हर हर महादेव सभी हिंदू भाई ध्यान दें। यदि आप चाहते हैं कि संस्था आपके लिए शास्त्रों में शोध अनुसंधान करके धर्म के गंभीर विषयों को आपके समक्ष रखे तो आप कृपया संस्था को सहयोग करें। संस्था को पुस्तकालय निर्माण के लिए धन की बहुत आवश्यकता है। संस्था को दान करने पर 80जी के तहत आप टैक्स में छूट भी पा सकते हैं। Name- JAGADGURU SHANKARACHARYA SANATANDHARMA SANRAKSHAN NYAS PhonePe, GooglePay, Paytm UPI No. 8439945763 किसी भी जानकारी के लिए संस्था के इस नंबर पर संपर्क करें। 8439945762
3:45 शूद्रों के संस्कारों में मंत्र बोलना वर्जित है केवल क्रिया करनी है ताकी शूद्रों से दक्षिणा भी मिलती रहे और उनका शोषण भी होता रहे | जयतु सनातन धर्मः
गर्व से इतना शूद्र शब्द का उपयोग इसलिए कर रहें हैं न महात्मा क्योंकि अभी आप ब्राह्मण होने का राज भोग रहे हो। लेकिन जाति का देहाभिमान आपको भी कहीं अगले जन्म में शुद्र ही न बना दे । कृष्ण प्रभु जी से थोड़ा डरो आप । बहुत गर्व गर्त में जाने का कारण बनता है। भगवदगीता श्री में भगवान कृष्ण प्रभु ने कहा है, की जो भी व्यक्ति स्त्री हो या पुरुष कृष्ण भावनाभावित हो जाता वो चारों वर्णों से भी ऊपर हो जाता । क्योंकि उसने मेरी भक्ति स्वीकार किया है। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।❤ सब श्री कृष्ण जू की भोलेनाथ की भक्ति करें। और किसी को नाम मात्र का ही सम्मान दें। विशेष कर ढोंगी ब्राह्मणों को।
@@honeyvlog1540 shankaraachaary manusmriti ke hisab se chalana chahte hai...isi liye congress ko vote deta hu me!... Manusmriti ke hisab se koi nahi chalega... Kyu ki aaj ki ladki pati ki naahi sunti ye manusmriti to dur ki baat, 😊
आप कर सकते भाई आप नाम भी ले सकते हैं भगवान का और इसके साथ ही कर्म भी करो भैया जैसे आप जी शूद्र जाति के हैं जैसे नाई हुए तो आपका कर्तव्य है कि आप ज्यादा से ज्यादा अपने नई समाज को शक्तिशाली बनाएं अगर आप दर्जी है तो भी अपने आप को शक्तिशाली बनाएं अगर आप चर्मकार है कभी अपने आप को शक्तिशाली बनाएं नहीं तो कम्युनिस्ट लोग पूरी व्यापार तंत्र पर खुद का कब्जा कर रहे हैं जब वापस लौटा गे तो मुस्लिम ईसाई आपके कार्यों पर कब्जा करके बैठ जाएगा कहीं का नहीं नहीं रहेंगे इस बात को समझो और ज्यादा से ज्यादा अपने समाज को शक्तिशाली बनाओ
गुरुदेव हर हर महादेव मेरी एक जिज्ञासा है कि राधा कृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा का नियम एवं सैयाधिवास वस्त्र आदिवास का क्रम क्या है कृपया बताएं मार्गदर्शन करें मेरा नाम शिव प्रसाद तिवारी है मध्य प्रदेश से
Guruji mera naam Raghavendra Kuttabadkar hain mera Varna Brahmin hain aur gotra kutchis hain mera upanayan sanskar hua hain lekin mein janeu nahi pehnta. Janeu dharan karne ki kya vidhi hain aur sandhyavadanam ki kya vidhi hain pura batayen
Bhai bhagvan ki koi jati nahi hoti kindu ram krishn ne us jati un mata pita ke madhyam se prakat huye the isliy vo unka vansh ho gya Kintu Shankar ji ishvar roop me sidhe prakat huye jese bhagvan Vishnu Brahma Isliy Inka vansh nahi hota
