अगर आदिवासी हिन्दु नहीं है। तो उनके नाम हिन्दुओं से मिलते हुते क्यू है। अन्तिम संस्कार भी हिन्दुओं की तरह है। विवाह प्रक्रिया भी हिन्दुओं की तरह है। पहले ईसाईयों ने भगवान बिरसा मुंडा की जैल में जहर देकर हत्या करादी। अब सभी आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों समाप्त करना चाहती है। जो आदिवासी ईसाई बन गया वो गद्दार है। भगवान बिरसा मुंडा जी का।
@@_S.RAJ_TOPPO जी ! आपने बहुत ही अच्छी प्रेरणा दी मेरे भाई , और अम्बेडकर के बेटे , आप महान हैं । अब सदियों के सनातन अत्याचारों के खिलाफ जरूर इंकार कर दो , इन शैतानों के बच्चों ने को
@@vikasyadavsanatani1434 hindu koi dharm nahi tha sindhu nadi ke kinare rahne walon ko hi British unhe Hindu naam diya wahin se devi devtaon ki puja shuru huyi thi jo hadappa sabhyata me payi jati hai / Aur adibasi - Adi +vaasi =mulniwasi
मेरा कहना यही है की चाहे आप प्राकृतिक पूजक हो चाहे ईशा मसीह के पूजक हो हम सबका बाप एक ही है। इसलिए हम सबको एक होकर दुशमन से लडना पड़ेगा अन्यथा हम आदीवासी हार जाएं गे।
@@gaurishankarmehra9901 जो आदिवासी जाति में जन्मजात रहते आ रहे है। जिसका पहला पहचान उसके जाति से होता है उसका अपने आदिवासी भाषा और सस्कृति उसके व्यवहार में होता है। वो आदिवासी है।
@@ravankumar7194 19वी शताब्दी मे एक नियम था और ये नियम ये था कि अपने पति के मर जाने के बाद पत्नि को भी अपने आप को जिवित हि आग में जलना पडता था जो लोग ऐसी परम्पराओं को निरन्तर रखना चाहते हे वो लोग रूढ़िवादी लोग कहलाते है , और ये जो परम्पराए होती हे वह रूढिवादी परम्परा या कुरितिया होती हैं । आज के दिन में सब पढ़ लिख रहा है क्या गलत क्या ~सही, किसको पालन करने से क्या होता सबको जानकारी है सब वैज्ञानिक दृष्टिकोण खोजते है परखते है । फिर भी चाहोगे की शिक्षा भी रहे ! और सब प्रकार के रूढ़िवादी अवधारणा का भी पालन होता रहे यह पूरी तरह से संभव नहीं है! (तुम सत्य को जानोगे तो सत्य तुम्हे स्वतंत्र कर देगा - )
हम उरांव है और उरांव ही रहेंगे जय जोहार जय सरना कहेंगे प्राकृतिक का पूजा करेंगे न बल्कि चर्च जायेंगे आदिवासी सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक का पूजा करते हैं न की मंदिर मस्जिद चर्च का जय मां सरना🇦🇹🇦🇹🇦🇹🇦🇹
@@_S.RAJ_TOPPO देखते है कैसे कौन जाति प्रथा हटा रहा है। जाति हमारा पहचान है। डिलिस्टिंग। करके जनरल कास्ट में डालोगे और जनरल वाले को आदिवासी बनाने जा रहे हो क्या? इतना आसान है आदिवासी को डीलिस्टिंग करना
@@TirkeyWilson Christian mother chod rok sako to rok Lo BJP purra Power me hai... PM President.. MP MLA. Har jagah.... 💪💪💪💪💪💪 Pankhraj Baba.. Dr. Kartik Oraon ka sapna purra hokar rahega ... Tum Jesus ka land chus mother chod
@@_S.RAJ_TOPPO भारत माता और तुम्हारी मदर हमारी आदरणीय माता के समान है ,,,, इसलिए गाली तुम अपने ही को दे रहे हो,,,,,तुम ऐसा घटिया आदमी है कि अपने माता को ही c**d रहा
मे जोबट आलिराजपुर mp से हू।मैं एक आदिवासी समाज से हू। और मे सभी देशवासियों के आदिवासी को कहना चाहता हूँ। ईसाई मिशनरियों विदेश की है। और ये भारत में आदिवासी समाज के लोगो को ईसाई बनाना चाहते हैं। लेकिन ऐसा होगा नही जय जौहर जय आदिवासी 🙏🚩🏹 जय हिंद 🇮🇳 मेरे आदिवासी समाज में शक्ति नही है क्या ??? जो दूसरा धर्म अपना रहे हो। मेरे आदिवासी समाज के लोग बिरसा मुंडा भगवान और tantya भगवान की पूजा करे। न की ईसाई मिशनरियों की। ईसाई मिशनरियों हमेशा भारत को गुलाम बनाने का काम किया गया है। मेरे प्रिय आदिवासी भाईयो इस बात को समझे। और अपना धर्म न छोड जय आदिवासी जय जोहार साथियों 🙏🏹🚩
Beta adiwase pahchan eshi se nhi gaye khane wala se nhi agrejo se nhi Hamare adiwase jal Jamal jamin se hai jabki eshai adiwase ka darm pariwatan se hai
आदिवासी को दुनिया देखने का अलग नज़रिया है । वह कुदरत के साथ रहना चाहता है । उसे मुनाफ़ा कमाने की भूख वैसी नहीं है जैसी कथित मुख्यधारा के समाज में पाई जाती है।
आदि वासी shidule tribe (जन जाति) @@@@@@@####@@@@@@@ ये वर्ग हिंदू धर्म के अंग नहीं है बल्कि हिन्दू धर्म से स्वतंत्र और पूर्ण रूप से इनका अलग अस्तित्व है ,इनके संस्कार हिंदू धर्म से पृथक है इस बात की बहस और फैसला डॉक्टर बाबासाहब अंबेडकर जी के नेतृत्व में बड़े ही प्रभाव शाली ढंग से गोलमेज कॉन्फ्रेंस 1931,32 में हो चुका है , इसी आधार पर भारत में संविधानिक शिक्षा,राजनीति,नौकरी ,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ,किसी धर्म को स्वीकार करने की स्वतंत्रता,का अधिकार प्राप्त है विशेष जानकारी के लिए बाबासहाब डॉकटर अंबेडकर द्वारा लिखित साहित्य संपूर्ण वंगायमय वॉल्यूम जो भारत सरकार सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक को पड़ने से ज्ञात होता है ।
@@kamalkujur9747 तुमलोग तो अपना जाती का भी पहचान मिटा रहे हो बे ईसाई लोग अपना संस्कृति भाषा सबकुछ भुला दिया अपना जाती का तो man समान करो बस कहने का जाती हो तुम ईसाई लोग
हर ईसाई आदिवासी नहीं हो सकता पर जो आदिवासी ईसाई धर्म अपना लिया है उसे कभी भी डी-लिशट नहीं किया जा सकता। क्योंकि उनका रहन-सहन, उनकी भाषा, संस्कृति, वंशज पुरी तरह से आदिवासी ही है। सिर्फ ईसाई धर्म अपना लेने से आदिवासियत खत्म नहीं हो सकती। उत्तर-पुरव भारत में ईसाई, आदिवासी है। जम्मु-काशमिर में मुस्लिम, आदिवासी है। दक्षिण भारत में हिन्दू , आदिवासी है। ईसाई में हर जाति समुदाय के लोग सामिल है डी-लिशटिंग हो ही नहीं सकता।
Aadiwasion ko prakriti pujak kaha jata hai, hindu dharm me murti ke alawa prakriti ki v Puja hoti h, jaise pipal ,bargad,bel,Tulsi, kela karma ,Aadi pedo ki puja, tatha Suraj,Chand, dharti,mati, Nadi ,grah, nakshatra , gay ,hathi ,kutta, chuha,sap,bandar,aadi ki puja ki jati h,parantu muslim y isai dharm me prakriti se Judi koi baat hi nahi h
Isai log ishwar ka banaya huaa prakriti ko bhale hi nahi aradhana karte hain aur na eshwar ka murti bana ke pujte hain mera kahne ka matlab ham sab kon hote eshwar ko bane wale ,eshwar ne ham sab ko banaya hai na ki ham sab ishwar ko ,ham sab eshwar ke pair ka dhul v nahi jhad sakte rahi bat ishwar ek rajya ek desh ka nhi hai ,ishwar ko ek simit me nhi bat sakte kyonki eshwar is duniya ka rachaita hai to direct eshwar ka aradhana kro na kya jarurat hai bhagwan ka murti aur prakriti ka ishwar ka jita jagta Mandir ham sab log hai eshwar hamare dilo me baste hai ,eshwar ek Prem hai ,jab ham sab ek dusre ke prati prem rakhate hai to waha par ishwar upasthit hote hai,eshwar ek aisaa h
@@samreshmarandi5111 इसका मतलब आप ईसाई हैं। धर्म को परिवर्तन वालों को कुछ तो करवाई ही करना चाहिए। जाती के नाम पर क्यों धर्म नहीं है जैसे मुस्लिम समाज वाले मस्जित है।
आदिवासी की पहचान आदिवासी से हि शुरु होती है और आदिवासी से हि खत्म होगी और ना हि हम हिंदू थे और इसाई फिर ये भाई बहन कैसे इसाई बन बैठे है भाई हम तो आदिवासी जलजंगल बचाने वाले प्रक्रूतिक पुजक हैं येहि हमारी पहचान है जय जोहार जय आदिवासी
यीशु मसीह के प्रिय भक्त जब हम उस यीशु की शरण में है तो हम कर्मा क्यों खेल रहे हैं ऐसा दिखावा नहीं नहीं चाहिए । करमा तो ईसाईयों का कोई पर्व नहीं है। तो हम कर्मा क्यों खेल रहे हैं उनके वेस भूषा क्यों धारण कर रहे हैं
करमा संस्कृति है ना कि धर्म।यही तो समझने की बात है। जाति और धर्म दोनों अलग चीज़ है इस बात को मिक्स क्यों कर रहे हो। ये या हम सब पहले आदिवासी है, उराँव है। बाद में धर्म यानी हिन्दू या ईसाई हैं। इसलिए करमा संस्कृति जाति के आधार पर मानते हैं और ईसाइयत धर्म के मुद्दे हैं इसे मिलाओ मत। आप ख़ुद उराँव हो फिर भी आपको ये बात समझ में नहीं आ रहा तो बड़े दुःख की बात है कि आप खुद को उराँव कहते हो।
@@alpnaekka7460 आपको पता है की कर्मा फॉरेन्स में नहीं मानते तो आप कियु मना रहे हो कर्मा गाना कियु गा रहे हो इंग्लिश गाना गाओं उलला उलला क्युकी जब कोई धर्म परिवर्तन करता है तो उनका हमेशा के लिए उनकी रीति रिवाज परम्परा सब चेंज हो जाता है सादी बिवाह छठी और मृत्यु ऐ संस्कार सब ईसाई समुदाय का अलग होता है तो आदिवासी कैसे हो सकते हो और कर्मा पर्व प्राकृतिक पूजा करने वाले का पर्व है उनका अपमान मत करो आपको ईसाई अतिप्रिय है तो उसी ईसाई में रहो और अगर आपको आदिवासी बने रहना है तो ईसाई गाना बजाना बपतिस्मा द्रीढ़कारण पराम् प्रसाद ऐ सब विदेश के कल्चर है इनको छोड़ना होगा और पुरखोती सामज में तब आ सकते हो wel come है
झारखण्ड के लोगों को पता है डिलिस्टिंग के नुकसान, इसलिए वे सरना कोड की मांग किये ना कि डिलिस्टिंग की। सरना कोड से उनको उनकी पहचान भी मिल जाएगी।माँगना ही था तो छत्तीसगढ़ में भी सरना कोड की मांग करते जो ख़ुद के और सबके हित में होता।
