मै जब भी इतनी पुरानी चीजों के बारे में देखता सुनता हूं मेरी आंखे भींज़ जाती हैं । ऐसा लगता है कि आधुनिक मशीनीकरण के युग में कितनी अद्भुत थीं ये पुरानी मशीनें । सबसे अलग, आपका प्रस्तुतिकरण और एडिटिंग, लाजवाब । आपको साधुवाद मित्र ।
@@MaheshKumar-ip3nlright inhe momo bechne or chaukidar hi rehne do jyda sirr pe mat chadaya Karo Bhai. Saale itne saal pichhe hein bas bhonkna jyda ata hei inn salo ko
आपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी जो आपने नेपाल रेलवे का अतीत दिखाया। एक बार नेपाल रेलवे discovery पर देखा था और आज आपने सजीवंत दिखाया। आपके वीडियो का म्यूजिक बहुत अच्छा लगता है।
धन्यवाद मान्यवर ये जानकारी के लिए। नेपाल में रेल इंजन के नाम जान कर बहौत अच्छा लगा । लेकिन हमारे भारत मे आज भी कई जगहों के और सड़कों के नाम उन लोगो के नाम पे है जिन्होंने हमारे भारत को लूटा है।
नमस्ते मान्यवर 🙏 बहुत ही रोचक विडियो। अभी तक किसी ने नेपाल रेल्वे कि यह चिज़ नहीं दिखाई। उन रेल्वे कर्मचारियों की भावनाओं का आपने बहुत सुंदर चित्रण किया है। इस विडियो के साथ आपने जो पुरानी क्लिप्स दिखाई वह वाकई प्रशंसनीय है, क्लिप्स के साथ का गाना भी सुंदर है। मुझे उन कर्मचारियों की वह बात अच्छी लगी ---- कुछ हादसा हो जाता तो सभी विभागों के कर्मचारी एक साथ आकर उसका हल निकाल देते थे। आज भारतीय रेल में यहीं team spirit कि कमी है। मगाजी, नेपाल सिरीज़ बहुत ही रोचक चल रही है, कृपया इसी तरह जारी रखें बहुत बहुत धन्यवाद 🎉
First of all your Government should be positive they are always dislike about development project of nepal . They did blocked border 8 years ago . Well your thinking is good like a educated
@@uniq7616 brother government se humko kya lena dena government ki apni policy hoti hai chahe vo nepali ho ya indian inka kaam hi politics karna lekin hum aam indian nepal se bahut pyar karte hain aur ye chahte hain ki nepal bahut aage badhe
Ye baat Indian government ko kon samjhaye ki india k liye Nepal marne maarne ko taiyar hojata he par ek taraf rotibeti rotibeti dushri taraf pith pe chakku xuri wa vae kya padosi paya he humne dushman ko v aisa gira huwa padosi naday
ऐसी ही कहानी बन गई है मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा से नैनपुर होकर जबलपुर को , बालाघाट से जबलपुर चलने वाली नैरो गेज ट्रैन का। मोपेड की गति से इसका सफर लोगों को रोमांचित करता रहा। 5 वर्ष पहले आमान परिवर्तन के साथ पुरानी ट्रैन बन्द हो गई। अब ब्राड गेज दौड़ रही है। लेकिन पुरानी यादें अलग थी। आपने नेपाल के बहाने यादे ताजा कर दी।
भाई पुरानी यादों को देख कर खुशी भी होती है और आँखें नम हो जाती है मेरी || आपका बहुत बहुत धन्यावाद जो आपने इतना अच्छा वीडियो हम लोगों केलिए बनाया || 👌♥ 👌
राजेश भाई, नेपाल की पुरानी रेलपर बनाई आपकी यह व्हिडीओ मुझे बेहद पसंद आई। वहा के कर्मचारीवर्ग ने बहुत सहायता की और सारी जानकारी आपको दी। बुढे और थके हुए इन्जनो की हालत देखकर रोना आया। एक जमाना था जब ये पटरीपर तेजी से दौडते थे लेकिन आज इन्हे कोई पुछनेवाला नही है। हम मनुष्यो की अवस्था भी कुछ ऐसी ही होती है। खैर, आपके अगले व्हिडीओ के इन्तजार करता रहूगा।
9:15 to 9:50 ; मैं बिहार से हूँ और मुझे याद है कि मेरे दादा की पिताजी यानी कि मेरे परदादा जी कहा करते थे (उस समय मेरी उम्र लगभग 8 से 9 साल हुआ करता था) ये घर मेरी जवानी में बना है जिसमें की उनकी उम्र 15 से 16 साल हुआ करती थी और वो घर बनाने के लिए बैल गाड़ी से मिट्टी धोया करते थे अपने पिता जी के साथ । और मिट्टी की बड़ी घर जिनमे मेरा परदादा के साथ मेरा बचपन का कुछ साल बिता है जिसमें 14 बड़ी बड़ी मिट्टी के घर के कमरे थे और आँगन के बीच में कुँआ थी एक नीम के पेड़ भी थी और सबके कमरों के दरवाजे एक खास किस्म की पेड़ जो सखुआ का होता है उसकी बनी हुई है और वो आज तक सही सलामत है actually जब मैंने 2013 में कच्ची मिट्टी की मकान को तोड़कर जो कि लगभग सौ- सवा सौ साल पुरानी हो चुकी थी मैंने नया पक्का मकान बनाया और पुरानी पडी वहीं सौ सवा सौ सालों पुरानी दरवाजों को