एकदम सही, पिछले कुछ टाईम से क्लियरली दिख रहा है के टाइम्स ऑफ इंडिया, टाइम्स ऑफ गोदि बन रहा है, महाराष्ट्र टाइम्स तो पेहले से हि बन गया था. हम सोच रहे थे सबस्क्रिप्शन बंद कर दे. लेकिन घर के कुछ लोगो का मानना था के पेहले हि लोग अखबार पढना मानो भुल गये है... पेपर कि लाईन डालने वाले कि सोच के बंद नहीं किया. पर अब कुछ ज्यादा हो रहा है.
डिटो हमने भी ऐसा ही सोच क बंद नहीं किया , लेकिन ये बात पक्की है की अगर ये अखबार नहीं बदला तो पक्का मजबूरन फैसला लेंगे ही लेंगे बंद करने का क्यूंकि मैं ऐसे लोगों को फंड नहीं करना चाहता जो मेरे यानि सिटिज़न के हिस्से की बात नहीं करता, उसको पैसे काइकू दूँ और ये लोग जो ऊपर बैठे हैं तब टैक्स भी हमी पर ।
History me inka naam gaddar or desh ko barbaad karne walon me likha jayega or jo andhbhakt aaj naach rahe han wo apni aane wali nasal ke aage jhoot bola krenge ke uss waqt hum to bjp ke kheelaf theyy kiyon aaj jo wo kr rahe han usko batane me sharmeendgi mahsoos hogi jab inki aankhen khulegi to hosh me aane per apne kiye ko kis muhh se sahi batayenge
मान्यवर, सुप्रभात सप्रेम जय हिंद. वर्तमान सत्ता और प्रमुख प्रसारण माध्यम ईसमें अखबार टेलिव्हिजन, आकाशवाणी सब के सब जनतंत्र और देश के हत्यारे यह कहना अतिशयोक्ती नहीं होगा
I beg to differ. Times Of India was always pro establishment during that period up to early 2000s and Indian Express anti establishment. Ramnath Goenka was harassed a lot during that period but he used to get his paper out with his views even during the Emergency period.
धन्यवाद सोहित टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एडिटोरियल/ संपादकीय पर इस टिपण्णी के लिये। ToI ने संगम पर हुए एक अत्यंत दुखद घटना को लेकर जो पर्सपेक्टिव/ परिप्रेक्ष्य की बात की है वह अशोभनीय है । जहाँ सवाल पूछे जाने चाहिए ताकि आगे के दिनों में और हादसे न हो, गोल-मोल बात करना उचित नहीं ।
We have dumped all these godi channels & publication houses in dustbins and we are only subscribing following Sohit Mishra, Ravish Kumar sir and other unbiased fearless honest truthful journalist 👍🏼
Shobit gi, भारत की आम जनता की हैसियत सिर्फ सरकारों के लिए कीड़ों मकोड़े से अधिक नहीं हैं। दूसरा यह सिर्फ उनके वोट बैंक हैं और कुछ नहीं, ओर हमारी जनता भी 500rs में एक बोतल ने बिक जाते हैं। फिर यही लोग इनके देश ओर इनको लूटते हैं।
Godi media sirf TV tak hi seemit nahin hai... All India Radio pe news ka pehla word hi 'Non-biological' ke naam se shuru hota hai... Epic shamelessness
मिश्रा जी आप ये बताओ कि दिल्ली में या इंटरनेशनल बॉर्डर पर किसका राज है जब इन भाजपाइयों को यही नहीं पता है तो इनको अल्जाइमर और किसी बात से क्या फर्क पड़ता है या इलाहाबाद में कितने मर गए किसको फर्क पड़ता है बस जय श्री राम भरोसे ही देश चल रहा है