Yeshu Masih hi jinda Parmeshwar hai. प्रेरितों के काम 14:15 15. हम भी तो तुम्हारे समान दु:ख-सुख भोगी मनुष्य हैं, और तुम्हें सुसमाचार सुनाते हैं, कि तुम इन व्यर्थ वस्तुओं से अलग होकर जीवते परमेश्वर की ओर फिरो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जो कुछ उन में है बनाया।
जितने भी आदिवासी समाज के भाइयों बहनों जो किसी प्रलोभन लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं वह डीलिटिंग से ना डरते हुए पुनः घर वापसी करने का कष्ट करें अन्यथा डीलिस्टिंग के लिए तैयार रहें विनती है कि वह डीलिस्टिंग से ना डरे और सीधे उन्हें अपने प्रकृति पूजक समाज में सविलियन होने का कष्ट करें
आप जो ब्रमहंन धर्म में वापसी की बात करते हो, जबकि तुम्हारा कोई धर्म नहीं, अज्ञान मे तुम लोग हो, भारत अब पुनः बौद्ध मय हो रहा है, बहुत से लोग हिंदू धर्म को लात मारकर अन्य धर्मो का अनुसरण करना शुरू कर चुके हैं, हिंदुत्व की नाइया नाव आने वाले 250 वर्षों से पहले ही पुरी तरह डूब जायेगी, उसका कोई नाम लेने वाले भी नहीं होंगे, आप खुद के वंशज भी हिंदुत्व का परित्याग खुशी खुशी करेगा, जो भी भाई बहन किसी भी कारण से धर्म परिवर्तन कर चुके हैं या करना चाहते हो, बिंदास रहने का, भारत का संविधान की अनुछेद 25 सभी भारत के नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है, मोहन भागवत के ये चिंदी चोर, भले ही नेता मंत्री बन जावे परंतु मौलिक अधिकारों को बदल नहीं सकते हैं, क्योंकि आर्य खुद विदेशी हैं, उसे भारत में सिर् छिपाने के लिए संविधान की आवश्यकता है😁, धर्म परिवर्तन से आरक्षण का कोई भी संबंध नहीं होता है, आरक्षण का मूल आधार, वर्ण व्यवस्था ही है, जिसमे शिक्षा सामाजिक राजनेतिक विकास को मापदंड बनाया गया है, जब तक स्वर्ण खुद को देश में श्रेष्ठ मानेगा तब तक आरक्षण खत्म नहीं होगा चाहे SC ST OBC, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध जैन कुछ भी बन जावे, ये बुडबक गपोड लोगों की बात करते हैं, किसी भी धर्मांतरित लोगों को अल्पसंख्यक होने का प्रमाण पत्र नहीं मिलता है, डरना तो उन्हें चाहिए क्योंकि वो खुद ब्रामहण धर्म का त्याग करेगा,
Very good coverage. Swarn Jati aur RSS , Adivasi aur Shudras को बर्बाद कर दिया और बर्बाद कर दें डे। 12% स्वर्ण पूरे देश में राज्य कर रहें हैं। यह हमलोग की अज्ञानता और एकता का अभाव है।
सभी आदिवासियों को एकजुट होकर पांचवीं और छठी अनुसूची को धरातल पर लागू करने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। आदिवासियों को एकजुट होकर सामाजिक विकास के लिए काम करना चाहिए। जय भीम जय जोहार 🏹🏹🏹
भाई लोग धर्म बदल कर के बिदेश जा रहे हैं।और बड़े बड़े पादरी से मिल के परवचन सिख के आ के पूरे झारखण्ड हीं नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। बोल के की आपकी जिन्दगी बदल जाएगी सुख समृद्धि हो जाएंगे ।ज्यादा लाभ मिलेगा बिदेश भी ले जाएँगे।तथा बहुत लड़की लोग अपनी जिंदगी नेवच्छावर कर के सिस्टर बन के ईसाई धर्म का प्रचार कर रही हैं।तो ए सब कैसे बिना लाभ के कोन आदमी अपना धर्म बदलेगा भाई जरा सोचो । इन लोगो ने केवल उरांव मुंडा लोहरा महली असुर यानी सिर्फ आदिवासी लोगों को हीं टारगेट कर के धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। मै कहता हूँ। आपलोग मुस्लिम ,सिख ,बौद्ध, हिंदू। लोगों को बनाव ना ईसाई । अगर उतना लाभ मिलती है तो। .......आदिवासी का रहन सहन पहनावा और खान पान जीवन सैली अगर पसंद नही आती है तो। फिर हम आदिवासी है कैसे बोल रहे हो । अब तो ईसाई लोग का बिकास हो गया । अब सायद आदिवासी लोग को बिकाश करने के लिए सरकार मन बना लिया है तो। फिर अब लोग बोल रहे हैं की हम भी आदिवासी हैं। ......हम आदिवासी हैं और मुस्लिम धर्म को अपना लूंगा । उसके बाद हम मुस्लिम बहलाएंगे या आदिवासी भाई लोग बताइये।.............…? ईसाई धर्म छोड़ के सरना धर्म अपना लो आप आदिवासी कहलाओगे गर्व से 💪💪💪💪💪🕺 💐💐💐जय सरना 💐💐💐
@@nayachandoraon2419 esa kuch ny h aapka galat soch hai kisi ko bhi Dharm Parivartan karaya nahin jata hai jab changar prathna hoti hai tab bahut se Dharm ke log aate Hain jisse unhen changaye milati hai milati hai unka man Parivartan hota hai uske bad vah apna Dharm badalte Hain kisi ko bhi majburi ya lalach ki vajah se Dharm Parivartan nahin karaya jata hai aur aap bol rahe hain ki aadivasiyon ko target Kiya ja raha hai to aapka galat soch hai bahut se Hindu Bhai bahan bhi jaate Hain changa prathna mein aur unhen bhi changai milati hai bahut Hindu Bhai bahan vi Christian hai aise nahin hai ki bus aadivasi hi Christian hai to aap galat bol rahe hain bro
@@artiekka8078 Reservation ka dar sta rha hai .... Ranchi me bahut bada Reilly hone wala..... Jab Bhid dekhoge na Church gir jayega.... Delisting Hoke rehega
पूरे विश्व में कहीं भी ऐसी मानसिकता नहीं है जैसा भारत में हो रहा है। पूरे विश्व में दुसरे देशों में भी आदिवासी लोग रहते हैं। वहां भी लोग ईसाई धर्म स्वीकार किये हैं। वहां तो ऐसी मांग आज तक नहीं उठी। अगर ऐसा है तो हिन्दू बने आदिवासियों का भी डीलिस्टिंग हो।
मुरुक दाव। आदिवासी ईसाई हिंदू नही हैं _ प्रकृति पूजक हैं, आदिवासियो का कोई धर्म नही था _ ये सही बात है। कोई धर्म बदलने मात्र से किसी की जाति बदलती नहीं। संविधान article _ २५,२६,२७ & २८ हमे अधिकार है धर्म की स्वतंत्रता। जशपुर ईसाई आदिवासी _ गर्व से कहो _ हम आदिवासी हैं,थे और रहेंगे। जय मूलनिवासी। तेरे विरुद्ध गढ़ा हूवा कोई शास्त्र सफल नहीं होगा ( No weapon that is fashioned agaist you shall prosper) ( Isaiah ५४ ; १७) we shall overcome. जय येसु। बहुत बहुत शुक्रिया और हार्दिक शुभकामनाएं।
@@aashakumari4398 पहले फुर्सत से तुमलोग इंग्लैंड भागो पुरा आदिवासी कल्चर को बर्बाद कर रहे हो पहले जाके आदिवासी का परिभाषा पता कर ले आदिवासी kise कहा जाता है
@@aashakumari4398 ईसाई लोग जब आदिवासी कल्चर को फॉलो ही नहीं करते हैं तो ये लोग आदिवासी कैसे हो सकते है आदिवासी वही है जो आदिवासी कल्चर को फॉलो करता हो लाभ लेगा आदिवासी के नाम से और gungan करेगा किसी और का धर्म को ये कैसा doglapan है यार
@@aashakumari4398 संविधान मे st किसको माना गया है या लोकुर कमिटी का रिपोर्ट पढ़ लो st कौन है पता कर लो ,st का अपना कल्चर ,धर्म ,संस्कृति, रिति,रिवाज भाषा पहनावा है दूसरे जातियो के कल्चर से बिल्कुल नही मिलता है,और ये इसाई लोग तो आदिवासियत को ही छोड़ दिया और विदेशी कल्चर, मानता और सरकारी लाभ लेने के लिए हम आदिवासी है ,क्या नौटंकी करता है।आदिवासियत पसंद नही और लाभ आदिवासी का।
आज ईसाई धर्म छोड़ो आदिवासी धर्म अपनाओ प्राकृतिक पूजा करो जल जंगल जमीन का रक्षा करो और अपने वंश आर्थिक राजनीतिक सुधार और अपना विकास करो जय जोहार जय आदिवासी
Bhai saab india ki other state me christian advasi hi....north east state aur ...nicober....me...uder koi problem nhe hi..phle se adivasi hi..aur pra karti ki sath rhte hi
यह मोर्चा बापसेफ के अध्यक्ष वामण मेश्राम साहब के अंडर में होना चाहिए था वह चालीस साल से लोगो को एकत्रित करने में जुडे है ओर अभीभी उनका कार्य चालू है सभी एकजुट होकर नहीं लडोंगे तो मुश्कील है l
मैं जाटव समाज से आता हूं मैं सभी वर्ग के लोगों से कहता जाति धर्म पर भारत देश को अंधकार में मत ले जाइए और आवश्यक भारत के एक नागरिक हैं जय भीम जय नमो बुद्धाय जय संविधान
जनजातीय सुरक्षा मंच के आदिवासी भाइयों को।पहले सविधान का अध्धयन करना चाहिए ।डिलिस्टिंग से ईसाइयो का ही नही,जो आदिवासी हिन्दू धर्म अपनाये है, उनका भी डिलिस्टिंग हो जाएगा। किसी की बहकावे में ना आये।कुछ लोग आदिवासियों को संबिधान मेप्राप्त अधिकार से वंचित करना चाहते हैं।
ये बात इनकी समझ में नहीं आ रही है वही तो दुःख की बात है।वैसे भी इसका बुरा प्रभाव शुरू हो गया है आरक्षण का प्रतिशत कम करके। फिर ये लो डिलिस्टिंग के लिए आंदोलन करेंगे या आरक्षण बचाने के लिए।
रियाल आदिवासियों का आरक्चड़ को तो ईसाई लोग छिन ले रहे हमें आरक्छन आप लोगो के रहने से भी नहीं मिला और आप के नहीं रहने से भी क्या fark पड़ता है वइसे 55%आदिवासी होना जरुरी है और ईसाई 20% कोई fark नहीं पड़ता रियाल अदिवासीयो की संख्या बहुत है डीलिस्टिंग होने दो हम अगर हिन्दू likhate है तो हम हमारे पूर्वजो के banye समाज को अपनाएंगे हमें डर नहीं है पर आप लोग क्या घर वापसी आओगे आओगे तो bachoge नहीं तो फॉरेन्स जाओगे क्युकी डलिस्टिंग होके रहेगा अब हमारा संगठन बन चूका है और उरांव जो कई वेवस्था में 5 साल की राजनीति के लिए बाट दिए थे वो अब नहीं होगा क्युकी सभी bate हुवे लोग अब एक हो गए है ऐ बात कान खोल के सुन लो
आप लोग फॉरेन्स जाके सविधान पड़े is लिए अपने घर छोड़ दूसरे घर जा रहे हो कन्वर्ट होके आपकी बाद की पीढ़ी आप से पूछेगी की आपकी अपनी भाषा संस्कृति क्या है रीतिरिवाज क्या है तो आप किस muh से जवाब दोगे आपकी ही संतान एक दिन जरूर पूछेगी तब आप को कैसे फील होगा जरा सोचो आप कौन सी दिशा में जा रहे हो चाँद रुपये ka. आने के नाम से..
