सर आज मैंने आपकी पहली बार कबिता की व्याखा आपका वीडियो देखी, बहुत अच्छे se समझ मे आया इसी तरह नेट की जीतनी भी कविता है आप एक बार exam se पहले पढ़ा दीजिये 🙏💐
प्रणाम सर जी! एक निवेदन है कि जिस कविता को पढ़ाएं उसकी pdf भी सेंड कर दिया कीजिये सुविधा रहती है पढ़ने में क्योंकि एक ही जगह सभी कविताएँ उपलब्ध नहीं हैं । आपका बहुत आभार ! 🙏💐
सादर प्रणाम गुरुजी ❤🙏🙏
सच में आज पहली बार ये कविता और महादेवी जी इतनी अच्छे से समझ आया🙏🙏🙏
आपका सहृदय♥️ आभार आदरणीय गुरुजी🙏🙏🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌺🌺🌺🌺🌺🌺
Sir सारी कविता ka playlist एक जगह कीजिये पढ़ने मे अच्छा रहेगा
Playlist he pahle se hi.. Description bhi diya hua he
🙏 bhut sunder sir ji
बेहतरीन व्याख्या सर🙇🏻♀️❤
धन्यवाद सर
सर आज मैंने आपकी पहली बार कबिता की व्याखा आपका वीडियो देखी, बहुत अच्छे se समझ मे आया
इसी तरह नेट की जीतनी भी कविता है आप एक बार exam se पहले पढ़ा दीजिये 🙏💐
पहली बार इतनी सुन्दर व्याख्या सुनी मैंने 🎉👏👏🙏🙏
धन्यावाद गुरुजी इतने acche तरीके से समझाने के लिए 😊
Aapka bhut bhut dhanyawad sir ji
सुंदर प्रस्तुति🙏🙏🙏
🎉🎉🎉🎉🎉
धन्यवाद महाशय ❤
सादर प्रणाम सर जी।🙏🙏
बहुत - बहुत शुक्रिया सर। ❤❤🙏🙏
Shandar sir 🎉
बहुत अच्छी क्लास थी सर जी
धन्यवाद गुरु जी
👌👌👌 क्लास
Bahut sundar 🙏
प्रणाम गुरु जी
प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏
Bahut sundar ❤
very Nice class sir ji
Hri घास और बाजरे अज्ञेय जी
Thank you sir aise sabhi unit padha dijiye please
Thank u so much guru ji
व्यंजन सन्धि 🙏🏻
Nice class sir 🙏
Thank you sir
Nice class sir
दिग्भ्रांत--- दिक् + भ्रांत ( भ्रम + अंत) = व्यंजन संधि
हरी घास , बाजरे; नामक प्रतीक अक्सर अज्ञेय की कविताओं में देखने को मिल जाता है
🙏🏻🙏🏻
Satisfy
💐🙏
Thank you sir
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अज्ञेय
Good evening sir
हरी घास , बाजरे ,अज्ञेय के काव्य संग्रह मे प्रतीक के रूप
👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏
Namastey sir
दिग्भ्रांत=व्यंजन संधि
Kavi-Agey
Kavita-kalgi bajre ki
व्यंजन संधि है गुरु जी, दिक्+भ्रांत- दिग् भ्रांत
Sir Anamika ke upnyaso pr ek video banayiye please
दिक्+भ्रान्त=व्यंजन सन्धि
👍 bahut badhiya.
@@AnurajHindiAcademy धन्यवाद,सर!
व्यंजन संधि
गुरु जी कविता की एक अलग playlist कर दीजिए जिससे समय की बचत हो सके।
इसकी प्लेलिस्ट बनी है
सर mppsc अस्सिटेंट प्रोफेसर का syllabus पूरा करवा दीजिये।
Wow sir jee
Mandblwing session
Sir aap na मुर्दो को भी हिंदी पढ़ना सीखा सकते है
(व्यंग्यात्मक लहजे शैली)😅
दिग्भ्रांत= व्यंजन संधि
प्रणाम सर जी! एक निवेदन है कि जिस कविता को पढ़ाएं उसकी pdf भी सेंड कर दिया कीजिये सुविधा रहती है पढ़ने में क्योंकि एक ही जगह सभी कविताएँ उपलब्ध नहीं हैं । आपका बहुत आभार ! 🙏💐
हरी घास
बाजरे - अज्ञेय
Dikbharnt में व्यंजन संधि है
Sir मोल कविता की व्याख्या भी मिल सकती है क्या । 🙏
हरी घास और बाजरे अज्ञेय जी द्वारा उपयोग में लाया जाता है।
हरी घास और बाजरे का प्रतिक अज्ञेय ने किया है
हरि घास, बाजरे, अज्ञेय की कविता
व्यंजन संधि है सर जी
Digbhrant me vyanjan sandhi
अलिंद का अर्थ बताएं गुरु जी
बताया तो हूं...चौखट या द्वार। आप भौरा के चक्कर में होंगी। दोनों होता है। यहां चौखट से है।
😂
Vayjan sandhi aghey ke partik
Sir apne Jo padhya uski koi tulna nahi h
हरी घास पर क्षण भर
कलगी बाजरे की
अज्ञेय जी
4 ka 1
अज्ञेय के प्रतीक
हरी घास
कलगी बाजरे की
5 ka 2
Thank you sir
🙏🙏🙏
6 ka 3