळातील पत्रकार जर महाराष्ट्रात तयार झाले तर बहुजन विचारसरणी चे आंबेडकरवादी सरकार महाराष्ट्रात बसल्याशिवाय राहणार नाही .
स्वतःला आंबेडकरी विचारांचे पुढारी समजनारेच खरे आंबेडकरी विचारांचे मारेकरी ठरले , यात शंका नाही . या नेत्यांचे चाल चरीत्र समाजाला हितावह दिसले नाहीत . सुरवातीच्या काळात मात्र
थोडेफार धरने आंदोलन करत समाजात थोडी जागा केली खरी पण समाजाचा भ्रम निराश झाला .
यामध्ये मात्र अपवाद आहेत बसपा प्रमुख बहन मायावती . आंबेडकरवादी विचारधारा संपूर्ण भारतभर पेरण्या मां. कांशीराम जी आणि मायावती यांनी अविवाहित राहून बसपा वाढविली आणि
चार वेळा उ.प्र. च्या विधानसभेवर निळा झेंडा फडकवला . बाबासाहेब यांनी सांगितले होते की जा आपल्या घराच्या भिंतीवर लिहून ठेवा " आम्हाला या देशाची शासनकर्ती जमात बनायचे आहे " हे विधान बसपाने खरे करून दाखवले .
कालांतराने बसपा कमकुवत होत गेली सद्या शुन्यवर आहे . यामध्ये काही चुका झाल्या असतील यात मी खोलवर जाणार नाही तो पक्ष श्रेष्ठी चा निर्णय असतो . एक प्रश्न आहे ज्या आघाडी ने संविधान वाचवण्यासाठी आणि आरक्षणासाठी संपूर्ण भारतभर कांगावा केला त्यांनी सत्ता असताना किती संविधान आणि आरक्षण वाचवण्यासाठी प्रयत्न केला ? याचे उत्तर जनतेला द्यावेच लागेल . कॉंग्रेसने आपल्या शासन काळात संविधानात किती बदल केला हेआपणास माहिती असेल आणि अखिलेश यादव यांनी आरक्षण बिल फाडले जे मायावतीजीने विधेयक राज्यसभेत मांडले होते . मग कसा काय विश्वास या इंडिया आघाडी ठेवावा .
या कारणांने बसपा आघाडीत गेली नसावी तसेही आघाडीकडून खास निमंत्रण नव्हते आणि अखिलेश यांनी बहनजी ला आघाडीत येण्यासाठी रोखले .
अशा प्रकारे हे माझे विश्लेषण आहे . आणि हो... बहनजी च्या शासन काळात झालेल्या विकास कामांचा महिमा आपल्या या चैनल च्या माध्यमातून मांडा म्हणजे लोकांना माहिती होईल .
जय भिम
एक दम्म आपण जे बोलले ते 100%बरोबर आहे. सर जी आपल्याच नेत्यानी आपल्या ला अंधारात ठेऊन आपलं मस्त करून घेतले. व भाजपाला फायदा करून दिला. 🙏जय भीम 🙏नामोबुध्दाय 🙏
साहेब विश्लेषण अगदी. 100 % सत्य मांडणी.
प्रकाश आंबेडकर हे बाबासाहेब आंबेडकरांचे वारस आहेत ह्या वर आता शंका उपस्थित होते.
पोखरकर सर,
सुंदर विश्लेषण, आंबेडकरी समाजाचे परखड विचार आपण पुर्ण परीक्षणानुसार सत्य परिस्थिती मांडली. कटू आहे पण सत्य आहे.
जय भिम | जय शिवराय
सुंदर
अभिनंदन
बाबा साहेब आंबेडकर यांच्या नावावर हे लोक राजकारण करत आहे . पण समाज जागृत आहे . त्यासाठी समाजाची काम करावी लागते त्यांचे दुःख त्यांच्या गलीत जाऊन विचारावं लागते एलेशन आलकी मी बाबा साहेबांचा अनुयायी आहे याला अर्त नाही तो कोणी आसुध्या शिका झरा .. चंद्रशेखर आझाद कडून
सर आपले विचार खुप सुदर आहे महाराष्ट्रात एखादा चंद्रशेखर शोधावा लागेल बाबासाहेबांचा विचार घेवून चालणारा असावा असे मला वाटते जयभिम आता हिमतीने लढा देवू
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
Sir आपणच ka नाही बनत चंद्रशेखर... 🙏
मायावती आणि प्रकाश आंबेडकर यांनी अहंकारमुळे ते निवडून आले शकले नाही ,याचा पूर्ण फायदा बिजेपी ल झाला
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏
या लोकसभा निवडणुकेत प्रकाश आंबेडकर पूर्ण पणे बाद झाले आहेत.
भारतीय जनता पार्टीला पण सत्तेत येण्यासाठी 70 वर्षे लागली तर वंचित पंधरा वर्षे दोन्ही पार्टी आहे ती 15 वर्षापासून प्रयत्न करते एक दिवस नक्की सत्यतील विजय हा वंचितांचाविजय हा वंचितांचा सोहेल जय वंचित बाळासाहेब आंबेडकर तर स्वतःच बघत असते ना आज ते देशातले सगळ्यात मोठे उद्योगपती असते याचाही जरा विचार करा
Evdh varsha vaat baghitl tr bjp la savidhn badlal space bhetr @@lakhanmranveer
खूप छान विश्लेषण केलेत सर सप्रेम जय भीम..