@@mahadevkujur19 adibasi ka batwara hora raha dekhainai de raha kabse isai dharam unko saport karrahi ho or gulami khatna hai 200saal khata humlog purwajo or khatne nai denge bhagao inlog india se
इनसे पूछिये की ये लोग क्या वाकई प्राकतिक पूजक हैं..?क्या यह लोग सरहुल,कर्मा,महादेव पार्वती को मानते हैं..?सरहुल पूजा करने वाले ही प्राकृतिक पूजक माने जाते हैं।
विदेशी आर्यों को भी भारत का संविधान का पालन करना होगा, सप्रेम या डर से, भारत का संविधान के अनुछेद 25 , भारत में भारत के प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है, जिसे कोई समूह संस्था या संघ नहीं छीन सकता है, प्रकृति पूजक के जमाने में कोई हिंदू भी नहीं होता था, सिर्फ़ ब्रामहण शत्रिय वैश्य शूद्र, अन्य धर्म, अंग्रेजों की समय पर जनगणना अनुसार, उस समय मनुस्मृति के अनुसार शुद्रो को शिक्षा सम्पति सस्त्र, का अधिकार मनुस्मृति में नहीं होता था है और रहेगा,
Rakesh gupta jashpur mein to adiwasiyon ka hindu mein bhi conversion huwa hai jashpur mein to adiwasi ya to issai hai ya hindu to sirf isaai dharmantrit hai hindu nahi ye bolana to doglapan hai na
जो आदिवासी सरना धर्म छोड़ अन्य धर्म जैसे - हिन्दू, ईसाई अपना चुके है उनको आदिवासी पहनावा पहनने का कोई तूक नहीं है आदिवासी पहनावा को पहन कर आदिवासीयों का मजाक मत बनाय यह गलत है ।
कहे का भाई जब उरांव लड़का उरांव लड़की जो ईसाई है उनसे सादी करने नाही दिया जाये तो क्या हम aaps में भाई भाई हो सकते है क्या पहले अपना धर्म बदलो उसके बाद सादी करो ऐ रूल्स है ईसाइयो में जनसँख्या बढ़ाने के लिए प्रलोभन करके सबको चेंज करने वाले आज बोल रहे ही हम सब भाई भाई झूट बोलते है लोग...
ईसाई धर्म के लोग अपनी पोशाक में बदलाव होना चाहिए, सरना धर्म के आनुवाई लाल पड़ साड़ी एवं पोशाक को धारन करते हैं। वर्तमान में कुरमी समाज के लोग आदिवासी केटेगरी में समायोजित करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं उनको ईसाई धर्म के लोग विरोध नहीं कर रहे हैं क्यों।
आदिवासी समाज के डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का बहुत उपकार है म्हणून आदिवासी समाज बुद्धिजीवी हुशार झालेला आहे त्यामुळे आदिवासी समाजाने बौद्ध धर्माकडे वळण दिल्यास भारत देशाचे आदिवासी समाजाचे कल्याण झाल्याशिवाय राहणार नाही जय भीम जय भारत जय सविधान भारत देशामध्ये हिंदू या नावाखाली इतर समाजाला द्वेष मस्त याला बरी पडत आहेत त्यामुळे आदिवासी समाजाने धर्मांतर केले तर हिंदू धर्माचे काय नुकसान होणार नाही
अफसोस इस बात का नहीं ❤ ❤की धर्म का धंधा हो रहा है ❤ बल्कि अफसोस तो ईस बात का है ❤❤❤ कि पढा - लिखा भी अंधा हो रहा है ❤ आदिवासी ईसाई समाज ❤ जोहार झारखंड ❤
आदिवासी और ईसाई में आसमान जमीन का फर्क है भाई ईसाई धर्म की उत्पति येरूसलम में हुआ है जो जिसे हम विदेश कहते है और आदिवासी हमारे भारत देश की मूल निवासी है अगर कोई आदिवासी ईसाई धर्म अपना रहा है तो वह फिर आदिवासी नहीं रहेगा । क्योंकि जो अपने देश का धर्म और संस्कृति छोड़कर विदेशी धर्म को अपना रहा है वो आदिवासी हो ही नहीं सकता। जय हिंद जय भारत।
Mai खुद आदिवासी हूं और ईसाई भी हूं लेनिक जन्म से लेकर मरण tk jo bhi आदिवासी जो भी आदिवासी की रीति रिवाज है। सब कुछ का पालन मेरे आदिवासी ईसाई समाज में किया जाता है। धर्म तो हमे ये सीखता है की मनुष्य को जीना कैसे चाहिए । धर्म को जाति से जोड़ कर nhi देखना चाहिए।
@Mahadev Kujur आजादी से पहले, 1907 से 1932 के बीच ब्रिटिश सरकार ने दलित आदिवासियों और अन्य सभी को जमीन पर सेटलमेंट का पट्टा दिया, उस समय भारत का संविधान का सभा भी नहीं बना था फ़िर संविधान लागू कैसे होता?! धांगर मतलब दूसरे की जमीन पर बेगारी करना,, सेटलमेंट मिलने के बाद लगभग 3400 वर्षों की धांगर ग़ुलामी से मुक्ति दिलाने वाले ब्रिटिश सरकार ही है, ये सत्य है, और ये सब, ईसाई धर्म पुरोहित फादर कॉनस्टेंट लीवंस चर्चिल, के कोलकाता हाई कोर्ट में, रिट लड़कर जीत हासिल किया था, जिसमें उन्होंने साबित किया था कि सवर्ण और दलित आदिवासियों का आपस में कोई समानता नहीं होता, रीति रिवाज,परंपरा, खान पान, रहन सहन, उठन बैठन, रोटी बेटी, बोली भाषा, मरण हरण, सब कुछ अलग है, ये सब साबित करने की आवश्यकता क्यों हुई?! क्योंकि ब्रिटिश सरकार भारत में मुगलो,राजपूतों, मराठा,इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों की आपसी लडाई को रोकने के लिए जमीन पर पट्टा देने का निर्णय लिया, तब, स्वर्णो ने लन्दन में जाकर ब्रिटिश सरकार से माँग की, कि, हिंदू धर्म में वर्ण व्यवस्था के नियमानुसार दलित और आदिवासियों शुद्रों को, शिक्षा सम्पति शस्त्र, का अधिकार नहीं है, इस नियम का पालन अंग्रेज मुगल के आने से पहले से, युगानु युग से यही चला आ रहा है, कृपया हिंदू धर्म के नियमो में दखल नही दीजिये, 🙏 सवर्णो की इस प्रकार प्रार्थना को ब्रिटिश सरकार स्वीकार कर लिया था और सिर्फ स्वर्णो, मुगल इत्यादि लोगों को ही जमीन देने की तैयारी की जाने लगी, जिसमे दलित, आदिवासियों के हाथ कुछ नहीं मिलता,, ऐसे समय पर , ईसाई धर्म पुरोहित कांस्टेंट लीवंस जी का राँची धर्म प्रांत में भ्रमण करते हुए आगमन हुआ, जिनको वहाँ कार्यरत आदिवासी माताएँ स्वागत किया और इस देश की नीति लागू होगी उन्हें बताया और उनसे निवेदन किया कि हम दलित और आदिवासियों का अधिकार नहीं मिल रहा है, कृपया आप हमें हमारा अधिकार दिलवाइये,,, तब कांस्टेंट लीवंस चर्चिल जी, वापस कोलकाता जाकर, हाई कोर्ट में उस बिल के खिलाफ जनहित याचिका दायर किया था, और जीत हासिल किया,, इस प्रकार दलितों के असली एंजेल,1 फादर कांस्टेंट लिवंस चर्चिल, 2 ब्रिटिश सरकार, ही है, आप सभी इतिहास गवाह है दुनिया की कोई भी किताब में देख लो, राजा राम से लेकर, मुगल सम्राट, इत्यादि अंगिनत् सरकार आई और गई परन्तु, जमीन पर अधिकार तो ब्रिटिश सरकार के विक्टोरिया महारानी एलिजाबेथ प्रथम, और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, ने दिया था, एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु अभी हाल में ही 08 सितम्बर 2022 को हुआ, अगर संस्कृति चाहिए तो जमीन छोड़ो
डॉक्टर कार्तिक उरांव का स्पष्ट कहना था कि जो आदिवासी ईसाई बन चुके हैं उनको आदिवासी का लाभ नहीं मिलना चाहिए जिसका उल्लेख 20 वर्षों की काली रात नामक पुस्तक में की गई है
कार्तिक =गणेश, हिंदू धर्म ग्रंथों के आधार पर महादेव का मैल पुत्र, आर्यों के तीन देवताओं मे से एक, अथार्ट आर्य ब्रामहण धर्म का अनुसरण करने वाले, दोगला नेता की लिखा कौन बुडबक सुनेगा, वो भी धर्मांतरित हिंदू था
आदिवासी ना तो ईसाई ना तो हिन्दू है
आदिवासी सिर्फ आदिवासी है
जय आदिवासी जय जोहार जय से वा
अगर आदिवासी हिन्दु नहीं है। तो उनके नाम हिन्दुओं से मिलते हुते क्यू है।
अन्तिम संस्कार भी हिन्दुओं की तरह है।
विवाह प्रक्रिया भी हिन्दुओं की तरह है।
पहले ईसाईयों ने भगवान बिरसा मुंडा की जैल में जहर देकर हत्या करादी।
अब सभी आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों समाप्त करना चाहती है।
जो आदिवासी ईसाई बन गया वो गद्दार है। भगवान बिरसा मुंडा जी का।
Sahi baat hai jai sarna
में एक आदिवासी हु,ना किसी भी धर्म के खिलाप हु,ना ही किसी धर्म का सपोर्ट हु
हम आदिवासी हैं आदीवासी को आदिवासी ही रहने दीजिए
बहुत ही अच्छा होगा
आदिवासी बने रहो कुछ पढ मत साला तुमको आरक्षण चाहिए या नहीं।
@@_S.RAJ_TOPPO जी ! आपने बहुत ही अच्छी प्रेरणा दी मेरे भाई , और अम्बेडकर के बेटे , आप महान हैं । अब सदियों के सनातन अत्याचारों के खिलाफ जरूर इंकार कर दो , इन शैतानों के बच्चों ने को
@@rajkumarshan2908 ओर बौध्द बन जाओ अंबेडकर भी बौध्द बने ना कि ईसाई भारत के लोगो को भारत का धर्म लेना चाहिए ना कि किसी बाहर के देश के धर्म का
@@viralVD806 👍🏼👍🏼👍🏼👌🏼
बिलकुल सही कहा!
