बंधु, आपकी व्याख्या स्पस्ट और गंभीर है। हिंदेतर भाषी लोगों के लिए तनिक कठिन तो है ही। व्याख्या विस्तार तो है और भी सरल शाब्दो का प्रयोग करें तो कविता प्रेमियों के लिए और भी जीवंत बनेगी। बहरहाल, आपका प्रयास सराहनीय है। धन्यवाद।
सर व्याख्या सरल तो है तो लेकिन बहुत साधारण है , जैसे पेशेवर और फटे जूतों के बीच एक आदमी का जिक्र है , ये प्रतीक को क्लियर नही किया आपने । आपने शुरुआत में कहा ये कविता की प्रारंभिक लाइन है इन तरह के वाक्यों से व्याख्या लंबी हो गई है। थोड़ी गहराई और चाहिए जिससे व्याख्या रोचक हो । केंद्रीय तत्व तो आपने सीधे सीधे कह दिया । लेकिन व्याख्या के दौरान जो भी पक्तियां आई है आप उनसे सीधे सीधे बस पढ़ दिए हैं।
Offline class mein विस्तार से बताने की गुंजाइश अधिक होती है। यहां समय का भी ध्यान रखना होता है।... कविताओं की व्याख्या अनेक तरीके से की जा सकती हैं।...टिप्पणी के लिए आपका धन्यवाद।
Sir ...ab tak mujhe sabase बेहतर class apki lagi......Apka gyan thorough hai
बहुत ही शानदार कक्षा आपने बहुत ही सरल शब्दों में समझाया सर, इतिवर्त्ततात्मकता divedi युग की प्रमुख विशेषता है।
इतिवृत्तात्मकता.... द्विवेदी युग
Dhanyavvad Sir. Ache se Explain krne ke liy
इतिवृतातमकता द्विवेदी युग की विशेषता है।
धन्यवाद गुरु जी आपके इतने कठिन परिश्रम के लिए 🙏🙏
बहुत ही बढिया सर जी । इतना सरलता से समझाने के लिए।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
प्रणाम सर जी,काव्य की विषयवस्तु और पाठ करते हुए लंबी कविता को समझाने का तरीका बेहतरीन है।
'प्रेमचन्द के फटे जूते 'हरिशंकर परसाई का निबंध रचना है।
द्विवेदी युग की विशेषता है,इतिवृत्तात्मकता।
प्रणाम सर, आप का क्लास देखकर अंदर से एक अलग आनंद आता है।
बहुत ही सारगभिंत और सरल तरीका से आपने बताया महाशय। बहुत बहुत धन्यवाद ❤
Thankyou sir aapne bohot acche se explain Kiya hai
Parnam gurudev
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी🙏
Bahut ache se aap samjhate hai kavita ko
Aap best hai sir🎉
धन्यवाद सर बहुत अच्छे से समझ आयी कविता😊
Sir AAP best' padhte h full
कल सुनना मुझे संग्रह में(1977) 37 कविता है
Bahut achhe se samjhaya aapne sir thankyou sir🙏🙏
वाह भैया।शानदार
भैया प्रणाम आपको 🙏🙏 बहुत अच्छा बताते हैं आप
Good class
Bahut aecha samjhaya h sir
Bahut achha sir 🙏
Thank you sir🙏🙏🙏
Thank u so much
अति उत्तम क्लास 👌👌👌
Best class❤
धन्यवाद सर 🙏🏻❤🙏🏻
Bahut achha padhate ho sir..thanku so much ❤😊
द्विवेदी युग
धन्यवाद सर जी🙏🙏🙏🤜
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,सर 🙏🙏🙏🙏🙏
Thanks sir ji
Thank you sir
बढ़िया व्याख्या😊😊
Itiviritatmkta divedi yug ki visheshta hai . pranam sir ji achhe se samjh a gya
Bht hi achi class sir thank you 🙏🌺
इतिवृत्तामक -दि्वेदी काल
फटे जूते-परसाई की
बहुत खुब सर
dhanyawad sir 🙏
Thank u sir ji very nice class
Bhut achcha sir
Thanku sir
बंधु, आपकी व्याख्या स्पस्ट और गंभीर है। हिंदेतर भाषी लोगों के लिए तनिक कठिन तो है ही। व्याख्या विस्तार तो है और भी सरल शाब्दो का प्रयोग करें तो कविता प्रेमियों के लिए और भी जीवंत बनेगी। बहरहाल, आपका प्रयास सराहनीय है। धन्यवाद।
Prnaam sir
Good class
इतिवृत्तात्मकता द्विवेदी युग की विशेषता
nice sir
Nice lecture sir
द्रिवेदी युग की विशेता है
गुरु जी इसी तरह मध्य प्रदेश सहायक प्रोफेसर के सिलेबस में लगी सारी कविताएं भी करवा दीजिए
🙏🙏🙏🙏
थैंक्यू सर
Sir apki live class kab chalti
EMRS की तैयारी करवा दीजिए 🙏🙏
Harishankar prsai
Sir kya aapke video se sirf net qualified ho sakte hai ya alag se book padhni padegi. Reply jarur dijiyega. Kyoki apke uper believe hai.
