हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥ देस काल दिसि बिदिसिहु माहीं। कहहु सो कहाँ जहाँ प्रभु नाहीं॥ भावार्थ- मैं तो यह जानता हूँ कि भगवान सब जगह समान रूप से व्यापक हैं, प्रेम से वे प्रकट हो जाते हैं, देश, काल, दिशा, विदिशा में बताओ, ऐसी जगह कहाँ है, जहाँ प्रभु न हों।
So nicely performed.
Thanks to whole team.
Kabir ke is geet se badhkar koi geet nahi hai....ise sune aur samjhe.....love u all of u.
हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥
देस काल दिसि बिदिसिहु माहीं। कहहु सो कहाँ जहाँ प्रभु नाहीं॥
भावार्थ-
मैं तो यह जानता हूँ कि भगवान सब जगह समान रूप से व्यापक हैं, प्रेम से वे प्रकट हो जाते हैं, देश, काल, दिशा, विदिशा में बताओ, ऐसी जगह कहाँ है, जहाँ प्रभु न हों।
Shambho🙏
It's awesome. Loved it
Jahan dekha wahin tu ka tu .......Blissful night 🌃 🙏
Jay siyaram Jay hanuman ji
Absolutely Divine
🙏
😭
upload "Chaurasi Ki Need Se" by Kabir Cafe.
From MSR 2021.
th-cam.com/video/7Jto5brQyRs/w-d-xo.html
Wow! Kabir Cafe performing at Isha's Mahashivratri function! Kabir must be laughing
Can you upload Mu ko kaha dunde re bandhe from MSR 21 by KBC? thank you.
🙏