🙏🙏 प्रणाम जी मैं आपके श्राध वाली वीडियो मैं कल एक कंमेंट किये थे शायद आपने वो देखा नहीं मैं यहाँ पर भी पूछ लेता हूँ पिता के देहांत के बाद जो पुत्र प्रथम वार्षिक करता है वो बहुत परहेज मैं रहता है यानी एक तरह का सन्यास ही होता है वो तो इस एक साल मैं वो व्यक्ति पंडितगिरि का कार्य करेगा या नहीं करेगा चाहे वो हब्य हो या कब्य कृपा करके जरूर बताएँ महाराज दिनेश त्रिपाठी उत्तराखंड नैनीताल 🙏🙏
"Mahesh Sindhe aare Bhagvalto yahi ghatiya pan toh tere Sadatan tanatan ki khoobsurti hai aise hi Pol kholte raho rokna mat 😁😁🤣🤣 Varna aaj kal tere kuch Bhagvalte Leepa Poti karte hai tere Sadatan ki Khobsoorti Par😂"
Jiske muh se bhed bhav nikle awr Jo jati manusya manav ke evam Sabhi ke vikash me badhak ho Vah prathvi par chandal ke saman Hai use nast kar Dena chahiye Ye Main nahin kah raha hun parmatma ka aadesh hai jo Sabka baap hai jiske man me Bhed bhav hai awr samne wale Ko nicha dikhane ka bhav hai Apne ko mahaan awr dusre ko Tuch samjhe aysi jati manusya ke Pair itne asubh mane gaye Hain Ki vo jahan pair rakh den vah Bhumi yugon yugon tak nirdagi saf Pavitra nahin hoti isliye ayse jati Ya manav ko samaaj ke beech me Nahin rahne Dena chahiye Kam se Kam 100 meel ki duri honi chahiye eysa parmatma kahta hai
Koi shoodra nahin... Agar koi shoodra kah kr paribhashit karata hai to samaajik rahan sahan ke str se mulyankan kiye jaane pr, so called brahmin, kshatriya evm vaishyon mein bhi maha shoodra bhare pade hain.. Jinhain Manuvaadi sarkar ne 10% Aarakshan ka patra ghoshit kr paribhashit kr diya hai..... Theek isi prakar So called shoodron mein bhi brahmin, Kshatriya, Vaishya hain jinko uppur creemilayer ke roop mein paribhashit kiya hai....... Guno ke aadhar pr bhi So called shoodra auron ki tulana mein jyada pavitra evm Native Cuture ke sacche prahari hain.............
जय श्री राम 🙏 हर हर महादेव 🚩 जैसा कि आपने बताया कि,,,प्रणव ,, स्वाहा ॐ,स्वधा इन का नहीं करना चाहिए तों क्या यज्ञ में आहुतियां देते समय स्वाहा की जगह क्या बोलना है क्यों कि प्रत्येक मंत्र के बाद स्वाहा लगाकर ही आहुतियां दी जाती है
Varan hote hi nahin yadi hote hain to parmatma ne samaan rup se Sabhi ke sareer me diye Hain sabse bada sudra awr gandgi vo hai jahan se sabdon ka chayan Hua hai jo kahta hai vah ye kyon Nahin bolta ki ye gyaan me de Raha hun eysa hona chahiye ye Kyon kahte ho ki bramha ne kaha Bramhan to jitne manusya hai utne Hain ye kon bramhan hai jisne Ye gandgi fela rakhi jo jis jati ko Apne se chota samajhta hai usko Us jati dwara banaye khadya padarth va taral padarth ko nahin Khana chahiye kyonki vo gu khane Ke saman hai eysa Mai nahin Jisne sabko bheja hai vah kah raha Hai
@@niharramanandi9111तो फिर भीमटे ब्राह्मण से इतना द्वेष करके भी हर जगह यही पूछते क्यों फिरते हैं कि मैं दलित हूँ और मैं ब्राह्मण इसी जन्म में बनना चाहता हूँ? जैसे सुई की आंख से ऊँट निकालना! जो वर्ण समाज से ही नहीं आते😂😂😂😂
