"आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 35,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
संस्था कोई कसर नहीं छोड़ रही है वेदांत को घर तक ले जाने में। आचार्यजी मेरेनलिए मात्र गुरु नहीं एक योद्धा है। जो भी बोलते है करके दिखाते है। हर संसाधन जोड़ के निष्काम होके काम कर रहे है सभी। में प्रमाण ले रहा हूं, में संस्था के साथ मिलके जितनी श्रम कर सकता हूं, करूंगा। 🔥🔥 युद्ध्यस्व 🙏🙏
Saral jeevan jine ka hunar sikhane wale acharya ji ...aap hamare jindagi me aaye ...aapka bahut bahut dhanyavad...jisne bhi aapko sun or samjh liya to yakinan ve logo ki jindagi se aadhe se jyada dukh dard khatam ho jayega .....vyavharikta me aapke vicharo ko apnana brhad saral hai bs man me ikcha honi chahiye.
नमस्ते आचार्य जी 1.आत्मिक चेतना सवाल करती है, कुछ भी पहले नहीं मानती 2दुनिया, हो या कामना जो दुख दे वो पराया ही है 3अनात्मिक आत्मा पहले दुनिया देखती है फिर खुद को 4आत्मिक आत्मा पहले खुद को देखती है, फिर संसार को देखती है 5दुनिया, कामना करवाती है इसलिए अज्ञान थी कि कामना को समझो उसे मुक्त हो जाओ 6प्रेम प्रेम सब कोई कहे प्रेम ना जाने कोय जा मरग साहब मिले प्रेम कहावे सोय 7प्रकृति में कुछ भी तुम्हारा नहीं है, सब प्रकृति का है 8अज्ञान से कामना उड़ती है, फिर कामना से दुःख होता है 9किसी चीज को मैं अपना तभी बोलूंगा जब वो पूरा पूरा मेरा हो वरना नहीं 10वो चेतना जो कृष्ण को चुनती है वही आत्मिक आत्मा है 11हम भीतर से आदिम जानवर हैं, ये देखने के लिए आत्मज्ञान औलोकन करो खुद को 12आत्मज्ञान के बिना आप खुद को नहीं जान सकते 13चेतना स्वभावोगत होती ह ....और इंद्रिय प्रभावोगत 14संसार की वास्तु को अपनी कामना की नजर से देखना छोड़ो, वस्तु को वस्तु रहने दो 15जिंदगी में भी चीज है उसके प्रति इस्तिफा तैयार रखो ❤....क्योंकि वह शरीर भी प्रकृति है 16अध्यात्म में निराशा, उदासीन्त बहुत ऊंची बात है 17कामना को भोग कर कामना पूरी हो जाती , तब भी ठीक थी....लेकिन भोगने के बाद भी पूरी नहीं होती 18प्रकृति पराया ह , आत्मा अपनी है 19आत्मज्ञान के प्रकाश में अंधे करम सब त्याग दो निरश हो निर्मम बनो ताप रहित बस युद्ध हो 20अपना वो है... जो पराया से रिश्ता ना रखे 21.ममता हमेशा एहेन्ता के साथ चलती है 22.असली चीज़ भीतर मिलती है 23विगतज्वर....कामना, उन्माद, 24कामनापूर्ति बानाम कामनामुक्ति 25कामनापूर्ति वाला युद्ध...नहीं लड़ना है...ताप रहित बस युद्ध हो
शत शत नमन आचार्य जी..एक प्राथमिक पाठशाळा मे अध्यापक के रूप मे काम करता हू।।दो साल से आपको सुन रहा हू।।स्कूल के छात्रो की तरफ देखने का जरिया बदल गया।काम करने के समय मे वृद्धी हो गयी।सई मायनो मे अध्यापक तथा इंसांन बन गया।आप को बहुत नमन ❤
Blind assumptions of passive voice as you said is the real falseness inside me and this is what causing desires which in turn causes me to suffer. Thank you sir for this clarity 🙏
After joining geeta session ❤, I start more concentrated on my studies, I have start doing my work without wasting time, Before I have desire but not understood the root cause ❤, Due to acharya jii, I have saved my lot of time and utilize that for my improvement ❤.
