नमो बुध्दाय भंतेजी कर्म सिद्धांत का जिस प्रकार आपने विश्लेषण करके बताया हम धन्य हुये और हमारी आष्टा धम्म के प्रति और मजबूत हुई हमे गर्व हॆ हमारे बौद्ध होणे पर जय भीम नमो बुध्दाय
सही कहा आपने भतीजी बुद्ध के आचरण में जो ढिलापन दिखाया देता है वह समाज में नहीं आता है आप ही हमारा मार्गदर्शन बानी अजब सी उदासी खामोशी आगे जाने का कुछ रास्ता नहीं मिलता
भदंत विमलकीर्ती गुणसिरी के द्वारा बुद्ध और उनका धम्म प्रथम भाग से अंत के भाग तक का प्रवचन कृपा करके मुझे मिल सकते है क्या? अगर हा तो कैसे? मुझे मार्गदर्शन कीजिए!
Good. Pl explain mun, jeev, chit. If two persons have entangled karmas of one’s excess ie julam, dhokha, thagi on other, they take birth with that urja at different places , their urja or chetna will attract one another. If one of them or either of them becomes monk, urja or chetna will loose attraction. Had unglimar not met Budha, he was likely to die with a good part of wrong urja in next births and face dukh from others urja. Nature must be keeping record of doings of persons.
साल 1939 अंबेडकर जी ने आरएसएस कैंप को भेट दी थी तब उन्होंने कहा "This is the first time that I am visiting the camp of Sangh volunteers. I am happy to find absolute equality between Savarniyas (Upper Caste) and Harijans (Lower Caste) without any one being aware of such difference existing." मतलब में पहिली बार आरएसएस के कैंप में आया हूं, मुझे आंनद हुआ की सुवर्ण और हरिजन एक साथ रह रहे है बिना भेदभाव के" और अब के लोग आरएसएस को गलत साबित करने की कोई कोशिश नहीं छोड़ रहे हैं।
❤❤GAYA KA GAYASUR MAHA BODHI BUDHA MAHA GYANI RAWAN DASHMESH DAS GURU GHANTWLS RAWAN DASHANAN KALIYA NAAG LAND LORDS KW KHELA NAGAR KE LORDS MAHAYAAN DEHATI LORDS HEEN YAAN AB JAGO JAGAO GULAMA GLOBE KA KUTTA KI JAAT RAJA KA BETA RAJKUMAR BUDHA MAHA KUTTA KI JAAT TAAJ JAAT TAAJ JAAT TAAJ JAAT TAAJ JAAT MALAK KA JODA BUDHA KA MAHAYAAN HEEN YAAN SIKHA KOM KA MIRI PIRI JODA ISLWM KA MUGALO KA MUSALMANO KA SHIYA NAGAR KE DHANWAN SUNNI DEHATI DHARTIWAN MALAK KA JODA KA KHELA POTHA NAYA LIKHAYA PATHI NAYA BAITHAYA AAM JAN KO POTHA PADNE BAITHAYA MALAK KA KABJA IS GLOBE PAR GLOBE MATA GULAMA BHARAT MATA GULAMA BHARAT MATA XEEH KI MATA GULAMA VIDESH KI MATANPAKISTANI MATA BHI MAULA JAAT JAT JATTA KI GULAMA JAAG JAO GULAMA JAAG GAAJ MADA ADAM MADA ADAM NADAM MADAN NADAM MADAN NADAM MADAN GOD DOG GOD DOG GOD DOG GOD MA A DASHANAN RAWAN KAYA DASHRATH KAAL NEMI RAKSHAS MALAK KABAJ DYARA PAR SHAITAN HI KAHA GAYA LAND LORDS KA KHELA KHATAM HONA HI GAYASUR GAY ASUR GAY KAYA GAY PLUS ASUR GAYASUR MAHA BODHI NWHI BANA GAYASUR BANA YAH BUDHA SHAITAN JAAG GULAMA BJP BHUMIHEEN JANTA PARTY BHUMIHEEN DHANHEE RSS RASOOLLALLAH SALALLALAHU SALLAAAM I
आदरणीय भंते जी वन्दामि, आपके पिछले एक विडियो में आपने एक ही मां- बाप की सभी संतानों का स्वभाव एक समान नहीं होता है , ऐसा उपदेश किया था। साथ ही यह भी बतलाया था कि ऐसा पिछले (पूर्व जन्म के) कर्म संस्कार ( अंश ही सही ) के प्रभाव के कारण होता है। अभी के इस उपदेश में कुछ भिन्नता प्रतीत हो रही है । कृपया समाधान करने की अनुकम्पा करें। वन्दामि।
Hengsong jab bharat aya tab bharat buddha maya tha aapne konasi kitab padi shab bataye aur khud hengsong unke pravas varn me likha hai aapne padha hai kya
