वैदे का अंग || Part -1 || Satsang || Sant Rampal Ji Maharaj || Satlok World
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- เผยแพร่เมื่อ 15 ก.ย. 2020
- वैदे का अंग || Part:- 1
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जयजयसत्यकबीर
बंदीछोड़ सद्गुरु रामपाल महाराज जी के चरणों में कोटिकोटि दण्डवत प्रणाम।
सत-साहेब 🙏🙏🙏
सत साहेब जी
☘️🌹☘️ शास्त्र प्रमाणित ज्ञान है, तत्वदंसी सतगुरु रामपाल जी भगवान को कोटी कोटी दंडवत प्रणाम है, ☘️🌹☘️ सवोपरी ज्ञान है, ☘️🌹☘️
बंदी छोड़ सत गुरुदेव सन्त रामपाल जी महाराज की जय हो
बन्दीछोड़ परमपिता परमात्मा सतगुरु रामपाल जी भगवान जी के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🙇
Kabir ji ki jai
जय बंदी छोड़ की
sant rampal ji maharaji ki jai ho🙏🙏🙏sat shaeb🙏🙏
Bandi chhor Jagatguru tatvadarshi Sant Rampal Ji Bhagwan ki Jay Ho
कबीर, जो जाकी शरणा बसै, ताको ताकी लाज।
जल सोंही मछली चढ़ै, बह जाते गजराज।।
कबीर, वेद हमारा भेद है, मैं न वेदन के माहीं।
जॉन वेद में में मिलूं, वह वेद जानते नाहीं।।
World Spiritual Leader Sant Rampal Ji Maharaj ji
बन्दिछोड़ सत्गुरु रामपाल जी महाराज की जय 🙏🙏😭😭❤️❤️🙏❣️🌹🌹
बहुत अमृत ज्ञान है संत रामपाल महाराज जी का
सकूंन मिलता है मालिक आपकी वाणी सुनकर।सत साहेब (फरियाद दर्शन )
Jagat guru tatavdarsi sant rampal Ji bhagwan ki jay sat saheb Ji
Wahakyabatjhai satguuru.rampalji.paapkesaman.isduniyame.aajkoyenahihaiwahwah
गुरुजी तुम ना बिसारो चाहे लाख लोग मिल जाए हमसे तुमको बहुत है तुमसे हमको नही तुम्हारे बिसरे क्या मिले मैं किसके शरण में जाऊं शिव बीरांची मुनि नागदा जिनके हृदय न समयू
🌹🙏बंदी छोड़ 🌹🙏जगत गुरु 🌹🙏 पूर्ण परमात्मा 🌹🙏तत्वदर्शी 🌹🙏सतगुरु🌹🙏 रामपाल 🌹🙏जी 🌹🙏भगवान🌹🙏 जी🌹🙏 के 🌹🙏चरण कमल 🌹🙏में दास🌹🙏 का 🙏🌹🙏कोटि-कोटि 🌹🙏दंडवत प्रणाम 🌹🙏सत साहेब 🌹🙏
Sant Rampal Ji Maharaj bahut hi achcha Gyan batate hai
सतभक्ति न करने वाले या शास्त्रविरूद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाते हैं जबकि सतभक्ति करने वाला व्यक्ति परमात्मा के साथ विमान में बैठकर अविनाशी स्थान यानी सतलोक चला जाता है
Sat sahib ji
जय हो बंदी छोड की,
Sant rampal ji maharaj ki jy ho
श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 8 का श्लोक 3 में
गीता ज्ञान दाता ब्रह्म भगवान ने कहा है कि वह परम अक्षर ‘ब्रह्म‘ है जो जीवात्मा के साथ सदा रहने वाला है।
वह परम अक्षर ब्रह्म गीता ज्ञान दाता से अन्य है, वह कबीर परमात्मा हैं।
Sat sahib🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sant rampal ji Maharaj ka Anmol Gyan ha nirmal kr deta ha srir ko
Sat guru Rampal maharaj is purn God
Jagat ke taranhar sant rampal ji bhagvan ki jay ho ❤❤❤❤😂😂😂😂😂❤❤
Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ke Param Pavan Charno Me Dass Ka Koti Koti Dandvat Pranam He 🙏🙏
तत्व ज्ञान सुनने का आनंद ही आनंद है।
वेद पड़े पन भेद न जाने बंसी पुराण 18 पत्थर के पूजा कर भूले सिर्ज़नहारा
Anmol gyan
Saint rampal ji Maharaj ka sachacha gyan hai
Anmol gyain
Param Pavan Satya Gyan He 🙏🙏
💝✨ गरीब,समर्थ तू जगदीश है, सतगुरू साहिब सार।
मैं शरणागति आईया, तुम हो अगम उधार।।💚.........
🐚परमात्मा के गुणों पर विचार करते रहना ‘‘ध्यान यज्ञ’’ कहलाता है। जो पूर्व में अन्य द्वारा बताया तथा किया जाने वाला हठ योग ध्यान नहीं है, ध्यान की परिभाषा ही नहीं है। किसी वस्तु पर मन को केन्द्रित करना ध्यान
कहलाता है। यह ध्यान की परिभाषा है।
Sat Saheb and thank you of Central Bereau of Communication to show my best spiritual teacher in the universe statement.
Yah Gyan Dil ko chhu liya he bhagvan yesa Gyan bachpan me mil jate to humare Ghar kabhi jhagda n hote 🙏🙏🙏🙏🙇🏻♀️🙇🏻♀️🙇🏻♀️🙇🏻♀️🙇🏻♀️
🙏🙏🌺🌼 Parampita Parmatma Malik Bandichhod Satguru Rampal Ji Maharaj Ji Ki Jai Ho 🌼🌺🙏🙏
Sat saheb ji 🙏🌄🎉
कबीर साहेब समर्थ अविनाशी परमात्मा है
🙏❤️
Nyc
🙏🙏🙏❣️❣️❣️
❤❤
कबीर, वेद पढ़े पर भेद न जानें, ये वाँचे पुराण अठारह।
पत्थर की पूजा करवाएं, भूले सिरजनहार।।
अद्भुत ज्ञान।
Rr💛💛💛💛💛💛💛📿📿🌛📿💖🙏🙏😭
So awesome 🫡
रामपालजी अभी आपको सतगूरू जो समय का सतगुरू हो उसकी आपको जरुरत है।कयोकि आप तत्व ज्ञान के बारे कख नहीं जानते हैं
चतुराई चुल्हे पड़ो, यह चारों बैद बिटम्ब ।
साकट सगा नहीं भैटियो, आंखों लगै ना अम्ब।
#GodKabir
⚡️कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है
कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया
मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी
वह परमात्मा सतलोक से चलकर आते हैं। जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि = परमेश्वर सशरीर है विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है। तत्त्व ज्ञान से अज्ञान निंद्रा में सोए प्रभु प्रेमियों को जगाता है। वही प्रमाण इस मंत्र में है कि कुछ समय के लिए पूर्ण परमात्मा रूप बदलकर सामान्य व्यक्ति जैसा रूप बनाकर पृथ्वी मण्डल पर प्रकट होता है।
⚡️कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
Sat sahib ji
बंदी छोड़ सत गुरुदेव सन्त रामपाल जी महाराज की जय हो
Sant Rampal Ji Maharaj ki jay ho sat sahib ji 🙏🙏