Manglashtak Stotra मंगलाष्टक स्तोत्र Jain Stuti | JinvaniChannel
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- เผยแพร่เมื่อ 25 ต.ค. 2018
- Manglashtak Stotra मंगलाष्टक स्तोत्र Jain Stuti | JinvaniChannel Agamvani Channel
मंगलाष्टक स्तुति -- इस स्तुति में पंच परमेष्ठी , चौबीस तीर्थंकर भगवतों का प्रात: काल में वन्दन किया जाता है। संसारिक भोगों से आश्रित सज्जन इस स्तुति के पढ़ने और स्मरण करने से मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। सौभाग्य सम्पत्ति को प्रदान करने वाले इस जिनेन्द्र- मंगलाष्टक को जिनवाणी चैनल के माध्यम से प्रात: काल में दिखाया जाता है।
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अर्हन्तो भगवत इन्द्रमहिताः, सिद्धाश्च सिद्धीश्वरा,
आचार्याः जिनशासनोन्नतिकराः, पूज्या उपाध्यायकाः
श्रीसिद्धान्तसुपाठकाः, मुनिवरा रत्नत्रयाराधकाः,
पञ्चैते परमेष्ठिनः प्रतिदिनं, कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - इन्द्रों द्वारा जिनकी पूजा की गई, ऐसे अरिहन्त भगवान, सिद्ध पद के स्वामीऐसे सिद्ध भगवान, जिन शासन को प्रकाशित करने वाले ऐसे आचार्य, जैन सिद्धांत कोसुव्यवस्थित पढ़ाने वाले ऐसे उपाध्याय, रत्नत्रय के आराधक ऐसे साधु, ये पाँचोंमरमेष्ठी प्रतिदिन हमारे पापों को नष्ट करें और हमें सुखी करे!
श्रीमन्नम्र - सुरासुरेन्द्र - मुकुट - प्रद्योत - रत्नप्रभा-
भास्वत्पादनखेन्दवः प्रवचनाम्भोधीन्दवः स्थायिनः
ये सर्वे जिन-सिद्ध-सूर्यनुगतास्ते पाठकाः साधवः
स्तुत्या योगीजनैश्च पञ्चगुरवः कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - शोभायुक्त और नमस्कार करते हुए देवेन्द्रों और असुरेन्द्रो के मुकुटों केचमकदार रत्नों की कान्ति से जिनके श्री चरणों के नखरुपी चन्द्रमा की ज्योति स्फुरायमानहो रही है, और जो प्रवचन रुप सागर की वृद्धि करने के लिए स्थायी चन्द्रमा हैं एवंयोगीजन जिनकी स्तुति करते रहते हैं, ऐसे अरिहन्त, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधुये पांचों परमेष्ठी हमारे पापों को क्षय करें और हमें सुखी करें!
सम्यग्दर्शन-बोध-व्रत्तममलं, रत्नत्रयं पावनं,
मुक्ति श्रीनगराधिनाथ - जिनपत्युक्तोऽपवर्गप्रदः
धर्म सूक्तिसुधा च चैत्यमखिलं, चैत्यालयं श्रयालयं,
प्रोक्तं च त्रिविधं चतुर्विधममी, कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - निर्मल सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र ये पवित्र रत्नत्रय हैंश्रीसम्पन्न मुक्तिनगर के स्वामी भगवान् जिनदेव ने इसे अपवर्ग (मोक्ष) को देनेवाला कहा है इस त्रयी के साथ धर्म सूक्तिसुधा (जिनागम), समस्त जिन-प्रतिमा और लक्ष्मीका आकारभूत जिनालय मिलकर चार प्रकार का धर्म कहा गया है वह हमारे पापों का क्षयकरें और हमें सुखी करे!
नाभेयादिजिनाः प्रशस्त-वदनाः ख्याताश्चतुर्विंशतिः,
श्रीमन्तो भरतेश्वर-प्रभृतयो ये चक्रिणो द्वादश
ये विष्णु-प्रतिविष्णु-लांगलधराः सप्तोत्तराविंशतिः,
त्रैकाल्ये प्रथितास्त्रिषष्टि-पुरुषाः कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - तीनों लोकों में विख्यात और बाह्य तथा अभ्यन्तर लक्ष्मी सम्पन्न ऋषभनाथभगवान आदि 24 तीर्थंकर, श्रीमान् भरतेश्वर आदि 12 चक्रवर्ती, 9 नारायण, 9 प्रतिनारायणऔर 9 बलभद्र, ये 63 शलाका महापुरुष हमारे पापों का क्षय करें और हमें सुखी करे!
