मैं ब्राह्मण हूं लेकिन पहाड़ी शिल्पकारों का बहुत सम्मान देता हूं क्योंकि उन्होंने हमारा साथ कभी नहीं छोड़ा वे हमारे मकान,कारपेन्टरी,लुहार, दर्जी,बैन्ड,और घर के बाजा बजने में या डान्सर, या वाद्य यंत्र बजने में निपुण रहते थे। और इस प्रकार की कही कलाकारी थी जैसे बास की टोकरी,सुप्पी,कहीं डिजाइन बनाते थे इस प्रकार इनको शिल्पकार या हरिजन कहते थे आज कई लोगों ने अपना काम छोड़ दिया जिसकी जगह बिहारी मुसलमान उठा रहे हैं । और जिसेने अपना कार्य छोड़ दिया और बिना मेहनत से मांगने लगा उसे डूब कहते थे। हमें अपनी जाति व पहाड़ पर गर्भ होना चाहिए। दलित,भग्गी,चमार और मुसलमान आपसे कहीं नीचे हैं परंतु वे गर्भ से रहते हैं। इनका बोलना सत्य है।
Yeh ap logo ki wajah se ho rha hai. sabhi sc st ke logo ko hindu dharm chor dena chahiye, religious scriptures me en logo ke liye bhar bhar ke galiya di gai hai
@@mobilesuniverse kahan konse scriptures mai di hai gaali ??? Asli scriptures batana nakli nahi Chal mai wait kar raha hu bataao page number aur kitaab ka naam ?
@@sanjaygangurde4526हिंदू शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'सिंधु' से हुई है, जो इंडस नदी को कहते थे. पर्शियों ने इंडस नदी और उस क्षेत्र के लोगों से परिचित होकर 'सिंधु' को 'हिन्दु' के रूप में उच्चारित किया. शुरुआत में, 'हिन्दु' शब्द का इस्तेमाल इंडस नदी के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए किया जाता था. कई इतिहासकारों का मानना है कि अरबों ने 8वीं शताब्दी में सबसे पहले सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हिंदू कहा था. डीएन झा के मुताबिक, प्राचीन अभिलेखों में 'हिंदू' शब्द एक जातीय-भौगोलिक शब्द है और यह किसी धर्म का संदर्भ नहीं देता. भारत के विचारकों ने अपने धर्म को कोई नाम नहीं दिया था. हिंदुओं ने धर्म को एक जीवन शैली माना, न कि मज़हब या रिलीजन. हिंदू संज्ञा पुं॰ भारतवर्ष में बसनेवाली आर्य जाति के वंशज जो भारत में प्रवर्तित या पल्लवित आर्य धर्म, संस्कार और समाजव्यवस्था को मानते चले आ रहे हों । वेद, स्मृति, पुराण आदि अथवा इनमें से किसी एक के अनुसार चलनेवाला । हिन्दू धर्म को सनातन धर्म या वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है।
@@sanjaygangurde4526और कुछ जानना है बता दो........ अगर कोई पूछे हिंदू धर्म नही है तो जाके बता देना चंद्रमा और मंगल पे वो मूर्ति कहां से आई अगर बाबरी मस्जिद पहले से थीं तो हमारे अराध्य की मूर्ति और पूजा के समान बाबर ने रखे थे क्या
Dalit ka matlab hi shoshit ,vanchit samaj se hai.....kya pahad ka sc shoshit nhi hai....or dalito ke liye harijan shabd ka pheli baar prayog ghadi ji ne kiya hai...usse phele koi dalti ko harijan nhi khete the
न तो हरिजन हो न ही दलित, शिल्पकार हो वही लिखो, वही बोलो, पहाड़ में तो सबसे ज्यादा जातिवाद है , मैं तो पहाड में घुमा हूं, अगर किसी को हरिजन बता दिया जाये तो चारपाई पर बैठने भी नही देते पहाड़ में,
हरिजन शब्द का मतलब समझते होते चचा तो आप ऐसी बात नहीं करते,हरिजन शब्द के स्थान पर शिल्पकार शब्द एक सम्मानजनक शब्द है। आप रिपोर्टर महोदय इस प्रकार लोगो को बरगलाने का काम न करे
@@ukmerithatiarmati ना तुम हरिजन हो ना ही अनुसूचित जाति के हो भगवान शिव के जो प्रिय गण थे तुम उनके वंशज हो, यही वजह है कि उत्तराखंड के शिल्पकार भगवान शिव को पूजते हैं देव संहिता और स्कंद पुराण के अनुसार शिव ने अपनी जटा से 'वीरभद्र' नामक गण उत्पन्न किया। इस तरह उनके ये प्रमुख गण थे- भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय। तुम लोग इनके वंसज हो । माना तुम्हारे साथ गलत हो रहा, जो भी भेदभाव तुम्हारे साथ होता है वो नहीं होना चाहिए पर ये सब किया धरा लोगों का है धर्म का नहीं, कभी भी राजनीतिक के चक्कर में अपने वंशजों को मत भूलना,, क्योंकि आज हम है तो सिर्फ पूर्वजों की वजह से है।
@@शक्तिमान3216 nhi nhi, pishach bhatakti atamao ko bolo jata h,, गण me dev v aate h dedtya v aate h,.... In sabhi गण me pramukh bhgwan shiv ji ka beta,bhgwan Ganesh v to h bharav rakshak(raksha karne wale) mane jate h, hmara yanha jo goljyu devta ke rup me puja jata h, ghar ke andar,, wo bherav ke hi rup h
Uske liye.lord villium bentik+raja ram mohn ray.jesi soch vi honi cahiye….or jisne sti prtha bnayi thi wese logo ki soch vi thoda shi hojye to ye namumkin se na hta do to possible h👍🏼👍🏼👍🏼
बहुत सुन्दर इनहोने अपनी आवाज उठाई हमारे पहाड़ मे दलित नहीं होतें इनहोने डंके की चोट पर अपने को हरिजन कहा हमारे उतराखंड मे जाता बदलना मतलब बाप बदलना ही होता है प्रणाम ताउ जी🎉🎉🎉
कोटि-कोटि नमन इस भाई और इनको जन्म देने वाली माता जी को बिल्कुल मेरे बोल बोलते हैं यह परम सम्मानित भाई की *********जात बदलना बाप बदलना ही है******लेकिन स्वार्थ ने गिरा दिया है मानव को | पुनः कोटि-कोटि इस महान विचारधारा से ओतप्रोत महापुरुष को
Cract Right 👍 Jabardast है क्योंकि शास्त्रों में हम सब मानव जन्म से ही हरिजन ही हैं हरिजन का मतलब सब *उस हरि के *जन अर्थात* हरिजन** दलित तो जो शरीर से अक्षम और दूसरे के सहारे जीता है।वह दलित काम बड़ा छोटा नहीं होता। जो दल दल में फंसे हुए लोगों हैं वहीं दलित होते हैं। राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