App eak advait guru hai , app pure hindu dhram kai bare mai nahi bole sakte , mere koi bhi shudra bahi jo shiva kai bhagat hai veershivasim aur kai shivaite philosophy hai jaise nath panth aur bhi hai app waha se deekha le sakte hai aur waha kai puja vidhi se puja kar sakte hai , aur tikh waise hi app vaishnav philosophy ko apna sakte hai jaise ki chaitnya mahaprabhu ki , Kripya app aise logo ki baat mai na aye , Sanatan dhram mai bahut panth hote hai , Jai shree Ram
Apko kuch pata ha I bedbiyas kon si jati ke hai or vedbiyas ko barahman hone ka darja nhi mila to vedo ko khandit kr faltu ka apne man se mangadan vedo.Ka anukar Mr diya kalyug me vedbiyas KO vagwan man kr vhagbat kakha kahte hai
वेद व्यास ने वेद नहीं लिखे😂 केवल उनका संकलन किया है! कभी विष्णु के सहस्त्र नाम पढ़े हैं? “व्यासाय विष्णु रूपाय व्यास रूपाय विष्णवे। नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नम:।। समझे? व्यास जी की तुलना विष्णु जी से की है। पिता का वर्ण ही संतान को मलता है माता का नहीं । व्यास जी की माता सत्यवती एक क्षत्राणी थीं जिनको एक मछुआरे ने पाला-पोसा था!
बोस्डेके तो भारत में जितने सुद्रा है ,उनको सनातन धर्म से अलग क्यों नही कर देते...? भीमराव अंबेटकर लंदन की संसद में गया था, और कहा था की जितने भी अछूत शुद्र है, उनको हिंदू धर्म से अलग कर दो.....,और ये कानून पास भी हो गया था, लेकिन कांग्रेस और ब्राह्मण वर्ग से बर्दास्त नही हुआ, काशी से कन्याकुमारी तक सवर्णों ने विरोध किया, गांधी ने अन्य जल त्याग दिया,....... तो कानून रद्द हो गया.....तो तुमलोग इतनी नफरत करते हो शुद्र से, तो हराम के पिल्ले,उनको इस धर्म से ही क्यों नही निकाल देते.... 300 साल गुलाम रहने के बाद भी औकात नही मानी.... 3000 हजार से 5000 मंदिर तोड़ दिए थे, मालिच्छो ने...और तुम कुछ नही कर पाए........tumper अंग्रेजो ने साधन किया,मुगलों ने शासन किया......मुझे लगता है ये तुम्हारे पापो का ही फल था, क्योंकि जो भारत , जो आर्यावर्त कभी विश्वगुरु था, जो हमेशा से ही ....जो आज से 2 हजार ,साल पहले, तक विश्वगुरु रहा, लेकिन बो 12,13। सदी में मुगलों का शिकार होने लगा, कारण था आर्यावर्त से वैदिक ब्राह्मणों का पतन और पापी और पाखंडी सवर्णों में वृद्धि....गुलामी कल में तुम्हारी 1 न चली, इस बीच में तुमने सारा गुस्सा सुद्रों पर थोपा...... सुध्र इतना नीच नही था, तुमलोग ने कुछ फर्जी ग्रंथो में नीच साबित करके नीच बनाया है.... आज देखो ,मालिछो को प्रमोट करने में सबसे आज ब्राह्मण ही है, नेहरू जैसे ही लोगो से भरा पड़ा है, ..... सुधर जाओ, भीमबादी विचारधारा रखने बालों अभी 5 से 10% शुद्र होंगे, बाकी 90% शुद्र आज भी सनातन धर्म को मानता है, और भारत में हिंदुओं की जनसंख्या का 70% हिस्सा sudra hai, और तुम लोग कहोगे कि शुद्र नीच होता है, संबंध मत बनाओ.....,तो जिस दिन ये लोगों में विश्वास आ गया की शुद्रो से ये धर्म घृणा करता है, us din Bo dharm ko छोड़ना चालू कर देंगे, उस दिन तुम कश्मीर में जैसे मुस्लिमों ने निर्दोष कश्मीरी लोगो को काट दिया था बो यह भी कुछ नही कर पाओगे..... चूंकि हमे पता, sudro को भी पता है की सनातन धर्म में sudro के साथ vesa vedbhaw , ya vesa नीच नही है, जितना ये पाखंडी ब्राह्मण समझते है, तो बो ...