महात्मा जी ! आप जैसेको . अपना प्रवचन में सत्य निष्पक्ष निस्कर्ष देना हीं शोभा देगा। सत निष्कर्ष दीजिए। ***** ब्राह्मण धर्म कहीं नहि है । हिन्दू धर्म भी कहीं नहीं है । हिन्दू धर्म नाम वह क्षेत्र भूगोल से सम्बन्धित है जहाँ सनातन वैदिक धर्म मानवले है । जैसे बिहारमें र्रहने वाले बीहारी कहलाता है । बिहार है तो वहां रहनेवाले बिहारी है ।लेकिन बिहार का धर्म बिहारी नहीं है । जिस तरह से बिहार मे सभी भाषा भाषाई के लोग है तो सभी भाषा भाषाई के लोग बिहारी है । उसी प्रकार से सनातन वैदिक सभ्यताएं ब्राह्मण छेत्री वैश्य शूद्र सभी का गुण कर्म स्वभाव वर्ण व्यवस्था ऊँ गौ पुनर्जन्म बेद मानने वाले और इसके अनुकूल व्यवहार जव आम रूपसे पूरे क्षेत्र में शरीरमे होता है तो यह प्राकृत उ गुण धर्म स्वभाव वह धर्म है । ब्राह्मण का मात्र धर्म नहीं है। आग जलाता है प्रकाश देता है ताप देता है तो बेदने यहि बात लिखा है। इसलिए बेद सनातनी मानते हैं। बेदने जो सत्य है उसे प्रकाशने लाया । नेदने जाति विभेद पैदा नही किया है। सूर्य है तो सूर्यरी कदर करो कहने पर सूर्य पूजक भी हुए । सूर्य पूजक कैसे विभेद कारी हो गए? इसलिए ब्राह्मण धर्म नामका धर्म नही होकर सनातन वैदिक धर्म है। इसी का क्षेत्रगत नाम हिन्दु बोला गया है। पूर्व कर्म अनुसार आत्मा में संस्कार जमता है ।यही संस्कार स्वभाव अनुसार अपना इक्षित शारीरका बीज ढूंढ लेता है ।उसी बीज में वहां पनपता है और जन्मता है करोड़ो शुक्र कि टमें से एक हिं शुक्र की ट डिंब सेल मे प्रवेश होता है ।डिम्व सेल की बतावरणे शू क्रकीट में जो पूर्व स्वभाव संस्कार बन गया है शुक्रकीर की चेतना उसके अतिरिक्त कुछ देखता ही नहीं और न्या शरीरका सारा विवरण में मोरी मे भर कर एक डिटेल ड्रोईड बनाकर मेमोरी मे क्रम बद्ध रूपसे रखेगा। यहि ड्रइङ्ग अनुसार क्रमिक रूपसे कोषिका हाड मांस शीरका अंग हाथ पैर मुह कान नाक निर्माण करता जाएगा। सारा पदार्थ डिम्बेसेल गर्भ द्वारा उपलब्ध कराएगा तव शुक्र कीर नौमाहान्त तक मे शइक्षित शरीर रचना कर मनुष्य बालक बनाकर बाहर निकलेगा। ब्राह्मण या क्षेत्री या शुद्ध क्या हाना है पूर्ष कर्म के अधिन होता है। ब्राह्मण आदि कोई कुछ नही कर सकते शुद्र से वैश्य वैश्य से क्षेत्री बनाने में। यहि है सनातननी कर्म जन्म वर्ण का सिद्धान्त । बुद्ध ने इससे ज्यादा कुछ कह है क्या? आंम का गुठली में जो गुण धर्म स्वभाव पूर्व निर्धारित होता है । उसी अनुसार गुठली निहित चेतना में स्थित संस्कार से ही आंमका पेड़ पत्ता फल बनता जायेगा। लेकिन आ म का गुठली से लीची कभी नहीं बनेगा क्योंकि आमरी गुठलीमे जो जीवन है उसे आम होता ही अच्छा लगा सिभी बनस्पतिमे आम होनाही सर्वश्रेष्ठ है। ऐसी भन्तिम इका चेतनामे स्मृति बनकर रह गई जो मिटेगा नहीं। आम बंश . ज होने में हीं मस्ती मिला इसलिए आमके पेंड पत्ता तना फुल स्वाद आदि को अच्छी तरह मेमोरी में भर लिया । इसनीय आम की गुठली अंकुरित होगा तो आमका पौधा हीं होगा। । जैसे बाह का शुक्र कीट से जो शरीर जन्मेगा पूर्व कम से सेचित गुण कर्म स्वभाव से जो संस्कार बना है वह स्थाइ है। और इसी स्थाई संस्कार अनुसार शुक्रकीर गर्भस्थ शिशु को रूप रंग अंग निर्माण कर द । बच्चा जन्मेगा तो बाघ काहीं फोटोकपी होगा। लोमड़ी जैसा नहीं जन्मेगा। सनातन वैदिक धर्म ने यह विज्ञान दर्शन दिया है । बुद्ध धर्म ने इसीको अपना धर्म दर्शन कहा है । इसलिए बुद्ध धर्म सनाल बैदिक है पर भाष्य अलग है । पर जात का सिद्धांत नही दिया है । ब्राह्मण क्षेत्रीय वैश्य शुद्र जाति नही है। और ब्राह्मण का धर्म के रूपमे ब्राह्मण धर्म वैश्य धर्म क्षेत्रिय धर्म शुद्र धर्म नही दिया है। सनातन ने व्याख्या नहीं किया है । - मधुसूदन प्रसाद उपाध्याय पोखरेल । ..क्रमशः दूसरा भाग में