भाई साहब आप बहुत सही कह रहे हैं...दलित शब्द राजनीतिक कारण से गढा गया नया शब्द है जो अत्यधिक दीनता और हीनता का द्योतक प्रतीत होता है...शिल्पकार व हरिजन बहुत सही-सबल शब्द हैं...सादर...🙏
बिल्कुल सही भाई उत्तराखंड में दलित नही रहते। यहां टेक्निकल क्लास के अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। यहा दलित नही रहते हैं। पहाड़ के देवताओं को नचाने वाले विद्वान कहा से दलित हो सकते है।
❤ मैं उदय लाल जी के विचारों को सैल्यूट करते हूं। मैं भी पहाड़ के इन विविधा कलाकारों को इस दलित शब्द को अपनाने की बात कहे जाने को सही नहीं मानता । पहाड़ के परिपेक्ष में मुझे दलित शब्द ही अपने आप दीन हीन लगता है, मुझ से बोले जाने और लिखे जाने में भी अजीब सा लगता है। मगर मैं कह नहीं पाता था। धन्यवाद।
@@sanjaygangurde4526 tum jaisey aadhe padhey likhe gyaan jhaasne aa jate ho Fir us hisaab se karwa chauth bhi nahi hota tha pahaadon mai fir ab kyu dekha dekhi kar rahe ho desiyon ki ??? Hindu dharam se humara matlab SANTAN dharam hi hai bhawna ko samjho gyaan na pelo
भाई साहब आपकी बात दिल को छू गई❤❤❤ भगवान ने सबको एक समान बनाया है । और ये एक वर्ण व्यवस्था बनाई है समाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए परंतु सरकारों ने अपने भायदे के लिये जात पात का बड़ा फायदा उठाया है ।
भाई जी ने बहुत सुंदर बात कही है कि हम दलित नहीं है। हरिजन हैं=== हरिजन का अर्थ होता है भगवान के आदमी।। आजकल कुछ लोग हरिजन कहने पर बुरा मानते हैं और थाने में शिकायत दर्ज करवाई जाती है।जो कि बहुत गलत है।जब कि राजपूत लोग हरिजन लोगों को अपने समाज में भी चाचा,ताऊ के रिस्ते से बुलाते हैं।याने पूरा सम्मान देते हैं।
Bhai hum shilpkar hain or hamko is baat ka garv hai hum dharm ke nam par dhong nhi karte,teeka chandan lagakar ,pandit ka dikhawa kar meet oe sarab nhi peete
प्रणाम भैजी 🙏💐 बहुत सुंदर विचार विमर्श कितनी सुन्दर बात उदय जी ने पर हरिजन शब्द भी गांधी जी ने हमें दिया था ए शब्द पहले से नहीं है हम शिल्पकार है दलित नहीं है
दलित नहीं - शिल्पकार बोलिए अनुसूचित जाति नहीं - क्लावन्त {औजी अर्थात वाद्ययंत्र (ढोल दामों , मास्क रणसिंघा आदि)बजाने और ढोल सागर के साथ साथ असंख्य विद्याओं का ज्ञानी} बोलिए । बहुत सही जवाब दिया अब धीरे धीरे ये बाहरी लोग पहाड़ की संस्कृति का विनाश करने पर तुले है ।
मैं अपने गांव के आर्य लोगों को नमन करते हैं , जिन्होंने हमारे पहाड़ी इलाकों में हमारे अच्छे मकान बनाए अच्छे सिल्प कला में भी माहिर हैं हमारे गांव में भी अब छुआ छूत नही है और ये सब मुस्लिम लोगों ने फूट डाल कर हम में बहत भेदभाव फेलाया , लेकिन अब हम सब एक हैं
बिल्कुल सही बात कहा है भाईजी ने जो हरिजन समाज के इस भाई ने कहा है "जाति बदलना मतलब बाप बदलना" हमारे देवभूमि उत्तराखंड के लोग सिर्फ़ और सिर्फ़ "हरिजन ही हैं" ऒर ये शिल्पकार हैं इस भाई ने हरिजन के बारे में सटीक परिभाषा दी है। मैं " पुनः गाँव की और" के न्यूज एंकर और एडिटर श्रीमान रतूडीजी को धन्यवाद करता हूँ की आप हरिजन समाज के लोगों साथ बैठकर खुलेआम इस विषय पर चर्चा की है।
Bahut sunder boda ji , aaj tak humne nhi dekha humari padai hui pahad main karanprag main humne kabhi bhed bhav nahi dekha dost sabhi rahe humne jaat paat to dekha hi nhi ।। are bhai jab devta nachte hai to narijan hi bolti are bhai humare gaon ka pradhan bhi harjan humare satb pade ।had hai in rajnetao ne uttrakhand me bhi fut dalna suru kar diya । berav devta pujana ya kuch bhi kary me humne kabhi ye nhi dekha par jaise jaise padai ka स्तर dekh rahe ghat gya । bhed bhav ladao sabko yhi chal raha ye bahar delhi ya bahar ke liye hoga par humari puja devta puja me bhi yogdan sabka hota hai । jai bhim nhi jai badri jai kedhar । bouda ji logo or youvao ke liye bahut achha sandesh ।
सबसे पहली बात तो मेरे ख्याल से यही है की जात पात बिल्कुल नहीं होनी चाहिए खून मांस हड्डी हरिजन पर भी है और सभी जात वाले जो लोग हैं इनके ऊपर भी है तो क्या मतलब जात पात का बिल्कुल मैं इस बात से सहमत हूं लेकिन उदय लाल जी आपकी इस बात से सहमत नहीं हूं की जय भीम के नारे नहीं लगेंगे जय भीम के नारे लगेंगे जब तक हिंदू अनुसूचित रहेगे तब तक जय भीम के नारे लगेंगे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने ही संविधान लिखा था और आज आप उनका नाम के लिए बोल रहे हैं कि उनके नाम की नारे नहीं लगेंगे जरूर लगेंगे जब देश की सभी महान मूर्तियों के नारे लगा सकते हैं तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नारे क्यों नहीं लग सकते हमें भी गर्व है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर जिन्होंने भारत का संविधान लिखा है भारत की संस्कृति कहती है श्लोक संस्कृत में भारतीय संस्कृति की विशेषता अनेकता में एकता अगर हिंदू राष्ट्र मजबूत रहेगा तो सब लोगों को जात पात मितानी होनी चाहिए❤❤❤❤❤❤ 🙏🙏🙏🙏🙏
शानदार व्यक्तवय, बचपन से ही पहाड़ में देखा या तो हरिजन होते थे या शिल्पकार, छुआछुत थी है भी, पर पहले भी सम्मानित थे आज भी सम्मानित हैं, दलित शब्द तो पहाड़ में कभी रहा नहीं 💐😊
Aapko Mera padhna aap bahut achcha bol rahe ho aisa nahin hona chahie Jaat badalni nahin chahie bilkul sahi baat hai Jaat Badli baap badla Jay Hind Jay Bharat agar aise log hamare Uttrakhand mein ho to Uttrakhand ka koi kuchh nahin bigaad Sakta❤❤❤❤