मैंने गौशाला में फिट करवा दिया है और ताज्जुब की बात ये है कि मेरी पक्की मकान जो मैंने 2013 में बनवाई उसकी दरवाजे जो कि समय दर समय पर पेंट सेंट कराता रह गया उनमे मेंटेनेंस करने के वाबजूद कीड़े लग गए और वहीं सदियों पुरानी बनी सखुआ की लकड़ी के दरवाजे बिना कोई मेंटेनेंस किए हमारी गौशाला की द्वार पर खड़ी है बिल्कुल अच्छी हालत में है उनमे कोई भी किसी तरह का कीड़ा नहीं लगा और न ही वो रक्ति भर सड़ा। हमारे बड़े बुजुर्ग इस पेड़ की लकड़ी के बारे में सदियों से एक कहावत कहते आ रहे हैं कि -- " सौ साल खड़ा सौ साल पड़ा जौ भर भी ना सड़ा " । मतलब कि सौ साल इस लकड़ी को धूप और सभी मौसम में खड़ा रख दो और सौ साल इसे लगातार पानी में डाल कर छोड़ दो तो भी उसके बाद भी इस लकड़ी का जौ के दाने के बराबर भी ना सडा मिलेगा नाही इनमे कोई भी कीट लग पाएगी! और इसका जीता जागता उदाहरण मेरे पास है!
Very interesting story brother. I was recently visiting in Chitwan district in Nepal and walking in Jungle, with my Nepali friend. He was showing me and telling me about the neem tree and the Sakhua tree. In Nepali he called Sakhuwa tree as Sal tree. He was telling me how strong the Sakhuwa wood (Saal tree wood) was so strong and hard. बहुत रोचक कहानी है भाई। मैं हाल ही में नेपाल के चितवन जिले में घूम रहा था और अपने नेपाली मित्र के साथ जंगल में घूम रहा था। वह मुझे दिखा रहा था और नीम के पेड़ और सखुआ के पेड़ के बारे में बता रहा था। नेपाली में उन्होंने सखुवा वृक्ष को साल वृक्ष कहा। वह मुझे बता रहा था कि सखुआ की लकड़ी कितनी मजबूत और सख्त होती है🙏🌳
आपका विडियो बहुत दिनों बाद देख रहा हूँ।जिसमें आपकी विडियोग्राफ़ी और विडियो की संपादन बहुत अच्छा लगा।मैं भी चुकी बिहार से नेपाल बॉर्डर से पीली मिट्टी वाली जगह से हूँ वहीं हमारा जन्म स्थान है और 22 की उम्र में बिहार छोड़ कर राँची आ गया अब बिहार से अलग होकर झारखंड की राजधानी है।मैंने भी बचपन में कोयले वाली ट्रेनों में सफ़र किया है लम्बे सफ़र में सारा शरीर और कपड़े कोयले की धुआँ राख से काले हो जाते थे आज आपकी पुरानी कोयले वाली स्टीम इंजन वाली ट्रेन देख कर पुरानी यादें ताज़ा हो गई।
बहुत अच्छा लगा भाई इमोशनल विडियो कितनी प्यारी 😘😘😘😘😘 बहुत बहुत धन्यवाद आपका मै आपका चैनल का पुराना व्यूवर हुं लेकिन मेरा मोबाइल चेंज हुआ था इसलिए मै आपसे दुर था लेकिन आज मुलाकात हो गयी बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🤟❤️ श्री पशुपतिनाथ ले हामी सबैको कल्याण गरुन । नेपालआमा 🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵 🫡🫡
स्टीम इंजन कितो बात ही अलग है हमने भी स्टीम रेल्वे कि मज़ा लिहे उसटाइम जब रेल्वे स्टेशन से निकल थी थोड़ी स्लो स्लो चलतिथी टि प्लेटफार्म छोड़ने के बाद पीकप करती थी हमारे गांव में शेरों गेज लाइन थी ऐकहि पटरी लाइन थी पर मज़ा आ रहा था चलती। रेल्वे देखने का हम टाईम पे रेल्वे फाटक चले जाते थे धन्यवाद आपका,🙏
मान्यवर आपने बहुत सुन्दर तरीके ब्रिटिश समय के रेल इंजन की जानकारी दी आपका विडीयो बहुत अच्छा लगा इस तरह की जानकारी वाले विडियो से अंदाज लगाया जा सकता है की सौ साल पहले के व्यक्तियों द्वारा बनाई गई मशीनरी में सिर्फ संशोधन हुआ है लोगों के दिमाग उस समय से प्रगति की ओर संसाधन जुटाने में लगे हुए थे
उनके पास नैरो गेज का गैरेट लोकोमोटिव है जो बहुत ही कम देखे जाते हैं दुनिया में । दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के पास भी था लेकिन बाद में अंग्रेजों को अपने साथ लेकर। इस जगह को म्यूजियम में कन्वर्ट कर देना चाहिए आशा करते हैं नेपाल रेलवे इन को संरक्षित करेगा। भारतीय रेलवे उस गैरेट लोकोमोटिव को देश में लाकर दार्जिलिंग लाइन पर चलाए।
नेपाल वाशियो को राम राम भाई नेपाल सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस जगह को म्यूजियम में परिवर्तित करदे इनका अच्छे से रख रखाव करे । इसे एक पार्क के रूप में भी बनाया जा सकता है। इस अनमोल धरोहर को सजो कर रक्खे
Nostalgic. Gone are days when we were very happy and living with deep feelings and concern for each other. This history to be preserved for coming generation.