😊गौतम बुद्ध ने बैदिक कर्मकाण्ड का विरोध नही किया कियोंकि ने कपील मुनीका वंशज हैं। सुद्धोधनदन का राजवजिशेष विवाह पुत्र पौत्र का नामाँकन बैदिक विधिसे हैं किया। सुद्धोदन के दरबारमें कुलगुरु कपील मुनी सांख्ययोगी परम्पराका आश्रय का आचार्य अलार्क राम और योग बाशीष्ठ परपराका आश्रमका सन्यासी रुद्रक राम थे। बुद्ध ने जव दरबार छोडा तब सांख्य योगी अलारक राम आश्रम में गए और सफेद बस्त्र धारी सन्चासी बने और सांख्य योग का अध्ययन किया । सांख्य योग पर शिक्षा लेने के बाद योग बाशीष्ठ परमपरा का आश्रम गए। वहाँ उन्होंने रुद्रक राम से सन्यास लिया। तब योग बाशिष्ठ का गहन अध्ययन किया । और नास्तिक बनकर आत्मा इश्वर कुछ भी नहीं है। प्रकृति मुख्य है। बिना कारण कोई कार्य नहीं होता है । ऐसी शिक्षा सांख्य योग और योग बाशिष्ठ का सार है। इस सारको लेकर सातवर्ष तक तपस्या में गए।
आप दूसरे धर्मों की बुराई कर बेकार समय नष्ट करने की जगह पुनर्जन्म के बारे में बौद्ध धर्म क्या कहता है उसको तथ्यात्मक रूप से क्यों नहीं बताते हैं?आपका प्रवचन काफी बोरिंग व उबाउ होता है।
अंबेडकर कर जी ने मुस्लिम समाज में होने वाला जातिवाद पर भी लिखा है उसके बारे में कभी बोला करो अफगानिस्तान,पाकिस्तान में बौद्ध मूर्ति किसने तोड़ी, और अफगानिस्तान, पाकिस्तान बांग्लादेश में कितने बौद्ध बचे हैं।
सती प्रथा कभी सनातन संस्कृति की परम्परा नहीं थी, नहीं तो राजा दशरथ के देहवास के बाद तीनों रानी किसी ने भी प्राण नहीं त्यागे। महाभारत में राजा पांडु के बाद रानी कुंती कहा सती गई ।
आप पुस्तक से सिर्फ गलत बाते बता रहे है, कुछ श्लोकाओ का अर्थ अलग होता मगर उसके पहिला वाला रेफरेंस नहीं बताते इससे सही बातो को गलत साबित करते हो।जो हिंदू विरोधी लेखक है उनकी पुस्तको का रेफरेंस दिया जाता है,उनका एजेंडा हिंदू धर्म को बदनाम करना है।
😂😂😂 हिन्दु क्य है बारतमे हिन्दु नाम क कोहिबी दर्म नहि है हा ब्राह्मण दर्म जरुर है लेकिन ब्राह्मणेने अपन मुल सिदन्त को त्यग दिय है ओर बौद्ध जातक कथाको अपना नया दन्धा बनलिय ब्राह्मणेने जेस रामयन महाबरत गित जेस काल्पनिक फर्जी कहानी बारतियोपर थोपनेकि नकाम कोसिस कर रा है ब्राह्मण वादी लोग
Sadhu g Kabir , Nanak , Paltu , Tulsi sahib , Guru Amardas , Guru Ramdas , bhagwan shri kirshan sab nai purv Janam k karmo k sidhant ko mana hai Ek baap k do bete hai samanya parvarish Hui samanya mahol mai rahe Par ek karodhi kapti or lalchi hota hai dusre k vichar sanyasio jaise hai aap yai shiksha budha ki nahi de rahe Baba saheb ki de rahe hai Baba saheb nai budha k shabdo ko tod marod kar pesh kiya hai baba saheb koi sant nahi the vo ek shudh rajnetik the or dham k bare Mai vi kuch nhi jante the baki Kabir Sai bda koi sant nhi hua Usne bhi karmo k sidhant ko mana hai sanchit kirya man or varatman bharat ki adhyatmikta bahut hi uchi hai Budh bhi vha nhi pahuch pae the isliye budh bharat mai apna parchar nhi kar sake Keval shant ho Jana hi adhyatmikta nhi hai Murda sharir bhi shant hota hai jagran ,Vivek, dya or anek adi guno Sai bharpur sant samay Ane par run mai bhi lad sakta hai aag or Pani dono. Sant or sipahi dono Bhagwan Kirshan or guru Gobind Singh mai ye dono the Ve param sant the
Bahut hi zehreela aadmi hai ....iska bas chale to ye bhi bol de ki ..buddha bharat ke hai hi nahi. ....mahashay ..buddha aapki nizi sampatti nahi hai....buddha mahavir guru Nanak krishna aadi sab Bhartiyo ke hai. ..inhe apni jagir samajh baithe ho.
