सार सबद किसे कहते है //ज्ञानी योगी पंडित सबही सबदै मे अरूझाना// What is Sarsabd//Satypriye sahib
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 21 มี.ค. 2024
- सार सबद धर अधर जहा लो बूझी बिना सब काला
सबदै मुनिजन बेद कहत है सबद भेद नही पावे
सार सबद नि:सबद है अनुभव सैन अनाम
🛑सबद की उत्पत्ति कहा से हुई(संत सत्यप्रिय दास)
🛑भक्ति किसे कहते है (सत्यप्रिय साहिब राजस्थान)
🛑कबीर बीजक सतसंग (सत्यप्रिय साहिब राजस्थान)
🛑कबीर भजन (सत्यप्रिय साहिब राजस्थान)
Sat Sahib Ji Jay Ho Bandi chhod satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki charanon mein koti koti dandvat pranam
नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी प्रयागराज यू पी
Outstanding explanation on Saar Sabad
Sahib Bandgi Satyrpriye Sahib
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Saheb bandagi saheb
सत कबीर की दया सतसाहेब
Sat saheb saheb bandagi saheb 🙏
बहुत अच्छा लगा आपकी जानकारी।इसी तरह की जानकारी देते रहेंगे । जय गुरु महाराज।
साहेब बन्दगी साहेब जी चरण स्पर्श कोटि कोटि प्रणाम।।
शाहब बंदगी प्रयागराज यू पी
जय हो सन्त कबीर
Jay ho Aap ki Saheb bandagi Saheb Ji 🙏
साहिब बंदगी
सतनाम परमात्मा❤
Sat Saheb saheb bandagi 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sahib Bandagi Sahib Bandagi aap ke Pravachan mein bahut sacchai hai aapko code code Naman
Saahab bandagi saahab ji🙏
Satsatnamandeviji
Bandagi saheb barambar bandagi aapko bahut bahut abhar
Jay Shree ram ❤️ say
Saheb bandagi
Sahib bandagi satnaam ji 🌹🌹🌹🌹🙏🙏
शाहब बंदगी नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी प्रयागराज यू पी
Apka satsang sunta hu bahut sare bhram nikal Diya saheb bandagi ek gujrati
🌹 सत्साहेव बंदगी🌹
❤❤❤❤❤❤❤sat sukrit satguru dhanyavad❤❤❤❤❤❤❤
सभी ज्ञानी लोग कबीर वाणी लेकर चल रहे हैं, आजतक पता नही चला पूर्ण परमात्मा कोन हैं, में मानता हु कबीर साहेब ही परमात्मा हैं , तभी तो उन्होंने अपनी वाणी में लिखकर बता दिया, समझने का अर्थ हैं, क्या सत्य हैं क्या झूट आपका ज्ञान मेरे दिल में उतर गया , बहन इस भाई का आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम,🙏
Jai satnam ji
अति उत्तम साहब जी
Jindgi Mai phli bar sty Vani suni h
दीदी अनुभव तभी होगा जब क्रिया होगी
કૃષ્ણ વંદે જગતગુરુ . જય સનાતન.🎉🎉🎉
Sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹
Apko purn Gyan hai
😊🎉🎉❤
🙏🙏🙏🙏
Sahabbandgisahabji
नि सबद हय 0 सिखर पर हय अनुभव सवसम 0 तक सफर मेरा आगे नहीं बताया जाता
Sat saheb 🙏🙏🙏
Bhut acha satsang farmaya bahan ji
अनुभव का विषय शब्दों से केसे हमारे समझ आयेगा भगवान्
गरीब- ज्ञानी भूले ज्ञान में, निकट रहे निज रुप, चिसमों आगे चांदनी नहि छाह नहि धूप सतसाहेब बंदी छोड़ की दया
सत बात आपकि कबिर पथि नविन दरजि
Saheb bandgi Saheb🙏🙏🙏🙏🙏
कोन गुरु जी है जो सार शब्द लखा दे क्या आप नाम दीक्षा देते है।
अब तो प्राण खींच रहा कब मिलेगी वो सही रहे जो मुझ आत्मा को निज घर जाने का ओवाशर मिले। हे परमात्मा कब मिलोगे 😢
True guru sant rampal ji h.
