यह हमारा सौभाग्य है कि आप अपने ज्ञान रूपी सागर से हमें सदा अपने बेशकीमती मोती लुटाते रहते हैं। अब तो यह एहसास होने लगा है कि "आप ज्ञान का सागर हैं, छोटी हमारी ही मति की गागर है।" लेकिन यह भी सत्य है कि जो आपका शिष्य होगा, उसकी गागर में भी ज्ञान रूपी सागर समाने लगेगा। आपको सुनना, अनेक ग्रंथों के सार को आत्मसात करने से बढ़कर है। ईश्वर से यही कामना है कि आपका शुभ आशीर्वाद सदैव इसी प्रकार हम सभी पर बना रहे। 🙏🙏🙏🙏
सर के यू ट्यूब पर दर्शन मात्र से हमारे जीवन धन्य हो जाती... धन्य हो हमारे सर एवम उनकी टीम...ऐसे ही आशीर्वाद बनाये रखियेगा सर.. आपका सर इंतजार रहता है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सबसे पहले आदरणीय मणिकांत सर को तहेदिल से नमस्कार🙏 । मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं खुशहाल जीवन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। हमेशा की तरह सर ने एकबार फिर से महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित विषय पर अपने ज्ञान का प्रकाश डालकर हमारे मनमस्तिष्क से अज्ञानता के अंधकार को हटाने का अद्भुत कार्य किया है। हम लोग विशेषकर हिंदी माध्यम के प्रतियोगी आपके सदैव आभारी रहेंगे। धन्यवाद और नमस्कार🙏
Yeh lecture tha ya movie patai nahi chala....itna deep knowledge pehli bar hua....aryan civilisation mp,hs,graduation me pada tha or aj is controversial topic ka sahi se ab me apna thinking ya opinion acche se de sakta hu...thank u sir..
akbar maharana pratap and shivaji critical opinion series was amazing after that this i believe this series will also amazing after half an hour i will come and give justification thanks sir
Jab se maine apko suna mai us pal ko bahut thanks bolta hu ki jab se ap mile lagta hai sabhi subjects ka adhar ap se hi hokar nikal raha hai ..meri iswar se kamna hai ap hajaro sal jiye aur ham logo par apni kripa aise hi banaye rakhiye
🕉जय श्रीराम 🕉 Sir, एक प्रश्न बहुत समय से मन में घूम रहा है कि आर्यों की भारत में बाहर से आने की शंका किस आधार पर शुरू हुई और किसके द्वारा शुरू हुई । हो सकता है बाहर से यहां कोई आया ही न हो फिर बिना किसी सबूत के बिना किसी ऐतिहासिक प्रमाण के बिना किसी लकीर के क्यों अफवाह फैलाई गयी कि aryans बाहर से आये हैं। किस आधार पर कहा गया कि कोई इस देश में बाहर से जरूर आये हैं। यदि कोई भी नहीं आया हो तो ? या यदि कोई आया भी हो तो हो सकता है कि वे aryans नही रहे हो कोई और रहे हो और यहां आकर आर्यों का धर्म अपना कर यहीं बस गये हो ! आर्यों को बाहर से आया बता रहे हैं ईसा से 1800 वर्ष पूर्व में और बताने वाले पैदा हो रहे हैं ईसा से 1800 वर्ष बाद। तो इस बात में लेंस मात्र भी सच्चाई न होने के बावजूद इसको किस आधार पर सत्य की तरह भारत के इतिहास के साथ जोड़ दिया गया? ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में ईसा से लगभग 1800 वर्ष बाद आयी , आर्यों को बाहर से आये बताने वाले मैक्समूलर, बालगंगाधर तिलक,जवाहरलाल नेहरू , दयानंद सरस्वती आदि सभी ईसा से 1800 वर्ष बाद पैदा हुए। फिर अपने जन्म से 3-4 हजार साल पहले की घटना को बिना किसी सांकेतिक प्रमाणों के उन्होंने किस आधार पर स्वीकार किया ? अटकलें तो कोई भी लगा सकता है और कुछ भी लगा सकता हैं। क्या अटकलों को इतिहास माना जा सकता है ? सत्य बात दो नहीं बल्कि एक ही होती है। कोई विद्वान बता रहे हैं कि aryans बाहर से नहीं आये बल्कि यहीं के मूल निवासी हैं तो कोई बाहर से आया