नमो बुध्दाय भंतेजी कर्म सिद्धांत का जिस प्रकार आपने विश्लेषण करके बताया हम धन्य हुये और हमारी आष्टा धम्म के प्रति और मजबूत हुई हमे गर्व हॆ हमारे बौद्ध होणे पर जय भीम नमो बुध्दाय
Namo Buddhay💐🙏
Sadhu sadhu sadhu.
भंते जी आप ने बुद्ध और उन का धम्म को सही तरीके से सिखाया है आप को बहुत बहुत धन्यवाद जय भीम जय भारत नमो बुधाय
बहुत ही अच्छा प्रयास है 👏👏👏👏🙏🙏
Bandi bhante Namo Budhay
Jay bhim.
भंते जी ने बहुत ही सहज ढंग से तथा विद्वतापूर्ण उदाहरण देते हुए 'बुध्द के कर्म सिद्धांत' को समझाया है। आपको कोटिशः नमन, सादर वन्दामि।
👏👏👏
Best explanation. Namo buddhay.
Vandamee Bhante!!! Well explained!!!
वंदामी भन्ते 👌💯💐💐
Vandami bhanteji
Sabko samaje vaise samjate hai ,bhanteji .trivar vandami bhanteji,❤sadhu, sadhu, sadhu,❤
पूज्य भंनते जी वन्दामि 💐💐🙏🏻🙏🏻
Great
अति सुन्दर विचार समझाए हैं भंते जी सादर वन्दामि नमो वुद़ाय जय भीम
Namo budhay
Thank you very much for your great work bhante jisadhu sadhu
Sadhu sadhu sadhu
❤
Mahakarunik tathagath bhagwan Samyak sumbhuddyanchya Aary shravak bhikkhu sanghana trivar panchag pranam apanas khup Aayush aarogy bal v varn labho Sadhu Sadhu Sadhu
❤ नमो बुद्धाय, गुरु देव नमः, वाहे गुरु सतनाम जी
बहुत सही, श्री लंका में बुद्ध रश्मि यूट्यूब वीडियो में वहां के भिख्खु भी भ्रमित है।
सही कहा आपने भतीजी बुद्ध के आचरण में जो ढिलापन दिखाया देता है वह समाज में नहीं आता है आप ही हमारा मार्गदर्शन बानी अजब सी उदासी खामोशी आगे जाने का कुछ रास्ता नहीं मिलता
Namo Budhay 🙏❤💥🌹
ATI sunder
🙏🙏🙏sadhu sadhu sadhu
वंदामि भन्ते नामोबुध्दाय साधू साधू साधू 🙏🙏🙏🌹🌹
Vandami bhanteji ,sadhu , sadhu, sadhu.❤
Vandami Ven.Bhanteji.
Namo Buddhay
Jay Bhim
Sadhu Sadhu Sadhu
Namo buddhay
वर्णव्यवस्था और जाती व्यवस्था को अक्षृण्ण रखने के लिये ब्राह्मणो का कर्म सिध्दांत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
Vandami bhante.
नमो बुद्धाय जय भीम 💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🎉JAI BHIM🌹NAMO BUDDHAY🙏THANKS💐
Nmo budhay
☸️👌भन्ते ! आपने बुध्द के कम्म सिध्दांत को बहोत ही अच्छे से समझाया !
जयभीम ! नमो बुध्दा !!🇮🇳❤🙏
Bhanteji Anuvansik guno kke bare me batayn
Thanks phanteji
Namo budhay2024
खूप सुंदर विचार, विमर्ष विश्लेषण।जय भिम नमो बुध्दाय।
नमो बुद्धाय
Sadhu sadhu sadhu.bahut hi perfect gyan
Best video.Thanks Bhanteji.Vandami Bhanteji.
भदंत विमलकीर्ती गुणसिरी के द्वारा बुद्ध और उनका धम्म प्रथम भाग से अंत के भाग तक का प्रवचन कृपा करके मुझे मिल सकते है क्या? अगर हा तो कैसे? मुझे मार्गदर्शन कीजिए!
