हिन्दुओ में इकठ्ठा नाचने गाने खाना खाने से शादी की मान्यता नहीं मिलती सुप्रीम कोर्ट
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कोर्ट में गबाही चल सकती है तो विवाह में क्यों नहीं चल सकती है बाराती गवाह होता है
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
शादी में और शादी हो जाने के बाद नाचना-गाना और खाना तो हर धर्म में होता है तो सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ हिंदु धर्म को ही टारगेट क्यों किया
सुप्रीम कोठे दूसरा कोई काम नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति को किस तरह तहस नहस करना बस उसी मे लगा रहता है सुप्रीम कोठा।
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
mahabhiyog ki taraf badh raha hai SC.😠
@@anjalirani7253 एक सर्जिकल स्ट्राइक देश की न्याय व्यवस्था कानून व्यवस्था और बिकी हुई विदेशी फंड से 50,50करोड़ के बंगले में रहने वाले दलाल मीडिया के पत्रकार जो चीनी और जार्ज सोरोस जैसे लोगो की चाटुकारिता और वामपथियों का महिमा मंडन करते हैं उन लोगो पर होनी चाहिए। तभी देश सुधर सकता है नही तो कांग्रेस पार्टी ने ऐसा प्रबंध कर रखा है कि देश के अंदर गद्दारों टुकड़े टुकड़े गैंग का ही बोलबाला है और देश में राष्ट्रवादियों के लिए कोई अधिकार ही नही है सेकेंड थर्ड सिटीजन बन कर रह गया है देश का बहुसंख्यक समुदाय
Ews or savarnwad ke liye to fir achha lagta court baki sb illegal hai na kya swarthi log ho tum log
विदेशी पढ़ाई करके आये हुए लोगों को भारत मे जज नही बनाना चाहिए । ये भारत के जज बनने के लायक नही ।
pata nhi kis aadhar par banate hn, is desh ka jisne samvidhan nhi padha wo judge ban jata h
भाई जी, ये जज नंही है, ये अंग्रेजी के दलाल है। कुछ भी करके, भारतीय संस्कृति को नष्ट भ्रष्ट करने में लगे हैं। किसी भी गैर हिंदू का भारतीय न्याय व्यवस्था में प्रवेश बंद कर दिया जाए।
"Foreign washed" brains are unable to understand the logic and depth of indigenous traditions and sensibilities in this vastly complex and diversified society.
सुप्रीम कोठा टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
🙏🏻
इस सुप्रीम कोर्ट ने आज तक भारत देश के लिए कोई भला काम नाहीय किया है । इसको तुरंत बंद करना चाहिए ।
Sahi hai...rafale...Ram mandir...dhara 370...babri demolition case ...ityaadi...sab galat phaisaley they? Hamey andhbhakti nahi karni hai...jai shree ram
Gadhe admi sc mahan kaam krne ke liye nhi bna hai justice krne ke liye bna hai aur ram mandir bhi sc ke decision se bna hai
Dear Sir, please say consummate, not consume. For marriage.
नमस्ते सर,
मुझे आपलोग से एक सलाह चाहिए। मेरी बेटी कि शादी 2020 नवम्बर में हुई।2023 नवम्बर में वो विधवा हो गई कोई संतान नहीं है पर उनके स्वर्गवासी पति के कंपनी में उनकी मां नोमनी है सारा composition मां को मिला LIC का भी अब वो मेरी बेटी को कोई पैसा नहीं देना चाहते। कोर्ट से मेरी बेटी को क्या compansation मिल सकता है ?
😊❤😊@@SoamiSaran
हिंदुओं में प्राचीन काल से ही विवाह होता है। जिसे सदियों से अपनाया जा रहा है। बाहर से आए सभी पंथ में यह करार होता है।
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤@@truehealth9
पता नहीं क्यों न्यायालय से विश्वास बहुत हद तक डगमगा चुका है 😢😢😢
Aapko abhi tak pata nahi chala hai😅😅
सुप्रीम कोठा बन चुका है जितना उसे महत्व देंगे वह उतना नचाएगा...
