Sun tample ।।Pithoragarh।। Devalthal ,Chopta ।। सूर्य मंदिर।। पिथौरागढ़।। देवलथल, चौपाता।।Deepak sing

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  • เผยแพร่เมื่อ 22 ส.ค. 2024
  • जिला पिथौरागढ़ की डीडीहाट तहसील में देवलथल के निकट चौपाता गाँव में सूर्य मन्दिर है। पिथौरागढ़ देवलथल मोटरमार्ग वाया मसूरैगाड़ से चौपाता तक बस अथवा जीप से पहुँचा जा सकता है। चौपाता ग्राम के मध्य सड़क से मात्र 250 मी. की दूरी पर मन्दिर विद्यमान हैं। चौपाता ग्राम के सूर्य मन्दिर की तलछन्द योजना में सामान्य वर्गाकार गर्भगृह के सामने आयताकार अन्तराल निर्मित किया गया है। गर्भगृह और अन्तराल की दीवारें सादी हैं। गर्भगृह में प्रतिमा स्थापित किये जाने हेतु पीठिका बनाई गई है। गर्भ में रखी प्रतिमा पीठिका के अनुसार बड़ी है। परन्तु इस प्रतिमा को स्थापित किये जाने हेतु पीठिका की माप अलग है। अर्थात यह प्रतिमा किसी अन्य देवालय से उठाकर रखी गई है (प्रतिमा के अनुसार सूर्य मन्दिर कहा जाना सम्भव नहीं है)।
    गर्भगृह की बाहरी माप 2.04 x 2.04 मी. है। मन्दिर की ऊर्ध्वछन्द योजना में सामान्य प्रसादपीठ पर जाड्यकुम्भ कर्णिका, कलश, कुम्भ से सज्जित वेदीबन्ध बनाया गया है। उसके ऊपर दो भागों में विभक्त पंचरथ सादे जंघा के ऊपर कपोत पट्टी छाद्य और सादा अन्तर्पत्र छोड़कर नागर शैली का पंचरथ, चतुर्भूमि रेखा शिखर बनाया गया है। शिखर के कर्ण और प्रतिभद्र तीन-तीन भूमि आमलकों द्वारा सज्जित हैं। शीर्ष पर ग्रीवा के ऊपर आमलकसारिका शोभायमान है। मन्दिर का त्रिशाखा द्वार पूर्वाभिमुख है। इसका दाहिना द्वार शाखा भग्न है। ललाट विम्ब पर गणेश विराजमान हैं। शैली के अनुसार यह मन्दिर लगभग 11वीं सदी का है।
    मन्दिर के गर्भगृह में रखी हरे प्रस्तर में निर्मित सूर्य की प्रतिमा 71 x 45 सेमी. माप की है। समपाद मुद्रा में खड़े द्विभुज सूर्य को किरीट मुकुट, कर्ण कुण्डल, कण्ठहार, ग्रैवेयक, उदरबन्ध, मेखला और कंकण से सज्जित दर्शाया गया है। वे चोलक और उपानह धारण किये हुए हैं। उनकी बाहों पर लहराता हुआ उत्तरीय प्रदर्शित है। योद्धाओं की सज्जा के अनुरूप उनके हाथों पर चढ़ा हुआ रक्षा-कवच दिखाया गया है। पत्रावली से अंलकृत उत्तरीय के दायें पार्श्व पर कटार बँधी हुई है। कन्धों तक उठे उनके दोनों हाथों में से दायाँ हाथ उनकी कोहनी के ऊपर नग्न है। बाएँ हाथ में फुल्ल पद्म शोभित है। चरण चौकी को पत्रावली द्वारा सजाया गया है। उनके सिर के पीछे पद्म प्रभामण्डल शोभायमान है।
    सूर्य के दोनों पार्श्वों वाम में दण्डी एवं दाएँ में पिंगल नामक गण चौरी धारिणी और नमस्कार मुद्रा मेें दोनों हाथ जोड़कर बैठी हुई उपासिकाएँ निरूपित हैं। दाएँ पार्श्व में त्रिभंग मुद्रा में खड़े कूर्चधारी उदीच्यवेशीय पिंगल के दाएँ हाथ में लेखनी और बायें में पत्र है। उनकी दाहिनी कोहिनी के नीचे मसिपात्र दर्शाया गया है। बायें पार्श्व में त्रिभंग में खड़े उदीच्यवेशीय दण्डी के हाथ मेें कृपाण शोभित है, बाँया हाथ कट्यावलम्बित है। चौरीधारिणी स्त्रियों की पहचान कदाचित सूर्य की पत्नियों से की जा सकती है। निचले वान पार्श्व में बैठी स्त्री के दाएँ हाथ में चौरी और वाम में पुष्प है। सूर्य की कोहनी के पार्श्व में निरूपित धनुष लेकर बैठी हुई स्त्रियों की पहचान उनकी अन्य दो स्त्रियों ऊषा एवं प्रत्यूषा से की जा सकती है। उनके पैरों के बीच में महाश्वेता देवी दर्शाई गई हैं। परिकर का उत्तरी सिरा पत्रावली से सज्जित है। उनके ऊपरी पार्श्वोंं में एक-एक मालाधारी विद्याधर दर्शाये गये हैं। परिकर के नीचे वाह्य पार्श्वों पर ब्याल, गज और शार्दूल निरूपित हैं। शैली के अनुसार यह प्रतिमा लगभग 10वीं सदी की प्रतीत होती है।