Awesome video with great history and explanation....Am from Raxaul and was eager to know about nepal railways and this video stands on it ...Always loved the history of Nepal and Indian railways...Thanks a lot for this ❤️
भाई साहेब आप्ने जाे जानकारी के लिए आप्काे मुरी मुरी धन्यवाद ; नेपाल सरकार ने भि इसे समर्थन लेकर जाे मिउजि के लिए काहा सल्लाह सुझाव के लिए आप्काे मुरी मुरी धन्यवाद।
Really I like this video about Nepal property....so I want to say .... preserves Nepal and show history about train transport......about coming generation....
Rajeshbhai mera aapse anuved hai k aap ho sake to kisi tarah se Nepal rail mantri se ye anuved kare k ho saki to ek antique tour par eise fir se restored kare yane anewali Nepal ki pedhi ko dekhe
Video bahut informative hai lekin Aakhri train Nepal ka yah Band Ho Gaya Achcha Ho Gaya Kitna pollution chhodata tha lekin video Achcha hai Jankari ke liye bahut Achcha hai aajkal dekhne Ko milta Nahin
This is a beautiful but sad video brother. Thank you for showing this story. It was so sad to see these beautiful old engines and buildings just slowly dying. The workers were so proud to show you all the details of where they worked. I wish I could understand Hindi. I hope the Nepali government can see the value in preserving this old historic site. I am sure many railway enthusiasts from around the world would love to visit this historic site here and know the history of the first Nepali railway. @16.40 it was so sad to see the Ghorkha Kukuri and train sign with the words in Latin and in Nepali from an old English Poem "Dulce et decorum est pro patria mori" by English Poet Wilfred Owen. In English it means "It is a sweet and fitting thing to die for one's country". But actually the writer was telling of the atrocities and futility of war and that it is NOT a sweet and fitting thing to die for one's country. For me it is not a sweet and fitting thing, but a very sad thing that these beautiful old and historic trains are dying in Nepal. यह एक सुंदर लेकिन दुखद वीडियो है भाई। यह कहानी दिखाने के लिए धन्यवाद। इन खूबसूरत पुराने इंजनों और इमारतों को धीरे-धीरे मरते हुए देखना कितना दुखद था। जहाँ उन्होंने काम किया, वहाँ के सभी विवरण आपको दिखाने में कर्मचारी बहुत गर्व महसूस कर रहे थे। काश मैं हिंदी समझ पाता। मुझे उम्मीद है कि नेपाली सरकार इस पुराने ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण में मूल्य देख सकती है। मुझे यकीन है कि दुनिया भर के कई रेलवे उत्साही यहां इस ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करना पसंद करेंगे और पहले नेपाली रेलवे के इतिहास को जानेंगे। @ 16.40 अंग्रेजी कवि विल्फ्रेड ओवेन की एक पुरानी अंग्रेजी कविता "Dulce et decorum est pro patria mori" से लैटिन और नेपाली में शब्दों के साथ घोरखा कुकुरी और ट्रेन के संकेत को देखकर बहुत दुख हुआ। अंग्रेजी में इसका अर्थ है "अपने देश के लिए मरना एक प्यारी और उपयुक्त बात है"। लेकिन वास्तव में लेखक युद्ध की क्रूरता और निरर्थकता के बारे में बता रहा था और यह कि अपने देश के लिए मरना कोई अच्छी और उचित बात नहीं है। मेरे लिए यह कोई मीठी और उचित बात नहीं है, बल्कि बहुत दुख की बात है कि ये खूबसूरत पुरानी और ऐतिहासिक ट्रेनें नेपाल में दम तोड़ रही हैं 🙏❤😊
भारत नेपालका सम्बन्ध घनिष्ट है सदा सर्वदा रहना चाहिए!