बता रहे हैं। कोई रूस से आये बता रहे हैं तो कोई ईरान से कोई तिब्बत से कोई उत्तरी ध्रुव से कोई यूरेशिया से तो कोई कहीं से। कोई आक्रमण के उद्देश्य से आये बता रहे हैं तो कोई migration बता रहे हैं। कोई उनको स्त्री पुत्र आदि युक्त परिवार सहित आये बता रहे हैं तो कोई केवल पुरुष ही अकेले आये स्त्रियाँ व परिवार साथ में नहीं लाए ऐसा बता रहे हैं। कोई उन्हें दक्षिण भारतीय द्रविड़ बता रहे हैं तो कोई उत्तरी भारत के ब्राह्मण क्षत्रियों व वैश्यों को आर्य बता रहे हैं। क्या इतनी सब बातें एक साथ सत्य हो सकती हैं ? आखिर यह इतिहास है या मजाक ! सिन्धुघाटी सभ्यता के अंतर्गत हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की खुदाई में प्राप्त नर कंकाल के जीन्स के आधार पर यदि इस तरह की अटकले लगाई गई तो कैसे सिद्ध हुआ कि वह बाहर से आया था और उसके साथ और भी बहुत लोग आये थे ?
चरणस्पर्श सर मैं काफी पहले से आपके लगभग सारे विडियोज देखते आ रहा हूं और साथ में बिहार से तैयारी भी कर रहा। वहीं से मेरे मन में सवाल आया था की "क्या हड़प्पा सभ्यता की खोज से गांधीवाद को बढ़ावा मिला?" आपके किसी और वीडियो में मैने ये प्रश्न पूछा भी है। आज उसका जवाब मुझे इसमें मिल गया। संतोष की अनुभूति हुई 🙏
जब क्लास किया तो लगभग ढेढ़ महीने में मणिकांत सर ने मॉडर्न इंडिया की क्लास समाप्त कर दी.... मैंने तब सोचा था इतनी कम क्लास में शायद बेवकूफ बनाते हैं क्यों कि मॉडर्न इंडिया मेंस में क्वेशचन बहुत बारीकी से पूछे जाते हैं अब जब मैं मेंस देने लगी तो सिर्फ sir ki क्लास ही काम आती है क्वेशचन कैसे भी आए आंसर मणिकांत सर k शब्द होते हैं.... और मै बहुत बत्तामिज इंसान हूं जल्दी किसी की तारीफ नहीं करती...but manikantsir दिल्ली में इनका कोई मुकाबला नहीं🙏🙏🙏🙏
@@loveyouindia-sh3wx humne bhi history Optional lia h..sir se hi padhebge..but abhi pree par focus hun...neelam ji aapka margdarshan mil jaye to asheerwad rahega...pls madad karen ..
Sir sorry to intrrupt, but nadi shukta of rigveda take name of rivers from east to west not west to east, it started with ganga, yamuna and saraswati...
Vedas contain sublime and sacred knowledge.For example-Gayatri Mantra is a Mantra mentioned in Rigveda.This Mantra talks about asking God for sharp intellect and taking our intellect from darkness to light.How can so called Aryans who were considered a nomadic tribe, can create such a sublime knowledge that too in a language like Sanskrit which is such a refined and scientific language. Second thing,ask an Indian and European to pronounce a word, say Danapur.Will they pronounce alphabet D in same manner?The answer is No.Ask them to pronounce Tamogun or Tamas or tum(you).will they pronounce alphabet T in same manner?No. In Sanskrit language a lot of emphasis is given on proper pronunciation of the words.A Eurasian of cold climate can't pronounce many Sanskrit words properly.So how come they can create language like Sanskrit and Scriptures like Vedas. It's silly to think that some barbarian and nomadic invaders came from outside in small number(that time population was very less) and occupied whole India of continental size and in very next decade or next century they created refined and sublime language like Sanskrit and Scriptures like Vedas.Has anyone given a thought on this?