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
दूबे साहब आपके सनातन संस्कृति विज्ञान को नमन करते हैं।
न्यायालय बहुसंख्यक समाज की परंपराओं को ध्यान में रखकर निर्णय दें वही अच्छा है।
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
अब समय आ गया है कि भारत को सनातनी हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाकर बहुसंख्यक सनातनी हिंदुओ को ध्यान में रखकर संविधान का निर्माण होना चाहिए 🎉🎉
इसके लिये 400 पार ,,,धुप गर्मियों बरसात कि परवाह किये बिना घर से सभी बाहर निकले ओरों को भी ले जायें,बिजेपी को वोट करें,एक एक वोट किमती है,कोई हिंदुवे छुटना नही चाहिये,,जयसियाराम🙏🚩🚩🚩🚩
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
सुप्रीम कोर्ट को अपनी मान्यता अपने पास रखना चाहिए....देश तो 2014 में आजाद हो गया पर कोर्ट आज़ाद नहीं हुआ!
कोई बतायेगा कि सी जे आई या सुप्रीम कोर्ट ने सनातन समाज के लिये कोई प्रशंसनीय कार्य किया हो|
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Suprim court sirf वामपंथियों को शादी करेगी
सुप्रीम कोठा कहिए
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
सुप्रीम कोर्ट के सनातन धर्म में वह क्या जानता है अमेरिका इंग्लैंड पढ़कर यस बन जाता है उसको समाज की नीतियों में क्या मालूम हैयार और हमारा हिंदू समाज की नीतियों में आपको दखल देने का कोई अधिकारनहीं है
Sanatan me nachna gana kha hai
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
अपनी मान्यता आपने पास रखिए, समाज हमारी सबसे बड़ी अदालत है जहां शादियां दो गांव के बीच होती है बहु पूरे गांव की होती है वही दामाद भी पूरे गांव का होता है।
अनपढ़ मानुष वीडियो का प्रीमियर चलरहा है और यह वीडियो अभि पूरी नहीं हुई है और बिना सुने कमेंट्स मानसिकता दर्शाता है
महोदय, दुबे जी कानून के पहलू की जानकारी दे रहे हैं
बाक़ीआपके समाज का कोई जब किसी कानूनी पचड़े में पड़ेगा तो पता चल जाएगा।
Gawar kaha se hai pura video sunte nahi hai or kuch bhi bol dete hai😅. Bahu to pure gaon ki hoti hai.
Shree dubeji is explaining for our knowledge, up to you accept or not. Extremely sorry Panditji.
Tumhare maa ki shaadi jis gaaon mein samaj ke samne hui toh kya tumhaari maa poore gaaon ki patni ho gayi
काल सुप्रीमकोर्ट ये भी कानून बनIदेगा अगर मुर्देको दफ़नाने कोई रिस्तेदार या पडोशी उपस्तित रहेगा तो मृत्युकी प्रमाण पत्रनहीं मिलेगी मुर्दा खुद व खुद दफ़नहोगा तभी प्रमाणपत्र जारी की जाएगी 😜
Bilkul Satya aur Sahi baat Kahi aapane 💯☑️🙏🙏
सुप्रीमकोठा कहिए
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
मुझे लगता है ये जो छोटी छोटी बाते मोदीजी समजते है वो सब खामिया समाप्त करानेकी कोशिश जरूर करेंगे जय हिंद जय भारत वंदे मातरम् 🙏🚩🚩🌹🌹🙏
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
आपकी विद्वत्ता अतुलनीय है आप जैसे विद्वान नीति निर्माण में हों तो राम राज आने में समय नहीं लगेगा ❤❤❤
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
'आपकी' मदद की ज़रूरत है !
ढील मत दीजिए ! इस चुनाव में 404 की सीमा पार करना I
कृपया उदाहरण पेश करें और, वोट देने , साथियों को ले जाइये
और फेसबुक दोस्तों को बोलिये !