मै जब भी इतनी पुरानी चीजों के बारे में देखता सुनता हूं मेरी आंखे भींज़ जाती हैं । ऐसा लगता है कि आधुनिक मशीनीकरण के युग में कितनी अद्भुत थीं ये पुरानी मशीनें ।
सबसे अलग, आपका प्रस्तुतिकरण और एडिटिंग, लाजवाब ।
आपको साधुवाद मित्र ।
Meri dil ki baat booli h
मैं खुद नेपाली होकर भी इन सब बातों से बेखबर था । आपको बहुत सारी धन्यवाद ।
हम इंडिया से है,,ओर नेपाल हमारा छोटा भाई है,,,सभी नेपाल वासियो को हम भारतीयों का प्यार❤️
तेरा छोटा भाई नेपाल नै हे जब नेपाल था ना तप इंडिया देश नै था भारत नेपाल का भाई है 🙏🏿🙏🏿
@@राष्ट्रवादी1 Gandu india jitna mutta hai,,nepal main baad ajaye,,nepal chota hai or chota hi rahega,,,tu bhi chota hai or apni okhaad me rhe
@@राष्ट्रवादी1 क्या तुम्हारी सोच है इंसान को जब सम्मान दो तो उसको हजम नहीं होता है
@@MaheshKumar-ip3nl right 👍
@@MaheshKumar-ip3nlright inhe momo bechne or chaukidar hi rehne do jyda sirr pe mat chadaya Karo Bhai. Saale itne saal pichhe hein bas bhonkna jyda ata hei inn salo ko
आपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी
जो आपने नेपाल रेलवे का अतीत दिखाया।
एक बार नेपाल रेलवे discovery पर देखा था
और आज आपने सजीवंत दिखाया।
आपके वीडियो का म्यूजिक बहुत अच्छा लगता है।
नेपाल रेलवे की स्वर्णिम परिचय के लिए आप का आभार
धन्यवाद मान्यवर ये जानकारी के लिए। नेपाल में रेल इंजन के नाम जान कर बहौत अच्छा लगा । लेकिन हमारे भारत मे आज भी कई जगहों के और सड़कों के नाम उन लोगो के नाम पे है जिन्होंने हमारे भारत को लूटा है।
तुमको जन्म दिया
भाई साहब आप जैसे ब्लॉगर बहुत कम है आप जैसे संयमित भाषा सभ्य शैली वाले कुछ ही ब्लॉगर है 🙏🏽
आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार 🙏🏻🙏🏻
बिल्कुल
Sahi bhaiya
चीज चाहे कोई भी हो, और वह ऐतिहासिक हो तो मन मुग्ध हो ही जाती है।...💐👌🙏🙏🙏
नमस्ते मान्यवर 🙏
बहुत ही रोचक विडियो।
अभी तक किसी ने नेपाल रेल्वे कि यह चिज़ नहीं दिखाई।
उन रेल्वे कर्मचारियों की भावनाओं का आपने बहुत सुंदर चित्रण किया है।
इस विडियो के साथ आपने जो पुरानी क्लिप्स दिखाई वह वाकई प्रशंसनीय है,
क्लिप्स के साथ का गाना भी सुंदर है।
मुझे उन कर्मचारियों की वह बात अच्छी लगी ---- कुछ हादसा हो जाता तो सभी विभागों के कर्मचारी एक साथ आकर उसका हल निकाल देते थे।
आज भारतीय रेल में यहीं team spirit कि कमी है।
मगाजी, नेपाल सिरीज़ बहुत ही रोचक चल रही है, कृपया इसी तरह जारी रखें
बहुत बहुत धन्यवाद 🎉
आपका बहुत बहुत धन्यवाद sir
सारे नेपाली लोग हमारे अपने हैं उनके लिए भारत को हर संभव कोशिश करना चाहिए । वो सारे हमसे पीछे ना हो जाये उनको साथ लेके चलना है ।
Naman hai aapki socha ko
First of all your Government should be positive they are always dislike about development project of nepal . They did blocked border 8 years ago . Well your thinking is good like a educated
@@uniq7616 brother government se humko kya lena dena government ki apni policy hoti hai chahe vo nepali ho ya indian inka kaam hi politics karna lekin hum aam indian nepal se bahut pyar karte hain aur ye chahte hain ki nepal bahut aage badhe
Ye baat Indian government ko kon samjhaye ki india k liye Nepal marne maarne ko taiyar hojata he par ek taraf rotibeti rotibeti dushri taraf pith pe chakku xuri wa vae kya padosi paya he humne dushman ko v aisa gira huwa padosi naday
@@uniq7616 नेपाली हिन्दू हमारे सगे भाई है, नेपाली हिंदुओ, भारतीय हिंदुओ का धर्म,कर्म, रक्त, संस्कृति, सभ्यता सब कुछ एक ही है
मे नेपाल से होते हुए भि इतना सब कुछ मालुम नहि था,अभि तक वहा जाने का मौका भि नहि मिला,आप ने वहा जाके सब दिखाया जानकरी दि,आपको बहुत बहुत धन्यवाद ।👏👏
ऐसी ही कहानी बन गई है मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा से नैनपुर होकर जबलपुर को , बालाघाट से जबलपुर चलने वाली नैरो गेज ट्रैन का। मोपेड की गति से इसका सफर लोगों को रोमांचित करता रहा। 5 वर्ष पहले आमान परिवर्तन के साथ पुरानी ट्रैन बन्द हो गई। अब ब्राड गेज दौड़ रही है। लेकिन पुरानी यादें अलग थी। आपने नेपाल के बहाने यादे ताजा कर दी।
भाई पुरानी यादों को देख कर खुशी भी होती है और आँखें नम हो जाती है मेरी || आपका बहुत बहुत धन्यावाद जो आपने इतना अच्छा वीडियो हम लोगों केलिए बनाया ||
👌♥ 👌
Heritage of Nepal Railway should be immediately preserved by Nepal Govt. Lot of thanks to you.