Namo Buddhay 🙏
Superb channel 💯🤝💯🤝💯🤝💯🤝💯🤝💯🤝💯🤝💯🤝
Khupach chhan vichar aahe bhanteji
Sadhu! sadhu! sadhu ! Trivar Vandami bhanteji🙏🙏🙏🌺💐
Bahothi saral bhasha me samjaya vadami bhanteji
वंदामी भंतेजी🌹🙏🙏🙏 साधु साधु साधु
अद् भूत
जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय ❤जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय ❤जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय ❤जय जय जय जय जय
Good. Pl explain mun, jeev, chit.
If two persons have entangled karmas of one’s excess ie julam, dhokha, thagi on other, they take birth with that urja at different places , their urja or chetna will attract one another. If one of them or either of them becomes monk, urja or chetna will loose attraction. Had unglimar not met Budha, he was likely to die with a good part of wrong urja in next births and face dukh from others urja. Nature must be keeping record of doings of persons.
Bhante ji you preach with clarity,
Namo buddhay.
No1
Namo buddhay Jay bhim
मुझे दीक्षा दी जा सकती है आप मैं इस्तंग marga का पालन करूंगा
Satya or jooth kabhi ek sath nahi rah sakte. Jese ek mayan me do talvar nahi rah sakti
साल 1939 अंबेडकर जी ने आरएसएस कैंप को भेट दी थी
तब उन्होंने कहा "This is the first time that I am visiting the camp of Sangh volunteers. I am happy to find absolute equality between Savarniyas (Upper Caste) and Harijans (Lower Caste) without any one being aware of such difference existing."
मतलब में पहिली बार आरएसएस के कैंप में आया हूं, मुझे आंनद हुआ की सुवर्ण और हरिजन एक साथ रह रहे है बिना भेदभाव के" और अब के लोग आरएसएस को गलत साबित करने की कोई कोशिश नहीं छोड़ रहे हैं।
जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय जय जय जय
जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय जय जय जय जय भीम बाबा जी भारत बाबा जी जय जय जय जय
Jai mulnivasi.
❤❤GAYA KA GAYASUR
MAHA BODHI BUDHA
MAHA GYANI RAWAN
DASHMESH
DAS GURU GHANTWLS
RAWAN DASHANAN
KALIYA NAAG LAND LORDS KW KHELA
NAGAR KE LORDS MAHAYAAN
DEHATI LORDS HEEN YAAN
AB JAGO JAGAO GULAMA GLOBE KA
KUTTA KI JAAT
RAJA KA BETA RAJKUMAR BUDHA
MAHA KUTTA KI JAAT TAAJ JAAT TAAJ JAAT TAAJ JAAT TAAJ JAAT
MALAK KA JODA
BUDHA KA MAHAYAAN HEEN YAAN
SIKHA KOM KA
MIRI PIRI JODA
ISLWM KA MUGALO KA MUSALMANO KA
SHIYA NAGAR KE DHANWAN SUNNI DEHATI DHARTIWAN
MALAK KA JODA
KA KHELA
POTHA NAYA LIKHAYA
PATHI NAYA BAITHAYA AAM JAN KO POTHA PADNE BAITHAYA
MALAK KA KABJA IS GLOBE PAR
GLOBE MATA GULAMA
BHARAT MATA GULAMA
BHARAT MATA XEEH KI MATA GULAMA
VIDESH KI MATANPAKISTANI MATA BHI MAULA JAAT JAT JATTA KI GULAMA
JAAG JAO GULAMA
JAAG GAAJ
MADA ADAM MADA ADAM
NADAM MADAN NADAM MADAN NADAM MADAN
GOD DOG GOD DOG GOD DOG GOD
MA A DASHANAN RAWAN
KAYA DASHRATH KAAL NEMI RAKSHAS
MALAK KABAJ DYARA PAR SHAITAN HI KAHA GAYA
LAND LORDS KA KHELA KHATAM HONA HI
GAYASUR
GAY ASUR
GAY KAYA
GAY PLUS ASUR
GAYASUR
MAHA BODHI NWHI BANA GAYASUR BANA YAH BUDHA SHAITAN
JAAG GULAMA
BJP
BHUMIHEEN JANTA PARTY BHUMIHEEN DHANHEE
RSS
RASOOLLALLAH SALALLALAHU SALLAAAM I
आदरणीय भंते जी वन्दामि,
आपके पिछले एक विडियो में आपने एक ही मां- बाप की सभी संतानों का स्वभाव एक समान नहीं होता है , ऐसा उपदेश किया था। साथ ही यह भी बतलाया था कि ऐसा पिछले (पूर्व जन्म के) कर्म संस्कार ( अंश ही सही ) के प्रभाव के कारण होता है। अभी के इस उपदेश में कुछ भिन्नता प्रतीत हो रही है । कृपया समाधान करने की अनुकम्पा करें।
वन्दामि।
Bhai shab to sati pratha konse dhram se ati hai batahai
Karm phal k siddhant k anusar brahmanwadiyon k krityon se kya prabhaav dushprabhaav pada ! Bhante ji iss par v kavi prakash daalne ki kripa karen !