इसे गंभीरता से लें , महत्वपूर्ण है ।
Is baar tum gobarkhoro ka supra saaf
सुप्रीम कोठा सिर्फ एक कोठा है उसके किसी आदेश का कोई मतलब नही है ।
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
क्या consume होने सहवास होने पर शादी मान ली जाएगी? फिर लिव ईन रिलेशंस को भी शादी मान लेना चाहिए? आखिर हम जा कहाँ रहें हैँ?
फिर तो वैश्या भी पत्नी हो गई
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
@@truehealth9आप मानसिक पीड़ित कोई यक्ति लग रहे है।जो हर कॉमेंट pe एक ही जैसा कॉमेंट कॉपी और पेस्ट कर रहे है।
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बारे मैं हर किसी को अधिकार है बोलने का ।लेकिन इस तरह से किसी संवैधानिक संस्था के बारे मैं लिखना अच्छी बात नहीं है।
देश में समान नागरिक संहिता लागू करके सभी को समान कायदा नियम हो तभी सुप्रीम कोठे की हिंदू विरोधी मानसिकता का अंत होगा।
You are absolutely right ✅️
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
संविधान की रक्षा की बात करने वाली विपक्षी पार्टियों के द्वारा ही रोज संविधान कुचलने का काम हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट ऐसे लोगों का डाल कर बैठा है। बंगाल केरल कर्नाटक तमिलनाडु उदाहरण है।
इतने सबूत जो ED ने पेश किए हैं कोई आम आदमी होता तो फैसला कब का हो गया होता और केजरीवाल परमैंटली जेल में होता. लेकिन हमारे देश में SC influential लोगों को जल्दी फैसला नही देता। अभी SC ED की कोई कमी तलाश कर रही है शायद कोई प्वाइंट मिल जाए जो केजरीवाल को बचा ले । ये मेरा अपना विचार है 🙏
मुसलमानो की शादी सुप्रीम कोर्ट का क्या कहना है? सारे कानून हिंदुओं के लिए ही हैं।
भारत के जज भारतीय संस्कृति को समझने वाले होने चाहिए। अंग्रेजन पद्धति समाप्त होनी चाहिए
जय हो हिंदू धर्म की
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
तब न्यायालय को ये भी बताना होगा दो विपरीत लिंगी व्यक्तियों को एक साथ रहने की सरकारी अनुमति को शादी कहा जा सकता है अथवा सरकारी वेश्यावृत्ति? विवाह धर्म के प्रति, देवताओं के प्रति, अग्नि के प्रति पूर्ण निष्ठा से दिया गया वचन है जिसका निर्वाह सनातन करता है विदेशी विचारधारा नहीं करती?
कोठाधीश कहिए
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
हर हर महादेव। जजों को ध्यान नही कि कोई केश गवाही के बिना नहीं चल सकता। शादी में उपस्थित लोग गवाह/साक्षी ही होतें है।
कहावतें है न्याय अन्धा होता। जिसका स्पष्ट उदाहरण।
जयहिंद।
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
हमारे न्यायलयों ने समय समय पर हिंदू मान्यताओं को तार तार किया है।हिंदू समाज में मंगनी को भी छोटी शादी माना जाता है।बिना कारण उसे तोड़ना भी अपराध है। Court ने तो सात फेरों सहित लोगों को भी गवाह मानने से इन्कार कर दिया। हास्यास्पद है।
मान्यता तो हमारे पूर्वजों ने जो बनाया है हम उसे ही मानेंगे। विदेश में पढ़ कर आया कोई लिब्रांडू वामपंथी म्लेच्छ जज हमें ज्ञान ना दे तो ही अच्छा है।
अटल सत्य।।
Bilkul Satya aur sarvottam baat hai bhai aapki 💯☑️🙏🙏
Bahut shi a libarandu o ki itni himat ho rhi h jabki modisarkar h tb kya karenge a librandu
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
सर नमस्कार.. सुप्रीम कोर्ट भगवान नहीं है... यह भारत देश हे .. जय श्री राम भगवान का हे... यहाँ विदेशी संस्कृती परंपरा संस्कार.. कदापि स्वीकार नहीं है... मेरा भारत महान हे ..