@@_S.RAJ_TOPPO अपनों में लड़ मर के खत्म हो जाओगे, इसी का तो बहरी और दूसरे लोग लाभ ले रहे हैं.. तुम मुली खाना
आदिवासी ना ही ईसाई है ना ही हिंदू है सिर्फ आदिवासी 🏹 है जय जोहार जय आदिवासी ✊
Bhai jaati aur Dharm alag hai
Tab Muslim ko bhi aadivasi bologe kya.
@@manasmarandi4368 agar 32 janjatiyon me hai to dekh lo kabhi itihaas bhi padh liya karo
आदिवासी और हिन्दू में क्या अंतर होता है कोई समझाए हमे जानकारी नही है???
@@vikasyadavsanatani1434 hindu koi dharm nahi tha sindhu nadi ke kinare rahne walon ko hi British unhe Hindu naam diya wahin se devi devtaon ki puja shuru huyi thi jo hadappa sabhyata me payi jati hai /
Aur adibasi - Adi +vaasi =mulniwasi
मेरा कहना यही है की चाहे आप प्राकृतिक पूजक हो चाहे ईशा मसीह के पूजक हो हम सबका बाप एक ही है। इसलिए हम सबको एक होकर दुशमन से लडना पड़ेगा अन्यथा हम आदीवासी हार जाएं गे।
Isai Adiwasi nahi hai
@@gaurishankarmehra9901 जो आदिवासी जाति में जन्मजात रहते आ रहे है। जिसका पहला पहचान उसके जाति से होता है उसका अपने आदिवासी भाषा और सस्कृति उसके व्यवहार में होता है। वो आदिवासी है।
@@gaurishankarmehra9901 aap kaise kah sakte hoisai aadivasi aadivasi nahi hain . Vistar kar jankari dijiye
दादा जनजाति होने के लिए संविधान में बल प्राप्त है 13/3रुढी प्रथा इसका पालन होना चाहिए अन्यथा वह बाहर हो सकता है,, जोहार
@@ravankumar7194 19वी शताब्दी मे एक नियम था और ये नियम ये था कि अपने पति के मर जाने के बाद पत्नि को भी अपने आप को जिवित हि आग में जलना पडता था जो लोग ऐसी परम्पराओं को निरन्तर रखना चाहते हे वो लोग रूढ़िवादी लोग कहलाते है , और ये जो परम्पराए होती हे वह रूढिवादी परम्परा या कुरितिया होती हैं ।
आज के दिन में सब पढ़ लिख रहा है क्या गलत क्या ~सही, किसको पालन करने से क्या होता सबको जानकारी है सब वैज्ञानिक दृष्टिकोण खोजते है परखते है । फिर भी चाहोगे की शिक्षा भी रहे ! और सब प्रकार के रूढ़िवादी अवधारणा का भी पालन होता रहे यह पूरी तरह से संभव नहीं है! (तुम सत्य को जानोगे तो सत्य तुम्हे स्वतंत्र कर देगा - )
आप किसी को भी मानो , आदिवासी मूलनिवासी।जय जोहार।
हम उरांव है और उरांव ही रहेंगे जय जोहार जय सरना कहेंगे प्राकृतिक का पूजा करेंगे न बल्कि चर्च जायेंगे
आदिवासी सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक का पूजा करते हैं न की मंदिर मस्जिद चर्च का जय मां सरना🇦🇹🇦🇹🇦🇹🇦🇹
आपने सत्य कहा है।
Bilkul Bhai jo aapka purwajo se chal raha hai wahi acha hai
Es tarah to aadiwasi lupat ho jayenge
A sab darm ke dalal hai
Bilkul sahi bat hai 🙏 jai SARNA JAI ADIVASI 💪💪💪 आई एम सरना 👌
100% सत्य है।
यही आदिवासी का पहचान है।💪💪💪👌
आदिवासी हिन्दू नहीं है और ना ही ईसाई क्रिस्तान है।
जय सरना!
जय आदिवासी!!
जय धरमे!!!
Delisting होकर रहेगा
@@_S.RAJ_TOPPO देखते है कैसे कौन जाति प्रथा हटा रहा है। जाति हमारा पहचान है। डिलिस्टिंग। करके जनरल कास्ट में डालोगे और जनरल वाले को आदिवासी बनाने जा रहे हो क्या? इतना आसान है आदिवासी को डीलिस्टिंग करना
@@TirkeyWilson
Christian mother chod rok sako to rok Lo BJP purra Power me hai...
PM President.. MP MLA. Har jagah....
💪💪💪💪💪💪
Pankhraj Baba..
Dr. Kartik Oraon ka sapna purra hokar rahega ...
Tum Jesus ka land chus mother chod
@@_S.RAJ_TOPPO भारत माता और तुम्हारी मदर हमारी आदरणीय माता के समान है ,,,, इसलिए गाली तुम अपने ही को दे रहे हो,,,,,तुम ऐसा घटिया आदमी है कि अपने माता को ही c**d रहा
Isai adibasi 😃😃😃😃
मे जोबट आलिराजपुर mp से हू।मैं एक आदिवासी समाज से हू। और मे सभी देशवासियों के आदिवासी को कहना चाहता हूँ। ईसाई मिशनरियों विदेश की है। और ये भारत में आदिवासी समाज के लोगो को ईसाई बनाना चाहते हैं। लेकिन ऐसा होगा नही जय जौहर जय आदिवासी 🙏🚩🏹 जय हिंद 🇮🇳
मेरे आदिवासी समाज में शक्ति नही है क्या ??? जो दूसरा धर्म अपना रहे हो।
मेरे आदिवासी समाज के लोग बिरसा मुंडा भगवान और tantya भगवान की पूजा करे। न की ईसाई मिशनरियों की। ईसाई मिशनरियों हमेशा भारत को गुलाम बनाने का काम किया गया है। मेरे प्रिय आदिवासी भाईयो इस बात को समझे। और अपना धर्म न छोड जय आदिवासी जय जोहार साथियों 🙏🏹🚩
Aadi wasi o ko school v hospital ki suvidha kisne di .Smart kisne banaya.
आदिवासी कभी ईसाई धर्म के हो ही नही सकते हैं। जय जोहार जय आदिवासी 🙏🏹🚩
Lindu ke bhi nhi ho sakta
धर्म और जाति दोनों अलग अलग है,
आदिवासी ना ही ईसाई है ना ही हिंदू है ।।। हमरा सरना धर्म को मानते हैं
भाई सरणा धर्म का फाऊंडर कौन है?
सरणा धर्म ईश्वरवादी है या निर-ईश्वरवादी है?🙏🏼
Prakriti ka koi founder nhi hai quik ki Nature ko founder ki jarurat nhi h.
ईसाई आदिवासी कौआ जैसा ही रहेगा।
तुम बैल ही राहोगे
आदिवासी और ईसाई में जमिन आसमान का फेर है नियत क्या है हमारे आदीवासी पर दादाओं की हम प्रकृति की पुजा करते है जय जोहार जय आदीवासी 🙏🙏
एक नम्बर बोले हो दादा जय सरना🙏🙏🙏
Beta adiwase pahchan eshi se nhi gaye khane wala se nhi agrejo se nhi Hamare adiwase jal Jamal jamin se hai jabki eshai adiwase ka darm pariwatan se hai
और हिन्दू आदिवासी के बारे में क्या कहना है।
@@samreshmarandi5111
आदिवासी हिन्दू हों नहीं सकता भाई
तों फिर जो आदिवासी हिन्दू बने है, उनके लिए आपका क्या विचार है।
आदिवासी को दुनिया देखने का अलग नज़रिया है । वह कुदरत के साथ रहना चाहता है । उसे मुनाफ़ा कमाने की भूख वैसी नहीं है जैसी कथित मुख्यधारा के समाज में पाई जाती है।
आदि वासी shidule tribe (जन जाति)
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ये वर्ग हिंदू धर्म के अंग नहीं है बल्कि हिन्दू धर्म से स्वतंत्र और पूर्ण रूप से इनका अलग अस्तित्व है ,इनके संस्कार हिंदू धर्म से पृथक है इस बात की बहस और फैसला डॉक्टर बाबासाहब अंबेडकर जी के नेतृत्व में बड़े ही प्रभाव शाली ढंग से गोलमेज कॉन्फ्रेंस 1931,32 में हो चुका है , इसी आधार पर भारत में संविधानिक शिक्षा,राजनीति,नौकरी ,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ,किसी धर्म को स्वीकार करने की स्वतंत्रता,का अधिकार प्राप्त है
विशेष जानकारी के लिए बाबासहाब डॉकटर अंबेडकर द्वारा लिखित साहित्य संपूर्ण वंगायमय वॉल्यूम जो भारत सरकार सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक को पड़ने से ज्ञात होता है ।
हमारा भारत देश धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है
हम आदिवासी हे आदिवासी आदिकाल से है हमारे पूर्वज भगवान श्री राम हमारे पूर्वज सबरी जिसने श्री राम की भक्ति ki है जय श्री राम
आपकी सोच गलत है आदिवासी शबरि भिल्ल के राम भक्त था,राम हि चलके गया था शबरि के पास और शबरि देवी का आशिर्वाद लेके लौटा था
आदिवासी हिंदू नही है !जय संविधान ! जय भारत!जय मूलनिवासी.