हम भारत के लोग नेपाल को कभी अलग नही मानते नेपाल के लोग हमारे ही भाई बंधू माँ बहन हैं ❤
राजेश भाई, नेपाल की पुरानी रेलपर बनाई आपकी यह व्हिडीओ मुझे बेहद पसंद आई। वहा के कर्मचारीवर्ग ने बहुत सहायता की और सारी जानकारी आपको दी। बुढे और थके हुए इन्जनो की हालत देखकर रोना आया। एक जमाना था जब ये पटरीपर तेजी से दौडते थे लेकिन आज इन्हे कोई पुछनेवाला नही है। हम मनुष्यो की अवस्था भी कुछ ऐसी ही होती है। खैर, आपके अगले व्हिडीओ के इन्तजार करता रहूगा।
बहुत खुब लिखा है आपने 👍👌
पुरानी यादें ताजा हो गईं
इन्हें संरक्षण देना चाहिए
बहुत बढ़िया ब्लॉग,,, धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद नेपाल रेलवे की और अपको भी, जानकारी देने के लिए। आपके मेहनत को सैल्यूट।
आपने नेपाल रेलवे की पूर्व जानकारी साझा करने के लिए शुक्रिया, हमे तो पता ही नहीं था कि नेपाल में पूर्व से ही ट्रेन चलती थी
इस वीडियों को देख मै एक अलग हि दुनिया में चाली गयी, 😟
एकदम सही लिखा shivani ने
नेपाल रेल्वे इतिहास से अवगत करवाया धन्यवाद आपका और नेपाल रेल्वे के सभी सदस्यों को 👍🙏
9:15 to 9:50 ; मैं बिहार से हूँ और मुझे याद है कि मेरे दादा की पिताजी यानी कि मेरे परदादा जी कहा करते थे (उस समय मेरी उम्र लगभग 8 से 9 साल हुआ करता था) ये घर मेरी जवानी में बना है जिसमें की उनकी उम्र 15 से 16 साल हुआ करती थी और वो घर बनाने के लिए बैल गाड़ी से मिट्टी धोया करते थे अपने पिता जी के साथ ।
और मिट्टी की बड़ी घर जिनमे मेरा परदादा के साथ मेरा बचपन का कुछ साल बिता है जिसमें 14 बड़ी बड़ी मिट्टी के घर के
कमरे थे और आँगन के बीच में कुँआ थी एक नीम के पेड़ भी थी और सबके कमरों के दरवाजे एक खास किस्म की पेड़ जो सखुआ का होता है उसकी बनी हुई है और वो आज तक सही सलामत है actually जब मैंने 2013 में कच्ची मिट्टी की मकान को तोड़कर जो कि लगभग सौ- सवा सौ साल पुरानी हो चुकी थी मैंने नया पक्का मकान बनाया और पुरानी पडी वहीं सौ सवा सौ सालों पुरानी दरवाजों को मैंने गौशाला में फिट करवा दिया है और ताज्जुब की बात ये है कि मेरी पक्की मकान जो मैंने 2013 में बनवाई उसकी दरवाजे जो कि समय दर समय पर पेंट सेंट कराता रह गया उनमे मेंटेनेंस करने के वाबजूद कीड़े लग गए और वहीं सदियों पुरानी बनी सखुआ की लकड़ी के दरवाजे बिना कोई मेंटेनेंस किए हमारी गौशाला की द्वार पर खड़ी है बिल्कुल अच्छी हालत में है उनमे कोई भी किसी तरह का कीड़ा नहीं लगा और न ही वो रक्ति भर सड़ा। हमारे बड़े बुजुर्ग इस पेड़ की लकड़ी के बारे में सदियों से एक कहावत कहते आ रहे हैं कि -- " सौ साल खड़ा सौ साल पड़ा जौ भर भी ना सड़ा " । मतलब कि सौ साल इस लकड़ी को धूप और सभी मौसम में खड़ा रख दो और सौ साल इसे लगातार पानी में डाल कर छोड़ दो तो भी उसके बाद भी इस लकड़ी का जौ के दाने के बराबर भी ना सडा मिलेगा नाही इनमे कोई भी कीट लग पाएगी! और इसका जीता जागता उदाहरण मेरे पास है!