अग्निनारायण हो, फेरे हो, मंगलसूत्र पहनाया जाये तो हो गयी शादी. कोर्ट और रजिस्टर क्या करेंगे.
आज की पीढ़ी ने विवाह को मज़ाक बना दिया है।
समाजशास्त्र में विवाह/ शादी के प्रकार बताया गया है! सामाजिक रीति रिवाज संस्कार सब कुछ है! कोर्ट को सब जानकारी होना चाहिए
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
एक बार कोर्टकहता है कि रजिस्ट्रेशन आवश्यक है,दूसरी ओर मान्यताओंऔर परंपराओं तथा सप्तपदी की बात करते हैं,कैसा विरोधाभास है?
तीन बार कुबूल है कबूल है बोलने से हो जाता है और तीन बार तलाक बोलने से तलाक हो जाता है सुप्रीम कोर्ट है या सरिया कोर्ट है
इसीलिए समान नागरिक संहिता इस देश में आवश्यक है, एक समाज शादी को मानता नहीं देता, और हमारे समाज में विवाह एक पवित्र बंधन है, हमारे समाज का विघटन अंग्रेज़ी शासन से ही शुरू होगया था
इसीलिए UCC अति आवश्यक है
कोर्ट होता कौन है हिंदू क्या करे कैसा करे केहने वाला . 😡😡😡😡
दूबे जी नमस्कार, हिन्दू मैरेज के बारे में तो सुप्रिम कोर्ट ने फैसला दे दिया, क्या मुस्लिम व ईसाईयों की शादी के रजिस्टरेशन के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ जजमेंट दिया है कि उनकी शादियों को कैसे मान्यता मिलती है कृपया अवगत कराऐं?
सनातन धर्म संस्कृति एवं मान्यतायें सुप्रीम कोर्ट से बंधी नहीं हैं।
अपनी छीछा लेदर कोर्ट करा रही है।।
सुप्रीम कोर्ट के जजों को वैदिक संविधान का ज्ञान होना चाहिए क्योंकि यह ईश्वरीय मानव संविधान है सबसे प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद को दुनिया के वैज्ञानिकों ने माना है। वेदों में परिवार समाज राष्ट्र समृद्धि उन्नति के प्रावधानों का उल्लेख है।
यदि मान्यता नहीं तो तलाक के मामले न्यायालय में क्यों सुने जाते हैं और तलाक मंजूर कर दिया जाता है ।
ऐसे विचित्र बात हिंदु धर्म के लिए करनेवाले जजों को, हिंदु धर्म का भी एक " अयातोल्लाह खोमैनी" चाहिए, जिसे देखते ही सही बात समझ सकेंगे
देश को क़ानून की नही विकास की जरुरत हैं
दस वर्षो में यही काम होना बाकी था
सारी चीजे संस्कार नहीं होती।इन्हें लोकाचार कहा जाता है।वे देशकालभेद से बदलती रहती हैं; वे Binding नहीं हैं ।
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
Supreme kotha ki MKB ,,,
कोर्ट यह आदेश कचरे मे डले हम अशी आदेश नहीं मानते
Supreme court is interfering too much in Hindu rituals.
Wrong judgment should punishable.
हर हर महादेव 💪💪🙏🙏
हिन्दू मैरिज एक्ट रद्द कर दिया जाए
Jai Bharat... Jai Sanatan Dharm... Only NaMo
Mananiya aapko bahut bahut dhanyabad hindu sanskriti ko banay rakhne keliye thankyou s c
सनातन हिन्दू धर्म में सप्तपदी और अग्नि साक्षी विवाह का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है चाहे वह मंदिर में हो या समाज के सामने हो। साक्ष्य भी आवश्यक है और समाज ही साक्ष्य देता है।विदा होना न होना व्यक्ति गत परंपरा है। बहुत सारे लोगों में विदाई वर्ष के बाद भी होता है तो क्या विवाह नहीं माना जाएगा??