ความคิดเห็น • 33

  • @RawLifeTV
    @RawLifeTV 3 ปีที่แล้ว +1

    Bahut sundar prastuti

  • @its_garima0701
    @its_garima0701 3 ปีที่แล้ว +2

    Good job 💁💁

  • @APNAMANGAL
    @APNAMANGAL 3 ปีที่แล้ว +1

    Very nice and good ❤️❤️❤️

  • @jeewanjoshi4681
    @jeewanjoshi4681 3 ปีที่แล้ว +1

    ॐ सूर्याय नमः ।

  • @ayushmusicanddanceacademyu9485
    @ayushmusicanddanceacademyu9485 3 ปีที่แล้ว +1

    Nice 👍video

  • @singhyogi7124
    @singhyogi7124 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत खूब डिप्पु भाई

  • @user-qm2co7wd8p
    @user-qm2co7wd8p 3 ปีที่แล้ว +1

    Wow

  • @d.b.musicalgroupberinag6885
    @d.b.musicalgroupberinag6885 3 ปีที่แล้ว +2

    Very good sir.

  • @narendersinghbora8636
    @narendersinghbora8636 3 ปีที่แล้ว +1

    गुड बेटा बहुत अच्छे.......🤘🤘🤘

  • @latabhandari7888
    @latabhandari7888 3 ปีที่แล้ว +2

    Bora ji👍👌😁💐

  • @the_dreamgirl
    @the_dreamgirl 3 ปีที่แล้ว +2

    👌🙏

  • @atozvlogs9159
    @atozvlogs9159 3 ปีที่แล้ว +1

    Dipak sir ki Jay ho🙏

  • @user-lz1qk7wh5x
    @user-lz1qk7wh5x 3 ปีที่แล้ว +4

    ॐ सूर्याय नमः हमारी संस्कृति हमारी विरासत, देवभूमि उत्तराखंड की प्राचीन शिल्पकला को आपने इतिहास के स्रोतों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
    जयतु😊😊👍👍💐

    • @himalayanfolklore055
      @himalayanfolklore055  3 ปีที่แล้ว

      कोटि कोटि आभार गुरुवर

  • @manishasamant5032
    @manishasamant5032 3 ปีที่แล้ว +1

    👌🙏💛

  • @aayushbaba6924
    @aayushbaba6924 3 ปีที่แล้ว +1

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @tribhuwanbora3395
    @tribhuwanbora3395 3 ปีที่แล้ว +1

    🙏🙏🙏

  • @shakirali102
    @shakirali102 3 ปีที่แล้ว +2

    भाई बहुत गजब ❤️❤️ देवभूमि की बात ही अलग है 😊

  • @uttarakhandwallah4434
    @uttarakhandwallah4434 3 ปีที่แล้ว +3

    इस राज्य की धार्मिक धरोहरों को संरक्षित करने हेतु आपका योगदान, अतुलनीय है दीपक जी(उत्तराखंड का राजकुमार)...

  • @gauravpandeyvlogs6349
    @gauravpandeyvlogs6349 3 ปีที่แล้ว +1

    धरोहर को संरक्षित करने हेतु प्रयास करने चाहिए

  • @examinationseries
    @examinationseries 3 ปีที่แล้ว +2

    बढ़ा दुःख होता है ये देखकर की इन प्राचीन धरोहरों को बचाने हेतू सरकारे कोई कदम नही उठा रही। जिले में मौजूद कई प्राचीन धरोहर अब इसी तरह अपने अस्तिव को खोते जा रहे है।

    • @himalayanfolklore055
      @himalayanfolklore055  3 ปีที่แล้ว

      बहुत सही बात कही जोशी जी आपने यह एक सोचनीय विषय है और सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए

  • @onlineuk0530
    @onlineuk0530 3 ปีที่แล้ว +1

    शुक्रिया दीपक जी

  • @user-lz1qk7wh5x
    @user-lz1qk7wh5x 3 ปีที่แล้ว +4

    सरकार को इन धरोहरों को संरक्षित करना चाहिए।

  • @gauravpandeyvlogs6349
    @gauravpandeyvlogs6349 3 ปีที่แล้ว +1

    जय हो सुंदर लेकिन सूर्य मंदिर की हालत वर्तमान मे काफी जर्जर है सरकार एवं लोगों ने इस धरोहर को भविष्य मे सजोए रखने के लिए प्रयास करने चाहिए

    • @himalayanfolklore055
      @himalayanfolklore055  3 ปีที่แล้ว

      हा पांडेय जी लोगों को आगे आने के साथ साथ सरकार को भी इसे बचाने के कदम उठाए जिससे हमारे देव भूमि की पहचान बनी रहे और इसे भावी पीढ़ी भी समझ सके

  • @atozvlogs9159
    @atozvlogs9159 3 ปีที่แล้ว +1

    Dipak sir ki Jay ho🙏