Very interesting story brother. I was recently visiting in Chitwan district in Nepal and walking in Jungle, with my Nepali friend. He was showing me and telling me about the neem tree and the Sakhua tree. In Nepali he called Sakhuwa tree as Sal tree. He was telling me how strong the Sakhuwa wood (Saal tree wood) was so strong and hard. बहुत रोचक कहानी है भाई। मैं हाल ही में नेपाल के चितवन जिले में घूम रहा था और अपने नेपाली मित्र के साथ जंगल में घूम रहा था। वह मुझे दिखा रहा था और नीम के पेड़ और सखुआ के पेड़ के बारे में बता रहा था। नेपाली में उन्होंने सखुवा वृक्ष को साल वृक्ष कहा। वह मुझे बता रहा था कि सखुआ की लकड़ी कितनी मजबूत और सख्त होती है🙏🌳
बहुत अच्छा लगा पुरानी धरोहर देख कर. धन्यवाद 🙏
आपका विडियो बहुत दिनों बाद देख रहा हूँ।जिसमें आपकी विडियोग्राफ़ी और विडियो की संपादन बहुत अच्छा लगा।मैं भी चुकी बिहार से नेपाल बॉर्डर से पीली मिट्टी वाली जगह से हूँ वहीं हमारा जन्म स्थान है और 22 की उम्र में बिहार छोड़ कर राँची आ गया अब बिहार से अलग होकर झारखंड की राजधानी है।मैंने भी बचपन में कोयले वाली ट्रेनों में सफ़र किया है लम्बे सफ़र में सारा शरीर और कपड़े कोयले की धुआँ राख से काले हो जाते थे आज आपकी पुरानी कोयले वाली स्टीम इंजन वाली ट्रेन देख कर पुरानी यादें ताज़ा हो गई।
अद्भुत! अति सुन्दर!! वाकई राजेश भाई आपका कार्य काबिले तारीफ है!! कितना अच्छा व ज्ञानवर्धक व्लाॅग बनाया है।।
रेलदोवारा चलनी चाहिए
बहुत अच्छा लगा भाई इमोशनल विडियो कितनी प्यारी 😘😘😘😘😘 बहुत बहुत धन्यवाद आपका मै आपका चैनल का पुराना व्यूवर हुं लेकिन मेरा मोबाइल चेंज हुआ था इसलिए मै आपसे दुर था लेकिन आज मुलाकात हो गयी बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🤟❤️ श्री पशुपतिनाथ ले हामी सबैको कल्याण गरुन । नेपालआमा 🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵 🫡🫡
Nepal Zindabad .
वाह❤ जितनी भी तारिफ की जाये कम है, अद्भुत पेशकश। धन्यवाद
दिल खुश हो गया। मैभी नेपाल से हुं।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद एक बिरासदको समझादिया एक सँग्रालय के रुपमे ऐतिहासिक कहानी बनके रहेगा ,ए नेपाल सरकार,का दायीत्व है ।
अभी कुछ दिन पहले मै नेपाल जा कर आया हू .नेपाल बहुत ही सुंदर देश है वहा के लोग भी बहोत अच्छे है
नेपाल रेलवे का इतिहास बहुत ही खूबसूरत है।
वाह !
बहुत सुंदर वीडियो बनाया है आपने।
स्टीम इंजन कितो बात ही अलग है हमने भी स्टीम रेल्वे कि मज़ा लिहे उसटाइम जब रेल्वे स्टेशन से निकल थी थोड़ी स्लो स्लो चलतिथी टि प्लेटफार्म छोड़ने के बाद पीकप करती थी
हमारे गांव में शेरों गेज लाइन थी ऐकहि पटरी लाइन थी पर मज़ा आ रहा था चलती। रेल्वे देखने का हम टाईम पे रेल्वे फाटक चले जाते थे धन्यवाद आपका,🙏
मान्यवर आपने बहुत सुन्दर तरीके
ब्रिटिश समय के रेल इंजन की जानकारी दी आपका विडीयो बहुत अच्छा लगा इस तरह की जानकारी वाले विडियो से अंदाज लगाया जा सकता है की सौ साल पहले के व्यक्तियों द्वारा बनाई गई मशीनरी में
सिर्फ संशोधन हुआ है लोगों के दिमाग उस समय से प्रगति की ओर
संसाधन जुटाने में लगे हुए थे
1 no. Video or apne old videos bhi attach ki h mza aa gya🫡👍
मैं बचपन से रेल प्रेमी हूं अगर कभी नेपाल जाने का मौका मिला तो यह जगह जरूर जाऊंगा
Worth to watch it. Nepal government should preserve it . New generation would love to see it.
