स्वतंत्रता को सार्थक करने शक्ति का आधार चाहिए| rss song|by Manoj Kumar
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- เผยแพร่เมื่อ 5 ต.ค. 2024
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#मनोज_कुमार
रचनाकार - परम् श्रद्धेय स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी
गीत -
स्वतंत्रता को सार्थक करने शक्ति का आधार चाहिए।
भक्ति का आधार चाहिए॥
स्वर्गगंगा भी अरे भगीरथ
यत्नो से भूतल पर आती।
किन्तु शीश पर धारण करने
शिवशंकर की शक्ति चाहिए॥१॥
अमृत को भी लज्जित करती
समर्थ होकर प्राकृत वाणी
उन्मेषित करने सौरभ को
तुलसी की रे भक्ति चाहिए॥२॥
शीश कटाकर देह लड़ी थी
कौंडाणा पर गाज गिरी थी
कण-कण में चेतनता भरने
छत्रपती की स्फूर्ति चाहिए॥३॥
हिमगिरि शिखरों के कन्दर में
घुसे पड़े जो नाग भूमि में
उन सर्पों का मर्दन करने
कालियान्त की नीति चाहिए॥४॥
Very nice
❤❤
अति सुन्दर
👌👌
अद्भुत गायन
सुंदर
बहुत सुंदर गीत भैया
बहुत सुंदर भैया 😊
जय सियाराम
शक्ति ही सनातन की आधारशिला है,और स्वतन्त्रता सनातन का आभूषण।🎉🎉
बहुत सुन्दर
धन्यवाद गुरूजी ❣️