आज भी सनातन से बंधे है, लेकिन तुम जैसे लोग sudro को नीच मैनेज , अति करेंगे तो शुद्र मजबूरी में धर्म ,त्यागे ga कन्वर्ट होगा, उसके दोषी तुम लोग होगे, बो sudra to apna patan karoge, marenge hi aur tum bhi मरोगे.... सुधर जाओ नलायको.... ये नियति सबको अपने कर्मो की सजा देती है। अगर किसी को धर्म कन्वर्ट करना है तो कर लेने देना, रही बात सत्य की तो जिस सुद्र ने धर्म बदला नुकसान उसका होगा, तेरा तो होगा नही, तो तेरे को क्या मतलब, फिर फाड़ती है जब धर्म कन्वर्जन होता है।
आप को ठीक से धर्मशास्त्र पड़ने चाहिए। जाति जन्म से होती है न कर्म से। एक पुरुष एक दिन मे ही सभी वर्ण के कार्यो का समय समय पर आचरण करता है। तो क्या उसकी जाती हर समय बदलती रहेगी। ऋग्वेद का तीसरा मण्डल के ऋषि विश्वामित्र भी अपनी जाती नही बदल सके थे। जिसके लिए वे 1000 वर्ष तप तक किये थे। पांडव ने अज्ञात काल समय शुद्र कर्म भी किये :- पशु चारे, किसान बने, शिल्पी कार्य किये, और पांचाल देश मे शुद्र के काम किये। अष्टाध्यायी के 4th अध्याय मे वर्ण व्यवस्था दी है। :- ब्राह्मण> क्षत्रिय> वैश्य> शूद्र पांचवा वर्ण :- आंतजय(अछूत/दलित) , विधर्मी, नास्तिक, यवन ( जाट/ गुज्जर) मुस्लिम, सारे विदेशी, म्लेछ सभी को इसी वर्ण मे रखा था
हर हर महादेव
सभी हिंदू भाई ध्यान दें।
यदि आप चाहते हैं कि संस्था आपके लिए शास्त्रों में शोध अनुसंधान करके धर्म के गंभीर विषयों को आपके समक्ष रखे तो आप कृपया संस्था को सहयोग करें। संस्था को पुस्तकालय निर्माण के लिए धन की बहुत आवश्यकता है। संस्था को दान करने पर 80जी के तहत आप टैक्स में छूट भी पा सकते हैं।
Name- JAGADGURU SHANKARACHARYA SANATANDHARMA SANRAKSHAN NYAS
PhonePe, GooglePay, Paytm
UPI No. 8439945763
किसी भी जानकारी के लिए संस्था के इस नंबर पर संपर्क करें।
8439945762
शूद्र दान दे सकता है कि नहीं 😊
3:45 शूद्रों के संस्कारों में मंत्र बोलना वर्जित है केवल क्रिया करनी है ताकी शूद्रों से दक्षिणा भी मिलती रहे और उनका शोषण भी होता रहे | जयतु सनातन धर्मः
गर्व से इतना शूद्र शब्द का उपयोग इसलिए कर रहें हैं न महात्मा क्योंकि अभी आप ब्राह्मण होने का राज भोग रहे हो। लेकिन जाति का देहाभिमान आपको भी कहीं अगले जन्म में शुद्र ही न बना दे । कृष्ण प्रभु जी से थोड़ा डरो आप । बहुत गर्व गर्त में जाने का कारण बनता है। भगवदगीता श्री में भगवान कृष्ण प्रभु ने कहा है, की जो भी व्यक्ति स्त्री हो या पुरुष कृष्ण भावनाभावित हो जाता वो चारों वर्णों से भी ऊपर हो जाता । क्योंकि उसने मेरी भक्ति स्वीकार किया है।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।❤
सब श्री कृष्ण जू की भोलेनाथ की भक्ति करें।
और किसी को नाम मात्र का ही सम्मान दें।
विशेष कर ढोंगी ब्राह्मणों को।
@@honeyvlog1540 shankaraachaary manusmriti ke hisab se chalana chahte hai...isi liye congress ko vote deta hu me!... Manusmriti ke hisab se koi nahi chalega... Kyu ki aaj ki ladki pati ki naahi sunti ye manusmriti to dur ki baat, 😊
प्रणाम करता हूँ🙏🙏🙏🙏🙏
har har mahadev 🙏🏻
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम
Jay Shree Radheshyam
आचार्य जी सत शूद्र और असत शूद्र की क्या परिभासा हे?क्या भेद हे?