har jagah hai bhai aur bhi desh me kaal gora america me nhi h kya apne desh me north india k logo ko china china keh kr bolte hai bhed bhaav sab jagah hai par tum logo ka kuch zyada hi halla macha hua hai kyuki tum log khud hi heen bhavna se grasit ho apne ko tum logo ne khud kuntha ka shikar bana liya hai isse upar utho kyu le rhe ho jaati certificate general me aao tum bhi general m kahe jaoge itna dard ho rha hai tum logo ko to sab general m rho kyu lete ho caste certificate
@@armanpandit4774kisne keh diya sb me he sirf hindu dharam me he baaki muslim ko dekh lo wo kese ek rehte he wo sirf muslim hote he or hindu me to itni jaati he
बहुत बढ़िया जी,,, इनकी बातों से सहमत हूँ क्यूँकि जब पहले से चला आ रहा है उनको शिल्पकार ही बोलते है तो ये वर्तमान सरकार को क्या पीडा हो गई कि इनको दलित घोषित करने की,, मुझे लगता है इस सम्बंध मे हम सभी पहाड़ वासियों को आवाज उठानी चाहिए, क्यूँकी सरकार तो अपने फायदे के लिए करती है लेकिन मुसीबत हम लोगों को ही होती है,,,, 🙏🙏🙏
@@swarajbharat5891 abeee anpadh padh le zara Angrezon ke aane se pehle ye vhuaa choot nahi huaa karti thi Uske baad se heeen bhawna aagayi Inke saath anyaay toh huaa hi hai Shadi baraat mai bulate nahi they Paani bharte waqt last mai wait karwate they bahut kuch hai Isko reeti reeewaj kehke sharminda na karo
सही बात कह रहे हैं अंकल जी वास्तविक शिल्पकार कहां जाना चाहिए और हमने निराकार संसार को साकार किया है इसीलिए शिल्पकार कहा जाता है बहुत अच्छी बात है संसार को साकार
बहुत सुन्दर बात कही इन्होंने भाई उन मुल्लाओं से कहीं अछे लोग हमारे ये भाई हैं हमे इनको साथ लेना चाहिए. हमारे समाज इनको बढ़ावा दें. पहले कुछ होता था. इसमें क्या है कि पहले को लोग गंदे होते थे साफ सुथरे नहीं होते थे इसलिए भेद भाऊ था इनको देख कर लगता है एसा सारे अछे लोग हैं.हम सब सनातनी भाई हैं. पहले समय में जाति व्यवस्था काम के लिये बांटा गया था. पंडित पूजा खाना आदि बनाने के लिए. राजपूत ठाकुर बड़े काम युद्ध .और हरिजन शिल्पकार होते थे घर गाउ में ढोल सिलाई आदि वयवस्था बनाई गई थी. इसलिए नहीं कि कोई भेद बाऊ किया जाय
teen perecnt pandito ke pass tees percent dalito ko dabane ka kaun sa mantra tha bhai humko bhi wo mantra de do taki hum bhi chunaav jeet sake kaun sa nasha kiye ho
दबाया कुछ नही बस एक लम्बे अंतराल तक गुलामी ओर एक ही पेशा से जुडे रहने की वजह से ब्राह्मण का कार्य करने वालों के वंशज भी ब्राह्मण बन गये यही से गलत परमपरा शुरू हुयी!!! हम तो भेदभाव छूआछूत से दूर रहता हू अभी थोडी देर पहले अपने एस सी मित्र के घर से चिकन खाकर आ रहा हू!!
संविधान के अनुसार हमारी जाति अनुसूचित जाति है। कुछ मायने में दलित और दरिद्र में अंतर है। दलित का मतलब है जिनका शोषण किया गया हो सामाजिक दृष्टि से ये शब्द मेरी समझ से sc के लिए हरिजन की तुलना में कोई ज्यादा गलत शब्द नहीं है। मगर हरिजन कहना किसी भी मामले में सही नहीं है। हरिजन वे होगे जिनकी रोटी *हरि* के नाम पर चलती है। हमे संविधान में sc की मान्यता है। सबसे उचित शब्द यही है। चाचा जी आप हरिजन नहीं अनुसूचित जाति के हो।
लेकिन चाचा खुद को दलित नहीं मानते है न उनके पास खेती है जमीन जायदाद मकान सब अपने बाप का है कोई शोषण हुआ ही नहीं है ये सब उनके द्वारा फैलाया हुआ है जिनकी रोजी रोटी धर्म के नाम से चल रही है चाचा सच्चे भगवान के भक्त है।
सती प्रथम जैसे बंद हुई वैसे यह प्रथा बंद होनी चाहिए हम सब को सामान्य होना चाहिए क्योंकि हम खुद को छोड़ कर जातियों में काट दिया है शिल्पकार हरिजन हर काम करने वाला भी ठीक है ❤❤❤
जो यह बुजुर्ग बोल रहा है हम हरिजन है इनको पता ही नहीं यह हरिजन शब्द किसी इंसान ने दिया है ना तो हरिजन है या नहीं दलित है हम सिर्फ शिल्पकार हैं देव शिल्पी शिल्पकार शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है इन लोगों को कुछ भी ज्ञान नहीं है
तुझे बहुत बड़ा ज्ञान है तुझे इतना पता होना चाहिए हरिजन शब्द महात्मा गांधी ने बोला था शिल्पकार शब्द शास्त्रों में उल्लेख है यह बुजुर्ग आदमी बोल रहा है कि हम हरिजन है सुना नहीं देता
बहुत सुंदर कहा है हमारे पहाड़ो में हरिजन हैं हरिजन का मतलब हरि,, भगवान्,, जन,, लोग,, भगवान के लोग,, क्योंकि हमारे पहाड़ में भगवान् का बुलावा भी हरि के जन ही करते हैं इनमें हर प्रकार की कला किर्ति है
आप को हरिजन शब्द का इतिहास पढना चाहिए,इसीलिए बाबा जी ने कहा था शिक्षित बनो,जिस ने भीम को नहीं जाना भीम को नहीं पढ़ा वह इस व्यक्ति उदय लाल की तरह ही बात करेगा
Bhim ko pdana vala brahman hor rajput tha .... Bhim ko ham nahi janta ...bhim ka uttrakhand sa koi lana dana nahi hai ..yaha ke history alag hai Bhimta jai bhim up bihar ma karna ya nahi @@Bimla-im5lc
@@Bimla-im5lcओह आपकी जानकारी के लिए बता दूं भीम राव अम्बेडकर को कहते है संविधान बनाया तो भीम राव अम्बेडकर ने बोला मेने बनाया जबकि लिखा किसी और ने बनाया किसी और ने तो उनका नाम क्यों नही लिखा गया
Jati suchit karne ka matlab hi anusuchit he . Kuch jatiyo ka name suchit kiya gaya taki unko aage badaya ja sake . Or un sabhh jatiyo ko sath me anusuchit jati kaha gaya.
