।।मुक्तक छंद कविता।।:+:ना घर तेरा ना घर मेरा, ये जग सारा रैन वसेरा। खाली पडा होगा पिजडा तेरा, उड जायेगा हंस अकेला।।00।।झूठी सारी दुनिया है, झूठी तेरी शान, पल भर मे ढह जायेगा यह, रैन के समान है। कहत कबीर जी बात सुन सांची, सारशबद ही है अटल अविनाशी।।01।।जाना पडेगा सबको यह दुनिया छोड़कर, रिस्ते सारे दुनिया के, एक पल मे तोडकर। कहत कबीर जी बात सुन सांची, सहज समाधि योग से मिलते अविनाशी।।02।।साँई अरुण जी कमाल भी सतसंग उचारे, सुरति शबद का कर रहे सोच विचारे। तेरा आवागमन भी मिट जाय प्यारे, जब सत साहेब कबीर जी सारशबद तेरे चित्त मे उतारे।।03।।कामी क्रोधी लालची इनसे भगती ना होय, भगति करे कोई संत सूरमा, जो जाति वर्ण कुल खोय,,अपने चित्त मे सारशबद अखण्ड समोय।।04।।कहत सालिकराम मेरी बात सुनो सांची, परमपिता जी ही अटल अजर अमर अविनाशी। संतो ने भी कह गये,जागो जागो सकल जगत के निवासी--ना घर तेरा ना घर मेरा--।।05।।,,साँई अरुण जी कमाल मोबाइल नंबर-9158583999को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
जय श्री राधे
Satnam
बहुत सुन्दर प्रसंग 🙏🙏🙏
Nice 👍 satnam bandagi shyab
Bahut satya, sunder
बहुत सुंदर प्रसंग 👌
राम राम राम राम
Satsahibji guruji
सुंदर कथा
सुंदर
बहुत ही प्रेरणादायक कहानी
megh ऋषि बुनकर❤❤❤❤❤
सुंदर प्रसंग.. ❤️💐
Kabir shahib ki jay ho
कमाल कमाली कबीर साहेब की पुत्र पुत्री नहि है क्योकि उन्होने मादी नहि की कमाल कमाल दोनो शिष्य थे ।
बहुत ही सुंदर 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
कबीर साहब के न कोई पुत्र था और न ही कोई पुत्री । सब मनगढ़ंत कहानियां हैं। कबीर साहब तो विरागी महापुरुष थे।
❤❤
RadhayRadhay🌹🌹🙏🙏🦚🦚
Very nice..sister...
🙏🎉🙌
Very inspiring, thanks for uploading.
Very nice
Bahrm jany so hi bhraman deh.abhiman chandal
Kamal Kamali kabir sisya the Satya puruse Saadi nahi karte satsaheb
संत अक्सर गृहस्थ धर्म का पालन करते हैं।
Vo sant nahi hai bhagwan hai
Mata Kamali and mata loe and Kamal kabir saheb ke sisya the. Saheb ke pass rahate the saheb bandgi
तुम लोगों को और कोई काम नहीं है क्या? शिक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए
।।मुक्तक छंद कविता।।:+:ना घर तेरा ना घर मेरा, ये जग सारा रैन वसेरा। खाली पडा होगा पिजडा तेरा, उड जायेगा हंस अकेला।।00।।झूठी सारी दुनिया है, झूठी तेरी शान, पल भर मे ढह जायेगा यह, रैन के समान है। कहत कबीर जी बात सुन सांची, सारशबद ही है अटल अविनाशी।।01।।जाना पडेगा सबको यह दुनिया छोड़कर, रिस्ते सारे दुनिया के, एक पल मे तोडकर। कहत कबीर जी बात सुन सांची, सहज समाधि योग से मिलते अविनाशी।।02।।साँई अरुण जी कमाल भी सतसंग उचारे, सुरति शबद का कर रहे सोच विचारे। तेरा आवागमन भी मिट जाय प्यारे, जब सत साहेब कबीर जी सारशबद तेरे चित्त मे उतारे।।03।।कामी क्रोधी लालची इनसे भगती ना होय, भगति करे कोई संत सूरमा, जो जाति वर्ण कुल खोय,,अपने चित्त मे सारशबद अखण्ड समोय।।04।।कहत सालिकराम मेरी बात सुनो सांची, परमपिता जी ही अटल अजर अमर अविनाशी। संतो ने भी कह गये,जागो जागो सकल जगत के निवासी--ना घर तेरा ना घर मेरा--।।05।।,,साँई अरुण जी कमाल मोबाइल नंबर-9158583999को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
Nice
Nice
आप ने लीखा हैं क्या ये
@@aapkashubhchintak2070 जी।
😊😊😊😊😊😊
जल रो भेद बताओ ब्रम्हज्ञानी
Kabir ke koi beti beta nahi hai
th-cam.com/users/lived5pYTcsGzIc?si=vXE6f9Ov4wapFj4l Divine Manoj Bhaiyaji sache puran satguru
ब्राह्मण पानी पीने के बाद घर पहुंचता है
RadhayRadhay🙏🙏🌹🌹🦚🦚
Very good