explain in a video
अन्त्यजों को छोड़कर बाकी के सभी सत् शूद्र हैं ।
अथवा जिनके यहां द्विज जाति जन जलादि ग्रहण कर लेते हैं वे सत्शूद्र हैं अन्य सभी असद् शुद्र हैं।
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
Satkarm karne wale dharm ka kaam karne wale aur a sat shudra jo dharam se Lena Dena nahi rakhte bas khane pine se indriya bhog se matlab rakhte hai
बताएं हैं
हर हर महादेव 🙏
आपसे एक प्रश्न है । धर्म - कर्म - जाति और मर्यादा में कौन बडि है अगर आप ब्राह्मण है तो इस प्रश्न का उत्तर देना
बड़ी से आपका क्या तात्पर्य है? नि:संदेह स्वधर्म (आश्रम धर्म + वर्ण धर्म + आपद् धर्म) का पालन करना ही धर्म की रक्षा करना है और वही सर्वोपरि है!
आचार्य जी को प्रणाम 🙏मै शूद्र हूँ। क्या मै मन की शांति के लिए आँख बंद करके ध्यान का अभ्यास कर सकता हूं?
गैर ब्रह्मण धर्म के अनुसार ध्यान लगाए, जैसे बुद्ध, जैन , सिख आदि।
@@shyamveersinghtomar2956 thoda aur vistar me samjhane ki kripa kare
@@lokeshverma8289 मै समझ चुका हूं तुम समझो
आप कर सकते भाई आप नाम भी ले सकते हैं भगवान का और इसके साथ ही कर्म भी करो भैया जैसे आप जी शूद्र जाति के हैं जैसे नाई हुए तो आपका कर्तव्य है कि आप ज्यादा से ज्यादा अपने नई समाज को शक्तिशाली बनाएं अगर आप दर्जी है तो भी अपने आप को शक्तिशाली बनाएं अगर आप चर्मकार है कभी अपने आप को शक्तिशाली बनाएं नहीं तो कम्युनिस्ट लोग पूरी व्यापार तंत्र पर खुद का कब्जा कर रहे हैं जब वापस लौटा गे तो मुस्लिम ईसाई आपके कार्यों पर कब्जा करके बैठ जाएगा कहीं का नहीं नहीं रहेंगे इस बात को समझो और ज्यादा से ज्यादा अपने समाज को शक्तिशाली बनाओ
@@lokeshverma8289 bhagwan ka naam jap kariye
हर हर महादेव
सभी हिंदू हैं बस सबको सब अधिकार है
हर हर महादेव।
नारायण नारायण 💐🙏
गुरुदेव हर हर महादेव मेरी एक जिज्ञासा है कि राधा कृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा का नियम एवं सैयाधिवास वस्त्र आदिवास का क्रम क्या है कृपया बताएं मार्गदर्शन करें मेरा नाम शिव प्रसाद तिवारी है मध्य प्रदेश से
Guru. Ji. Mai. Gadariya. Jati. Se. Hoo. Ham. Janeo. Pahan. Sakte. Hai
Har har Mahadev
Jay shri rama
Guruji mera naam Raghavendra Kuttabadkar hain mera Varna Brahmin hain aur gotra kutchis hain mera upanayan sanskar hua hain lekin mein janeu nahi pehnta. Janeu dharan karne ki kya vidhi hain aur sandhyavadanam ki kya vidhi hain pura batayen
खुद से लिख लिए खुद से निर्णय, कम से कम दूसरों से जिनके बारे में लिखा है उससे पूछ तो लिया होता,
Pandit ji raam ji chatriy the or kirisn ji yadab the to sankar ji kon si jati ke the.......🤔🤔🤔🤔🤔
Bhai bhagvan ki koi jati nahi hoti kindu ram krishn ne us jati un mata pita ke madhyam se prakat huye the isliy vo unka vansh ho gya