Vandami bhanteji . Which book of Babasaheb have you referred to in this dhammadesana ?
भंते जी। अच्छी व्याख्या की कर्म सिद्धांत बुद्ध अनुसार। लेकिन मैंने पढ़ा है बुद्ध ने पुनर जन्म के बारे में बताया है क्या सही है । कृपया प्रकाश डाले।
आपके विचार - ओर जिने के सिद्धांत बदले तो आपका नया जन्म हूवा.. इस तरह इसे समझे..
वंदामी भंन्ते, आवाज कमी येत आहे, भगत. जी बुलडाणा
Aapni Kpol ktha suna kr Bhart des ko kiya Gulam or Buddh Dhmma ko kiya Smapt?
Hengsong jab bharat aya tab bharat buddha maya tha aapne konasi kitab padi shab bataye aur khud hengsong unke pravas varn me likha hai aapne padha hai kya
महात्मा जी ! आप जैसेको . अपना प्रवचन में सत्य निष्पक्ष निस्कर्ष देना हीं शोभा देगा। सत निष्कर्ष दीजिए।
*****
ब्राह्मण धर्म कहीं नहि है । हिन्दू धर्म भी कहीं नहीं है ।
हिन्दू धर्म नाम वह क्षेत्र भूगोल से सम्बन्धित है जहाँ सनातन वैदिक धर्म मानवले है । जैसे बिहारमें र्रहने वाले बीहारी कहलाता है । बिहार है तो वहां रहनेवाले बिहारी है ।लेकिन बिहार का धर्म बिहारी नहीं है । जिस तरह से बिहार मे सभी भाषा भाषाई के लोग है तो सभी भाषा भाषाई के लोग बिहारी है । उसी प्रकार से सनातन वैदिक सभ्यताएं ब्राह्मण छेत्री वैश्य शूद्र सभी का गुण कर्म स्वभाव वर्ण व्यवस्था ऊँ गौ पुनर्जन्म बेद मानने वाले और इसके अनुकूल व्यवहार जव आम रूपसे पूरे क्षेत्र में शरीरमे होता है तो यह प्राकृत उ गुण धर्म स्वभाव वह धर्म है । ब्राह्मण का मात्र धर्म नहीं है। आग जलाता है प्रकाश देता है ताप देता है तो बेदने यहि बात लिखा है। इसलिए बेद सनातनी मानते हैं। बेदने जो सत्य है उसे प्रकाशने लाया । नेदने जाति विभेद पैदा नही किया है। सूर्य है तो सूर्यरी कदर करो कहने पर सूर्य पूजक भी हुए । सूर्य पूजक कैसे विभेद कारी हो गए? इसलिए ब्राह्मण धर्म नामका धर्म नही होकर सनातन वैदिक धर्म है। इसी का क्षेत्रगत नाम हिन्दु बोला गया है।
पूर्व कर्म अनुसार आत्मा में संस्कार जमता है ।यही संस्कार स्वभाव अनुसार अपना इक्षित शारीरका बीज ढूंढ लेता है ।उसी बीज में वहां पनपता है और जन्मता है
करोड़ो शुक्र कि टमें से एक हिं शुक्र की ट डिंब सेल मे प्रवेश होता है ।डिम्व सेल की बतावरणे शू क्रकीट में जो पूर्व स्वभाव संस्कार बन गया है शुक्रकीर की चेतना उसके अतिरिक्त कुछ देखता ही नहीं और न्या शरीरका सारा विवरण में मोरी मे भर कर एक डिटेल ड्रोईड बनाकर मेमोरी मे क्रम बद्ध रूपसे रखेगा। यहि ड्रइङ्ग अनुसार क्रमिक रूपसे कोषिका हाड मांस शीरका अंग हाथ पैर मुह कान नाक निर्माण करता जाएगा। सारा पदार्थ डिम्बेसेल गर्भ द्वारा उपलब्ध कराएगा तव शुक्र कीर नौमाहान्त तक मे शइक्षित शरीर रचना कर मनुष्य बालक बनाकर बाहर निकलेगा। ब्राह्मण या क्षेत्री या शुद्ध क्या हाना है पूर्ष कर्म के अधिन होता है। ब्राह्मण आदि कोई कुछ नही कर सकते शुद्र से वैश्य वैश्य से क्षेत्री बनाने में। यहि है सनातननी कर्म जन्म वर्ण का सिद्धान्त । बुद्ध ने इससे ज्यादा कुछ कह है क्या?