तो ईसाई कोन सा है ऐसे मैं अमेरिका का राष्ट्रपति आदिवासी है।😄
Christon h
ईसाई आदिवासी कब हो गए 🤣🤣🤣🤣🤣
आदिवासी हिंदू नही है तो ईसाई कब से हो गया है। जय आदिवासी जय जौहर 🙏🏹🚩
आदिवासी उसे कहते है जो प्रकृति की पूजा करते है ये कोन सा आदिवासी है
Adivasi Jaati hai dharm nahi hai, Jaati Janam say hota hai, upadhi say sammanit nahi hota hai
@@kamalkujur9747 तुमलोग तो अपना जाती का भी पहचान मिटा रहे हो बे ईसाई लोग अपना संस्कृति भाषा सबकुछ भुला दिया अपना जाती का तो man समान करो बस कहने का जाती हो तुम ईसाई लोग
@@kamalkujur9747 जाति जाति चिल्लाते हो,,, अपने पूर्वजों का कुछ मान बचा के रखे हो ❓ जय सरना जय धरम 🇦🇹🙏
Bahut adhivasi paida hoga abhi
@@abhipray5012 जय आदिवासी जय बिरसा
हर ईसाई आदिवासी नहीं हो सकता पर जो आदिवासी ईसाई धर्म अपना लिया है उसे कभी भी डी-लिशट नहीं किया जा सकता। क्योंकि उनका रहन-सहन, उनकी भाषा, संस्कृति, वंशज पुरी तरह से आदिवासी ही है। सिर्फ ईसाई धर्म अपना लेने से आदिवासियत खत्म नहीं हो सकती।
उत्तर-पुरव भारत में ईसाई, आदिवासी है।
जम्मु-काशमिर में मुस्लिम, आदिवासी है।
दक्षिण भारत में हिन्दू , आदिवासी है।
ईसाई में हर जाति समुदाय के लोग सामिल है डी-लिशटिंग हो ही नहीं सकता।
आस्था बदल जाने से गोरे काले हो जाएंगे या फिर जीन बदल जाएंगे क्या।
Toh ye log apna dhrm chhodte hi kyu hai
Aadiwasion ko prakriti pujak kaha jata hai, hindu dharm me murti ke alawa prakriti ki v Puja hoti h, jaise pipal ,bargad,bel,Tulsi, kela karma ,Aadi pedo ki puja, tatha Suraj,Chand, dharti,mati, Nadi ,grah, nakshatra , gay ,hathi ,kutta, chuha,sap,bandar,aadi ki puja ki jati h,parantu muslim y isai dharm me prakriti se Judi koi baat hi nahi h
Isai log ishwar ka banaya huaa prakriti ko bhale hi nahi aradhana karte hain aur na eshwar ka murti bana ke pujte hain mera kahne ka matlab ham sab kon hote eshwar ko bane wale ,eshwar ne ham sab ko banaya hai na ki ham sab ishwar ko ,ham sab eshwar ke pair ka dhul v nahi jhad sakte rahi bat ishwar ek rajya ek desh ka nhi hai ,ishwar ko ek simit me nhi bat sakte kyonki eshwar is duniya ka rachaita hai to direct eshwar ka aradhana kro na kya jarurat hai bhagwan ka murti aur prakriti ka ishwar ka jita jagta Mandir ham sab log hai eshwar hamare dilo me baste hai ,eshwar ek Prem hai ,jab ham sab ek dusre ke prati prem rakhate hai to waha par ishwar upasthit hote hai,eshwar ek aisaa h
Kya converted christian aadiwasi shadi aur antim sanskar isai riti riwaj se nahi karte ??? Yadi karte hai to apni mool sanskriti to badal dali na
जय आदिवासी।। पढ़ो लिखो संगठित बनो
संविधान बचाओ देश बचाओ ।।।
आदिवासी पकृति पुजा होता है सरना धरम मनते है , न कि ईसाई ईसाई धर्म आदिवासी नहीं होता है ।
Hindu dharam adiwasi hota hai kya gyaani baba
गणेश राम महादेव पार्वती सभी आर्यों के देवता है उरांव लोगों का नही, बुडबक तुम खुद को ही बना रहे हो,
आदिवासी हिंदू नहीं है आदिवासी इस देश के मूल निवासी जय जोहार
जय जौहार !
जय आदिवासी !!
जय मूलनिवासी !!!!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भाषा, कपड़ा, बोली खून एक ही है। फिर लड़ाई किस लिए कर रहे हैं। खुशी से रहिए और दूसरों को भी खुश रहने दीजिए।
aadiwasi he ham johar ke bhaqt pakruti ki den savidhan hi sarvashreshth hei
🙏🙏🙏🙏जोहार
आदिवासी हो तो सरना धर्म से जूडो भाई लोग ।
आपको सपोट मिलेगा।
अगर सपोर्ट नहीं करोगे तो नुकसान सरना आदिवासियों का भी होंगा।न कि सिर्फ ईसाई का।
@@samreshmarandi5111 धर्म के नाम पर बोला जाये तो आदिवासी लोग का सरना कोड़ नहीं है
इसाई धर्म लोग पहले सरना कोड़ चाहिए पहले तब आदिवासी लोग।
Johar
एक बात बताओ, अभी तक आदिवासियों को एस टी का दर्जा धर्म के आधार पर मिला है या जाती के आधार पर?
@@samreshmarandi5111 इसका मतलब आप ईसाई हैं। धर्म को परिवर्तन वालों को कुछ तो करवाई ही करना चाहिए।
जाती के नाम पर क्यों धर्म नहीं है जैसे
मुस्लिम समाज वाले मस्जित है।
आदिवासी की पहचान आदिवासी से हि शुरु होती है और आदिवासी से हि खत्म होगी और ना हि हम हिंदू थे और इसाई फिर ये भाई बहन कैसे इसाई बन बैठे है भाई हम तो आदिवासी जलजंगल बचाने वाले प्रक्रूतिक पुजक हैं येहि हमारी पहचान है जय जोहार जय आदिवासी
बहुत ही सुन्दर ईश्वर सभी को बहुतायात की आशीष दे धन्यवाद्
पा" चेतन कुर्रे ( छग )
यीशु मसीह के प्रिय भक्त जब हम उस यीशु की शरण में है तो हम कर्मा क्यों खेल रहे हैं ऐसा दिखावा नहीं नहीं चाहिए । करमा तो ईसाईयों का कोई पर्व नहीं है। तो हम कर्मा क्यों खेल रहे हैं उनके वेस भूषा क्यों धारण कर रहे हैं
करमा संस्कृति है ना कि धर्म।यही तो समझने की बात है। जाति और धर्म दोनों अलग चीज़ है इस बात को मिक्स क्यों कर रहे हो। ये या हम सब पहले आदिवासी है, उराँव है। बाद में धर्म यानी हिन्दू या ईसाई हैं। इसलिए करमा संस्कृति जाति के आधार पर मानते हैं और ईसाइयत धर्म के मुद्दे हैं इसे मिलाओ मत। आप ख़ुद उराँव हो फिर भी आपको ये बात समझ में नहीं आ रहा तो बड़े दुःख की बात है कि आप खुद को उराँव कहते हो।
कर्मा हिन्दू संस्कृति है जो आदिवसियों कहै और ईसाई का नही है
@@alpnaekka7460 आपको पता है की कर्मा फॉरेन्स में नहीं मानते तो आप कियु मना रहे हो कर्मा गाना कियु गा रहे हो इंग्लिश गाना गाओं उलला उलला क्युकी जब कोई धर्म परिवर्तन करता है तो उनका हमेशा के लिए उनकी रीति रिवाज परम्परा सब चेंज हो जाता है सादी बिवाह छठी और मृत्यु ऐ संस्कार सब ईसाई समुदाय का अलग होता है तो आदिवासी कैसे हो सकते हो और कर्मा पर्व प्राकृतिक पूजा करने वाले का पर्व है उनका अपमान मत करो आपको ईसाई अतिप्रिय है तो उसी ईसाई में रहो और अगर आपको आदिवासी बने रहना है तो ईसाई गाना बजाना बपतिस्मा द्रीढ़कारण पराम् प्रसाद ऐ सब विदेश के कल्चर है इनको छोड़ना होगा और पुरखोती सामज में तब आ सकते हो wel come है
सही बोले हो आप बाकी ढोंग कर रहे आरक्छड़ पाने का एजेंडा है
Hamra DNA adiavashi ka hai
झारखंड में भी डीलिस्टिंग शुरू होना चाहिए
झारखण्ड के लोगों को पता है डिलिस्टिंग के नुकसान, इसलिए वे सरना कोड की मांग किये ना कि डिलिस्टिंग की। सरना कोड से उनको उनकी पहचान भी मिल जाएगी।माँगना ही था तो छत्तीसगढ़ में भी सरना कोड की मांग करते जो ख़ुद के और सबके हित में होता।
Hindu adiwasiyon ka
Full support to the aadivasi people for their right
Ye isaai hai
only adivasi not isai
@@sk21719 je baat
Jay aadivasi
@@sk21719only adivasi not lindu😂
@@amitminjj1713 adivasi can only be hindu no concept of adivasi in christianity
आदिवासी ना ईसाई है ना हिंदू है नही मुसलमान है आदिवासी सिर्फ आदिवासी है जोहार 🙏🙏
आदिवासी अलग होता है
जय भीम जय बिरसा मुंडा
जय भीम जय बिरसा मुंडा
जय भीम जय बिरसा मुंडा
जय भीम जय बिरसा मुंडा
जय भीम जय बिरसा मुंडा
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जय भीम जय बिरसा जय संविधान🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आदिवासी ईसाई नहीं है
आदिवासी सिर्फ आदिवासी हैं
Yeshu Masih hi jinda Parmeshwar hai. प्रेरितों के काम 14:15
15. हम भी तो तुम्हारे समान दु:ख-सुख भोगी मनुष्य हैं, और तुम्हें सुसमाचार सुनाते हैं, कि तुम इन व्यर्थ वस्तुओं से अलग होकर जीवते परमेश्वर की ओर फिरो, जिस ने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जो कुछ उन में है बनाया।
Wow really great performance
💜🙏💜
Adivasi ko har taraha ki madat dena hoga. Adivasi is our proud.