Kintu Shankar ji ishvar roop me sidhe prakat huye jese bhagvan Vishnu Brahma
Isliy Inka vansh nahi hota
🙏🙏 प्रणाम जी
मैं आपके श्राध वाली वीडियो मैं कल एक कंमेंट किये थे शायद आपने वो देखा नहीं मैं यहाँ पर भी पूछ लेता हूँ
पिता के देहांत के बाद जो पुत्र प्रथम वार्षिक करता है वो बहुत परहेज मैं रहता है यानी एक तरह का सन्यास ही होता है वो तो इस एक साल मैं वो व्यक्ति पंडितगिरि का कार्य करेगा या नहीं करेगा चाहे वो हब्य हो या कब्य
कृपा करके जरूर बताएँ महाराज
दिनेश त्रिपाठी
उत्तराखंड नैनीताल
🙏🙏
सामान्य रूप से कर सकते हैं।
JAY SWAMINARAYAN agar koi shudhra bhaktibhav vala ho or vo janeyu dharan karna chahtaho to kya kar sakta he
शुद्र के जनेऊ का विधान नही है उसे तुलसी माला धारण करना चाहिए
@@jsaps_orgkya wo rudraksh mala pehen shakta hain ?
@@rudraadityamandal6126 हा पहन सकता है
Shiv Shiv Shiv
पाखंडी गुरू घंटाल 😢
आज के technology वाले वख्त मे भी जात मे डूबे हुए लोग
Rajput aur yadav ki ldai suljha de🙏
Radhe2
नीलटो ईस वीडियो में भसड मत मचा देना बस
"Mahesh Sindhe aare Bhagvalto yahi ghatiya pan toh tere Sadatan tanatan ki khoobsurti hai aise hi Pol kholte raho rokna mat 😁😁🤣🤣
Varna aaj kal tere kuch Bhagvalte Leepa Poti karte hai tere Sadatan ki Khobsoorti Par😂"
Vyash khud soodra tha
Jiske muh se bhed bhav nikle awr
Jo jati manusya manav ke evam
Sabhi ke vikash me badhak ho
Vah prathvi par chandal ke saman
Hai use nast kar Dena chahiye
Ye Main nahin kah raha hun parmatma ka aadesh hai jo
Sabka baap hai jiske man me
Bhed bhav hai awr samne wale
Ko nicha dikhane ka bhav hai
Apne ko mahaan awr dusre ko
Tuch samjhe aysi jati manusya ke
Pair itne asubh mane gaye Hain
Ki vo jahan pair rakh den vah
Bhumi yugon yugon tak nirdagi saf
Pavitra nahin hoti isliye ayse jati
Ya manav ko samaaj ke beech me
Nahin rahne Dena chahiye Kam se Kam 100 meel ki duri honi chahiye
eysa parmatma kahta hai
यहाँ साम्यवादी का कोई काम नहीं
Koi shoodra nahin... Agar koi shoodra kah kr paribhashit karata hai to samaajik rahan sahan ke str se mulyankan kiye jaane pr, so called brahmin, kshatriya evm vaishyon mein bhi maha shoodra bhare pade hain.. Jinhain Manuvaadi sarkar ne 10% Aarakshan ka patra ghoshit kr paribhashit kr diya hai..... Theek isi prakar So called shoodron mein bhi brahmin, Kshatriya, Vaishya hain jinko uppur creemilayer ke roop mein paribhashit kiya hai....... Guno ke aadhar pr bhi So called shoodra auron ki tulana mein jyada pavitra evm Native Cuture ke sacche prahari hain.............
barahman aur sudra itna bhed aap kyu kar rhe hai
भेद तो अपौरुषेय वेदों में ही है पूर्व कर्मो के अनुसार ही तो वर्ण मिलता है!