लेकिन हिन्दू धर्म विवाह में शारीरिक संबंध का कोई महत्व नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट अपना नियम बना रहा है। वैसे तो हिन्दू विवाह में डाइवोर्स या तलाक का कोई प्रावधान नहीं है। फिर भी आज हो रहे हैं।
Thanks for nice deliberation. Jai Shri Ram
🙏🇮🇳 भारत देश हमारा 🙏 भारत का भला कब होगा 🙏❤ जय सियाराम 🙏🇮🇳
मुसलमानो और क्रिश्चियन में सिर्फ वर वधु के धार्मिक कार्यकर्ता के सामने हां कहने से शादी कैसे रजिस्टर होगी, हिंदुओं को भी धार्मिक कार्यकर्ता को एक रजिस्टर रखकर रिकॉर्ड बनाने से काम होना चाहिए
जब बहुत देर हो गई होगी न्याय मिलने में तो सोचा होगा इस तरीके से न्याय मिल जाए अलगअलग हो जाए
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
बी ऐ पास लाखो सर्टिफिकेट धारी अगर उसको कन्ज्यूम नहीं कर पाते तो उन्हें भी graduate सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानना चाहिए
Jai Hind Jai Bharat vande mataram
Hindu Jindabad.Jai Shree Ram
आदरणीय माननीय, युवाओं में जोस के साथ साथ अनुभव की कमी भी होती है। उन्माद में उन्हें अलग दिखने की चाह होती है,आकर्षण का प्रभाव भी उच्चतम स्तर पर होता है। हमारे माननीय न्यायालय ने 95% हिंदु परिवारों के तलाक के केशों में सुलह कराई है। न्यायालय के इस व्यवहार से भारतवर्ष को अमेरिका बनने में देर लगेगी जहाँ एक स्त्री या पुरूष अपने जीवन काल मे 3 शादियां करते है एवं अपने बच्चो के नाम को भी नही जानते,सनाझते।
ये कोर्ट व्यस्था अंग्रेजो की हे।इसे देश हित से कोई वास्ता नहीं ये सिर्फ एक पावर सेंटर है
Excellent Analysis Dear Sir ji
Supreme court ka judgement Hindu dharm key riti riwaj par chot hai.
When end times comes...
Supreme Court will behave like this 🤣
सुप्रीमकोठा कहिए
सुप्रीम कोठा कोठाधीश टुकङे टुकङे में सनातन संस्कृति को टुकङे टुकङे कर रहा है...
हिन्दू समाज किसी भी जज और कोर्ट को ये हक नहीं देता है कि वो हमारे सामाजिक मान्यताओं, पंरपराओं और चलनो के बारे में कुछ कहने की हिमाकत भी कर सके।सुप्रीम कोर्ट अपने पायजामे से बाहर आने की जुर्रत भी न करे,नहीं तो हिन्दू समाज आपे में नहीं रह पाएगा।
यदि शिक्षा का स्तर उच्च हो जाय तो बाल में खाल निकाली जा सकती है । जय भारत वंदेमातरम
सर जी प्रणाम।
Great sir ji .🚩👍👍👌👌🇮🇳
Dubey ji bahut achchhe se describe kiya.Naman Hai aapki vidwatta ko
शादी हुई ही नहीं तो मेंटेनेंस का क्या होगा?
संस्कार किसको सिखाया आपनै सरकार ने जो बोला जा रहा हैं कि संस्कार का मेला बोल रहे हैं
SC is crossing it's limit and intervening in personal ceremony.
वन्दे मातरम् दुबे जी 🙏🏻
जय श्री राम 🏹🚩
Good knowledge imparting about marriage.