मैं ब्राह्मण हूं लेकिन पहाड़ी शिल्पकारों का बहुत सम्मान देता हूं क्योंकि उन्होंने हमारा साथ कभी नहीं छोड़ा वे हमारे मकान,कारपेन्टरी,लुहार, दर्जी,बैन्ड,और घर के बाजा बजने में या डान्सर, या वाद्य यंत्र बजने में निपुण रहते थे। और इस प्रकार की कही कलाकारी थी जैसे बास की टोकरी,सुप्पी,कहीं डिजाइन बनाते थे इस प्रकार इनको शिल्पकार या हरिजन कहते थे आज कई लोगों ने अपना काम छोड़ दिया जिसकी जगह बिहारी मुसलमान उठा रहे हैं । और जिसेने अपना कार्य छोड़ दिया और बिना मेहनत से मांगने लगा उसे डूब कहते थे। हमें अपनी जाति व पहाड़ पर गर्भ होना चाहिए। दलित,भग्गी,चमार और मुसलमान आपसे कहीं नीचे हैं परंतु वे गर्भ से रहते हैं। इनका बोलना सत्य है।
Yeh ap logo ki wajah se ho rha hai. sabhi sc st ke logo ko hindu dharm chor dena chahiye, religious scriptures me en logo ke liye bhar bhar ke galiya di gai hai
Aabe pade likhe gawar kon si duniya me jee raha hai tu
@@mobilesuniverse kya kuchhh bhi
@@DivyanshuMishra-e8iYehi sacchai hai
@@mobilesuniverse kahan konse scriptures mai di hai gaali ???
Asli scriptures batana nakli nahi
Chal mai wait kar raha hu bataao page number aur kitaab ka naam ?
ये चाचाजी को प्रणाम इन के विचारों को ठीक कहा दलित नहीं होना चाहिए हमारे उत्तराखण्ड महान है हम सब हिन्दू है
Sahi baat
हिंदु शब्द कब पहली बार आया और उस का मतलब बताओ
@@sanjaygangurde4526हिंदू शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'सिंधु' से हुई है, जो इंडस नदी को कहते थे.
पर्शियों ने इंडस नदी और उस क्षेत्र के लोगों से परिचित होकर 'सिंधु' को 'हिन्दु' के रूप में उच्चारित किया.
शुरुआत में, 'हिन्दु' शब्द का इस्तेमाल इंडस नदी के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए किया जाता था.
कई इतिहासकारों का मानना है कि अरबों ने 8वीं शताब्दी में सबसे पहले सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हिंदू कहा था.
डीएन झा के मुताबिक, प्राचीन अभिलेखों में 'हिंदू' शब्द एक जातीय-भौगोलिक शब्द है और यह किसी धर्म का संदर्भ नहीं देता.
भारत के विचारकों ने अपने धर्म को कोई नाम नहीं दिया था.
हिंदुओं ने धर्म को एक जीवन शैली माना, न कि मज़हब या रिलीजन.
हिंदू संज्ञा पुं॰ भारतवर्ष में बसनेवाली आर्य जाति के वंशज जो भारत में प्रवर्तित या पल्लवित आर्य धर्म, संस्कार और समाजव्यवस्था को मानते चले आ रहे हों । वेद, स्मृति, पुराण आदि अथवा इनमें से किसी एक के अनुसार चलनेवाला ।
हिन्दू धर्म को सनातन धर्म या वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है।
@@sanjaygangurde4526और कुछ जानना है बता दो........ अगर कोई पूछे हिंदू धर्म नही है तो जाके बता देना चंद्रमा और मंगल पे वो मूर्ति कहां से आई
अगर बाबरी मस्जिद पहले से थीं तो हमारे अराध्य की मूर्ति और पूजा के समान बाबर ने रखे थे क्या
@@sanjaygangurde4526Are tillu jyada gyani mat bn😂
न हरिजन न दलित केवल शिल्पकार ही कहा जाना चाहिए।
😂😂😂😂 ho to wo he ..thakur ban gye kya😂😂😂
Galat bat Bhai aisi baat nhi bolo ham sab ek h @@aryanchandra5439
Tu thakur hai kya Ambani bn gya tu fir @@aryanchandra5439
Dakur banna apradh hai kya o bhi insan hai @@aryanchandra5439
@@aryanchandra5439ठाकुर जब बनना था तब बने नही अब तो खैर
बहुत सुंदर बात कही भाई साहब आपने हम हरिजन हैं हम शिल्पकार हैं हम शिल्पकार हैं कल को जानते हैं दलित नहीं
Dalit ka matlab hi shoshit ,vanchit samaj se hai.....kya pahad ka sc shoshit nhi hai....or dalito ke liye harijan shabd ka pheli baar prayog ghadi ji ne kiya hai...usse phele koi dalti ko harijan nhi khete the
न तो हरिजन हो न ही दलित, शिल्पकार हो वही लिखो, वही बोलो, पहाड़ में तो सबसे ज्यादा जातिवाद है , मैं तो पहाड में घुमा हूं, अगर किसी को हरिजन बता दिया जाये तो चारपाई पर बैठने भी नही देते पहाड़ में,
Shi baat hain
हरिजन शब्द का मतलब समझते होते चचा तो आप ऐसी बात नहीं करते,हरिजन शब्द के स्थान पर शिल्पकार शब्द एक सम्मानजनक शब्द है। आप रिपोर्टर महोदय इस प्रकार लोगो को बरगलाने का काम न करे
Wakta sahi kah rahe hai.
बहुत ही सुंदर बात कही भाई साहब ने। हम हरिजन है या अनुसूचित जाति लेकिन दलित शब्द हमारे पहाड़ में कहां से आया।
@@ukmerithatiarmati ना तुम हरिजन हो ना ही अनुसूचित जाति के हो
भगवान शिव के जो प्रिय गण थे तुम उनके वंशज हो, यही वजह है कि उत्तराखंड के शिल्पकार भगवान शिव को पूजते हैं
देव संहिता और स्कंद पुराण के अनुसार शिव ने अपनी जटा से 'वीरभद्र' नामक गण उत्पन्न किया।
इस तरह उनके ये प्रमुख गण थे- भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय।
तुम लोग इनके वंसज हो ।
माना तुम्हारे साथ गलत हो रहा, जो भी भेदभाव तुम्हारे साथ होता है वो नहीं होना चाहिए पर ये सब किया धरा लोगों का है धर्म का नहीं,
कभी भी राजनीतिक के चक्कर में अपने वंशजों को मत भूलना,, क्योंकि आज हम है तो सिर्फ पूर्वजों की वजह से है।
@@Prdp_1 शिव के गण मतलब भूत पिशाच कहना चाह रहा है
@@शक्तिमान3216 nhi nhi, pishach bhatakti atamao ko bolo jata h,,
गण me dev v aate h dedtya v aate h,.... In sabhi गण me pramukh bhgwan shiv ji ka beta,bhgwan Ganesh v to h
bharav rakshak(raksha karne wale) mane jate h, hmara yanha jo goljyu devta ke rup me puja jata h, ghar ke andar,, wo bherav ke hi rup h
@@Prdp_1 ye gyaan kahin or banto net free h to sab gyani ban gye h...