विआयपी तो कोई नहीं मरा टाईम्स अब अखबार नहीं रहा सिर्फ उनके लिए सारी सुविधा प्रोटेक्शन टीवी पर बार बार दर्शन दिखा दिया जाता है। बाकी जनता का कर्तव्य है टॅक्स भराबर भरना है ताकि विआयपी और वि विआयपी इसका लाभ उठा सके उनको सारी सुविधा मिलती रहे।
कुंभ को कुंभ ही रहने देती सरकार और जो अखाड़े हजारों साल से कुंभ का आयोजन कर रहे थे तो सरकार ने हाईजैक क्यों किया सबसे बड़ी बिमारी वी आई पी कल्चर है सरकार ने फालतू प्रचार किया ही क्यों
मीडिया के पतन की शुरुआत टाइम्स ऑफ इंडिया ने ही की थी - सामाचार पत्र की कीमत गिराकर, और घाटा विज्ञापन से पूरा करके। तभी से पाठक गौण हो गए और सामाचार पत्र विज्ञापनकर्ताओं के आधिपत्य में आ गए।
प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी जब तक है तब तक अशांति है भारत देश में
AAP jab NDTV me the tab se mai aapko dekhta hu. Salute hai aapko
टाइम्स ऑफ इंडिया छी छी छी.... धिक्कार है ।
Thanx for honest jounalism
Boycott godi media🎉
सहित मिश्रा ऑफिशल देखने वाले दर्शकों हाथ 🙏जोड़कर निवेदन है आप लोग लाइक और कमेंट जरूर किया करें
भारत का दुर्भाग्य है जहां इन्सानी जिंदगी की सबसे सस्ती है।
एकदम सही, पिछले कुछ टाईम से क्लियरली दिख रहा है के टाइम्स ऑफ इंडिया, टाइम्स ऑफ गोदि बन रहा है, महाराष्ट्र टाइम्स तो पेहले से हि बन गया था. हम सोच रहे थे सबस्क्रिप्शन बंद कर दे. लेकिन घर के कुछ लोगो का मानना था के पेहले हि लोग अखबार पढना मानो भुल गये है... पेपर कि लाईन डालने वाले कि सोच के बंद नहीं किया. पर अब कुछ ज्यादा हो रहा है.
डिटो हमने भी ऐसा ही सोच क बंद नहीं किया , लेकिन ये बात पक्की है की अगर ये अखबार नहीं बदला तो पक्का मजबूरन फैसला लेंगे ही लेंगे बंद करने का क्यूंकि मैं ऐसे लोगों को फंड नहीं करना चाहता जो मेरे यानि सिटिज़न के हिस्से की बात नहीं करता, उसको पैसे काइकू दूँ और ये लोग जो ऊपर बैठे हैं तब टैक्स भी हमी पर ।
सोहित जी की सहृदयता को हार्दिक सलाम।
ऊपर वाले इन गोदी मीडिया और गोदी अखबार वालो को कभी माफ नही करेगा।
History me inka naam gaddar or desh ko barbaad karne walon me likha jayega or jo andhbhakt aaj naach rahe han wo apni aane wali nasal ke aage jhoot bola krenge ke uss waqt hum to bjp ke kheelaf theyy kiyon aaj jo wo kr rahe han usko batane me sharmeendgi mahsoos hogi jab inki aankhen khulegi to hosh me aane per apne kiye ko kis muhh se sahi batayenge
सभी भारतीय मेन स्ट्रीम मीडिया rss बीजेपी का तलवा चाटने में बयास्त है 🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Sohit Mishra Sssssuperb reporting ❤️
आपको निष्पक्ष , तथ्यपूर्ण और सार्थक प्रस्तुति के लिये बधाई ।
सोहित कोई भी सरकार हो, किसी भी पक्ष की, पत्रकार का काम है सवाल पूछना। चाहे किसी को बुरा लगे चाहे भला।
बेहद दुःखद... प्रशाशन की घोर लापरवाही...
पहले थोड़ा मुआवजा फिर वही मजिस्ट्रेटी जाँच फिर कुछ समय बाद सब कुछ ओ के...यही तो होता है हर दुर्घटना के बाद...
I stopped reading and spending money on times group long time back.
🫡 Real News 🇮🇳
Very well said, Sirji. Shame on such Godi newspapers and Godi editors. Boycott such Godi newspapers, also.
