Radio Drama || Pratidwandvi by Sunil Gangopadhyay || Part - 2

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.ย. 2024
  • #RadioDrama #AkashvaniAIR
    Radio Drama || Pratidwandvi by Sunil Gangopadhyay || Part - 2
    प्रतिद्वंद्वी (24.5.2021)
    (कड़ी#2)
    कल, इस नाटक की पहली कड़ी में आप 1970 के दशक के पश्चिम बंगाल की एक झलक पा चुके हैं - शिक्षित बेरोज़गारों की बढती संख्या, नौकरी के लिए मारा-मारी , युवाओं के सपने और आदर्श | साथ ही सामाजिक ढाँचे में परिवर्तन के साथ ही ,पारिवारिक ढाँचे और संबंधो पर उसके प्रभाव से भी परिचित हो चुके हैं | आज सुनिए आगे | जैसा कि हम बता चुके हैं कि यह नाटक बांग्ला के प्रसिद्ध साहित्यकार सुनील गंगोपाध्याय के लिखे उपन्यास का हिंदी नाट्य-रूपांतर है | इस नाटक को वर्ष 1982 में आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार समारोह में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | 1970 के दशक में पश्चिम बंगाल में नक्सलवाद के प्रति युवाओं में आकर्षण बढ़ रहा था | नक्सलवाद को जिस प्रयोजन और प्रकार से परोसा जा रहा था उसकी जाल में युवा फंस रहे थे | यह नाटक उस दौर के नवयुवकों की मानसिकता को लेकर तैयार किया गया गया था | इस उपन्यास पर सत्यजित रे ने वर्ष 1970 में एक फ़िल्म भी बनायी थी | प्रतिद्वंद्वी एक आदर्शवादी नवयुवक की कहानी है जो समाज से मोह-भंग होने पर भी अपने आदर्श नहीं त्यागता है।
    थोड़ी बात लेखक की | सुनील गंगोपाध्याय बांग्ला भाषा के प्रतिष्ठित कवि और उपन्यासकार थे। उन्होंने करीब दो सौ पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से अधिकतर कहानियां, उपन्यास, नाटक, आलोचना, यात्रा वृत्तांत के अलावा बाल साहित्य शामिल हैं। वर्ष 1985 में सुनील गंगोपाध्याय को उनके उपन्यास ‘सेई समय’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लंबे समय तक साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष रहने के बाद उन्हें साल 2008 में साहित्य अकादमी का अध्यक्ष चुना गया था। उनकी अन्य प्रसिद्ध रचनाओं में ‘पार्थो आलो’ और ‘पूर्बो-पश्चिम’ शामिल हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा उन्हें आनंद पुरस्कार (1989), बंकिम पुरस्कार (1983) और द हिंदू साहित्य पुरस्कार (2011) से भी सम्मानित किया जा चुका है।
    आज प्रस्तुत है इस नाटक की दूसरी और अंतिम कड़ी |
    Title: PRATIDWANDVI
    (Episode #2)
    Writer: Sunil Gangopadhyay
    Adaptation: Prasoon Mitra
    Translation: Sushil Gupta
    Director: Sushil Banerjee
    Assistance in production : Gopal Saxena
    Artists: Vishwa Mohan Badola, Kamla Kumari Chopra, Veena Hora, B.R.L.Saxena, Suchitra Gupta, Shyam Arora, Neeraj Sharma, Banwari Taneja, Balraj Batta, B.S.Bhatnagar, Yogesh Kumar Jain.
    (Refurbished by Sh. Vinod Kumar, Programme Executive, CDU, DG; AIR. This play was first broadcast on 28-07-83)
    A presentation of Central Drama Unit, DG;AIR

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