बहुत अच्छी बात कही अंकल जी ने दलित शब्द हटानाचाहिए दलित किसको कहते हैं
बिल्कुल सही बोल रहे हैं। हरिजन या सिल्पकार ही होना चाहिए। पत्रकार महोदय बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आप पहाड़ की आवाज बन रहे हो इसको जारी रखे ।
kyo bhai ensan hona kaafi nhi h kya ?
jaati hi chahiye na aapko ,? uska dansh b aapki aane wali generation ko bhugtna hoga... ensan ensan h aur kuchh b nhi..
Roti beti ka rishta bnaoge harijano se btaoo??
@@ManojKumar-pe5hvaree ja n desi up ke chamrrr nikl
कोटि कोटि नमन ऐसे पुरुष को जिन्हें इतना ज्ञान और जिनके विचार इतने उच्च हैं.🙏🙏
कोई हरिजन दलित कोई नही है सब एक है ये सब जाति एक कुप्रथा है जैसे सति प्रथा बन्द हुई वैसे ही यह भी बन्द होनी चाहिए
Sahi bat
Uske liye.lord villium bentik+raja ram mohn ray.jesi soch vi honi cahiye….or jisne sti prtha bnayi thi wese logo ki soch vi thoda shi hojye to ye namumkin se na hta do to possible h👍🏼👍🏼👍🏼
Har vyakti ki soch aap jaisi honi chahiye tabhi ye desh age badh skta h
Yakinan ek din jatiwadi khatam ho jayegi main nahi manta
आपके विचार से पूर्ण रूप से सहमत हैं जी
बहुत सुन्दर
इनहोने अपनी आवाज उठाई हमारे पहाड़ मे दलित नहीं होतें इनहोने डंके की चोट पर अपने को हरिजन कहा हमारे उतराखंड मे जाता बदलना मतलब बाप बदलना ही होता है प्रणाम ताउ जी🎉🎉🎉
उदय लाल जी को मेरा प्रणाम उन्होंने जो बात कही वह सत्य है
पत्रकार महोदय को भी सलाम क्योंकि वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं
हरिजन भी राजनैतिक शब्द है तुम शिल्पी हो तुम्हें शिल्पकार कहा जाता है तुम कला के धनी हो भाई।
हरिजन शब्द किस संविधान के पन्ने में लिखा है हरिजन गंदा शब्द है सिर्फ शिल्पकार हैं
Kala ke dhani or devtaon ke dash🙏🏻❤️
Hum Uttrakhand ke Shilapkar hai kripya harijan yaa Dalit se sambodhit nahi kare 🙏🙏🙏🙏
@@Dayal1988 ji whi kala ke Dhani or devo ke sewak
@@Dayal1988humny to bachpan my mahabrahman suna ha
एकदम दुरुस्त बात कही भाई साब आपने।
बहुत सही बात कही आपने सर।। ये बात जरूर उनलोगों तक पहुंचनी चाहिए, जो इसके लिए ज़िम्मेदार है।
कोटि-कोटि नमन इस भाई और इनको जन्म देने वाली माता जी को
बिल्कुल मेरे बोल बोलते हैं यह परम सम्मानित भाई की *********जात बदलना बाप बदलना ही है******लेकिन स्वार्थ ने गिरा दिया है मानव को |
पुनः कोटि-कोटि इस महान विचारधारा से ओतप्रोत महापुरुष को
भू कानून और मूलनिवास जिंदाबाद। ले कर रहेंगे।
😂
😮
😅
बहुत ही सुन्दर बात कही ज्ञानी व्यक्ति ने जय देव भूमि जय उत्तराखंड
हम न हरिजन और न दलित
हम हैं भारत के मूलनिवासी
जय भीम -- जय भारत --- जय मूलनिवासी
उदयलाल जी जैसे व्यक्ति समाज को नयी दिशा दे सकते हैं ऐसे लोगों आगे आना चाहिए
Cract Right 👍 Jabardast है क्योंकि शास्त्रों में हम सब मानव जन्म से ही हरिजन ही हैं हरिजन का मतलब सब *उस हरि के *जन अर्थात* हरिजन** दलित तो जो शरीर से अक्षम और दूसरे के सहारे जीता है।वह दलित काम बड़ा छोटा नहीं होता। जो दल दल में फंसे हुए लोगों हैं वहीं दलित होते हैं।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
सनातन में जाती होती ही नहीं हैं वर्ण होते हैं और वर्ण करम आधारित होता हैं।मुझे दलित और हरिजन दोनों ही शब्दों से घोर आपत्ति है।
भाई साहब आप बहुत सही कह रहे हैं...दलित शब्द राजनीतिक कारण से गढा गया नया शब्द है जो अत्यधिक दीनता और हीनता का द्योतक प्रतीत होता है...शिल्पकार व हरिजन बहुत सही-सबल शब्द हैं...सादर...🙏
बहुत सुंदर उत्तराखंड में सिर्फ शिल्पकार है दलित नहीं ।
बिल्कुल सही भाई उत्तराखंड में दलित नही रहते। यहां टेक्निकल क्लास के अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। यहा दलित नही रहते हैं। पहाड़ के देवताओं को नचाने वाले विद्वान कहा से दलित हो सकते है।
❤❤yahi sach hain
shi baat hai inse hi devata Kush ho kar parakat hote hain
@anilsingh ji
To aapkog in logu se bhedbhav kyon karte ho
@@kunaltalwar6232 भाई भेदभाव जो भी करते हैं उनकी भर्त्सना करते हैं हालाकि अब ऐसा बहुत कम होता है।
@@kunaltalwar6232 kon karta hai ab jo purne hai thoda bhut wo karte hai newgenretion nhi
बहुत सुन्दर बात कही ताऊ जी
❤ मैं उदय लाल जी के विचारों को सैल्यूट करते हूं। मैं भी पहाड़ के इन विविधा कलाकारों को इस दलित शब्द को अपनाने की बात कहे जाने को सही नहीं मानता । पहाड़ के परिपेक्ष में मुझे दलित शब्द ही अपने आप दीन हीन लगता है, मुझ से बोले जाने और लिखे जाने में भी अजीब सा लगता है।
मगर मैं कह नहीं पाता था। धन्यवाद।
बहुत बड़ी बात कही हैं
सही बोल रहे हो
बहुत अच्छी बात कही है- हमारे गढ़वाल में दलित हो नही सकते। वोट के चक्कर मे सब जायज बना रखा है।
इन्सान एक ऊंचा हो या नीच जाति है अनेक बिचार है सही वहीं है श्रेष्ठ धन्यवाद चाचा जी
Na हरिजन ना दलित we all are सनातनी हिंदू ❤❤
Doom😂😂
Sanatani 🚩🚩
हिंदु का मतलब बताओ और कौनसी भाषा का शब्द है हिंदु
@@sanjaygangurde4526 koi bi bhasa ka ho sir bas unity bani rhni chahiye
@@sanjaygangurde4526 tum jaisey aadhe padhey likhe gyaan jhaasne aa jate ho
Fir us hisaab se karwa chauth bhi nahi hota tha pahaadon mai fir ab kyu dekha dekhi kar rahe ho desiyon ki ???