शानदार.बहुत अच्छा टाईम्स ऑफ इंडिया का छिछोरापण एक्सपोज किया.
Times group ही अल्ज़ाइमर का शिकार हो गया है ।
Salute Sohit 🫡
Nice projection appreciate too much, thanks Mishra Ji 👏
Very good Sohit Mishra's! This is real journalist.
हो सकता है की, संपादक चड्डीधारी विचारधारा का समर्थक हो.
Ghatiya ban gaya hai Times ⏲ of India 🇮🇳 apne naam se India 🇮🇳 jaldi hataye 😢
मान्यवर,
सुप्रभात सप्रेम जय हिंद.
वर्तमान सत्ता और प्रमुख प्रसारण माध्यम ईसमें अखबार टेलिव्हिजन, आकाशवाणी सब के सब जनतंत्र और देश के हत्यारे यह कहना अतिशयोक्ती नहीं होगा
Sohit Bhai bilkul sahi bole aap
Modi BJP Hatov
Times Now के सभी एंकर तो भाजपा की चापलूसी में डूबे हुए है,तो न्यूज़ पेपर में चापलूसी करने लगे तो कौनसी बड़ी बात है?
Stopped reading or looking at Times Of India front page since 2014. Was subscriber of TOI since 1971.
At that time unreadable was Indian Express.
I beg to differ. Times Of India was always pro establishment during that period up to early 2000s and Indian Express anti establishment. Ramnath Goenka was harassed a lot during that period but he used to get his paper out with his views even during the Emergency period.
आज टी बी, एड्स, अक्सीडेन्ट, खुदखुशि, जाणलेवा हमले से भी लाखों लोग भारत में मरते हैं इसिलिए प्रशासन जवाब दे नही तो जरूरत क्या है?
Ban EVM and save democracy in India ❤
The editor of Times of India seems to be duty bound to take the country's Freedom of Press Index further downwards, even below the embarrassing 159 😢
Excellent work 🎉
Aap ka baat sahi he sir।।।।
4th piller now लंगड़ा 😢
Well done Sohit Ji 🙏
धन्यवाद सोहित टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एडिटोरियल/ संपादकीय पर इस टिपण्णी के लिये। ToI ने संगम पर हुए एक अत्यंत दुखद घटना को लेकर जो पर्सपेक्टिव/ परिप्रेक्ष्य की बात की है वह अशोभनीय है । जहाँ सवाल पूछे जाने चाहिए ताकि आगे के दिनों में और हादसे न हो, गोल-मोल बात करना उचित नहीं ।
अल्जाइमर एक उम्र के बाद प्राकृतिक रूप से होता है, सरकार द्वारा व्यवस्थित आयोजनों में मौतें बदइंतजामी की वजह से भी हो सकती हैं।
आप का जमीर अभी मरा नही है.
टाईम्स का एडीटर और मालीक दोनोंको भीडमें जाना चाहिऐ, तब पता चलेगा, बेशरम टाईम्स पेपर.
इस भगदड़ में मीडिया भी मर गया।
गोदी मीडिया का पिंडदान हो चुका है....
सरकार को बचाने के लिए कुतर्क
Good job sir thanks 👍
Good journalism by you sohit beta. Please carry on exposing these fradiyas.
❤shohithji great 👍
We have dumped all these godi channels & publication houses in dustbins and we are only subscribing following Sohit Mishra, Ravish Kumar sir and other unbiased fearless honest truthful journalist 👍🏼
आप एक इमानदार पत्रकार हे सेल्युट सर।
All right sir 👍👍👍👍
Thanks भाई
हिंदू संपादक बन कर टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है !
Shobit gi,
भारत की आम जनता की हैसियत सिर्फ सरकारों के लिए कीड़ों मकोड़े से अधिक नहीं हैं।
दूसरा यह सिर्फ उनके वोट बैंक हैं और कुछ नहीं,
ओर हमारी जनता भी 500rs में एक बोतल ने बिक जाते हैं।
फिर यही लोग इनके देश ओर इनको लूटते हैं।
वैसे भी जनता टिवी न्यूज चैनल भक्तों के शिवाय दुसरे लोग नहीं देखते बाकी लोग शोशल मिडिया समाचार देखते हैं
Godi media sirf TV tak hi seemit nahin hai... All India Radio pe news ka pehla word hi 'Non-biological' ke naam se shuru hota hai... Epic shamelessness
संपादक महोदय के घर में से कोई मरा होता तो क्या वह यही मज़ाक वाली बात लिखते?