अभिनंदन सर आपले, आपण पद्धतशीर आंबेडकरी समाजाला काँग्रेस, राष्ट्रवादी शरद पवार, शिवसेना ह्या पक्षाकडे समाजाला वळवले, लोक तुमचे अभिनंदनाचा वर्षाव करीत आहेत, सविधाना बद्दल जेवढी कळकळ प्रकाश आंबेडकर यांना आहे. तेवढी कळकळ कोणत्या नेत्यांत आहे,काँग्रेस, राष्ट्रवादी शरद पवार, शिवसेना उद्धव ठाकरे, ह्या पक्षातिला कोणत्या नेत्यांत आहे सांगू शकता.
मी माझं मत मांडले आहे पटलं तर घ्या नाहीतर राहू द्या.
मंगल हो तुमचे
आदरणीय !
सामाजिक आणि धार्मिक संघर्षांमुळे आपले राष्ट्र त्रस्त आहे. माझ्याकडे कायम सामाजिक आणि धार्मिक सलोखा प्रस्थापित करण्याचा एक प्रस्ताव आहे. मी त्यासाठी केलेल्या प्रयत्नांची माहिती देत आहे.
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
26 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी।
मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
महाराष्ट्रातील चांभार आंबेडकर विरोधी
महाराष्ट्राच्या बाहेरील चांभार आंबेडकरवादी आहे
एकदम बरोबर
True.
Hyancha aarakshan sampavayla hava
Agadi barobar mhanalaat
अरे भाऊ महाराष्ट्रात चांभार आहेत, आणि उत्तर प्रदेश मध्ये चमार आहेत . ह्या दोन्ही जाती वेगळ्या आहेत
100%सत्य सर,
अगदी बरोबर बोलत आहे सर तुम्ही. तुमच्या प्रखर मत त्याबद्दल धन्यवाद सर.. जय जिजाऊ जय शिवराय जय भीम जय भारत जय संविधान...🙏✍️👍💐💙
महाराष्ट्रतले आबेडकरी नेत दलभद्री
महाराष्ट्रातले काही भाडखाव तुमच्यासारखे गुलाम😂
दलभद्री nahi समाज विकनारे gadhav😮😮😮😮😮
समाजाचा वापर करून घर भरणारे
@@Santoshkirtane- भावा तुझे नेते करतात आमचे नेते नाही करत गर्व आहे मला प्रकाश आंबेडकर वर 😌
म्हणूनच महाविकास आघाडीचे नेत्याच्या मागे ईडी सीबीआय लागतील मग बीजेपी मध्ये जातात बीजेपीच्या काँग्रेसच्या दम असेल तर ईडी सीबीआय लावून दाखवा प्रकाश आंबेडकर च्या मागे काँग्रेसला घराणेशाही वाचवायची होती संविधान वाचकाचे नव्हतं अक्कल गहाण ठेवणारे तुम्ही लोकं तू तुमच्या विचारधारेवर थु तुमच्या बुद्धीवर थु
सर, अगदी सत्य बोललात तुम्ही! पण या स्वार्थी व नालायक लोकांना सांगून काय फायदा. यांना समाजातून काढून टाकले पाहिजे.
नमस्कार सर 🙏आपण प्रत्येक विषयाचं आणि प्रत्येक बाबींच अगदी विस्तृत विश्लेषण करता आणि वर्तमान परिस्थितीच्या विचारांचं अभिसरण करून सामान्य जनतेसमोर सत्य परिस्थिती मांडता व जनजागृती करता याबाबत आपले आभार व मनःपूर्वक अभिनंदन🙏💐
प्रकाश आंबेडकरने बुलढाणा शिवसेना (उबाठा)ची जागा पाडायला मदत केली
bar mag ,
3 khasdar nivdun aale jyanna pathimba dila te ka dist nahi ???🤬
aani 1-2 jaga niwdun aalyane kay diwa lawla asta Shivsena ,Congress ne ??😜
1-2 jagene bjp chya samor aste ka ?
kuthe 244 BJP aani fakt 99 Congress ,😜
farak samjto ka tula 😜😂😂😂😂😂
😢😢😢😢
भाजपचा लाचार कुत्रा प्रकाश आंबेडकर ला खेटरा चा हार घाला
अगदी खरं आहे. यांच्या स्वार्थी पणामुळे जनता फरफाटात जाते व फायदा भाजप चा होतोय हे लक्षात येऊन सुद्धा अहंकारामुळे हे घडत आहे
हा तुमचा ब्रेन वाँश करत आहे. 🤦 बाकीचांच नाही माहित पण प्रकाश आंबेडकरांच राजकारण बरोबर आहे. 👍 कारण भाजप, शिवसेना राष्ट्रवादी काँग्रेस, काँग्रेस ह्यांचे बडे बडे नेते इकडून तिकडे घुसत असतात. 🙄 ते कशासाठी तर दलित, आदिवासी, आेबीसी यांची सत्ता येउ नये म्हणून. 🤷 हे मराठे काही शाहू महाराजांच्या विचारांचे नाहीत. 😢 ते फोडा आणि राज्य करा. ह्या तत्वावर ते काम करत आहेत. 😡 ह्यावेळी संविधान धोक्यात आहे (खरी बाब) ह्या मुद्द्यावर नागरिकांनी वोट दिले पण पुन्हा देणार नाही. 🙅 बाबासाहेब आंबेडकरांना कुणी पाडले होते हे पण ध्यानात ठेवा. 🙏