उद्धारकर्ता जीवित परमेश्वर यीशु मसीह आप लोगों को आशीष प्रदान करे।आमीन ।
ना नास्तिक बनो, ना आस्तिक बनो, केवल वैज्ञानिक बनो। जहां सत्य छुपा है उसकी खोज करते जाओ, जिंदगी ऐसे ही सफल हो जाएगी।
Amen
Amen
जितने भी आदिवासी समाज के भाइयों बहनों जो किसी प्रलोभन लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं वह डीलिटिंग से ना डरते हुए पुनः घर वापसी करने का कष्ट करें अन्यथा डीलिस्टिंग के लिए तैयार रहें विनती है कि वह डीलिस्टिंग से ना डरे और सीधे उन्हें अपने प्रकृति पूजक समाज में सविलियन होने का कष्ट करें
सही कहा आपने घर वापसी कर ले
जोर लगा लो, डेलिस्ट का,
आप जो ब्रमहंन धर्म में वापसी की बात करते हो, जबकि तुम्हारा कोई धर्म नहीं, अज्ञान मे तुम लोग हो, भारत अब पुनः बौद्ध मय हो रहा है, बहुत से लोग हिंदू धर्म को लात मारकर अन्य धर्मो का अनुसरण करना शुरू कर चुके हैं, हिंदुत्व की नाइया नाव आने वाले 250 वर्षों से पहले ही पुरी तरह डूब जायेगी, उसका कोई नाम लेने वाले भी नहीं होंगे, आप खुद के वंशज भी हिंदुत्व का परित्याग खुशी खुशी करेगा, जो भी भाई बहन किसी भी कारण से धर्म परिवर्तन कर चुके हैं या करना चाहते हो, बिंदास रहने का, भारत का संविधान की अनुछेद 25 सभी भारत के नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है, मोहन भागवत के ये चिंदी चोर, भले ही नेता मंत्री बन जावे परंतु मौलिक अधिकारों को बदल नहीं सकते हैं, क्योंकि आर्य खुद विदेशी हैं, उसे भारत में सिर् छिपाने के लिए संविधान की आवश्यकता है😁, धर्म परिवर्तन से आरक्षण का कोई भी संबंध नहीं होता है, आरक्षण का मूल आधार, वर्ण व्यवस्था ही है, जिसमे शिक्षा सामाजिक राजनेतिक विकास को मापदंड बनाया गया है, जब तक स्वर्ण खुद को देश में श्रेष्ठ मानेगा तब तक आरक्षण खत्म नहीं होगा चाहे SC ST OBC, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध जैन कुछ भी बन जावे, ये बुडबक गपोड लोगों की बात करते हैं, किसी भी धर्मांतरित लोगों को अल्पसंख्यक होने का प्रमाण पत्र नहीं मिलता है, डरना तो उन्हें चाहिए क्योंकि वो खुद ब्रामहण धर्म का त्याग करेगा,
th-cam.com/video/ABzRRI1igRQ/w-d-xo.html
और ईसाई लोग बोलते है हम आदिवासी समाज को जोड़ने का काम कर रहे है। ये तो समाज को तोड़ने का काम कर रहे है।
आदिवासी अगर हिंदू नही तो ईसाई ,बौद्ध , मुस्लिम भी नही।जय मां शबरी ,जय बुढ़ा देव ,जय सेवा।
इसाई अंग्रेज धर्म है हमारे देश अंग्रेज से आजाद हुआ लेकिन अंग्रेज धर्म से गुलाम है
@@mangalsalam431 😂😂😂😂
Very good coverage. Swarn Jati aur RSS , Adivasi aur Shudras को बर्बाद कर दिया और बर्बाद कर दें डे। 12% स्वर्ण पूरे देश में राज्य कर रहें हैं। यह हमलोग की अज्ञानता और एकता का अभाव है।
Tnx
Bhavishya me aane wali peedhiyan vartman ko maf nhi karenge.
सभी आदिवासियों को एकजुट होकर पांचवीं और छठी अनुसूची को धरातल पर लागू करने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। आदिवासियों को एकजुट होकर सामाजिक विकास के लिए काम करना चाहिए। जय भीम जय जोहार 🏹🏹🏹
इसाई लोग बाइबल, पादरी, चर्च, गिरजाघर को जानते हैं ओर आदिवासी सरना, मासना को जानते हैं फिर Delisting का विरोध क्यों
Hindu adiwasi bhi ramayan geeta aur madir ko jante hai isliye munna
Achcha aap log Sarna maa ko mante Hain ki masna ko mante Hain vah batao
भाई लोग धर्म बदल कर के बिदेश जा रहे हैं।और बड़े बड़े पादरी से मिल के परवचन सिख के आ के पूरे झारखण्ड हीं नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।
बोल के की आपकी जिन्दगी बदल जाएगी सुख समृद्धि हो जाएंगे ।ज्यादा लाभ मिलेगा बिदेश भी ले जाएँगे।तथा बहुत लड़की लोग अपनी जिंदगी नेवच्छावर कर के सिस्टर बन के ईसाई धर्म का प्रचार कर रही हैं।तो ए सब कैसे बिना लाभ के कोन आदमी अपना धर्म बदलेगा भाई जरा सोचो ।
इन लोगो ने केवल उरांव मुंडा लोहरा महली असुर यानी सिर्फ आदिवासी लोगों को हीं टारगेट कर के धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।
मै कहता हूँ। आपलोग मुस्लिम ,सिख ,बौद्ध, हिंदू।
लोगों को बनाव ना ईसाई । अगर उतना लाभ मिलती है तो। .......आदिवासी का रहन सहन पहनावा और खान पान जीवन सैली अगर पसंद नही आती है तो।
फिर हम आदिवासी है कैसे बोल रहे हो ।
अब तो ईसाई लोग का बिकास हो गया ।
अब सायद आदिवासी लोग को बिकाश करने के लिए सरकार मन बना लिया है तो। फिर अब लोग बोल रहे हैं की हम भी आदिवासी हैं।
......हम आदिवासी हैं और मुस्लिम धर्म को अपना लूंगा ।
उसके बाद हम मुस्लिम बहलाएंगे या आदिवासी भाई लोग बताइये।.............…?
ईसाई धर्म छोड़ के सरना धर्म अपना लो आप आदिवासी कहलाओगे गर्व से 💪💪💪💪💪🕺
💐💐💐जय सरना 💐💐💐
@@nayachandoraon2419 esa kuch ny h aapka galat soch hai kisi ko bhi Dharm Parivartan karaya nahin jata hai jab changar prathna hoti hai tab bahut se Dharm ke log aate Hain jisse unhen changaye milati hai milati hai unka man Parivartan hota hai uske bad vah apna Dharm badalte Hain kisi ko bhi majburi ya lalach ki vajah se Dharm Parivartan nahin karaya jata hai aur aap bol rahe hain ki aadivasiyon ko target Kiya ja raha hai to aapka galat soch hai bahut se Hindu Bhai bahan bhi jaate Hain changa prathna mein aur unhen bhi changai milati hai bahut Hindu Bhai bahan vi Christian hai aise nahin hai ki bus aadivasi hi Christian hai to aap galat bol rahe hain bro
@@artiekka8078
Reservation ka dar sta rha hai ....
Ranchi me bahut bada Reilly hone wala.....
Jab Bhid dekhoge na Church gir jayega....
Delisting Hoke rehega
Good आप सभी लोग शिक्षा के लिए लड़ाइ कीजिये
धोबी का कुत्ता घर का ना घाट का इस कहावत को बनाने वाले को 100 तोपों को सलाम
आदिवासी हिंदू है न क्रिश्चन है आदिवासी सिर्फ आदिवासी है
@Blessing Music Aadivasi are only Adivasi not Hindi or not Christian ✌🏼
आदिवासी ना हिन्दू हैं, ना क्रिश्चियन । आदिवासी PRAKRITI PUJAK हैं । JAI सरना ।
20 वर्षों की काली रात नामक पुस्तक डॉक्टर कार्तिक उरांव द्वारा लिखी गई पुस्तक का अध्ययन किया जाना चाहिए
Usmi Kya hai
पूरे विश्व में कहीं भी ऐसी मानसिकता नहीं है जैसा भारत में हो रहा है। पूरे विश्व में दुसरे देशों में भी आदिवासी लोग रहते हैं। वहां भी लोग ईसाई धर्म स्वीकार किये हैं। वहां तो ऐसी मांग आज तक नहीं उठी। अगर ऐसा है तो हिन्दू बने आदिवासियों का भी डीलिस्टिंग हो।
इसाई धर्म अपना के आदिवासियों का फायदा लिया जा रहा है
Fayda Lena hai to adibasi ban jao.esai ban jao .milega?
Sahi bola
Hindu dharm apna kar adiwasiyon ka fayda liya ja raha hai
Ye mahto kya kar raha hai yaha ye bhi to hindu hai na aur hindu to adiwasi nahi, balki dharmantrit vyakti hai
Fayda mil raha hai to tum bhi to Christian dharam apnao
जय भीम जय आदिवासी जय
जय संविधान जय मूलनिवासी✊✊✊✊✊✊
जय भीम जय मूलनिवासी जय जोहार जय आदिवासी
आदिवासी एकता जिन्दाबाद जोहार आदिवासी 💐👏
मुरुक दाव। आदिवासी ईसाई हिंदू नही हैं _ प्रकृति पूजक हैं, आदिवासियो का कोई धर्म नही था _ ये सही बात है। कोई धर्म बदलने मात्र से किसी की जाति बदलती नहीं। संविधान article _ २५,२६,२७ & २८ हमे अधिकार है धर्म की स्वतंत्रता। जशपुर ईसाई आदिवासी _ गर्व से कहो _ हम आदिवासी हैं,थे और रहेंगे। जय मूलनिवासी। तेरे विरुद्ध गढ़ा हूवा कोई शास्त्र सफल नहीं होगा ( No weapon that is fashioned agaist you shall prosper) ( Isaiah ५४ ; १७) we shall overcome. जय येसु। बहुत बहुत शुक्रिया और हार्दिक शुभकामनाएं।
आप लोगो को आदिवासी धर्म कोड़ के लिए लड़ना था खुद ईसाई बन गए कमाल है।
कुछ भी हो आदिवासियों को शिक्षा और रोजगार मिलने चाहिए ताकि उन का जीवन स्तरमे सुधार आयेगा। Jay bharat.
जो आदिवासी धर्म परिवर्तन किया है वो आदिवासी नहीं है।
Are adjal gagri chhalkat jai.jati aur dharm alag alag hi yar .ST categery me kon kon si jati samil hi jara batao.
@@aashakumari4398 पहले फुर्सत से तुमलोग इंग्लैंड भागो पुरा आदिवासी कल्चर को बर्बाद कर रहे हो पहले जाके आदिवासी का परिभाषा पता कर ले आदिवासी kise कहा जाता है
@@aashakumari4398 ईसाई लोग जब आदिवासी कल्चर को फॉलो ही नहीं करते हैं तो ये लोग आदिवासी कैसे हो सकते है आदिवासी वही है जो आदिवासी कल्चर को फॉलो करता हो लाभ लेगा आदिवासी के नाम से और gungan करेगा किसी और का धर्म को ये कैसा doglapan है यार
@@aashakumari4398 अव देखते जाइए, आगे आगे क्या होता है। जय सरना। जोहार मारांग बुरू हिरला, जोहार जाहेर आयु हिरला।
@@aashakumari4398 संविधान मे st किसको माना गया है या लोकुर कमिटी का रिपोर्ट पढ़ लो st कौन है पता कर लो ,st का अपना कल्चर ,धर्म ,संस्कृति, रिति,रिवाज भाषा पहनावा है दूसरे जातियो के कल्चर से बिल्कुल नही मिलता है,और ये इसाई लोग तो आदिवासियत को ही छोड़ दिया और विदेशी कल्चर, मानता और सरकारी लाभ लेने के लिए हम आदिवासी है ,क्या नौटंकी करता है।आदिवासियत पसंद नही और लाभ आदिवासी का।
જય ભીમ જય ભારત જય સંવિધાન નામો બુધાય સત્ય મેવ જયતે
બહુજન હિતાય બહુજન સુખાય એજ સંવિધાનિક સૈદ્ધાંતિક હમ મુલ નિવાસી બૈદ્વ મૈં ભારત દેશ હૈ ઔર રહેગા યહી હમારા બહુજનો કા નારા હૈ
ઔર બહુજનો કા સંવિધાનિક સૈદ્ધાંતિક સંવિધાન કે આધાર પર હક્ક ઔર અધીકાર હૈ ઈતિહાસ ભી ગવાહ હૈ ઉન મે કોઈ શક નહી હૈ જિંદાબાદ જિંદાબાદ ઇન્કલાબ જિંદાબાદ જિંદાબાદ બહુજન સમાજ જિંદાબાદ જિંદાબાદ જિંદાબાદ જિંદાબાદ આંબેડકર સાહેબ અનુયાયી જિંદાબાદ જિંદાબાદ નમો બુદ્ધાય સત્ય મેવ જયતે સુંદર સુંદર સુંદર
मै एक क्रिश्चन आदिवासी हू जय आदिवासी
Aadiwasi sirf aur sirf sarna hota hai Isai nhi.