मेरे प्यारे भाई सद्गुरु रामपाल जी भगवान के सत्संग सुनो उन्ही से तुम्ही भक्ति मुक्ति की विधि मिलेंगी 🙏🙏🙏🙏
मेरे प्यारे भाई आप जी सतगुरु रामपाल जी भगवान के सत्संग सुनो सच में तुम्हे सच्चा रास्ता मिलेगा। या फिर ज्ञान गंगा पुस्तक पढ़ो 🙏🙏
Good information, thanks
God nameless hai
स्वारी दिदी
मुझे लिखना था की न हि फाे.नंबर दिया ताे भि काेई बात नही. क्यु की जहा देखु वहा तु का तु
फिर शिकायत किस बात की .
लिखने मे कुछ मिस्टेक हाे गयी थी. आैर कुछ मिस्टेक हाेगी ताे. मै तहे दिलसे क्षमा प्रार्थि हु
जी आपके विचार सुने
अंतर मन मे उतर गये
आपकाे नमन 🙏
आपके वर्तमान गुरु कोन है
आप साहिबकासत्संगहमारेअनुभवसेमेलरखताहहैसाहिबमधुपरमहंसकोकोटि कोटि साहिब बन्दगी साहिब जी
Kabir is Supreme god
Aapkitnahivachakgayansunayejabatakapniaatmaparmatmamemeleginahitabtakthothachanabajeganakiyokimansansarihaiparvachankesathmaitunechaluhai
Sahib bandigi sahab ji kyaa apko saar sabd ka practical hai please mujhe bhi karana chahengi m Kahan kese pahuch sakta hun
🙏कृपया सार शब्द : निशब्द : सतपुरष पाने की विधि बता कर किरतार्थ करें जी 🙏
P d kamble
Dristi n aavay musti n aavay
सार शब्द सारनाम क्या है यह कोई नहीं जानता है।सब के सब उलझे हुए सार शब्द सारनाम के चक्कर में।सार शब्द कहने में आता है बोला जाता है। सतनाम, सतनाम, विदैह शब्द, सतशब्द, कुदरतकला,नि: अक्षर,नै :अंच्छर लिखने, बोलने में नहीं आता है।यह अनुभव होता है।सार शब्द सारनाम से सतशब्द प्रकट होता है। "सार"का अर्थ क्या हैं इस विचार करना चाहिए। जैसे दही का मंथन करके मख्खन निकाला जाता है और मख्खन को आग में तपाने से शुद्ध घी प्राप्त होता हैं उसी प्रकार सभी बावन अक्षरों में, सभी बावन अक्षरों से बने अनेको नाम से और अनेक मंत्रों में से जो श्रेष्ठ नाम है वही शब्द सार शब्द सारनाम हैं। और सार शब्द सारनाम को सतगुरु जी महाराज की बताई विधि से भजन सुमिरन करने पर सतशब्द प्रकट होता है। सतशब्द का अनुभव किया जा सकता हैं उसे बोला नहीं जा सकता हैं लिखा नहीं जा सकता हैं।
*सारशब्द क्या हैं ? :--*
सारशब्द पाये बिना,
जीवहि चैन न होय।
फंद काल जाते परै,
सार शब्द कहिये सोय॥1॥
सारशब्द निर्णय को नामा।
जाते होय जीव को कामा॥1॥
सारशब्द कहिये टकसार।
त्रिविध शब्द को परख विचार॥2॥
सारशब्द को अंग विचार।
दूजे शील तीजे दृढ़ सार॥3॥
चौथे दया धरै चित माँहि।
बिना दया कारज कछु नाहिं॥ 4॥
पहले त्यागे पशुवत धर्म।
जाते मिटै त्रिविधको भर्म॥5॥
पहले आहि विचार को अंग।
सो सुनि लेहु यथार्थ प्रसंग॥6॥
साँच झूठ जो है संसार।
*साँच आतमा झूठ पसार॥7॥*
साँच कियो झूठा महँ बास।
क्रम क्रम तयागै झूठ की आश॥8॥