Nepal should be preserve this heritage.......
सकुआ माने (साखू) साल की लकड़ी ,,, nice video
आपने कामपर एकनिष्ठ कर्मचारी धन्य है बहोत अच्छा
उनके पास नैरो गेज का गैरेट लोकोमोटिव है जो बहुत ही कम देखे जाते हैं दुनिया में । दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के पास भी था लेकिन बाद में अंग्रेजों को अपने साथ लेकर। इस जगह को म्यूजियम में कन्वर्ट कर देना चाहिए आशा करते हैं नेपाल रेलवे इन को संरक्षित करेगा। भारतीय रेलवे उस गैरेट लोकोमोटिव को देश में लाकर दार्जिलिंग लाइन पर चलाए।
नेपाल वाशियो को राम राम भाई
नेपाल सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस जगह को म्यूजियम में परिवर्तित करदे
इनका अच्छे से रख रखाव करे ।
इसे एक पार्क के रूप में भी बनाया जा सकता है। इस अनमोल धरोहर को सजो कर रक्खे
Nostalgic. Gone are days when we were very happy and living with deep feelings and concern for each other. This history to be preserved for coming generation.
Awesome video with great history and explanation....Am from Raxaul and was eager to know about nepal railways and this video stands on it ...Always loved the history of Nepal and Indian railways...Thanks a lot for this ❤️
Thank you very much for this video. It is really informative. Nepal govt should make an engine museum here.
Sir mai is station se 18KM. ki doori pr rahta hu, isliye e sab jagah ko you tube pr dekh kr bahoot achha laga, so thank you sir!!!!!
भिट्ठा मोड़ के हो , क्या जी ?
वहा भाई कितना सरलता से कुछ ब्यान किया और शास्त्रीय संगीत ने तो चार चाँद लगा दिए
भाई साहेब आप्ने जाे जानकारी के लिए आप्काे मुरी मुरी धन्यवाद ; नेपाल सरकार ने भि इसे समर्थन लेकर जाे मिउजि के लिए काहा सल्लाह सुझाव के लिए आप्काे मुरी मुरी धन्यवाद।
भाई तुमने पुरानी यादों को साझा किया बहुत अच्छा लगा बहुत यादगार चीज अपने दिखाइए✌👍🙏❤
Ati sunder bhai ji aap dharatal se jude ho bahut khushi hoti hai aap jainse log bahut kam hai ...dil se sukriya bhai ji ...from uttarakhand
REAL VLOG. EXCEPTONAL. FULL OF UNIQUE KNOWLEDGE. I AM FOLLOWING U FROM UR RASSIA VLOGS. BEST OF HEALTH & good luck
Wah kya bat hai gajab bahut khubsurat video 👌 👌👌 👌
Purani chije dikhaai . thank you so much sir
Purani cheje sari aamar cheje thee un chejo ka aaj bhi koi tod nahi hai 🙏🙏🙏
Bhai sahab bohot hee adbhut chhez dikha diya aapne mere bachpan ki yaad taaza ho gai 🙏
Bhut hi sunder naam rake h Nepal me in rail engine ka, ye dikha h ki hame apne desh ki sanskriti ko follow karna chahiye
Beautiful I Wish Nepal Gov Look After this to Convert as a museum
Really I like this video about Nepal property....so I want to say .... preserves Nepal and show history about train transport......about coming generation....
शानदार विडियो गजब भाई गजब धन्यवाद राजेश भाई
Train ke name bahut mast he super super video 👌👌👌👌
thanks भाइ हमारा नेपाल का पुराना रेलगाडी देखाने के लिये
अतीत को हम भूल जाते हैं लेकिन जब भी उसकी याद आती तो दिल में एक हूक सी उठती है
Aisa hi train dhekne ka mn tha aap ne dhika diya dhanyawad
Thank you for representing..!! and Wow what a music it was!
Acha Laga Vlog Supar video jankari Aachi Mili Namaste Gujarat se
जय भारत जय नेपाल
सर आपका वीडियो बहुत दिन के बाद मिला है
बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त कर दिया धन्यवाद
रेल की अहमियत उसी को पता होती है जहा सड़क मार्ग की कनेक्टिकट नही हो। वेसा ही था नेपाल रेलवे का
Nice 👍 I'm janakpur dhaam Nepal aapka bhut bhut danne bad
Narrow gauge is pure love ... 😍😍
sai me sir dil jeet liya histriy sunke god job jai nepal
I really enjoyed & thank you for sharing nepal railways history !!!
