यह ग़म में डूबा हुआ गीत है। .... यह प्याला शराब का, बन गया लहू ..... यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा .... मेरा ग़म कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा। आनंद बक्शी की बेजोड़ रचना और सचिन देव बर्मन के अद्भुत संगीत में आपने अपनी जो आवाज़ दी है, वह किसी भी तरह से किशोर दा से कम नहीं है। गीत तब सुनने लायक होता है जब उसमें अभिव्यक्त की गई वेदना और पीड़ा श्रोता तक पहुंचे। इस दृष्टि से अत्यंत सराहनीय प्रस्तुति।
सुपर से भी ऊपर विवेक किशोर कुमार ❤❤❤ मज़ा आ गया भाई। 👏👏👏 One of my all time favourite songs. Very difficult song though looks simple...you matched every beat perfectly ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
सदाबहार । किशोर दा।
अति सुन्दर प्रस्तुति 🎉🎉
Thanks brother
यह ग़म में डूबा हुआ गीत है। .... यह प्याला शराब का, बन गया लहू ..... यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा .... मेरा ग़म कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा। आनंद बक्शी की बेजोड़ रचना और सचिन देव बर्मन के अद्भुत संगीत में आपने अपनी जो आवाज़ दी है, वह किसी भी तरह से किशोर दा से कम नहीं है। गीत तब सुनने लायक होता है जब उसमें अभिव्यक्त की गई वेदना और पीड़ा श्रोता तक पहुंचे। इस दृष्टि से अत्यंत सराहनीय प्रस्तुति।
धन्यवाद निगम सर
बहुत ही बढ़िया गाया है भाई। अति सुन्दर ❤
Thanks da....your wish
Super ❤
Thanks. After a very long time
Bahut badhiya
Thanks bhai
सुपर से भी ऊपर विवेक किशोर कुमार ❤❤❤ मज़ा आ गया भाई। 👏👏👏 One of my all time favourite songs. Very difficult song though looks simple...you matched every beat perfectly ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Thanks for the encouragement and constant support brother
From 1974 to 2024 , it's 50 years 🎉. Who is singing, I am confused 😂.
🎉🥁🥳🎵🎶🎙️📻📺📽️📹🎥🎧🎤🪗🪘🎻🪕🎸🎺
Hahahaha....thank you babu