Thankyou for meaning❤
Meaning
नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु🙏🙏🙏
नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु भगवान👏👏👏
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JAIHO JAI Ho BHAGWAN 🙏🙏🙏
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Bahut hi sundar madhur dhavni ke sath
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Namostu bhagwan 🙏🙏🙏
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Jai jinendra
Namostu bhagwan
जैन धर्म की जय
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Namostu Gurudev 🙏🙏🙏
Jai Jinendra 🙏
NamoStu bhagwan ji
Jain dharam ki Jai ho
Manglashtak, making my everyday mangalmaya
Jai Ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai ho
Namostoo bagvan
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नमोस्तु भगवन नमोस्तु 🙏🙏
Namostu Bhagwan ji
Jai Jinendra
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Nirmal Jain
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Ji jinendra
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🙏 जय जिनेंद्र
Jay.jinendra
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Jai jinendre ji
Namoshtu Bhagwan🙏🙏🙏🙏🙏
Ye hr roj sunte hai bhahut santi Malta hai ji
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Jinavani channel is the super best he
बहुत ही सुंदर स्पष्ट उच्चारण मधुर आवाज के साथ सुनकर पूरा दिन मंगलमय रहता है🙏🙏🙏
Jai ho
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Namatu Namastu Bhagwan
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Heart touching voice
बहुत ही सुन्दर, स्पष्ट उच्चारण मधुर आवाज़ के साथ... सुनकर मन को शान्ति मिलती है... 🙏🙏🙏🙏
Man
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Nirmala jain thane kasely🙏🙏🙏 namostu namostu namostu mumbai
Nice voice 🙏🙏 jainam jayti shasnam
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अति मधुर सुरीली ताल सहित मनोहारी आवाज में हृदय को शांति पहुची।।
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Awesome
Namostu Bhagwan ji namostu gurudev
Jai jinendre
🙏🙏🙏🙏🙏
Namaste namaste namaste 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌷🌷🌷
Jai jimedar
ÑMOSTU ÑMOSTU ÑMOSTU BHAGWAN ĢÙŔUĎEV JAI Ho 🙏🙏🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र बहुत ही प्रभवाल और मधुर आवाज में गया है जो कई वर्षों तक जिन शासन की महिमा को लोगों तक पहुचायेगा और उनके जीवन कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा
जिनवानी चैनल का उपकार स्मरणीय रहेगा
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🙏🙏🙏🌷🌷
BAHUT BAHUT BAHUT SUNDAR
Shanti nath bhagwan ki jai 🙏🙏..24 trithankaro ki Jai 🙏🙏.. namastu aacharya ko 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏........ sabhi Muni or aarkiyon ki Jai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namostu bhagwan 🙏👏
JAIJINANDRA JI 🙏🙏
❤️🎉🙏 દાદા ભગવાન નાઅસીમ જય જય કાર હો ❤️🎉🎉🙏🙏🙏🙏🙏
ये सर्वौषध-ऋद्धयः सुतपसो वृद्धिंगताः पञ्च ये,
ये चाष्टाँग-महानिमित्तकुशलाः येऽष्टाविधाश्चारणाः
पञ्चज्ञानधरास्त्रयोऽपि बलिनो ये बुद्धिऋद्धिश्वराः,
सप्तैते सकलार्चिता मुनिवराः कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - सभी औषधि ऋद्धिधारी, उत्तम तप से वृद्धिगत पांच, अष्टांग महानिमित्तज्ञानी,आठ प्रकार की चारण ऋद्धि के धारी, पांच प्रकार की ज्ञान ऋद्धियों के धारी, तीनप्रकार की बल ऋद्धियों के धारी, बुद्धि ऋद्धिधारी ऐसे सातों प्रकारों के जगत पूज्यगणनायक मुनिवर हमारा मंगल करे!
ज्योतिर्व्यन्तर-भावनामरग्रहे मेरौ कुलाद्रौ स्थिताः,
जम्बूशाल्मलि-चैत्य-शखिषु तथा वक्षार-रुप्याद्रिषु
इक्ष्वाकार-गिरौ च कुण्डलादि द्वीपे च नन्दीश्वरे,
शैले ये मनुजोत्तरे जिन-ग्रहाः कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - ज्योतिषी, व्यंतर, भवनवासी और वैमानिकों केआवासों के, मेरुओं, कुलाचकों,जम्बू वृक्षों औरशाल्मलि वृक्षों, वक्षारों विजयार्धपर्वतों,इक्ष्वाकार पर्वतों,कुण्डलवर (तथा रुचिक वर), नन्दीश्वर द्वीप, और मानुषोत्तर पर्वत के सभी अकृत्रिमजिन चैत्यालय हमारे पापों काक्षयकरेंऔरहमें सुखी बनावें!