@@analsinghmunda7093 bhul me आदिवासी धर्म प्रधान है या जाती प्रधान
मै मुस्लिम आदिवासी हु मै सिख आदिवासी हु मै जैन आदिवासी हु 70 सालो से किया सोए थे किया। 😄
आज ईसाई धर्म छोड़ो आदिवासी धर्म अपनाओ प्राकृतिक पूजा करो जल जंगल जमीन का रक्षा करो और अपने वंश आर्थिक राजनीतिक सुधार और अपना विकास करो जय जोहार जय आदिवासी
दादा परदादा की पूजा पद्धति को अपनाओ और प्रकृति की पूजा को अपनालो
Bhai saab india ki other state me christian advasi hi....north east state aur ...nicober....me...uder koi problem nhe hi..phle se adivasi hi..aur pra karti ki sath rhte hi
@@bipin5341 इसीलिए तो मूलनिवाशी आदिवशी का बिकाश नई हो र है सब ईसाई आदिवाशी बनके तुमलोगो आरक्षण लाभ ले र है
Hindu dharm chhod kar hindu adiwasi wapas aa gaye munna
सारे भगवान सवारी के लिये जानवरों का शोषण करते थे किसी को भी इतना ज्ञान नही था की "कार या बाइक" का अविष्कार कर लेते।😂
जय बुद्ध जय भारत जय संविधान जय हम भारत के लोग जय बामसेफ जय विद्यालय जय विज्ञान बहुत अच्छी प्रस्तुती है धन्यवाद
ईसाई आदिवासी नही है क्यो क भारत ईसाई धर्मस्तत्रन करके बाने हैं, और ईसाई धर्म में स्थन्तत्रन आदिवासी ही नहीं बल्कि गैर आदिवासी भी हुए हैं।
Adjal gagri chhalkat jai .
Agar aap Oraon Mata Pita ki santaan hai toh aap Oraon he kahlayenge na ki Munda ya Khariya
@@kamalkujur9747 लेकिन पूर्वज तो ये नही बोले थे की धर्म परिवर्तन करके अपने पूर्वजों का अपमान करना ❓❓ जय सरना जय धरम 🇦🇹
@@abhipray5012 correct 💯 bhaiya
जय सरना 🇦🇹🇦🇹🇦🇹
जय धरम 🙏🙏🙏
जय आदिवासी ✊✊✊
A sab duplicate adivasi hai adivasi ka sarna puja hota hai sarna dharam christan nai
यह मोर्चा बापसेफ के अध्यक्ष वामण मेश्राम साहब के अंडर में होना चाहिए था वह चालीस साल से लोगो को एकत्रित करने में जुडे है ओर अभीभी उनका कार्य चालू है सभी एकजुट होकर नहीं लडोंगे तो मुश्कील है l
मैं जाटव समाज से आता हूं मैं सभी वर्ग के लोगों से कहता जाति धर्म पर भारत देश को अंधकार में मत ले जाइए और आवश्यक भारत के एक नागरिक हैं जय भीम जय नमो बुद्धाय जय संविधान
आदिवासियों को गुमराह करने की बात है आदिवासी का धर्म सिर्फ आदिवासी 👍
जय मुलनीवासी जय संविधान
Very nice sir praise the Lord God bless you Avery on
जनजातीय सुरक्षा मंच के आदिवासी भाइयों को।पहले सविधान का अध्धयन करना चाहिए ।डिलिस्टिंग से ईसाइयो का ही नही,जो आदिवासी हिन्दू धर्म अपनाये है, उनका भी डिलिस्टिंग हो जाएगा। किसी की बहकावे में ना आये।कुछ लोग आदिवासियों को संबिधान मेप्राप्त अधिकार से वंचित करना चाहते हैं।
ये बात इनकी समझ में नहीं आ रही है वही तो दुःख की बात है।वैसे भी इसका बुरा प्रभाव शुरू हो गया है आरक्षण का प्रतिशत कम करके। फिर ये लो डिलिस्टिंग के लिए आंदोलन करेंगे या आरक्षण बचाने के लिए।
जो लोग धर्म परिवर्तन किया है, यही लोगों को सामझाए, सव कुछ तो छोड़ चुके और बचा क्या।
ईसाई दोहरी लाभ ले रहे हैं ओ बी सी और एस टी ।जय सरना ।
रियाल आदिवासियों का आरक्चड़ को तो ईसाई लोग छिन ले रहे हमें आरक्छन आप लोगो के रहने से भी नहीं मिला और आप के नहीं रहने से भी क्या fark पड़ता है वइसे 55%आदिवासी होना जरुरी है और ईसाई 20% कोई fark नहीं पड़ता रियाल अदिवासीयो की संख्या बहुत है डीलिस्टिंग होने दो हम अगर हिन्दू likhate है तो हम हमारे पूर्वजो के banye समाज को अपनाएंगे हमें डर नहीं है पर आप लोग क्या घर वापसी आओगे आओगे तो bachoge नहीं तो फॉरेन्स जाओगे क्युकी डलिस्टिंग होके रहेगा अब हमारा संगठन बन चूका है और उरांव जो कई वेवस्था में 5 साल की राजनीति के लिए बाट दिए थे वो अब नहीं होगा क्युकी सभी bate हुवे लोग अब एक हो गए है ऐ बात कान खोल के सुन लो
आप लोग फॉरेन्स जाके सविधान पड़े is लिए अपने घर छोड़ दूसरे घर जा रहे हो कन्वर्ट होके आपकी बाद की पीढ़ी आप से पूछेगी की आपकी अपनी भाषा संस्कृति क्या है रीतिरिवाज क्या है तो आप किस muh से जवाब दोगे आपकी ही संतान एक दिन जरूर पूछेगी तब आप को कैसे फील होगा जरा सोचो आप कौन सी दिशा में जा रहे हो चाँद रुपये ka. आने के नाम से..
ईसाई आदिवाशी नही है हमने देश की आजादी ईसाई से मिली है और डिलिस्टिंग तो होगा चाहे जो हो
Ap to hundu ho hm aadiwasi ko kyo ladwa rhe hai ap jo soch rhe hai o kbhi nhi hone dege
कौन सा phd students हो, थोड़ा विस्तार से बताओ, शूद्र वर्ण के गपोड
@@फ़ेकू-ङ7द चिंता मत कर 1947 में अंग्रेज को भगाया अब जो उनके अंश है उसक भी व्यवस्था हो र है
@@फ़ेकू-ङ7द सूद्र बोला न तुम तो उसके आस पास भी नई हो विदेशी क्या जानेगा भरतीय संस्कृति
@@फ़ेकू-ङ7द तु तो नाम का oraon हो बे diku साला दो रुपये के लिए अपना संस्कृति को बेच दिया
bahut hi sunder amazing video
jai jashpur
bahut sundar karma
Praise the lord God bless you to all brathars and sisters God bless to all Indias
Chalo be nikli aadivasi
ईसाई कभी आदिवासी नहीं हो सकतें।
Aur jo hindu ban gaye hai ????
@@kujurabhishek007
Hindu bane nhi jabran bane hai o dharm.... O upas to aa jayega likin time logo ka kya re kaliya 🤣🤣
इसाई धर्म अपना कैसे आदिवासी बाता रहा है संयम की बात है।
To kya hindu ban jaye
सप्रेम क्रांतिकारी जयभिम जयजवान जयकिसान जयसंविधान 🙏🙏🙏💙💙💙💐💐💐👍👍👍
हम अपना अधिकार छीनने नहीं देंगे
कौन सा अधिकार
@@mahadevkujur19 adibasi ka batwara hora raha dekhainai de raha kabse isai dharam unko saport karrahi ho or gulami khatna hai 200saal khata humlog purwajo or khatne nai denge bhagao inlog india se
@@laluxalxo6204 aur hindu adiwasiyon ko kaha bhagaoge wo bhi bata do
@@mahadevkujur19 jo hindu adiwasiyon ko mila hai
@@kujurabhishek007 kya mila hai
इनसे पूछिये की ये लोग क्या वाकई प्राकतिक पूजक हैं..?क्या यह लोग सरहुल,कर्मा,महादेव पार्वती को मानते हैं..?सरहुल पूजा करने वाले ही प्राकृतिक पूजक माने जाते हैं।
विदेशी आर्यों को भी भारत का संविधान का पालन करना होगा, सप्रेम या डर से, भारत का संविधान के अनुछेद 25 , भारत में भारत के प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है, जिसे कोई समूह संस्था या संघ नहीं छीन सकता है, प्रकृति पूजक के जमाने में कोई हिंदू भी नहीं होता था, सिर्फ़ ब्रामहण शत्रिय वैश्य शूद्र, अन्य धर्म, अंग्रेजों की समय पर जनगणना अनुसार, उस समय मनुस्मृति के अनुसार शुद्रो को शिक्षा सम्पति सस्त्र, का अधिकार मनुस्मृति में नहीं होता था है और रहेगा,
Dharm change kr sakte h pr
Jati nhi
Kewal esai log hi najar me ate hi.abhi jor sor se Hindu log budhism me convert ho rhe hi.o sab nhi dikh raha hai.