Hindu dharam se humara matlab SANTAN dharam hi hai bhawna ko samjho gyaan na pelo
भाई साहब आपकी बात दिल को छू गई❤❤❤ भगवान ने सबको एक समान बनाया है । और ये एक वर्ण व्यवस्था बनाई है समाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए परंतु सरकारों ने अपने भायदे के लिये जात पात का बड़ा फायदा उठाया है ।
भाई जी ने बहुत सुंदर बात कही है कि हम दलित नहीं है। हरिजन हैं=== हरिजन का अर्थ होता है भगवान के आदमी।।
आजकल कुछ लोग हरिजन कहने पर बुरा मानते हैं और थाने में शिकायत दर्ज करवाई जाती है।जो कि बहुत गलत है।जब कि राजपूत लोग हरिजन लोगों को अपने समाज में भी चाचा,ताऊ के रिस्ते से बुलाते हैं।याने पूरा सम्मान देते हैं।
Bhai hum shilpkar hain or hamko is baat ka garv hai hum dharm ke nam par dhong nhi karte,teeka chandan lagakar ,pandit ka dikhawa kar meet oe sarab nhi peete
Bhai ji harijan yani ki bagwaan ke aadmi tho pure india sahit world mein bagwaan ke hi aadmi h
Yaani ki sabi insaan harijan hi h
Thanks 🙏🙏👍👍👍👍👍 chacha ji
प्रणाम भैजी 🙏💐
बहुत सुंदर विचार विमर्श
कितनी सुन्दर बात उदय जी ने पर हरिजन शब्द भी गांधी जी ने हमें दिया था ए शब्द पहले से नहीं है हम शिल्पकार है दलित नहीं है
Or dalit sabad kisne diya ye pata he tumhe jara pado .
Bahut badhiya aapka bahut bahut dhanyvad bhai
हरिजन हो या दलित , मतलब तो उसका मानव जाति से है तो ये पूरा ही चैप्टर उखाड़ फेंकना है, सभी समान है,
ऐसे हरिजन भाइयों की समझ को बहुत बहुत धन्यावाद सही कहा जात बदलना बाप बदलने के बराबर है यही है हमारे उत्तरांचल की संस्कृति सब लोग देव तुल्य है
बिल्कुल सही कहा आपने
सभी को अपने नाम के आगे सिर्फ( हिन्दू ) लगाना चाहिए ❤
बहुत हीं सुंदर बात कही
इंसान जाति से नहीं कर्म से महान होता है, हम सब इंसान हैं और इंसानियत को बनाए रखना सबसे बड़ा धर्म है।
चाचा उदय लाल जी बिल्कुल सही कहा आपने.....हमें गर्व है आपकी कला और विचारों पर
बिलकुल सही बात है। 👍
सही बात है इनकी इन सबकी बात भी सरकार को सुननी चाहिए
दलित नहीं - शिल्पकार बोलिए
अनुसूचित जाति नहीं - क्लावन्त {औजी अर्थात वाद्ययंत्र (ढोल दामों , मास्क रणसिंघा आदि)बजाने और ढोल सागर के साथ साथ असंख्य विद्याओं का ज्ञानी} बोलिए । बहुत सही जवाब दिया अब धीरे धीरे ये बाहरी लोग पहाड़ की संस्कृति का विनाश करने पर तुले है ।
मेरा उदय लाल जी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपने बहुत सही बातकही है
बहुत अच्छी बात कही भाई जी ने लेकिन हरिजन भी राजनैतिक शब्द है शिल्प कला को जानने वाले को ही शिल्प कार कहा जाता है।
बहुत सही बात बोली चचा ने सादर नमस्कार है इन्हे
मैं अपने गांव के आर्य लोगों को नमन करते हैं , जिन्होंने हमारे पहाड़ी इलाकों में हमारे अच्छे मकान बनाए अच्छे सिल्प कला में भी माहिर हैं
हमारे गांव में भी अब छुआ छूत नही है और ये सब मुस्लिम लोगों ने फूट डाल कर
हम में बहत भेदभाव फेलाया , लेकिन अब हम सब एक हैं
बिल्कुल सही बात कहा है भाईजी ने जो हरिजन समाज के इस भाई ने कहा है "जाति बदलना मतलब बाप बदलना" हमारे देवभूमि उत्तराखंड के लोग सिर्फ़ और सिर्फ़ "हरिजन ही हैं" ऒर ये शिल्पकार हैं इस भाई ने हरिजन के बारे में सटीक परिभाषा दी है। मैं " पुनः गाँव की और" के न्यूज एंकर और एडिटर श्रीमान रतूडीजी को धन्यवाद करता हूँ की आप हरिजन समाज के लोगों साथ बैठकर खुलेआम इस विषय पर चर्चा की है।
धन्यवाद उदय लाल इस मुद्दे उठाने के लिए पर हम शिल्पकार है
एक बनो,Safe बनो!
बटोगे तो कटोगे!! गर्व से कहो कि हम सनातनी हिन्दू धर्म संस्कृति से हैं !!
