Live Satsang 3.12.2024 Swami Gyan Avirbhavji 🙏

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 11

  • @nandlalpuspakar5293
    @nandlalpuspakar5293 4 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    सादर चरणवन्दन प्रभूजी❤️❤️🙏🙏🌹🌹

  • @sanjaykulkarni3318
    @sanjaykulkarni3318 9 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    प्रणाम श्रीगुरुदेव!🙏🏻

  • @shalabhnikhare1798
    @shalabhnikhare1798 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    प्रणाम सद्गुरु जी ⚘️⚘️⚘️🙏🙏🙏

  • @KalpanaParakh
    @KalpanaParakh 10 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    guru charno me anant koti pranam ❤❤❤❤❤

  • @ShivangiThakur-x1q
    @ShivangiThakur-x1q 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Prem pranam gurudev ❤❤❤❤❤you hamesha

  • @ravilohiya3400
    @ravilohiya3400 16 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    🙏❤️निशब्द नमन स्वामी जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम वंदन अभिनंदन करता हूँ आपका आशीर्वाद सदैव ऐसे ही प्राप्त होता रहें ❤️🙏

  • @charanjitkumar7361
    @charanjitkumar7361 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    PRANAM SWAMI JI ❤❤❤
    KOTI KOTI NAMAN JI
    PREM PRANAM

  • @bheeshmajain4987
    @bheeshmajain4987 7 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    प्रणाम गुरुदेव 🙏

  • @KrishnaRehwani
    @KrishnaRehwani 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Hari om 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @rajnikamble3515
    @rajnikamble3515 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Jai gurudev 🙏 ❤

  • @madanbaranwal1531
    @madanbaranwal1531 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    आपका शरीर बदलता रहा शीशु हुआ किशोर हुआ युवा हुआ प्रौढ़ हुआ वृद्ध हुआ क्या आपमें कोई बदलाव आया सोच में बदलाव समझ में बदलाव नैसर्गिक गुण में बदलाव ? कोई बदलाव नहीं हुआ। आपने अपने शरीर शरीर की इंद्रियां अंतःकरण से तादात्म्य बना लिया है इसलिए अपना स्वरुप शरीर इंद्रियां अंतःकरण समझते हैं शरीर में इंद्रियां में अंतःकरण में परिवर्तन को स्वयं का परिवर्तन समझ रहे हैं जबकि आप कभी भी नहीं बदलने वाला अजर-अमर अविनाशी निराकार निर्विकार निर्गुण सत् चित् आनंद आत्मा हैं और शरीर इंद्रियां अंतःकरण विनाशी है। शरीर नाशवान है तो आप स्वयं को नाशवान समझते हैं। अज्ञान रहने तक चौरासी लाख योनियों में भ्रमण करने वाला आप जीवात्मा हैं अज्ञान दूर होने पर आप आत्मा हैं।