Rajeshbhai mera aapse anuved hai k aap ho sake to kisi tarah se Nepal rail mantri se ye anuved kare k ho saki to ek antique tour par eise fir se restored kare yane anewali Nepal ki pedhi ko dekhe
Dhanyvad purani chijon Ko Dikhane ke liye Nepal aur Bharat ki Virasat
I like u aap nay hum ko kuch yaad dilaya ki mahanat say Kya hasil nahi ho sakta
Trains have always fascinated me. Thank you for this beautiful video.
Dhanywad jankari Dene ke liye
Dhrohar bachana hamara kartaway hai chahe wo kisi bhi desh me ho
❤❤❤❤❤❤❤❤ 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳
Video bahut informative hai lekin Aakhri train Nepal ka yah Band Ho Gaya Achcha Ho Gaya Kitna pollution chhodata tha lekin video Achcha hai Jankari ke liye bahut Achcha hai aajkal dekhne Ko milta Nahin
धन्यवाद सर जी, एक लाइक तो बनता है 👍
मैंने इस train मे 1971 me जय नगर से जनकपुर तक यात्रा किया था
Jankpur me mera gar hai
अभी अभी यह वीडियो देखी बहुत अच्छी लगी।
Koi blogger yeh sab nahi dikhaya nepal ke bare mein very nice sir 🙏
माल बहुत है भाई के पास, असल जिंदगी का मजा ले रहे हैं, कभी रशिया, कभी नेपाल
Superb very nice👍 information for everybody you have shown actual footage thanks🌹
बहोत बहोत आभार ... ये सब दिखाने के लिये....
आपने वीडियो के माध्यम से बहुत सुंदर जानकारी दी
बोहोत जबरदस्त 👌 subscriber from India 🌹
Very important informations about Nepal are being given by you. Great job.
Very informative video,I like it very much
हर हर महादेव 🕉️🕉️🚩🚩❤️🙏🙏
Bhai apne bhut acha khoj ki hai aur apne jo bich me song add kiye hai wo songs ka link dijiye please very nice
Nice information. Thanks from Darjeeling.
Thank you for Giving this Video 💝💝💝💝💝💝💝
पुरानी धरोहरों को बचाने और संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए नहीं तो यह सब जंग से खराब हो जाएंगे।
इन सारे इंजन को भारत को ले लेना चाहिए, बहुत ही बुरी दुर्दशा में पड़े हैं यह ऐतिहासिक चीजें 😟😟😟
Even if I never been to Nepal and never seen these trains in personal. But I felt nostalgic. 😢😊
This is a beautiful but sad video brother. Thank you for showing this story. It was so sad to see these beautiful old engines and buildings just slowly dying. The workers were so proud to show you all the details of where they worked. I wish I could understand Hindi. I hope the Nepali government can see the value in preserving this old historic site. I am sure many railway enthusiasts from around the world would love to visit this historic site here and know the history of the first Nepali railway. @16.40 it was so sad to see the Ghorkha Kukuri and train sign with the words in Latin and in Nepali from an old English Poem "Dulce et decorum est pro patria mori" by English Poet Wilfred Owen. In English it means "It is a sweet and fitting thing to die for one's country". But actually the writer was telling of the atrocities and futility of war and that it is NOT a sweet and fitting thing to die for one's country. For me it is not a sweet and fitting thing, but a very sad thing that these beautiful old and historic trains are dying in Nepal. यह एक सुंदर लेकिन दुखद वीडियो है भाई। यह कहानी दिखाने के लिए धन्यवाद। इन खूबसूरत पुराने इंजनों और इमारतों को धीरे-धीरे मरते हुए देखना कितना दुखद था। जहाँ उन्होंने काम किया, वहाँ के सभी विवरण आपको दिखाने में कर्मचारी बहुत गर्व महसूस कर रहे थे। काश मैं हिंदी समझ पाता। मुझे उम्मीद है कि नेपाली सरकार इस पुराने ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण में मूल्य देख सकती है। मुझे यकीन है कि दुनिया भर के कई रेलवे उत्साही यहां इस ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करना पसंद करेंगे और पहले नेपाली रेलवे के इतिहास को जानेंगे। @ 16.40 अंग्रेजी कवि विल्फ्रेड ओवेन की एक पुरानी अंग्रेजी कविता "Dulce et decorum est pro patria mori" से लैटिन और नेपाली में शब्दों के साथ घोरखा कुकुरी और ट्रेन के संकेत को देखकर बहुत दुख हुआ। अंग्रेजी में इसका अर्थ है "अपने देश के लिए मरना एक प्यारी और उपयुक्त बात है"। लेकिन वास्तव में लेखक युद्ध की क्रूरता और निरर्थकता के बारे में बता रहा था और यह कि अपने देश के लिए मरना कोई अच्छी और उचित बात नहीं है। मेरे लिए यह कोई मीठी और उचित बात नहीं है, बल्कि बहुत दुख की बात है कि ये खूबसूरत पुरानी और ऐतिहासिक ट्रेनें नेपाल में दम तोड़ रही हैं 🙏❤😊