कभी कभी मुझे लगता है। की मैं कुछ नहीं जानती , में अभी इस दुनिये की बात से काफी आंजन हो। कुछ पाना चाहती हो। कुछ सिखाने के लिए में काफी बेचैन हो। और यहीं जिज्ञासा मुझे कभी उदर नाचती है तो कभी उदर।।।।।।।
दुनिया में अधिकांश लोग कुछ ना कुछ कामनाओं के पीछे भागकर अपना पुरा जीवन नष्ट कर देता है परंतु अपनी आत्मिक संभावनाओं से वंचित रह जाते है यही बहुत दुख की बात है પ્રણામ આચાર્ય 🙏🙏🙏
गर्म गर्मी वाली लड़ाई की दूरी बहुत ही छोटी होती है। इसमें अपना ही बहुत ज्यादा नुकसान होता है अहंकार को ताकत मिलती है हिंदी लड़ाई में अहंकार धीरे धीरे आत्मा में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है और वह आत्मस्थ हो जाता है और उसको पता भी नहीं लगता धीरे धीरे इस क्रिया में वह खत्म हो जाता है प्रणाम आचार्य जी
"आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ हर महीने 30 लाइव सत्र
✨ 35,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी
✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻✨✨✨✨
🌹☀️🌻
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Sir aura kya hai postive negetive energy insaan mein uske ghar mein kya sach mucch hoti please iske bare mein visthar mein bataiye
Thanks
माटी चुन चुन महल बनाया, लोग कहें घर मेरा ।
ना घर तेरा, ना घर मेरा, चिड़िया रैन बसेरा ॥
☝🏻- संत कबीर🏘️❌
जहां कामना है वहां मजबूरी है और जहां मजबूरी है वहां लूट बेईमानी है🤩🥺🔃😏🥳💥
हमारी चेतना हमें बस गुलाम बनाती है और आध्यात्मिक चेतना हमें महान बनाती है🤩💥😌🌟
आचार्य जी से जुड़ने के बाद जो सबसे दो बुरी चीज मैंने छोड़ी है
वह है अंधविश्वास और मांस सेवन
Mee too🎉
Bhot achaaaa kiya
Mass chodkr bhut Acha kiya
जिंदगी भरोसा मांगती है ...इसके लिए मन बैचैन रहता है ...सारा अध्यात्म इसी बैचैनी का जवाब होता है .......।
हमारे गीता शिक्षक आचार्य प्रशांत जी हमारे सब कमजोरियों को तहस नहस करने में लगे हुए हैं और एक सुंदर जिंदगी जीने को सिखा रहे हैं
निराशा नवीनता है
~आचार्य प्रशांत
आध्यात्मिक चेतना पहले स्वंय को देखती है,फिर जगत को देखती है ।
साधारण चेतना पहले जगत को देखती है फिर स्वंय को देखती हैं।
हमारी कामना ही सोना को मूल्यवान बनाती है, नहीं तो सोना तो एक धातु है।
लड़ेगा वही जो सही मुद्दे समझेगा .....और जो समझने के बाद भी नही लड़ेगा वो गुलाम ही रहेगा ...
आचार्य जी ❤
असली युद्ध - अर्जुन तुम तुम्हारे भीतर जो कौरव बैठे हैं उनकी सुनोगे या तुम्हारे भीतर जो कृष्ण बैठे हैं उनकी सुनोगे।
आचार्य जी से जुड़ने के बाद में बहुत सारी किताबें पढ़ने लगा हूं😊😊
👏🏻👏🏻
I also
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Plz recommend me some books .