Sir , Your knowledge is incredible . I want to ask just one thing . If Buddhist can reach Turkey in the west , then why early vedic persons could not reach there ?
Buddhist thought was more modern than a Vedic thought, so it spread all over the world, and even today, Buddhism is practised in more countries/ regions than is Hinduism/ Sntan Dharam/ Vedic.
buddist turkey Greek ke ki wajah se gye kuki bhot Greek india mai aaye tb unme se kuch ne bodh dhrm lia tha unke sath udhar gya aise hi china yatri ke sath hua tha yaha se koi nhi gya tha boddh wala waise boddh khud Nepal se the
प्रणाम गुरु देव बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आप ने हम लोगों का मार्गदर्शन किया ! बहुत - बहुत धन्यवाद गुरु देव अभी ओलंपिक चल रहा है आप इतिहास में खेल या खेल में इतिहास जैसे कुछ विषय पर अपना अगला व्याख्यान लेकर आया
Sir first question should be "who are Aryans?". Without defining which group of people constitute Aryans, we can not determine their precise time of arrival in India. We also need to know who used the term Aryan first to describe which group. Did the Aryan people call themselves Aryan? Or has this name been ascribed to a group by later observers and historians? Also, irrespective of whether Aryans were 'native' or not, the out of Africa theory implies that India was not always inhabited by humans and immigrations did occur, meaning all races in India, even the most aboriginal and native ones came to India at one point in time or another.
Sir , Dr BB lal is a great archeologist the why his views not come under established group, why in alternative, and sir i have another question that, can we say establish group thought is still proving western supermacy
Sir will not accept archaeologists view...But historians self made theory is evidence And established group is dominated by Marxist only so BB Lal will not come under that group.
You need to watch the video twice or thrice more... study, analyse and research yourself . Alternative view lacks evidences and the liability of proving their view authentic is on the propagators of this theory. One more thing that this alternative theory will not work in UPSC / State PSC and other competitive exams
@@sanchardarshan first you research and do some analysis(try to learn more than leftist theory u r brainwashed) ....I have good experience in history, archaeology and culture so don't teach me.....Ask this channel why they deleted my comments .....
यह हमारा सौभाग्य है कि आप अपने ज्ञान रूपी सागर से हमें सदा अपने बेशकीमती मोती लुटाते रहते हैं। अब तो यह एहसास होने लगा है कि "आप ज्ञान का सागर हैं, छोटी हमारी ही मति की गागर है।" लेकिन यह भी सत्य है कि जो आपका शिष्य होगा, उसकी गागर में भी ज्ञान रूपी सागर समाने लगेगा। आपको सुनना, अनेक ग्रंथों के सार को आत्मसात करने से बढ़कर है। ईश्वर से यही कामना है कि आपका शुभ आशीर्वाद सदैव इसी प्रकार हम सभी पर बना रहे। 🙏🙏🙏🙏
सर के यू ट्यूब पर दर्शन मात्र
से हमारे जीवन धन्य हो जाती... धन्य हो हमारे सर एवम उनकी टीम...ऐसे ही आशीर्वाद बनाये रखियेगा सर.. आपका सर इंतजार रहता है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बड़े दिनों के बाद आपके दर्शन हुए गुरु।
आशा है कि आप बिलकुल स्वस्थ्य होंगे।🙂
इतिहास की गर्भ में छुपे महत्वपूर्ण मुद्दों को बेहतरीन तरीके से समझानेे के लिए सर को बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🙏
आदरणीय गुरु जी🙏 इतिहास विषय का इतना अद्भुत ज्ञान पाकर हम सभी विद्यार्थी धन्य हो गए। आपको और आपके ज्ञान को हम सभी विद्यार्थियों का कोटि-कोटि प्रणाम🙏
Report kar do
Right sister
Yes
ऐसे गुरु के दर्शन हो जाए तो जीवन धन्य हो जाएगा ... इतिहास का इतना अच्छा ज्ञान शायद ही किसी को होगा
@@ramendrasinghrathaud4943 .