आंम का गुठली में जो गुण धर्म स्वभाव पूर्व निर्धारित होता है । उसी अनुसार गुठली निहित चेतना में स्थित संस्कार से ही आंमका पेड़ पत्ता फल बनता जायेगा। लेकिन आ म का गुठली से लीची कभी नहीं बनेगा क्योंकि आमरी गुठलीमे जो जीवन है उसे आम होता ही अच्छा लगा सिभी बनस्पतिमे आम होनाही सर्वश्रेष्ठ है। ऐसी भन्तिम इका चेतनामे स्मृति बनकर रह गई जो मिटेगा नहीं। आम बंश . ज होने में हीं मस्ती मिला इसलिए आमके पेंड पत्ता तना फुल स्वाद आदि को अच्छी तरह मेमोरी में भर लिया । इसनीय आम की गुठली अंकुरित होगा तो आमका पौधा हीं होगा। । जैसे बाह का शुक्र कीट से जो शरीर जन्मेगा पूर्व कम से सेचित गुण कर्म स्वभाव से जो संस्कार बना है वह स्थाइ है। और इसी स्थाई संस्कार अनुसार शुक्रकीर गर्भस्थ शिशु को रूप रंग अंग निर्माण कर द । बच्चा जन्मेगा तो बाघ काहीं फोटोकपी होगा। लोमड़ी जैसा नहीं जन्मेगा। सनातन वैदिक धर्म ने यह विज्ञान दर्शन दिया है । बुद्ध धर्म ने इसीको अपना धर्म दर्शन कहा है । इसलिए बुद्ध धर्म सनाल बैदिक है पर भाष्य अलग है ।
पर जात का सिद्धांत नही दिया है । ब्राह्मण क्षेत्रीय वैश्य शुद्र जाति नही है। और ब्राह्मण का धर्म के रूपमे ब्राह्मण धर्म वैश्य धर्म क्षेत्रिय धर्म शुद्र धर्म नही दिया है। सनातन ने व्याख्या नहीं किया है ।
- मधुसूदन प्रसाद उपाध्याय पोखरेल ।
..क्रमशः दूसरा भाग में
😊गौतम बुद्ध ने बैदिक कर्मकाण्ड का विरोध नही किया कियोंकि ने कपील मुनीका वंशज हैं। सुद्धोधनदन का राजवजिशेष विवाह पुत्र पौत्र का नामाँकन बैदिक विधिसे हैं किया।
सुद्धोदन के दरबारमें कुलगुरु कपील मुनी सांख्ययोगी परम्पराका आश्रय का आचार्य अलार्क राम और योग बाशीष्ठ परपराका आश्रमका सन्यासी रुद्रक राम थे।
बुद्ध ने जव दरबार छोडा तब सांख्य योगी अलारक राम आश्रम में गए और सफेद बस्त्र धारी सन्चासी बने और सांख्य योग का अध्ययन किया ।
सांख्य योग पर शिक्षा लेने के बाद योग बाशीष्ठ परमपरा का आश्रम गए। वहाँ उन्होंने रुद्रक राम से सन्यास लिया। तब योग बाशिष्ठ का गहन अध्ययन किया । और नास्तिक बनकर आत्मा इश्वर कुछ भी नहीं है। प्रकृति मुख्य है। बिना कारण कोई कार्य नहीं होता है । ऐसी शिक्षा सांख्य योग और योग बाशिष्ठ का सार है। इस सारको लेकर सातवर्ष तक तपस्या में गए।
pura vishva buddha margi banega jald hi
ब्राम्हण इस देश के मूलनिवासी है ऐसे अम्बेडकर जी मानते थे। चाहिए तो आप उनकी पुस्तके पढ़ सकते है।
हेंगसांग ने हिंदू धर्म की तारीफ की थी उन बातो को आपने अपनी वीडियो में बताई नहीं वैसे ही इसमें भी सिर्फ हिंदू विरोधी बताते रहे हो।
Hindu kohi darm nahi hai
आप दूसरे धर्मों की बुराई कर बेकार समय नष्ट करने की जगह पुनर्जन्म के बारे में बौद्ध धर्म क्या कहता है उसको तथ्यात्मक रूप से क्यों नहीं बताते हैं?आपका प्रवचन काफी बोरिंग व उबाउ होता है।
𝓝𝓪𝓶𝓸 𝓫𝓾𝓭𝓭𝓱𝓪𝔂 🙏🙏🙏
Amithofo 🙏🙏🙏
🌷❤️ :: Mettacettana.