Good journalism
मिश्रा जी आप ये बताओ कि दिल्ली में या इंटरनेशनल बॉर्डर पर किसका राज है जब इन भाजपाइयों को यही नहीं पता है तो इनको अल्जाइमर और किसी बात से क्या फर्क पड़ता है या इलाहाबाद में कितने मर गए किसको फर्क पड़ता है बस जय श्री राम भरोसे ही देश चल रहा है
news paper ka front page dekha jaye to roz hi ek jaisi khabar hoti h jisme kisi ki tareef hoti h
sohit bhai aap logon ke wajah se patrikarta abhi tak zinda hai
salute you sir
sahi pakda sohit bhai 👌
Sohit sir good work ❤
Sir aap bahut accha 📸📸📸📸📸📸 video banate hai ❤❤❤❤❤❤
Well said Sohit ji
Sohit sir good video keep it up
Sahi kaha bhai
Godi Media nahi
Satta pach media
Ambani/ Adani media 🎉
Janta ki Media nahi
❤
मै कोई पेपर भी नही पढता,टिव्हीभी नही देखता सब के सब पालतू बन गये है
You are right
Excellent work sohit
विआयपी तो कोई नहीं मरा टाईम्स अब अखबार नहीं रहा सिर्फ उनके लिए सारी सुविधा प्रोटेक्शन टीवी पर बार बार दर्शन दिखा दिया जाता है। बाकी जनता का कर्तव्य है टॅक्स भराबर भरना है ताकि विआयपी और वि विआयपी इसका लाभ उठा सके उनको सारी सुविधा मिलती रहे।
Good reporting sohit sir
Shame on such media 😮
Well done sohit
Thanks
Thank you so much
Correct
धर्म भी अब, अल्जाइमर से बड़ी बिमारी बन चुकी है 🤔 सर
आने वाले समय में धीरे -२ सब नंगें हो जाएंगे और इंसान, नगों को पसंद नहीं करते।
Omg 😱
शर्मनाक सम्पादकीय।
Thank you sohit
Boycott godi media
संवेदनहिनता तो आसमान छू रही है मिडिया वालों की. पैसे से इन्सानीयत नहीं खरीदी जाती है सोहित जी. सब बेशरम हो चुके हैं
Still no one can beat AMAR UJALA😮
Jis pariwar ka koi member duniya se jata hai to uska dukh vo hi jante hai
Great journalism sir
Jai hind sir🙏
कुंभ को कुंभ ही रहने देती सरकार और जो अखाड़े हजारों साल से कुंभ का आयोजन कर रहे थे तो सरकार ने हाईजैक क्यों किया सबसे बड़ी बिमारी वी आई पी कल्चर है सरकार ने फालतू प्रचार किया ही क्यों
God bless you Sohit Mishra sir 🙏 ❤
गुलाम मीडिया
Well said Sohit Sir
Thankq bhaiya patrakarita mar chuki h
Independent repoting hi h jo logo ki aavaj ban kr sunai deti h❤❤❤
Jo cm Gujarat massacre ko justified kiya
Woh isko bhi justified karayga
Good job
Well said
Good.job
❤❤❤❤❤❤
Thanks for honest journalism
Sohit ji Times of India news paper nahi fully Advertising paper hai news bhi godi Media jaisi hoti hai
मीडिया के पतन की शुरुआत टाइम्स ऑफ इंडिया ने ही की थी - सामाचार पत्र की कीमत गिराकर, और घाटा विज्ञापन से पूरा करके। तभी से पाठक गौण हो गए और सामाचार पत्र विज्ञापनकर्ताओं के आधिपत्य में आ गए।
Sohit bhai in logo ki zameer mar gayi hai