जीव अजीव को करै विचार।
खान पान उत्तम व्यवहार॥9॥
अस्ति नास्ति का निर्णय करै।
पक्का सौदा ह्रदय धरै॥10॥
*पंचग्रंथि-रामरहस साहेब*
भावार्थ :--
सारशब्द की प्राप्ति हुए बिना मनुष्य की उलझनें नहीं मिट सकती तथा वह शान्ति नहीं पा सकता।
*सारशब्द उन्हीं निर्णय वचनों को कहते हैं जिनके द्वारा मन और अज्ञान के बंधन समझ में आते हैं॥1॥*
*जिसके श्रवण, मनन एवं चिंतन से जीव बंधनों से छूटकर कल्याण को प्राप्त हो, उस निर्णय वाणी का नाम ही सारशब्द हैं॥1॥*
सारशब्द को प्रमाणित टकसालवत न्यायपूर्ण कहना चाहिए, जिससे काल, संधि, झांई तथा जीवमुख, मायामुख एवं ब्रह्ममुख वाणियों की परख एवं विवेक किया जाता हैं॥2॥
सारशब्द से निर्णित, जीवन में धारण करने योग्य ये अंग हैं -पहला विचार, दूसरा शील, तीसरा महत्वपूर्ण धैर्य॥3॥
चौथे दया जिसे मन में धारण करना चाहिए। क्योंकि बिना दया धारण किये कोई शुभ कार्य नहीं बन सकता॥4॥
मनुष्य को प्रथम भोजन , छाजन , मैथुन , भय , निद्रा और मोह इन छह कर्मों का सुधारकर पशुवत स्वभाव छोड़ देना चाहिए, जिससे पशु , अंडज और उष्मज इन तीनों खानियों में ले जाने वाली वासनाओं का अंत हो॥ 5॥
विचार , शील , धैर्य और दया इनमें विचार पहला हैं। अतएव विचार के प्रसंग को ठीक ढंग से पहले सुनो॥6॥
संसार में सत्य और असत्य दोनों हैं। अपना चेतन स्वरूप सत्य हैं और अपनें से पृथक मैं-मैंरा माना हुआ मायाजाल का पसारा असत्य हैं॥7॥
सत्य चेतन जीव असत्य शरीर , धन , परिवार , मान-बड़ाई , विषय , कल्पना आदि में निवास या मोह कर रखा हैं। अतएव धीरे-धीरे असत्य पदार्थो की आशा-वासना का त्याग करे॥8॥
जीव और निर्जीव का विचार करे और खान-पान में अपना व्यवहार उतम रखे॥9॥
सत्य और असत्य का निर्णय करके वास्तविक ज्ञान को ही ह्रदय में धारण करे॥10॥
Jis😊din😊sadguru❤nirmaan😊kardeten❤hnji😊wohi❤saar❤sabad❤aage❤tak❤pahunchata❤hji❤
संतो ने उसको शब्द क्यों कहा है शब्द से परमात्मा मिलते हैं जिस शब्द जिस शब्द से काम नहीं बन रहा है क्या परमात्मा को ज्ञान आंख कया है।फिर यह बताओ नाम नहीं कहने सूनने का विषय नहीं।साहब के रुप को पहचान लेता हैं देख लेता आप कह रहे हैं रुप शब्द पहचान लेना जहां रुप शब्द आता है वहां आकार समझ में आने लगता है।अनुभव भी जो रहता है उसी का अनुभव होता है नहीं है उसका नहीं।फिर मै पूछता हूं आपसे संतो ने उसको शब्द क्यों कहा है। उत्तर जरुर दें। हर्ष पूर्वक।
सत साहब ओम तत् सत ❤
Hamare yha bhi sar shabd ki sadhna h.... Sar shabd dhwni sang surat ho akah me lini
जे कछु गंधी दे नहीं,तो भी बास सुवास..!
सतनाम।
साहेब बंदगी।
क्या मतलब सार क्या है दोहे का
Vo sar sabad kya hai
Saar shabad ka anubhav Kiya h aapne ?