I am CA student ,but I am addicted to his lecture . He's is the biggest intellectual of social science
I am too😻bro
I m cma final students even I also bro
@@omprakashpandey3641 he's too good... And good luck for your career
Same bro
Watch awadh Ojha sir then say who is biggest intellectual 👍
साष्टांग दंडवत नमन सर
मुझे ऐसा लग रहा है गुरुजी की आज ही आपने सबसे अच्छा टॉपिक चुना है🙏🙏🙏
सबसे पहले आदरणीय मणिकांत सर को तहेदिल से नमस्कार🙏 । मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं खुशहाल जीवन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। हमेशा की तरह सर ने एकबार फिर से महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित विषय पर अपने ज्ञान का प्रकाश डालकर हमारे मनमस्तिष्क से अज्ञानता के अंधकार को हटाने का अद्भुत कार्य किया है। हम लोग विशेषकर हिंदी माध्यम के प्रतियोगी आपके सदैव आभारी रहेंगे। धन्यवाद और नमस्कार🙏
सर का lecture का हमें हमेशा इन्तजार रहता है।
Nice lecture ❤❤
आज हम भारतीयों के लिए खुशी का क्षण है नीरज चोपड़ा भारत के लिए स्वर्ण पदक लाए😁
हां 😁😁
Upper caste neeraj chopra
Nacho
🤣🤣🤣🤣 kitna ladte ho yaar cast ke name pr
I am speechless after watching this video ...level of reasoning 🔥
Best Teacher of History.. Manikant Sir.. An Ocean of Knowledge... आपकी जितना भी प्रशंसा की जाए, कम है.. 🙏🙏
Yeh lecture tha ya movie patai nahi chala....itna deep knowledge pehli bar hua....aryan civilisation mp,hs,graduation me pada tha or aj is controversial topic ka sahi se ab me apna thinking ya opinion acche se de sakta hu...thank u sir..
akbar maharana pratap and shivaji critical opinion series was amazing after that this i believe this series will also amazing after half an hour i will come and give justification
thanks sir
Session was just 😲😲Wow, what an explanation, thank you so much sir.
Your are best history teacher in India 🙏🙏
Thank you sir for this in-depth scholarly explaination.
Sir aapne thinker bna diya hai mujko.
No rote , now i think why, how, effects, causes.no prejudice.great
Jab se maine apko suna mai us pal ko bahut thanks bolta hu ki jab se ap mile lagta hai sabhi subjects ka adhar ap se hi hokar nikal raha hai ..meri iswar se kamna hai ap hajaro sal jiye aur ham logo par apni kripa aise hi banaye rakhiye
🕉जय श्रीराम 🕉
Sir, एक प्रश्न बहुत समय से मन में घूम रहा है कि आर्यों की भारत में बाहर से आने की शंका किस आधार पर शुरू हुई और किसके द्वारा शुरू हुई । हो सकता है बाहर से यहां कोई आया ही न हो फिर बिना किसी सबूत के बिना किसी ऐतिहासिक प्रमाण के बिना किसी लकीर के क्यों अफवाह फैलाई गयी कि aryans बाहर से आये हैं। किस आधार पर कहा गया कि कोई इस देश में बाहर से जरूर आये हैं। यदि कोई भी नहीं आया हो तो ? या यदि कोई आया भी हो तो हो सकता है कि वे aryans नही रहे हो कोई और रहे हो और यहां आकर आर्यों का धर्म अपना कर यहीं बस गये हो ! आर्यों को बाहर से आया बता रहे हैं ईसा से 1800 वर्ष पूर्व में और बताने वाले पैदा हो रहे हैं ईसा से 1800 वर्ष बाद। तो इस बात में लेंस मात्र भी सच्चाई न होने के बावजूद इसको किस आधार पर सत्य की तरह भारत के इतिहास के साथ जोड़ दिया गया? ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में ईसा से लगभग 1800 वर्ष बाद आयी , आर्यों को बाहर से आये बताने वाले मैक्समूलर, बालगंगाधर तिलक,जवाहरलाल नेहरू , दयानंद सरस्वती आदि सभी ईसा से 1800 वर्ष बाद पैदा हुए। फिर अपने जन्म से 3-4 हजार साल पहले की घटना को बिना किसी सांकेतिक प्रमाणों के उन्होंने किस आधार पर स्वीकार किया ? अटकलें तो कोई भी लगा सकता है और कुछ भी लगा सकता हैं। क्या अटकलों को इतिहास माना जा सकता है ? सत्य बात दो नहीं बल्कि एक ही होती है। कोई विद्वान बता रहे हैं कि aryans बाहर से नहीं आये बल्कि यहीं के मूल निवासी हैं तो कोई बाहर से आया बता रहे हैं। कोई रूस से आये बता रहे हैं तो कोई ईरान से कोई तिब्बत से कोई उत्तरी ध्रुव से कोई यूरेशिया से तो कोई कहीं से। कोई आक्रमण के उद्देश्य से आये बता रहे हैं तो कोई migration बता रहे हैं। कोई उनको स्त्री पुत्र आदि युक्त परिवार सहित आये बता रहे हैं तो कोई केवल पुरुष ही अकेले आये स्त्रियाँ व परिवार साथ में नहीं लाए ऐसा बता रहे हैं। कोई उन्हें दक्षिण भारतीय द्रविड़ बता रहे हैं तो कोई उत्तरी भारत के ब्राह्मण क्षत्रियों व वैश्यों को आर्य बता रहे हैं। क्या इतनी सब बातें एक साथ सत्य हो सकती हैं ? आखिर यह इतिहास है या मजाक ! सिन्धुघाटी सभ्यता के अंतर्गत हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की खुदाई में प्राप्त नर कंकाल के जीन्स के आधार पर यदि इस तरह की अटकले लगाई गई तो कैसे सिद्ध हुआ कि वह बाहर से आया था और उसके साथ और भी बहुत लोग आये थे ?
Watch Abhijit chavda
Sir you are a great teacher.
Students like me who were not interested in history is today most interested in the subject
Finally you are someone who have cleared or has been clearing my every doubt 🙏🙏🙏
भगवान सिंह जी की "हड़प्पा सभ्यता और वैदिक साहित्य" इस मुद्दे पर बहुत से नए तथ्यों को सामने लाती है।
चरणस्पर्श
सर मैं काफी पहले से आपके लगभग सारे विडियोज देखते आ रहा हूं और साथ में बिहार से तैयारी भी कर रहा। वहीं से मेरे मन में सवाल आया था की "क्या हड़प्पा सभ्यता की खोज से गांधीवाद को बढ़ावा मिला?"
आपके किसी और वीडियो में मैने ये प्रश्न पूछा भी है। आज उसका जवाब मुझे इसमें मिल गया। संतोष की अनुभूति हुई 🙏
शुक्रिया सर इसी तरह निरंतरता बनाए रखे
Thanks a million dear sir for this knowledgeable vedeo. I am addicted to your lecture
Sir aur class kariye ❤️
Don ka intezar to 11 desho ki police karti hai pr manikant sir ke lecture ka intezar 28 state aur 8 uut ke student aur viewer karte hai....
Thanks a lot sir for your valuable analysis. I am a 50year young student listening you .
Thank you sir for bringing such topics..... Explained very well and unbiased 😃
I am a software engineer but I am addicted to your History lessons.
Thank you Sir. Manikant sir is the best. He is the ocean of knowledge and generous in sharing it as well..
So informative,simply explained without any bais, thankyou so much sir to enlighten us🙏
Sir सामंतवाद पर भी एक विडियो बना दीजिए काफी कन्फ्यूज करता है यह टॉपिक
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सर हर Saturday को आपका इंतज़ार रहता है सर 🙏🙏
Happy to see you again🙏🙏
धन्याबाद सर का
जब क्लास किया तो लगभग ढेढ़ महीने में मणिकांत सर ने मॉडर्न इंडिया की क्लास समाप्त कर दी.... मैंने तब सोचा था इतनी कम क्लास में शायद बेवकूफ बनाते हैं क्यों कि मॉडर्न इंडिया मेंस में क्वेशचन बहुत बारीकी से पूछे जाते हैं
अब जब मैं मेंस देने लगी तो सिर्फ sir ki क्लास ही काम आती है क्वेशचन कैसे भी आए आंसर मणिकांत सर k शब्द होते हैं.... और मै बहुत बत्तामिज इंसान हूं जल्दी किसी की तारीफ नहीं करती...but manikantsir दिल्ली में इनका कोई मुकाबला नहीं🙏🙏🙏🙏
वाह नीलम जी आपने दिल की बात कह दी।।।
aapne sir se class offline kari h kya.. if yes so kuch discuss krna h aapse
@@GAURAVKUMAR-xs8jn हा
@@loveyouindia-sh3wx humne bhi history Optional lia h..sir se hi padhebge..but abhi pree par focus hun...neelam ji aapka margdarshan mil jaye to asheerwad rahega...pls madad karen ..