Bahut badhiya vichar thank u
हम सिर्फ शिल्पकार है। क्यों कि हमारा हर व्यक्ति शिल्पी व कलाकार है।कला हमारे रग रग में है।❤❤❤❤❤
टम्टा लोग, ऊंची जाति ही है, बस वो शिल्पकार बन गए
Hm sanatani h
Bilkul sahi kaha apne apki sach ke liye selute
बहुत बढ़िया बात कही, हरिजन को दलित करना सरकार की साजिश है।
Bahut sunder boda ji , aaj tak humne nhi dekha humari padai hui pahad main karanprag main humne kabhi bhed bhav nahi dekha dost sabhi rahe humne jaat paat to dekha hi nhi ।। are bhai jab devta nachte hai to narijan hi bolti are bhai humare gaon ka pradhan bhi harjan humare satb pade ।had hai in rajnetao ne uttrakhand me bhi fut dalna suru kar diya । berav devta pujana ya kuch bhi kary me humne kabhi ye nhi dekha par jaise jaise padai ka स्तर dekh rahe ghat gya । bhed bhav ladao sabko yhi chal raha ye bahar delhi ya bahar ke liye hoga par humari puja devta puja me bhi yogdan sabka hota hai । jai bhim nhi jai badri jai kedhar । bouda ji logo or youvao ke liye bahut achha sandesh ।
उत्तराखंड के शिल्पकार, बहुत समझदार होते हैं। 😊
Bhut Sundar kha aapne ye sarkar badani hai jo dhalit keh rhi hai bhut acha kha tau g ne 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
सबसे पहली बात तो मेरे ख्याल से यही है की जात पात बिल्कुल नहीं होनी चाहिए खून मांस हड्डी हरिजन पर भी है और सभी जात वाले जो लोग हैं इनके ऊपर भी है तो क्या मतलब जात पात का बिल्कुल मैं इस बात से सहमत हूं लेकिन उदय लाल जी आपकी इस बात से सहमत नहीं हूं की जय भीम के नारे नहीं लगेंगे जय भीम के नारे लगेंगे जब तक हिंदू अनुसूचित रहेगे तब तक जय भीम के नारे लगेंगे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने ही संविधान लिखा था और आज आप उनका नाम के लिए बोल रहे हैं कि उनके नाम की नारे नहीं लगेंगे जरूर लगेंगे जब देश की सभी महान मूर्तियों के नारे लगा सकते हैं तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नारे क्यों नहीं लग सकते हमें भी गर्व है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर जिन्होंने भारत का संविधान लिखा है भारत की संस्कृति कहती है श्लोक संस्कृत में भारतीय संस्कृति की विशेषता अनेकता में एकता अगर हिंदू राष्ट्र मजबूत रहेगा तो सब लोगों को जात पात मितानी होनी चाहिए❤❤❤❤❤❤ 🙏🙏🙏🙏🙏
Bilkul sahi kaha aapane Koi jaati pati nahin Hai sab ek Hai
Uday lalji aap sahi ho....salute to u....jaati prtah khatam karo ....hum sub hindu he ....bus ye dhyan rake ...🙏🏻🙏🏻👍🏻👍🏻👍🏻👌🏼👌🏼
बहुत सही बोला अंकल जी ये दलित बोलना सही नहीं दलित से वोट मांगने क्यों आता हौ सपोर्ट करो सब को
शानदार व्यक्तवय, बचपन से ही पहाड़ में देखा या तो हरिजन होते थे या शिल्पकार, छुआछुत थी है भी, पर पहले भी सम्मानित थे आज भी सम्मानित हैं, दलित शब्द तो पहाड़ में कभी रहा नहीं 💐😊
रिपोर्टर महोदय आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Aapko Mera padhna aap bahut achcha bol rahe ho aisa nahin hona chahie Jaat badalni nahin chahie bilkul sahi baat hai Jaat Badli baap badla Jay Hind Jay Bharat agar aise log hamare Uttrakhand mein ho to Uttrakhand ka koi kuchh nahin bigaad Sakta❤❤❤❤
सबसे ज्यादा भेदभाव तो पूरे देश में हमारे उत्तराखंड में है
Right sir
har jagah hai bhai aur bhi desh me kaal gora america me nhi h kya apne desh me north india k logo ko china china keh kr bolte hai bhed bhaav sab jagah hai par tum logo ka kuch zyada hi halla macha hua hai kyuki tum log khud hi heen bhavna se grasit ho apne ko tum logo ne khud kuntha ka shikar bana liya hai isse upar utho kyu le rhe ho jaati certificate general me aao tum bhi general m kahe jaoge itna dard ho rha hai tum logo ko to sab general m rho kyu lete ho caste certificate
Ek baar UP, HRYANA ghum k aa dhng se
एक्ट आकाशवाणी है
@@armanpandit4774kisne keh diya sb me he sirf hindu dharam me he baaki muslim ko dekh lo wo kese ek rehte he wo sirf muslim hote he or hindu me to itni jaati he
बहुत बढ़िया जी,,, इनकी बातों से सहमत हूँ क्यूँकि जब पहले से चला आ रहा है उनको शिल्पकार ही बोलते है तो ये वर्तमान सरकार को क्या पीडा हो गई कि इनको दलित घोषित करने की,, मुझे लगता है इस सम्बंध मे हम सभी पहाड़ वासियों को आवाज उठानी चाहिए, क्यूँकी सरकार तो अपने फायदे के लिए करती है लेकिन मुसीबत हम लोगों को ही होती है,,,, 🙏🙏🙏
बिलकुल सही कहा दलित का ठप्पा हटना चाहिए, हरिजन हैँ हरिजन ही रहेंगे, हरी मतलब भगवान, भगवान के बनाये लोग
😅
बाकी लोग किस के जन हुए फिर
Ghade ke@@musafir_hoon-yaron
बाकी सब लोग सैतान ने बनाएं है क्या
😂😂😂
बिल्कुल सही बात है शिल्पकार है दलित नहीं।
उत्तराखंड में कभी दलित नहीं सुना है सिर्फ शिल्पकार या हरिजन ही सुना था।
Bahut sundar bat kahi
Baat to sahi hai 👍👍👍👍🙏👍👍
Bahut sahi kaha sir ne.
