संत पीपा जी/sant pipa ji/Rajasthan Art and culture 2024/
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 28 มิ.ย. 2024
- संत पीपा जी/sant pipa ji/Rajasthan Art and culture 2024/@DDVRJ
sant pipaji, santpipa, sant pipa, pipa ji loksant, sant pipa ji ki katha, sant pipa ji history, sant pipa ji maharaj, saint pipa ji reet, sant pipa ki chatri, sant pipa ji maharaj kata, lok saint pipa ji reet, history of sant pipa
_____________________________
@DDVRJ
Thanks for Watching 🙏
Nice class guruji 👍🎉💫👌
❤❤❤❤
Nice class sir 🎉🎉
Fantastic class sir Thanku so much sir 🙏🙏🙏🙏💫💫💫💫💫💫💯💯💯👏👏
बहोत खूब सर जी ❤️❤️❤️❤️
Nice session sir 🎉 🎉
धार्मिक आंदोलन के जनक संत धन्ना जी है ।
Fantastic 👌👌👌
Thanks 🤗
राजस्थान में निर्गुण भक्ति परंपरा के जनक संत पीपा जी है।
भक्ति आंदोलन के प्रथम सन्त थे
सबसे छोटी रानी सीता की प्रेरणा से भक्ति का रास्ता अपनाया
वैष्णव धर्म के प्रचारक थे सन्त पीपा जी ।
दर्जी समुदाय के अराध्य देव है ।
इतना ही याद आया सर बाकी लिख लिया हमने 😁😊😊🙏🙏🤟🤟
Good morning sir
Morning
बालोतरा के समदड़ी में पीपाजी का मंदिर ह
संत पीपा का जन्म= 1425ई.( चैत्र पूर्णिमा) गागरोन में हुआ
जन्म गागरोन झालावाड़ में हुआ
मसूरिया ओर गागरोन में भी इनके मंदिर है ।
बचपन का नाम = प्रतापसिंह
गुरु= रामानंद
Ha ek बात और ये दर्जी समुदाय के अनुयाई थे
😁😁
Pipa Kshatriya darji samaj ke mharaj h ye darji toh bhut h alag alg
पिता का नाम= कड़ावा राम खींची
माता का नाम= लक्ष्मीवती
रानी= 20(सीता) भक्ति में सहयोग किया।
भव्य मंदिर= समदड़ी (बालोतरा)
अन्य मंदिर= मसूरिया (जोधपुर)
मेला = समदड़ी गागरोन में।
नाम स्मरण (भक्ति) मोक्ष को प्राप्त करने का साधन है।
मृत्यु= चैत्र कृष्ण नवमी
संत पीपा ने मूर्ति पूजा का विरोध किया।
इनकी मृत्यु में संसय है चेत्र कृष्ण पक्ष में हुई
संत पीपा की 20 रानियां थी जिसमे से सबसे छोटी रानी सीता ने उनको भक्ति मार्ग दिखाया था
अचलदास खींची री वचनिका ( शिवदास गाडण ) के अनुसार इन्होंने फिरोजशाह तुगलक को पराजित किया ।
गागरोन में आहू व कालीसिंध नदियों के संगम पर बनी गुफा में इन्होंने तपस्या की जहा पर इनका भव्य मंदिर बना हुआ है
संत पीपा का छतरी गागरोंन में हैं।
रामानन्द जी इनके गुरु थे ।
संत पीपा का जन्म गागरों में 1425 ईस्वी में हुआ सर
संत पीपा के गुरु रामानंद थे
इन्हे निर्गुण भक्ति का जनक कहा जाता है क्युकी सबसे पहले इन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया था ।
Sir 20 रानियां confirm nhi h
@@ranjantak6260 hmm
वैष्णव धर्म के प्रचारक थे सन्त पीपा जी ।