@@loveyouindia-sh3wx thanks
सर को चरणस्पर्श❤️🙏🙏
सर आपका बहुत इंतजार रहता हैं, आप बिना किसी प्रचार प्रसार के इतना अच्छा ज्ञान देते है।।
चरण स्पर्श गुरु जी ।
i have no words to thank you .
Fantastic mind-blowing super star super guru 🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟❤️🌟
Best Analysis I ever found on Aryan controversy
Very nice explanation
Sir you are great. Bohot Maja Aya.
This vedio clears many myths 🙏🙏🙏🙏sir continued To Share Ur knowledge and experience with us...Always waiting to listen u 🙏🙏
2 saturday se wait kar raha tha sir apke lecture ka.
Sir,
Class was great to build concept and develop self knowledge. 🙏🙏.
Thank you so much sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुदेव को दंडवत प्रणाम 🙏🙏
.Big fan of yours sir 🙏🙏🙏🙏.
Changed my attitude towards so many things.
Blessed to have you in my life
Sir sorry to intrrupt, but nadi shukta of rigveda take name of rivers from east to west not west to east, it started with ganga, yamuna and saraswati...
सर,
कृपया सिनौली की खोज पे भी प्रकाश डालिये
🙏🙏🙏🙏🙏
thanks sir and team the study
Is topic ke liye mai apko baar baar dhanyabaad deta Hoo Sir ji.
पहली बार इतिहास पढ़ने में मजा आया।
👍❤️
बहुत- बहुत धन्यवाद सर
हमें बहुत खुशी हुई कि काफी दिनों बाद आपको सुनने को मिला।
Shandaar lecture sir, ultimate knowledge sir ji , aaj tak esa knowledge wali class koi nahi pada paya.
Great sir
Vedas contain sublime and sacred knowledge.For example-Gayatri Mantra is a Mantra mentioned in Rigveda.This Mantra talks about asking God for sharp intellect and taking our intellect from darkness to light.How can so called Aryans who were considered a nomadic tribe, can create such a sublime knowledge that too in a language like Sanskrit which is such a refined and scientific language.
Second thing,ask an Indian and European to pronounce a word, say Danapur.Will they pronounce alphabet D in same manner?The answer is No.Ask them to pronounce Tamogun or Tamas or tum(you).will they pronounce alphabet T in same manner?No.
In Sanskrit language a lot of emphasis is given on proper pronunciation of the words.A Eurasian of cold climate can't pronounce many Sanskrit words properly.So how come they can create language like Sanskrit and Scriptures like Vedas.
It's silly to think that some barbarian and nomadic invaders came from outside in small number(that time population was very less) and occupied whole India of continental size and in very next decade or next century they created refined and sublime language like Sanskrit and Scriptures like Vedas.Has anyone given a thought on this?
Bhai kya migration India se Europe ki side nhi ho skta???
सादर प्रणाम 🙏
प्रणाम सर 🙏
बेहतरीन विश्लेषण
प्रणाम सर, उत्कृष्ट विश्लेषण।
सर आपका दर्शन हमें धन्य कर देता है 🙏🙏🙏सादर चरण स्पर्श गुरुवर 🙏
आप हमेशा स्वस्थ रहें
कामना करते हैं।
What is amazing fact ful with clear 💗🙏🙏
Prnam
इस लेक्चर का बहुत दिनों से इंतजार था थैंक यू सर
Aap ka marg darshan esi tarah bana rahe gurudev.