प्रेमचंद के फटे जूते -हरिशंकर परसाई
Sir plz net ki is series ko continue rkhiye
Harishankar parsaia
Itivitratmkta divedi yug ki visheshta hai
Sir, इसकी PDF कैसे मिलेगी। जिसको बच्चें प्रिंट करवा के पुन पढ़ सके
Bahut bahut dhanyawad sir ji..unit 5 pura karwa dijiyega bich me mat chhodiyega
Sir ,apki live class kb hoti Haj?
गुरुजी मध्य प्रदेश असिस्टेंट प्रोफेसर के स्पेशल टॉपिक पढ़ने की कृपा करें
पढ़ाने की कृपा करें
अंधेरे में कविता की व्याख्या पढ़ा दीजिए
Sir good afternoon sir baki ki kb kravo gye aap jldi jldi pdho
Sir dsssb tgt, pgt, ki bhi tayari kraiye plzzz
Sir plz aapka num mil skta hai kya bhut important hai
Etivettatmk द्विवेदी युग की
Itibritiaatmakta sir dwiwedi ke samay ka hai
Dvivedi yug ki pravriti itivritatmkta hai
Diuabedi yug ki viseshta he
Emrs pgt Hindi ki bhi preparation Kara digiye sath hi me jeneral paper ka bhi Kara dijiye sir
Divedi yug
Sir kio kam chhota ya bda nhi hota keval hmari meehnat me anter hota hai
hari shankar parsai ka he
Etivrtatkmta chayawad yug
आप कविता तो समझा रहे हैं पर निहितार्थ को अच्छे से नहीं बता रहे हैं
कविता के निहितार्थ की कसावट बिखर जा रही है
इसका खेद है... हमारा प्रयास रहता है कि चीजें क्लियर हो जायें.
Premchand ka phate joote harishankar parsai
Yeh kis style ka padhai hai sir ji...kuch ki vyakhya kar rahe ho toh kuch ko ase hi khud padh de rahe ho...aapko v nhi pata kya eska ans???
आप कुछ ज़्यादा ही सोच रहे हो।
सर व्याख्या सरल तो है तो लेकिन बहुत साधारण है , जैसे पेशेवर और फटे जूतों के बीच एक आदमी का जिक्र है , ये प्रतीक को क्लियर नही किया आपने ।
आपने शुरुआत में कहा ये कविता की प्रारंभिक लाइन है इन तरह के वाक्यों से व्याख्या लंबी हो गई है। थोड़ी गहराई और चाहिए जिससे व्याख्या रोचक हो ।
केंद्रीय तत्व तो आपने सीधे सीधे कह दिया । लेकिन व्याख्या के दौरान जो भी पक्तियां आई है आप उनसे सीधे सीधे बस पढ़ दिए हैं।
Offline class mein विस्तार से बताने की गुंजाइश अधिक होती है। यहां समय का भी ध्यान रखना होता है।... कविताओं की व्याख्या अनेक तरीके से की जा सकती हैं।...टिप्पणी के लिए आपका धन्यवाद।
@@AnurajHindiAcademysir aapki sadagi Dil jit leti hai aap best teacher hai🎉
दिवेदी युग
Thank you sir
Thank u sir