जाने कैसा मौसम गुज़रा मेरे मन के भीतर बाहर ?

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  • เผยแพร่เมื่อ 22 ต.ค. 2024
  • जाने कैसा मौसम गुजरा मेरे मन के भीतर बाहर ना तो गुप्पअंधेरा ही है ना ही साफ़ दिखाई देता।

ความคิดเห็น • 1

  • @matrixmenmeister
    @matrixmenmeister ปีที่แล้ว

    आपको शत शत नमन! जब जब आपके द्वारा रचित ये रचनाएं सुनता हूं, हृदय आपके समक्ष नतमस्तक हो जाता है।