Sadhu ,,, 🛐 🙏
Sadhu ,,, 🛐 🙏
Sadhu ... 🛐 🙏
Mahabharat to kalpnik hai usame sathi pratha kaha ati hai
अंबेडकर कर जी ने मुस्लिम समाज में होने वाला जातिवाद पर भी लिखा है उसके बारे में कभी बोला करो
अफगानिस्तान,पाकिस्तान में बौद्ध मूर्ति किसने तोड़ी, और अफगानिस्तान, पाकिस्तान बांग्लादेश में कितने बौद्ध बचे हैं।
सती प्रथा कभी सनातन संस्कृति की परम्परा नहीं थी, नहीं तो राजा दशरथ के देहवास के बाद तीनों रानी किसी ने भी प्राण नहीं त्यागे। महाभारत में राजा पांडु के बाद रानी कुंती कहा सती गई ।
Exceptions are there. Lekin Vedas main clearly sati pratha ka mention h. Sati ke kai example h. I can refer to Vedas slokas.
सनातन बुद्ध ने बौद्ध धम्म को कहा है
ब्राह्मणेने उसि सब्दका स्तमल किय है
आप पुस्तक से सिर्फ गलत बाते बता रहे है, कुछ श्लोकाओ का अर्थ अलग होता मगर उसके पहिला वाला रेफरेंस नहीं बताते इससे सही बातो को गलत साबित करते हो।जो हिंदू विरोधी लेखक है उनकी पुस्तको का रेफरेंस दिया जाता है,उनका एजेंडा हिंदू धर्म को बदनाम करना है।
😂😂😂
हिन्दु क्य है बारतमे हिन्दु नाम क कोहिबी दर्म नहि है हा ब्राह्मण दर्म जरुर है लेकिन ब्राह्मणेने अपन मुल सिदन्त को त्यग दिय है
ओर बौद्ध जातक कथाको अपना नया दन्धा बनलिय ब्राह्मणेने
जेस रामयन महाबरत गित जेस काल्पनिक फर्जी कहानी बारतियोपर थोपनेकि नकाम कोसिस कर रा है ब्राह्मण वादी लोग
Sadhu g Kabir , Nanak , Paltu , Tulsi sahib , Guru Amardas , Guru Ramdas , bhagwan shri kirshan sab nai purv Janam k karmo k sidhant ko mana hai
Ek baap k do bete hai samanya parvarish Hui samanya mahol mai rahe
Par ek karodhi kapti or lalchi hota hai dusre k vichar sanyasio jaise hai aap yai shiksha budha ki nahi de rahe
Baba saheb ki de rahe hai
Baba saheb nai budha k shabdo ko tod marod kar pesh kiya hai baba saheb koi sant nahi the vo ek shudh rajnetik the or dham k bare Mai vi kuch nhi jante the baki Kabir Sai bda koi sant nhi hua
Usne bhi karmo k sidhant ko mana hai sanchit kirya man or varatman bharat ki adhyatmikta bahut hi uchi hai
Budh bhi vha nhi pahuch pae the isliye budh bharat mai apna parchar nhi kar sake
Keval shant ho Jana hi adhyatmikta nhi hai
Murda sharir bhi shant hota hai jagran ,Vivek, dya or anek adi guno Sai bharpur sant samay Ane par run mai bhi lad sakta hai aag or Pani dono. Sant or sipahi dono
Bhagwan Kirshan or guru Gobind Singh mai ye dono the
Ve param sant the
Bandagi. Bandagi.
Hahahaha 😂😂😂😂😂😂
Jab punarjanma hota hi nahin aur vartman janma hi pehla aur antim janma mante ho to karma siddhant kahan se aa gaya.
Baba sant nehi Thai sud Raj neta Thai bud Sai tulna mat kro
बाबा झूठ बोल रहा है
श्रीमद भगवत गीता के नुसार वर्ण कर्म के हिसाब से है।
के बारे में लिखा वो भी तो कभी पढ़ो।
😂😂😂😂
गित तो धम्मपद क नकल है
उस्का पडने से क्य फैद
@@RLP90Gdpy-qv8jtमा.. चौ.. पूरे वेद पुराणो उपनिषद गीता आदि की नकल की थी बौद्धिष्टों ने बुद्ध के 400 साल बाद।
पूरे 100% नकल वेद पुराणों उपनिषद गीता आदि की नकल की थी बौद्धों ने 125 ईशापूर्व में।
@@RLP90Gdpy-qv8jtबुद्ध ने खुद वेद गीता की नकल की थी। 😂😂😂😂
हर घर अंबेडकर ऑडियोबुकth-cam.com/video/b-4K4aYSd8o/w-d-xo.htmlsi=Z1L7RdBBy1u6AL-O
Bahut hi zehreela aadmi hai ....iska bas chale to ye bhi bol de ki ..buddha bharat ke hai hi nahi. ....mahashay ..buddha aapki nizi sampatti nahi hai....buddha mahavir guru Nanak krishna aadi sab Bhartiyo ke hai. ..inhe apni jagir samajh baithe ho.
Namo buddhay 🙏🙏🙏