Plz consider Srikant Talageri...without his point of view and literature and linguistic analysis Out of India Migration Theory is incomplete....
Thanks Guruji
Sir , Your knowledge is incredible .
I want to ask just one thing .
If Buddhist can reach Turkey in the west , then why early vedic persons could not reach there ?
Buddhist thought was more modern than a Vedic thought, so it spread all over the world, and even today, Buddhism is practised in more countries/ regions than is Hinduism/ Sntan Dharam/ Vedic.
buddist turkey Greek ke ki wajah se gye kuki bhot Greek india mai aaye tb unme se kuch ne bodh dhrm lia tha unke sath udhar gya aise hi china yatri ke sath hua tha yaha se koi nhi gya tha boddh wala waise boddh khud Nepal se the
yaha se koi bahar bodh dhrm felne gya ho uska nam bata do ek adhe ka jra
Once again we got a great analytical view.....tq so much for such kinds of videos🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
Good evening sir ...I am glad to see you after a long time ...last Saturday I didn't attend your lecture ...I am sorry for that ...
After A long time ,
Thanku sir
Gurudev 🙏 ji meri pranam savikar kre Gurudev 🙏
You are my favorite teacher sir
प्रणाम गुरु देव
बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आप ने हम लोगों का मार्गदर्शन किया !
बहुत - बहुत धन्यवाद गुरु देव
अभी ओलंपिक चल रहा है आप इतिहास में खेल या खेल में इतिहास जैसे कुछ विषय पर अपना अगला व्याख्यान लेकर आया
Bahut bahut dhanyawad 🙏
गुरूदेव प्रणाम🙏🙏🙏🙏
Nice to see you sir. Thanks a lot.
Sir🙏, iss topic ka bahut din se intzar tha mera sir bahut dhanyvaad. 🙏🙏
Sir first question should be "who are Aryans?". Without defining which group of people constitute Aryans, we can not determine their precise time of arrival in India. We also need to know who used the term Aryan first to describe which group. Did the Aryan people call themselves Aryan? Or has this name been ascribed to a group by later observers and historians? Also, irrespective of whether Aryans were 'native' or not, the out of Africa theory implies that India was not always inhabited by humans and immigrations did occur, meaning all races in India, even the most aboriginal and native ones came to India at one point in time or another.
you are making a valid point
Right. It's just a matter of time.
Pranam sir 🙏🙏
Bahut dino se aapke video ka intezaar tha. Man khush ho gya aapko dekh ke.
Very fanatic knowledge guruji
India best history lecture channel 🙏❤️
चरण स्पर्श गुरु जी आप हमारे प्रेणा है ,❤️❤️
Gajab ki knowledge sir ji
This is Very important topic *The Arya Concept*
THANK U SMUCH SIJRI......SO MUCH INFORMATIVE VIDEO PLZ KEEP IT UP
AND THANK U SIRJI................
Sir , Dr BB lal is a great archeologist the why his views not come under established group, why in alternative, and sir i have another question that, can we say establish group thought is still proving western supermacy
Sir will not accept archaeologists view...But historians self made theory is evidence
And established group is dominated by Marxist only so BB Lal will not come under that group.
@@masterathome6950 your explanation is biased because you are a victim of right wing propaganda
You need to watch the video twice or thrice more... study, analyse and research yourself . Alternative view lacks evidences and the liability of proving their view authentic is on the propagators of this theory. One more thing that this alternative theory will not work in UPSC / State PSC and other competitive exams
@@sanchardarshan first you research and do some analysis(try to learn more than leftist theory u r brainwashed) ....I have good experience in history, archaeology and culture so don't teach me.....Ask this channel why they deleted my comments .....
Very helpful lecture thank you🙏 sir
I am waiting sir ji
Mam ji apki optional history hi hai kya?
Sir ko sat. Sat naman
Darun ❤
Neeraj Chopra.....is King 👑
सर् जी को प्रणाम चरण स्पर्श हो।
U are great teacher sir, as i am not l related to civil service aspirants but to expand my knowledge in history i always thankful to sir.