@@aashakumari4398 तो क्या ham आदिवासी लोग जाय रोकने ham अपना धर्म बचा नहीं पा रहे तो दूसरे का धर्म बचा पाएंगे
Rakesh gupta jashpur mein to adiwasiyon ka hindu mein bhi conversion huwa hai jashpur mein to adiwasi ya to issai hai ya hindu to sirf isaai dharmantrit hai hindu nahi ye bolana to doglapan hai na
जो आदिवासी सरना धर्म छोड़ अन्य धर्म जैसे - हिन्दू, ईसाई अपना चुके है उनको आदिवासी पहनावा पहनने का कोई तूक नहीं है आदिवासी पहनावा को पहन कर आदिवासीयों का मजाक मत बनाय यह गलत है ।
Sahi bola
Thik bola bhai
To jo hindu adiwasi dress pahan kar sahul karam manate hai unka virodh bhi kiya karo
हिंदू अपनाया नई गया है ये तो हमारा देश से जुड़ा हुआ सम्मान है।
बहुत सुंदर है संघर्ष जारी रहे
आदिवासी आपस में एक रहें क्योंकि यह राजनीति के रोटी सेकने वाले लोग आपको बांटने का काम कर रहे हैं
सभी आदिवासी ईसाई नही हे एक दो ईसाई हम देश का मूलनिवासी है इस धरती के मालिक हम है प्रकृति पूजन हम है अप ईसाई को आदिवासी क्यों बोल रहे हो
धर्म के नाम पर जाति का बंटवारा नहीं होना चाहिए आदीवासी को पुरे भारत मे आदीवासी बोल कर हे की दृष्टि से देखा जाता है
🤣🤣
Delisting se dar lagta hai 🤣🤣
@@_S.RAJ_TOPPO Hum to bahute dar gaye. Aap bhut achha darwate ho. 😧😧
@@manoharkhakha5461
O to video me dikh rha hai 😂😂
Jyada video mat dekho eye kamjor ho jayga. 🤣🤣
आदिवासियों को ईसाई धर्म छोड़कर अपने आदिवासी समाज में लोट आना चाहिए सेवा जोहार 🙏🙏
अपने स्वार्थ की लडाई मै मत बंटो एक रहो देश की मुख्य धारा से जुडें।
मैं ईसाई हूँ हु. डी एन ए से आदिवासी हू
May Our Lord Jesus Christ be with the people of Jaspur
Galat kar rahe hain ham adivasi adivasi hai Kari rahenge aap is bure waqt mein nahin aap sala ji solo bahut harami hai aap sab
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सरना सब धर्म अलग अलग है तो फिर ईसाई कभी आदिवासी कभी नहीं हो सकते हैं
कहे का भाई जब उरांव लड़का उरांव लड़की जो ईसाई है उनसे सादी करने नाही दिया जाये तो क्या हम aaps में भाई भाई हो सकते है क्या पहले अपना धर्म बदलो उसके बाद सादी करो ऐ रूल्स है ईसाइयो में जनसँख्या बढ़ाने के लिए प्रलोभन करके सबको चेंज करने वाले आज बोल रहे ही हम सब भाई भाई झूट बोलते है लोग...
@@anupabhagat322 tumko to apna gotra ka ata Pata nahi tum kya baat kar rahe ho
ईसाई धर्म के लोग अपनी पोशाक में बदलाव होना चाहिए, सरना धर्म के आनुवाई लाल पड़ साड़ी एवं पोशाक को धारन करते हैं।
वर्तमान में कुरमी समाज के लोग आदिवासी केटेगरी में समायोजित करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं उनको ईसाई धर्म के लोग विरोध नहीं कर रहे हैं क्यों।
मेरा भी यही कहना है कुर्मी समाज का विरोध क्यों नही करते है ये लोग
A log duplicate adivasi hai
@@mahadevkujur19 hindu adiwasi kar rahe hai kya
@@laluxalxo6204 aur hindi adiwasi asli hai ya nakli
न भूख न गरीबी न नंगाई परमेश्वर के प्रेम से अलग कर सकती है
SC ST OBC हिन्दू नहीं रहेगा तो हिन्दू अल्पसंख्यक बन जायेगा। और और दादागिरी समाप्त हो जायेगी।
जय भीम मूलनिवासी बहुजन समाज।
Tigote
Fir muslim rastra Bane ga fir kutay hogaya
ए लोग आदिवासी नही है क्यों कि आदिवासी धर्म परिवर्तन कये है आदिवासी केवल प्रकृतिक संस्कृति रूढ़ी पहचान पमपरा समुदय है
Hindu adiwasi dharam parivartan kiye hai ya nahi
आदिवासी समाज के डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का बहुत उपकार है म्हणून आदिवासी समाज बुद्धिजीवी हुशार झालेला आहे त्यामुळे आदिवासी समाजाने बौद्ध धर्माकडे वळण दिल्यास भारत देशाचे आदिवासी समाजाचे कल्याण झाल्याशिवाय राहणार नाही जय भीम जय भारत जय सविधान भारत देशामध्ये हिंदू या नावाखाली इतर समाजाला द्वेष मस्त याला बरी पडत आहेत त्यामुळे आदिवासी समाजाने धर्मांतर केले तर हिंदू धर्माचे काय नुकसान होणार नाही
Bahut acha, unke sath sampark karne ka koi upai hai to jara bataye
जय आदिवासी जय मूल निवासी
जय संविधान जय भारत ....।
अफसोस इस बात का नहीं ❤
❤की धर्म का धंधा हो रहा है ❤
बल्कि अफसोस तो ईस बात का है
❤❤❤ कि पढा - लिखा भी अंधा हो रहा है ❤ आदिवासी ईसाई समाज ❤
जोहार झारखंड ❤
आदिवासी ना हिंदू है ना सिख ना इसाई जय कुदरत जय परकृति
यस 💪💪💪✌️
Esai dogla adibasi high Aap log England cale jaye dogla
Jai masih ki hallelujah
Jai sarna Jai adivashi Bharat mata ki jai
Abhi tho sabko aapna sanskriti or culture yaad aa raha h
आदिवासी और ईसाई में आसमान जमीन का फर्क है भाई ईसाई धर्म की उत्पति येरूसलम में हुआ है जो जिसे हम विदेश कहते है और आदिवासी हमारे भारत देश की मूल निवासी है अगर कोई आदिवासी ईसाई धर्म अपना रहा है तो वह फिर आदिवासी नहीं रहेगा ।
क्योंकि जो अपने देश का धर्म और संस्कृति छोड़कर विदेशी धर्म को अपना रहा है वो आदिवासी हो ही नहीं सकता।
जय हिंद जय भारत।
Mai खुद आदिवासी हूं और ईसाई भी हूं लेनिक जन्म से लेकर मरण tk jo bhi आदिवासी जो भी आदिवासी की रीति रिवाज है। सब कुछ का पालन मेरे आदिवासी ईसाई समाज में किया जाता है। धर्म तो हमे ये सीखता है की मनुष्य को जीना कैसे चाहिए । धर्म को जाति से जोड़ कर nhi देखना चाहिए।
@@ashishekka5531 to tum adivasi hi ho ईसाई नहीं हो पर तुम अपने आप को ईसाई मानते हो।
@Mahadev Kujur आजादी से पहले, 1907 से 1932 के बीच ब्रिटिश सरकार ने दलित आदिवासियों और अन्य सभी को जमीन पर सेटलमेंट का पट्टा दिया, उस समय भारत का संविधान का सभा भी नहीं बना था फ़िर संविधान लागू कैसे होता?! धांगर मतलब दूसरे की जमीन पर बेगारी करना,, सेटलमेंट मिलने के बाद लगभग 3400 वर्षों की धांगर ग़ुलामी से मुक्ति दिलाने वाले ब्रिटिश सरकार ही है, ये सत्य है, और ये सब, ईसाई धर्म पुरोहित फादर कॉनस्टेंट लीवंस चर्चिल, के कोलकाता हाई कोर्ट में, रिट लड़कर जीत हासिल किया था, जिसमें उन्होंने साबित किया था कि सवर्ण और दलित आदिवासियों का आपस में कोई समानता नहीं होता, रीति रिवाज,परंपरा, खान पान, रहन सहन, उठन बैठन, रोटी बेटी, बोली भाषा, मरण हरण, सब कुछ अलग है, ये सब साबित करने की आवश्यकता क्यों हुई?! क्योंकि ब्रिटिश सरकार भारत में मुगलो,राजपूतों, मराठा,इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों की आपसी लडाई को रोकने के लिए जमीन पर पट्टा देने का निर्णय लिया, तब, स्वर्णो ने लन्दन में जाकर ब्रिटिश सरकार से माँग की, कि, हिंदू धर्म में वर्ण व्यवस्था के नियमानुसार दलित और आदिवासियों शुद्रों को, शिक्षा सम्पति शस्त्र, का अधिकार नहीं है, इस नियम का पालन अंग्रेज मुगल के आने से पहले से, युगानु युग से यही चला आ रहा है, कृपया हिंदू धर्म के नियमो में दखल नही दीजिये, 🙏 सवर्णो की इस प्रकार प्रार्थना को ब्रिटिश सरकार स्वीकार कर लिया था और सिर्फ स्वर्णो, मुगल इत्यादि लोगों को ही जमीन देने की तैयारी की जाने लगी, जिसमे दलित, आदिवासियों के हाथ कुछ नहीं मिलता,, ऐसे समय पर , ईसाई धर्म पुरोहित कांस्टेंट लीवंस जी का राँची धर्म प्रांत में भ्रमण करते हुए आगमन हुआ, जिनको वहाँ कार्यरत आदिवासी माताएँ स्वागत किया और इस देश की नीति लागू होगी उन्हें बताया और उनसे निवेदन किया कि हम दलित और आदिवासियों का अधिकार नहीं मिल रहा है, कृपया आप हमें हमारा अधिकार दिलवाइये,,, तब कांस्टेंट लीवंस चर्चिल जी, वापस कोलकाता जाकर, हाई कोर्ट में उस बिल के खिलाफ जनहित याचिका दायर किया था, और जीत हासिल किया,, इस प्रकार दलितों के असली एंजेल,1 फादर कांस्टेंट लिवंस चर्चिल, 2 ब्रिटिश सरकार, ही है, आप सभी इतिहास गवाह है दुनिया की कोई भी किताब में देख लो, राजा राम से लेकर, मुगल सम्राट, इत्यादि अंगिनत् सरकार आई और गई परन्तु, जमीन पर अधिकार तो ब्रिटिश सरकार के विक्टोरिया महारानी एलिजाबेथ प्रथम, और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, ने दिया था, एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु अभी हाल में ही 08 सितम्बर 2022 को हुआ, अगर संस्कृति चाहिए तो जमीन छोड़ो
@@kumarsandeep4917 भाई एक तरफ नक्सली परेशान कर रहे है दूसरी तरफ ये मिशनरी लोग हमारे गांव मैं आए थे पर इनका भूत बना दिए गांव वालो ने।
Dharma ka dhandhaa bandh karo
बिल्कुल सही लडेगें जितेगें, आदिवासी ना तो हिन्दु थे और ना तो है
डॉक्टर कार्तिक उरांव का स्पष्ट कहना था कि जो आदिवासी ईसाई बन चुके हैं उनको आदिवासी का लाभ नहीं मिलना चाहिए जिसका उल्लेख 20 वर्षों की काली रात नामक पुस्तक में की गई है
Aur jo adiwasi hindu ban gaye hain unke baare mooh se awaj nahi nikalti hai kya
कार्तिक =गणेश, हिंदू धर्म ग्रंथों के आधार पर महादेव का मैल पुत्र, आर्यों के तीन देवताओं मे से एक, अथार्ट आर्य ब्रामहण धर्म का अनुसरण करने वाले, दोगला नेता की लिखा कौन बुडबक सुनेगा, वो भी धर्मांतरित हिंदू था