कैलाशे वृषभस्य निर्व्रतिमही वीरस्य पावापुरे
चम्पायां वसुपूज्यसुज्जिनपतेः सम्मेदशैलेऽर्हताम्
शेषाणामपि चोर्जयन्तशिखरे नेमीश्वरस्यार्हतः,
निर्वाणावनयः प्रसिद्धविभवाः कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - भगवान ऋषभदेव की निर्वाणभूमि - कैलाश पर्वत, महावीर स्वामी कीपावापुर, वासुपूज्यस्वामी (राजा वसुपूज्य के पुत्र) की चम्पापुरी, नेमिनाथ स्वामी की ऊर्जयन्त पर्वतशिखर, और शेष बीस तीर्थंकरों की श्री सम्मेदशिखर पर्वत, जिनका अतिशय और वैभव विख्यातहै ऐसी ये सभी निर्वाण भूमियाँ हमें निष्पाप बनावें और हमें सुखी करें!
यो गर्भावतरोत्सवो भगवतां जन्माभिषेकोत्सवो,
यो जातः परिनिष्क्रमेण विभवो यः केवलज्ञानभाक्
यः कैवल्यपुर-प्रवेश-महिमा सम्पदितः स्वर्गिभिः
कल्याणानि च तानि पंच सततं कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - तीर्थंकरों के गर्भकल्याणक, जन्माभिषेक कल्याणक, दीक्षा कल्याणक, केवलज्ञानकल्याणक और कैवल्यपुर प्रवेश (निर्वाण) कल्याणक के देवों द्वारा सम्पादित महोत्सवहमें सर्वदा मांगलिक रहें!
सर्पो हारलता भवत्यसिलता सत्पुष्पदामायते,
सम्पद्येत रसायनं विषमपि प्रीतिं विधत्ते रिपुः
देवाः यान्ति वशं प्रसन्नमनसः किं वा बहु ब्रूमहे,
धर्मादेव नभोऽपि वर्षति नगैः कुर्वन्तु नः मंगलम्
अर्थ - धर्म के प्रभाव से सर्प माला बन जाता है, तलवार फूलों के समान कोमल बन जातीहै, विष अमृत बन जाता है, शत्रु प्रेम करने वाला मित्र बन जाता है और देवता प्रसन्नमन से धर्मात्मा के वश में हो जाते हैं अधिक क्या कहें, धर्म से ही आकाश से रत्नोंकी वर्षा होने लगती है वही धर्म हम सबका कल्याणकरे!
इत्थं श्रीजिन-मंगलाष्टकमिदं सौभाग्य-सम्पत्करम्,
कल्याणेषु महोत्सवेषु सुधियस्तीर्थंकराणामुषः
ये श्र्रण्वन्ति पठन्ति तैश्च सुजनैः धर्मार्थ-कामाविन्ताः,
लक्ष्मीराश्रयते व्यपाय-रहिता निर्वाण-लक्ष्मीरपि
अर्थ - सोभाग्यसम्पत्ति को प्रदान करने वाले इस श्री जिनेन्द्र मंगलाष्टक को जोसुधी तीर्थंकरों के पंच कल्याणक के महोत्सवों के अवसर पर तथा प्रभातकाल में भावपूर्वकसुनते और पढ़ते हैं, वे सज्जन धर्म, अर्थ और काम से समन्वित लक्ष्मी के आश्रय बनतेहैं और पश्चात् अविनश्वर मुक्तिलक्ष्मी को भी प्राप्त करते हैं!
Meaning 😊
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बहुत ही स्पष्ट आवाज में सुनना अच्छा लगता हैं 🙏🙏
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Jai ho bhagwan ji 🙏🙏🙏
Namaste🙏🙏🙏
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jainam jayati shashanam
Super Jainism Song... Play everyday morning at home 🙏🙏🙏🙏🙏
Very good
Namostu bhagwan ji
बहुत ही सुन्दर, प्रस्तुति मधुर आवाज के साथ सुनकर मन को शांति मिलती है
Good 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
It is a very useful to everyone but it most useful to their people who are working in I T sector and private or very busy people in business, jivani channel develop their mind in jainism any time any where can listen.
Very much thankful to jinvani channel,
Ppppppp
J
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Ate Ati Sunder Sun kar Man 👌 Mandir Uatar Jata👍👍 Sabhi Mumukshu ko(Aatma rte)ko jay jinendra,,,🙏🙏🙏🙏🙏Archana jain Nagpur
Namostu Bhagavan ji 🙏🙏
🙏🙏 जय जिनेंद्र देव की 🙏🙏🙏
बहुत सुंदर। जय जिनेन्द्र 🙏
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Bha 🙏🙏🙏bhaut santi wani koti koti pranam🙏🙏
नमोस्तु भगवान जी श्री 1008 पारस नाथ भगवान जी के पावन चरणों में अनंतानंत नमोस्तु नमोस्तु भगवन् 🙏🙏
Oo oo
👍🙏
Jai jinendra.
Jainam Jayati Shasanam.
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Bhai is me add ki kya jarurat hai har chiz kami ka sadhan???????
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Jai jindra