जय श्री राम 🙏 हर हर महादेव 🚩
जैसा कि आपने बताया कि,,,प्रणव ,, स्वाहा ॐ,स्वधा इन का नहीं करना चाहिए
तों क्या यज्ञ में आहुतियां देते समय स्वाहा की जगह क्या बोलना है
क्यों कि प्रत्येक मंत्र के बाद स्वाहा लगाकर ही आहुतियां दी जाती है
Varan hote hi nahin yadi hote hain to parmatma ne samaan rup se
Sabhi ke sareer me diye Hain sabse bada sudra awr gandgi vo hai jahan se sabdon ka chayan
Hua hai jo kahta hai vah ye kyon
Nahin bolta ki ye gyaan me de
Raha hun eysa hona chahiye ye
Kyon kahte ho ki bramha ne kaha
Bramhan to jitne manusya hai utne
Hain ye kon bramhan hai jisne
Ye gandgi fela rakhi jo jis jati ko
Apne se chota samajhta hai usko
Us jati dwara banaye khadya padarth va taral padarth ko nahin
Khana chahiye kyonki vo gu khane
Ke saman hai eysa Mai nahin
Jisne sabko bheja hai vah kah raha
Hai
Shoodra sanskarvihin hote hai.
bramhan me to jaise hire jade hote hai na
@@niharramanandi9111तो फिर भीमटे ब्राह्मण से इतना द्वेष करके भी हर जगह यही पूछते क्यों फिरते हैं कि मैं दलित हूँ और मैं ब्राह्मण इसी जन्म में बनना चाहता हूँ? जैसे सुई की आंख से ऊँट निकालना! जो वर्ण समाज से ही नहीं आते😂😂😂😂
App eak advait guru hai , app pure hindu dhram kai bare mai nahi bole sakte , mere koi bhi shudra bahi jo shiva kai bhagat hai veershivasim aur kai shivaite philosophy hai jaise nath panth aur bhi hai app waha se deekha le sakte hai aur waha kai puja vidhi se puja kar sakte hai , aur tikh waise hi app vaishnav philosophy ko apna sakte hai jaise ki chaitnya mahaprabhu ki ,
Kripya app aise logo ki baat mai na aye , Sanatan dhram mai bahut panth hote hai ,
Jai shree Ram
Apko kuch pata ha I bedbiyas kon si jati ke hai or vedbiyas ko barahman hone ka darja nhi mila to vedo ko khandit kr faltu ka apne man se mangadan vedo.Ka anukar Mr diya kalyug me vedbiyas KO vagwan man kr vhagbat kakha kahte hai
वेद व्यास ने वेद नहीं लिखे😂 केवल उनका संकलन किया है! कभी विष्णु के सहस्त्र नाम पढ़े हैं? “व्यासाय विष्णु रूपाय व्यास रूपाय विष्णवे। नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नम:।। समझे? व्यास जी की तुलना विष्णु जी से की है। पिता का वर्ण ही संतान को मलता है माता का नहीं । व्यास जी की माता सत्यवती एक क्षत्राणी थीं जिनको एक मछुआरे ने पाला-पोसा था!
शुद्र और मलेच्छो से कोई संबंध नही बनाने चाहिए
बोस्डेके तो भारत में जितने सुद्रा है ,उनको सनातन धर्म से अलग क्यों नही कर देते...?
भीमराव अंबेटकर लंदन की संसद में गया था, और कहा था की जितने भी अछूत शुद्र है, उनको हिंदू धर्म से अलग कर दो.....,और ये कानून पास भी हो गया था, लेकिन कांग्रेस और ब्राह्मण वर्ग से बर्दास्त नही हुआ, काशी से कन्याकुमारी तक सवर्णों ने विरोध किया, गांधी ने अन्य जल त्याग दिया,.......
तो कानून रद्द हो गया.....तो तुमलोग इतनी नफरत करते हो शुद्र से, तो हराम के पिल्ले,उनको इस धर्म से ही क्यों नही निकाल देते....
300 साल गुलाम रहने के बाद भी औकात नही मानी....