कबीर साहेब की जय🙏🙏 भेद भेद में छुपा उस भेद में माहा भेद उस भेद को अभेद करने की कोशिश करे वो भी हो जाये भेद 🙏🏻कहत कबीर विचार
Koyee technique koyee pahchaan nhee bataaye practical saadhna ke liy
Sar sabad anubhav aapne Kiya hai to hame bhi batana aapne to unki vaniyo ka varnan Kiya hai
साहिब बंदगी सतनाम सर शब्द की पहचान के लिए कोई इशारा दे जो भजन करने में मदद करें हम उसकी पहचान कैसे करें
🙏🙏 आप को पुरे गुरू की तलाश करनी होगी तभी कुछ मिल सकता है माननीय 🙏🙏पुरे गुरू से मतलब है वक्त के संत जिंहोने प्रभू को पा लिया है ऐसे महापुरुष 🙏🙏🙏
😊
सौ सु गीता ❤❤❤❤❤❤❤❤❤ खुदाई
A±±1@@ajitdada1958
*बूंद समाना समुंद्र में, जानत है सब कोय ।*
*समुंद्र समाना बूंद में, बूझे विरला कोय ।।*
कृपया कबीर साहेब के इस दोहे की व्याख्या अपने अनुभव के अनुसार करने की कृपा कीजिये । सादर साहेब बन्दगी🙏🙏
यत brahmande sah pinde..... Sampurn brahmand ke lakshan pind yani deh me bhi h
Sumiran saheb ji ne 4 sal phle hi ye bhajan me explain kr diye aur vhi bta rhi ho to unka nam hi le lo ya koi aur option dekh lo you tube chalne ka
didi jo sabad satguru ravidas ji ne japa or boh hi sabad mahatma budh ne vjapa boh hi sabad sat guru kabir ji ne japa or boh sabad guru nanak dev j ine japa or ajapa jap lia hai
Sat sahib ji
Saheb ka satsan vo bhi chori kr ke
साहब बदगि
सदगुरु रामपाल जी भगवान का स्वरूप ही सारशब्द है
Bhai saar shabd nishabd hai videh hai kabir ke anusaar. Rampal deh me hai deh se paida hua aam aadmi hai baki marji kisi ko kuchh bolo
@@Kishanlal-rt9yu मेरे प्यारे भाई आप जी सद्गुरु रामपाल जी भगवान से नाम दीक्षा लो फिर गुरु जी आप जी को अपना विदेही शरीर भी दिखायेंगे और सतलोक भी मेरे भाई धर्मदास जी को कबीर जी ने बोला था कि धर्मदास 12 वें पंथ में में ही चलकर जाऊंगा सतगुरु रामपाल जी भगवान के अलावा कोई कबीर नहीं है और हां वह प्रकट होकर आये है
अनंत करोड़ ब्रम्हांड में, बंदीछोड़ कहाय ।
सो तो एक रामपालजी है, जननी जण्या ना माय।।
@@SADGURURAMPALJIBHAGWAN bhai mere brother ke saath nahar deptt. Me nokri ki hai maa ne janam diya unko bhi or baap ko bhi jante hain. Apki shardha ye bol rahi hai sachai nahi. Apne guru ko aap aadar kar rahe ho achha hai par ghoshana mat karo kyunki aap gwah nahi hain sirf apka viswas bol raha hai.
@@Kishanlal-rt9yu मेरे प्यारे भाई सद्गुरु रामपाल जी भगवान के सत्संग सुनो 12 वें पंथ में वह स्वयं चलकर आयें है वह उनके मुंह बोलो माता पिता है
ना सद्गुरु जननी जणे, जाकै मां ना बाप।
पिण्ड ब्रम्हांड से रहित, ना वहां तीनो ताप।।
बहुत बड़ा धोखा खा रहे हो भाई समय रहते सद्गुरु रामपाल जी भगवान से माफी मांगकर फिर शरण में आ जाओ भाई इसके अलावा कहीं ठिकाणा नहीं है
@@SADGURURAMPALJIBHAGWAN dhanyavad jinhone janam lete samaya apne vahan hone ka. Bhut dukh hota hai kabir saheb ki Vanni ka upyog. Kuchh samay wait karo phir or samay ko faisla karne do tab hi aankhe khulengi. Ye pacca hai rampalji ne maa ke garbh se janam liya hai . Unko khate pite , peshaab karte, village me letrin jate dekga gya hai andhe mat bano mere bhai. Apne guru ko kuchh bhi bolo aapki marji hai koi etraj nahi par unko videh mat bolo. Phir aapme or andhviswasi andh bhakton me koi fark nahi hoga.🙏
boot pret hote he yanahi or kisi ko sharir me devi aatihe ye kya he or inko hatane ka tarika kya he
Where are you ?Know yourself. Rest is waste.Do not say what said kabir. But say what you know.
Behan apne sar sabad k bare to kuch kaha nhi
शब्द की पहचान कैसे होगी
आदरणीय संत जी ,आपने सार शब्द के बारे में तो बहुत कुछ बता दिया सार सार शब्द क्या है इसके बारे में कुछ नहीं बताया। यदि मालूम हो तो सार शब्द क्या है इसका भी खुलासा करेंगें
Vekho ke laskar phire ye vaani chor kathor,ye satguru dham na pahuchenge ye 84 ke thor.
फोन नम्बर देना दीदी अपना
आप युटुब पर।।।
कहत कबीर सुनो भाई साधो।।
चैनल को स्बरआईब करे ओर एक नंबर से कबीर साहिब जी के मूल ज्ञान को सुने जी आपका जीवन ही बदल जायेगा
कलयुग में पहली बार कबीर साहिब जी के मूल ज्ञान का खुलासा
Very good and accurate revelations of SARSHABAD.Please let me know your phone number and address. Thanks.
नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी प्रयागराज यू पी