UP APS UK APS UPP SI STENO UPSSSC STENO HIGH COURT STENO दार्शनिक DICTATION 80WPM राम नाम सत्य

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ต.ค. 2024
  • राम नाम सत्य है, यह छोटा सा वाक्य यूं तो मासूम लगता है, लेकिन किसी संदर्भ में इसका अर्थ बिल्कुल बदल जाता है। जो हिंदू परंपरा और हिंदी भाषा में पले-बढ़े हैं, उन्हें 'राम नाम सत्य है' सुनते ही मस्तिष्क में शवयात्रा की छवि उभर आती है। मुर्दा शरीर अर्थी पर लेटा हुआ है और सफेद वस्त्रधारी लोग यह कहते हुए श्मशान की ओर बढ़ते जा रहे हैं- राम नाम सत्य है। लेकिन वे यह किसके लिए कहते हैं मुर्दे के लिए या अपने लिएर मुर्दा तो सुन नहीं सकता और जिंदा लोग सुनना नहीं चाहते।
    यह सवाल उठाते थे कि मुर्दे को क्यों सुनाया जाता है कि राम नाम सत्य है? अगर यह बात इतनी महत्वपूर्ण और जरूरी है, तो फिर जीवित लोगों को क्यों नहीं सुनाई जाती? वह जिंदा लोगों के कान में जाकर कहते, राम नाम सत्य है और लोग भड़क उठते थे!
    एक वाकया ओशो के शब्दों में सुनिए, 'मैं छोटा विद्यार्थी था, तो हमारे स्कूल के रास्ते में एक मंदिर पड़ता था। उसके जो पुजारी थे, वह पूरे इलाके में बड़े प्रसिद्ध थे। बंशीवाले उनका नाम था। उनकी बड़ी ख्याति थी कि बड़े भक्त हैं। बंशीवाले जब प्रार्थना करते थे, तो आंखों से आंसू बह निकलते। मगर मुझे देखते ही वह एकदम डंडा उठा लेते थे कि बस, बोलना मत, कहा यह! क्योंकि वह जहां कहीं भी मुझे मिल जाते, मैं उनसे कहता राम नाम सत्य है। इससे वह बहुत नाराज होते थे कि जब कोई मर जाता है, तब कहते हैं राम नाम सत्य है। मैं तो अभी जीवित हूं!
    लेकिन राम का नाम सत्य है, इसमें कौन-सी खराब बात है? असली बात है, मौत की घबड़ाहट! मौत को हमने जिंदगी से इतना परे कर दिया है कि मरने के बाद ही सुनना चाहते हैं राम नाम सत्य है, बाकी सब झूठ है। पहले तो उलझे रहते हैं मन के जालों में। धर्म को टाले जाते हैं, सत्य को टाले जाते हैं, राम को टाले जाते हैं। एक पैर कब्र में पड़ जाता है, तब भी आशा संसार में ही लगी रहती है; भौतिक सुख-सुविधाओं की इच्छा बनी रहती है; अभी मन दौड़ता ही रहता है।
    युधिष्ठिर ने मनुष्य के आश्चर्यों को गिनाते हुए कहा है, 'रोज-रोज लोग यम-मंदिर जा रहे हैं, लेकिन उन्हें पहुंचाने वाले परिजन रास्ते में धन-संपत्ति के बारे में ही सोचते रहते हैं। इससे बड़ा आश्चर्य क्या होगा?' यह तो जब पूरी ताकत से जीवन के घमासान में उतरते हैं, दुश्मनी और दोस्ती, तेरे और मेरे के चक्रव्यूह में उलझते हैं, तब याद रखने की घड़ी है कि राम नाम ही सत्य है, जिंदगी को बहुत गंभीरता से मत लो। मृत्यु के अलावा कुछ भी सत्य नहीं है।
    योगशास्त्र के अनुसार प्रकृति आत्मा के साथ संयुक्त हो गई है, प्रकृति के पंजे से छुटकारा पाना ही हमारा उद्देश्य है। यही सारे धर्मों का एकमात्र लक्ष्य है। प्रत्येक जीव अव्यक्त ब्रह्म है। प्रकृति को वशीभूत करके अपने ब्रह्म भाव को व्यक्त करना ही जीवन का चरम लक्ष्य है। कर्म, उपासना, मन संयम अथवा ज्ञान, इनमें से एक, एक से अधिक या सभी उपायों का सहारा लेकर अपने ब्रह्म भाव को व्यक्त करो और मुक्त हो जाओ। बस यही धर्म // का सर्वस्व है। मत, अनुष्ठान पद्धति, शास्त्र, 9त कर लेते हैं। अंतप्रकृति बाह्य प्रकृति की अपेक्षा कहीं उच्चतर है और उस पर जय प्राप्त करना अत्यंत कठिन है। इसीलिए जो अंतप्रकृति को वशीभूत कर सकते हैं, जगत उनके वशीभूत हो जाता है। राजयोग प्रकृति को इस तरह वश में लाने का उपाय दिखा देता है।
    हम बाह्य जगत में जिन सारी शक्तियों के साथ परिचित हैं, उनकी अपेक्षा उच्चतर शक्तियों को वश में लाना पड़ेगा। यह शरीर मन का एक बाह्य आवरण मात्र है। शरीर और मन // दो अलग-अलग वस्तुएं नहीं हैं, वे तो सीप और उसके खोल के समान हैं। वे एक ही वस्तु की दो विभिन्न अवस्थाएं हैं। सीप के भीतर का जंतु बाहर से नाना प्रकार के उपादान लेकर उस खोल को तैयार करता है। उसी प्रकार, मन नामक आंतरिक सूक्ष्म शक्ति समूह भी बाहर से स्थूल भूत को लेकर उससे इस शरीर रूपी ऊपरी खोल को तैयार कर रहा है। हम यदि अंतर्जगत पर जय लाभ कर सकें, तो बाह्य जगत को जीतना // आसान हो जाएगा। फिर, ये दो शक्तियां अलग-अलग नहीं हैं। ऐसी बात नहीं है कि कुछ शक्तियां भौतिक हैं और कुछ मानसिक। जैसे यह दृश्यमान भौतिक जगत सूक्ष्म जगत की स्थूल अभिव्यक्ति मात्र है, उसी प्रकार भौतिक शक्तियां भी सूक्ष्म शक्तियों की स्थूल अभिव्यक्ति हैं।
    सारी साधना का यथार्थ लक्ष्य है सद्विवेक यह जानना कि पुरुष प्रकृति से भिन्न है, यह विशेष रूप से जानना कि पुरुष जड़ पदार्थ भी नहीं है और मन भी नहीं। केवल प्रकृति में परिवर्तन // हो रहा है, उसी का सदैव संश्लेषण विश्लेषण हो रहा है। जब निरंतर अभ्यास द्वारा हम विवेक लाभ करेंगे, तो अज्ञान चला जाएगा और पुरुष अपने स्वरूप में अर्थात् सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी रूप में प्रतिष्ठित हो जाएगा। (440 Words)
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ความคิดเห็น • 2

  • @gulshanabbasi1700
    @gulshanabbasi1700 3 หลายเดือนก่อน

    Shandaar 👌👌👌👌

  • @shadabalam6441
    @shadabalam6441 3 หลายเดือนก่อน

    Bohot badhiya sir🙏