Very nice good sahi baat hai ji 🙏😌😌
बहुत सुंदर बात कही। आज शिल्पकार की लड़की ब्राह्मण ले गया और ब्राह्मण की लड़की शिल्पकार भगा कर ले गया।
Ho to rha h sub theek.jati pati chor k hm sub ek hote ja rhe hain likin rajnetaao ne kbhi hme wk hone nhe deya.😢
बहुत सुन्दर बात कही है भाई आपने
सही कहा बड़े भाई उदय लाल ने 🙏🙏
बहुत सही बात कही भाई आपने🙏🙏🙏🙏
बाहर के लोगों को गांव के बड़ी कास्ट लोग छुआ छूट नहीं करते है but गढ़वाल में जो हरिजन लोग रहते है उनके साथ छुआ छूत बहुत होती है
Nahi apna apna riti hai bhai isme koi galat nahi hai jab tak ek dusre ka samman hai tab tak sahi hai ye chij
@@swarajbharat5891 abeee anpadh padh le zara
Angrezon ke aane se pehle ye vhuaa choot nahi huaa karti thi
Uske baad se heeen bhawna aagayi
Inke saath anyaay toh huaa hi hai
Shadi baraat mai bulate nahi they
Paani bharte waqt last mai wait karwate they bahut kuch hai
Isko reeti reeewaj kehke sharminda na karo
Bilkul sahi baat.......mein bhi sehmat hu🙏🙏🙏
Bhut sundar bola hai apne mama ji ❤❤❤
सही बात कह रहे हैं अंकल जी वास्तविक शिल्पकार कहां जाना चाहिए और हमने निराकार संसार को साकार किया है इसीलिए शिल्पकार कहा जाता है बहुत अच्छी बात है संसार को साकार
पत्रकार जी आप लोगों से निवेदन है कि अंकल जी का नंबर पक्का भेजदेना
बहुत सुन्दर बात कही इन्होंने भाई उन मुल्लाओं से कहीं अछे लोग हमारे ये भाई हैं हमे इनको साथ लेना चाहिए. हमारे समाज इनको बढ़ावा दें. पहले कुछ होता था. इसमें क्या है कि पहले को लोग गंदे होते थे साफ सुथरे नहीं होते थे इसलिए भेद भाऊ था इनको देख कर लगता है एसा सारे अछे लोग हैं.हम सब सनातनी भाई हैं. पहले समय में जाति व्यवस्था काम के लिये बांटा गया था. पंडित पूजा खाना आदि बनाने के लिए. राजपूत ठाकुर बड़े काम युद्ध .और हरिजन शिल्पकार होते थे घर गाउ में ढोल सिलाई आदि वयवस्था बनाई गई थी. इसलिए नहीं कि कोई भेद बाऊ किया जाय
Bahut Sundar Bhai Support full power
शिल्पकार या बहुजन यह शब्द ही बोले जाने चाहिए और कुछ नहीं। दलित और हरिजन भी गलत है
हरिजन का अर्थ भी गलत ही है।
बहुत हि सही का भाई आप ने जात बदल्ना और भाप बदल्ना एक बरा बर
दलित का अर्थ है दबे कुछ्ले लोग
जिन्हे पंडितो ने अपने बल से दबा दिया था। हम सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े हैं
Ager dabaya hota to tu paida he nhe hota theek h naeinsaan bno phle jati dharm Ko nikalo apne demaag se
teen perecnt pandito ke pass tees percent dalito ko dabane ka kaun sa mantra tha bhai humko bhi wo mantra de do taki hum bhi chunaav jeet sake kaun sa nasha kiye ho
tum logo ne ati kar di hai ab dhang se rho brahmano ko bologe faltu ka to hum chorenge nhi ab bahut ho gaya tum logo ka natak
दबाया कुछ नही बस एक लम्बे अंतराल तक गुलामी ओर एक ही पेशा से जुडे रहने की वजह से ब्राह्मण का कार्य करने वालों के वंशज भी ब्राह्मण बन गये यही से गलत परमपरा शुरू हुयी!!! हम तो भेदभाव छूआछूत से दूर रहता हू अभी थोडी देर पहले अपने एस सी मित्र के घर से चिकन खाकर आ रहा हू!!
Accha 5% ne tum logo ko daba diya wo bhi jb rajtantra tha😂😂😂
Hum sab Pahadi hai, Hindustani hai . 🎉 hum sab ek hai. “Sarkar hai दलित”
संविधान के अनुसार हमारी जाति अनुसूचित जाति है।
कुछ मायने में दलित और दरिद्र में अंतर है। दलित का मतलब है जिनका शोषण किया गया हो सामाजिक दृष्टि से ये शब्द मेरी समझ से sc के लिए हरिजन की तुलना में कोई ज्यादा गलत शब्द नहीं है।
मगर हरिजन कहना किसी भी मामले में सही नहीं है। हरिजन वे होगे जिनकी रोटी *हरि* के नाम पर चलती है।
हमे संविधान में sc की मान्यता है। सबसे उचित शब्द यही है।
चाचा जी आप हरिजन नहीं अनुसूचित जाति के हो।
100% agree
लेकिन चाचा खुद को दलित नहीं मानते है न उनके पास खेती है जमीन जायदाद मकान सब अपने बाप का है कोई शोषण हुआ ही नहीं है ये सब उनके द्वारा फैलाया हुआ है जिनकी रोजी रोटी धर्म के नाम से चल रही है चाचा सच्चे भगवान के भक्त है।
बहुत सही बात बताई भाईजी ने
इन्होंने सही मायने में दलित का अर्थ समझाया हैं।
सती प्रथम जैसे बंद हुई वैसे यह प्रथा बंद होनी चाहिए हम सब को सामान्य होना चाहिए क्योंकि हम खुद को छोड़ कर जातियों में काट दिया है शिल्पकार हरिजन हर काम करने वाला भी ठीक है ❤❤❤
Bilkul kul sahi baat me sahmat hu apke baat se
जो यह बुजुर्ग बोल रहा है हम हरिजन है इनको पता ही नहीं यह हरिजन शब्द किसी इंसान ने दिया है ना तो हरिजन है या नहीं दलित है हम सिर्फ शिल्पकार हैं देव शिल्पी शिल्पकार शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है इन लोगों को कुछ भी ज्ञान नहीं है
Tujhe h bss gyan puri baat sunta tb gyan deta unhone bola h k hm harijan hain ya silpkaar.lakin dalit nhe
तुझे बहुत बड़ा ज्ञान है तुझे इतना पता होना चाहिए हरिजन शब्द महात्मा गांधी ने बोला था शिल्पकार शब्द शास्त्रों में उल्लेख है यह बुजुर्ग आदमी बोल रहा है कि हम हरिजन है सुना नहीं देता
भाई साहब बहुत बहुत सही जवाब दिया है आपने जय भीम जय भारत 🙏🙏
बहुत सुंदर कहा है हमारे पहाड़ो में हरिजन हैं हरिजन का मतलब हरि,, भगवान्,, जन,, लोग,, भगवान के लोग,, क्योंकि हमारे पहाड़ में भगवान् का बुलावा भी हरि के जन ही करते हैं इनमें हर प्रकार की कला किर्ति है
आप को हरिजन शब्द का इतिहास पढना चाहिए,इसीलिए बाबा जी ने कहा था शिक्षित बनो,जिस ने भीम को नहीं जाना भीम को नहीं पढ़ा वह इस व्यक्ति उदय लाल की तरह ही बात करेगा
@@Bimla-im5lcक्या इतिहास है हरिजन शब्द का?
Bhim ko pdana vala brahman hor rajput tha .... Bhim ko ham nahi janta ...bhim ka uttrakhand sa koi lana dana nahi hai ..yaha ke history alag hai Bhimta jai bhim up bihar ma karna ya nahi @@Bimla-im5lc
@@Bimla-im5lcओह आपकी जानकारी के लिए बता दूं भीम राव अम्बेडकर को कहते है संविधान बनाया तो भीम राव अम्बेडकर ने बोला मेने बनाया जबकि लिखा किसी और ने बनाया किसी और ने तो उनका नाम क्यों नही लिखा गया
Bahut Bahut Badhiya Bat hai👍👍👍👍
जागो हिन्दुओं जागो जाती में नहीं बंटना चाहिए एक रहेंगे नेक रहेंगे 👌
Bilkul sahi baat Kahi taau ji Ne 🙏🙏🙏
बहुत सुंदर बोला भाई साहब आपने
बिल्कुल सत्य कहा ताऊजी ने👍
कोई भी जाति सूचित शब्द सभी तुच्छ है, दलित हो या हरिजन, सभी समान है, इस बात पर चर्चा होनी चाहिए
Jati suchit karne ka matlab hi anusuchit he . Kuch jatiyo ka name suchit kiya gaya taki unko aage badaya ja sake . Or un sabhh jatiyo ko sath me anusuchit jati kaha gaya.