3000 हजार से 5000 मंदिर तोड़ दिए थे, मालिच्छो ने...और तुम कुछ नही कर पाए........tumper अंग्रेजो ने साधन किया,मुगलों ने शासन किया......मुझे लगता है ये तुम्हारे पापो का ही फल था, क्योंकि जो भारत , जो आर्यावर्त कभी विश्वगुरु था, जो हमेशा से ही ....जो आज से 2 हजार ,साल पहले, तक विश्वगुरु रहा, लेकिन बो 12,13। सदी में मुगलों का शिकार होने लगा, कारण था आर्यावर्त से वैदिक ब्राह्मणों का पतन और पापी और पाखंडी सवर्णों में वृद्धि....गुलामी कल में तुम्हारी 1 न चली, इस बीच में तुमने सारा गुस्सा सुद्रों पर थोपा...... सुध्र इतना नीच नही था, तुमलोग ने कुछ फर्जी ग्रंथो में नीच साबित करके नीच बनाया है....
आज देखो ,मालिछो को प्रमोट करने में सबसे आज ब्राह्मण ही है, नेहरू जैसे ही लोगो से भरा पड़ा है, .....
सुधर जाओ, भीमबादी विचारधारा रखने बालों अभी 5 से 10% शुद्र होंगे, बाकी 90% शुद्र आज भी सनातन धर्म को मानता है, और भारत में हिंदुओं की जनसंख्या का 70% हिस्सा sudra hai, और तुम लोग कहोगे कि शुद्र नीच होता है, संबंध मत बनाओ.....,तो जिस दिन ये लोगों में विश्वास आ गया की शुद्रो से ये धर्म घृणा करता है, us din Bo dharm ko छोड़ना चालू कर देंगे, उस दिन तुम कश्मीर में जैसे मुस्लिमों ने निर्दोष कश्मीरी लोगो को काट दिया था बो यह भी कुछ नही कर पाओगे.....
चूंकि हमे पता, sudro को भी पता है की सनातन धर्म में sudro के साथ vesa vedbhaw , ya vesa नीच नही है, जितना ये पाखंडी ब्राह्मण समझते है, तो बो ...आज भी सनातन से बंधे है, लेकिन तुम जैसे लोग sudro को नीच मैनेज , अति करेंगे तो शुद्र मजबूरी में धर्म ,त्यागे ga कन्वर्ट होगा, उसके दोषी तुम लोग होगे, बो sudra to apna patan karoge, marenge hi aur tum bhi मरोगे....
सुधर जाओ नलायको.... ये नियति सबको अपने कर्मो की सजा देती है।
अगर किसी को धर्म कन्वर्ट करना है तो कर लेने देना, रही बात सत्य की तो जिस सुद्र ने धर्म बदला नुकसान उसका होगा, तेरा तो होगा नही, तो तेरे को क्या मतलब, फिर फाड़ती है जब धर्म कन्वर्जन होता है।
आप को ठीक से धर्मशास्त्र पड़ने चाहिए।
जाति जन्म से होती है न कर्म से। एक पुरुष एक दिन मे ही सभी वर्ण के कार्यो का समय समय पर आचरण करता है। तो क्या उसकी जाती हर समय बदलती रहेगी। ऋग्वेद का तीसरा मण्डल के ऋषि विश्वामित्र भी अपनी जाती नही बदल सके थे। जिसके लिए वे 1000 वर्ष तप तक किये थे। पांडव ने अज्ञात काल समय शुद्र कर्म भी किये :- पशु चारे, किसान बने, शिल्पी कार्य किये, और पांचाल देश मे शुद्र के काम किये।
अष्टाध्यायी के 4th अध्याय मे वर्ण व्यवस्था दी है। :-
ब्राह्मण> क्षत्रिय> वैश्य> शूद्र
पांचवा वर्ण :- आंतजय(अछूत/दलित) ,
विधर्मी, नास्तिक, यवन ( जाट/ गुज्जर) मुस्लिम, सारे विदेशी, म्लेछ सभी को इसी वर्ण मे रखा था
हर हर महादेव
हर हर महादेव