Supreme court is not supposed to interfere in cultural ceremony. Sanatan culture sufficient to line up and handle all the situation entire life. Thanks for brief regarding culture of sanatan
हम अपने अनुसार अपने परम्परागत तरीके से जीवन व्यतीत करेंगे
Jab couple man hi nhi rahe unki shadi consume hui..toh phir divorse kisliye aur kisliye maintenance.. dono ko utha ke jail me dalna chahiye..
लाखों करोड़ रूपया खर्च कर शादी किया जाएगा उसे ही मान्यता दिया जाएगा क्या ?
जो मंदिर में शादी करेंगे उसे मान्यता क्यों नहीं दिया जाएगा ?
पूरी दुनिया के देश के सुप्रीम कोर्ट उस देश की समाज,culture और रीति रिवाज को ध्यान में रख कर चलते है जबकि हमारा वाला हमारे समाज को चलाने की कोशिश करता है
कोर्ट को,, हिंदु धर्म से क्या तकलीफ हैं,,, समझ नहीं,, आता,,, चाहती क्या हैं,,, न्यायालय???????🤔🤔
हमारे वहां शादियों में सुथार, कुम्हार (जो मिट्टी के बर्तन बनाता है), बाल बनाने वाला नई, ढोलक बजाने वाला शेड्यूल कास्ट से, जरूरत पड़ती है इन लोगों के बिना शादी हो नहीं शक्ति,
मामा मौसी चाचा बुआ दादी दादी मां बाप सबका शादियों में स्पेशल एक विधि मैं जरूर hai
Sir
Very well explained
Sanatan Dharma ki jai
A marriage is CONSUMATED and not CONSUMED.
जय श्री राम जी
बिल्कुल
वकिलात की पढाई अपनी भाषा मे होनी चाहिए, आदमी
सामाजिक प्राणी है,समाज को
मान्य रखना होगा।
जानवरों की कोई रिश्ते दार नहीं होतीं और जानवरों की कोई संसकार नहीं होती और जानवरों की कोई शादी नहीं होती हैं और मानयता मील जाती है।
भाइयों सही तो है संस्कार के बिना विवाह नहीं होना चाहिए।
Supreme court great to give on
Hindu judgment, they are unavailable give judgment. On minority.
इन जजों को हिन्दुओं से कितनी नफरत है यह दिखाई देता है दूसरे धर्म के खिलाफ बोलने की इनकी हिम्मत नहीं केवल हिदुओं की टारगेट करते हैं हमारे रीति रिवाजों पर सवाल उठाना हमारे त्योहारों पर बंदिश लगाना इनका मुख्य उदेश्य लगता है सरकार को इन जजों के ऊपर भी कोई क़ानून बनाना चाहिए ताकि इनकी मनमानी रुक सके i
विवाह का उपभोग किया गया है या नहीं, यह न्यायालय कैसे प्रमाणित कर सकता है।
परणाम साहब ओर सारी बातें अपनी जगह है हिन्दू सनातनी नहीं रहा ये सब अगंरेजी सिस्टम होगया भारत को भारत बनाना है तो सिक्षा दिक्षा आयुर्वेद पढा़नी चाहिए जय भारत सनातन भारत परणाम भारत बन्दे मातरम् भारत
Every marriage should be registered.
अब तो हम और नाचेंगे.
यदि वर और वधू दोनों बालिग़ हो और दोनों की आयु में 25 वर्ष का अंतर हो तो क्या यह शादी मानी जाएगी या शून्य होगी ?
Consumate
यौन क्रिया करके विवाह को सम्पूर्ण करना।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय हिन्दू मान्यताओं का सम्मान करते हुए टिप्पणी करे।
शादी की मान्यता अदालतों में रजिस्टर करने के बाद होगी यह सभी के लिए आवश्यक हो
हिन्दू ला में कन्सयूमेशन जैसा कुछ भी नहीं है। अतः कन्सयूमेशन न होने पर भी शादी voidable न कि void।