May bhi
साधारण चेतना जगत के प्रभाव(अज्ञान) के अनुसार चलती है,परंंतु अध्यात्मिक चेतना स्वयं के आंतरिक स्वभाव(ज्ञान)पर चलती है.
वास्तविक सुन्दर वही हो सकता है जो कृष्ण को प्रथम वरीयता देते हैं 🙏🙏
एकमात्र आचार्य जी ही है जिसने मुझे असल में जीना सिखाया है❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏🙏
Bus Bhai Aise Hi Support KARTE raho
Sach hai, same
❤❤
आज श्रीप्रशांत सब बात को जानते हैं तो जान लगा कर युद्ध कर रहे हैं🙏🏻💪🏻🙏🏻
अनात्मिक/ अहंकारी चेतना -
जगत सत्य है । जगत के माध्यम से अपना निर्धारण करना । परिणाम - अधूरेपन का भाव।
इंद्रिया प्रभाव (अज्ञान)पर चलती है ....चेतना स्वभाव (ज्ञान ) पर ...
👉आचार्य प्रशांत, 21वीं सदी के महानतम समाज सुधारक💥🌍
हमारा अज्ञान ही मूल्यहीन वस्तु को मूल्यवान बना देता है।
आचार्य जी के चरणों में नतमस्तक हूं 🙏🙏
संस्था के सभी लोगों को बहुत सारी आभार प्रकट करते हैं।🙏🙏🙏🙏🙏
हमारी अनात्मिक चेतना बैचैन रहती है बैचैनी है तो कामना है कामना है तो लूट है .....।
युध्यस्व विगतज्वरः !
असली गीता और कृष्ण का मतलब तो आचार्य जी से ही जाना है पहले मैं बहुत कर्मकांड को मानती थी पर आचार्य जी ने जीवन ही परिवर्तित कर दिया धन्यवाद आचार्य जी
आचार्य जी का पूरा जीवन एक फाइटर की तरह रहा है,,
सही युद्ध चुनो और झोंक दो खुद को उसमें।
Aacharya Prashant is a super fighter
आचार्य जी ने बहुत परिश्रम किया है गीता जी को हम तक लाने के लिए अब हमारा कर्तव्य है गीता को अपने जीवन में उतरने के लिए धन्यवाद आचार्य जी 🙏
आचार्य प्रशांत जी की बातो से अभी भी बहुत से लोग वंचित है इन्हे शेयर करके पहुचना चाहिए सभी लोगो तक
निराश हो जाओ - आध्यात्मिक चेतना ❤❤
निर्ममता 🙏🙏🙏❤❤❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी ❤❤❤❤❤ आपने सही चेतना दे दी । सत सत नमन आपको ।
आचार्य से मैंने बहुत कुछ सिखाया है या बदला, धन्यवाद आचार्य जी ❤❤❤
अगर हमें बुद्धिमान बनना है तो श्रीप्रशांत की हर बात को भीतर से समझना होगा😌🙏🏻🌟🗣️🙏🏻
Right 🙏
👉🏻निराशा नवीनता है।😔🔃✨
आत्म ज्ञान के प्रकाश में,
अंधे कर्म सब त्याग दो,
निराश हो, निर्मम बनो,
ताप रहित बस युद्ध हो।
✨🪔✨🪔✨
मूर्ख दाम चुकाता हैं मन को भरने के लिए
और बौद्धिक दाम चुकाता हैं मन को खाली करने के लिए
शरीर की इंद्रियां वृत्ति पर चलती हैं। और चेतना ज्ञान पर। यह इंद्रियों और चेतना का मूल स्वभाव हैं। 🙏
जगत का काम है हर तरीके से पकड़ना ....।
जय हिंद श्रीमान जी 🙏🙏🙏🙏🙏
Shubh prabhat 🙏🙏🙏
युध्यस्व:❤❤
नमन गुरूदेव 👏👏👏
युद्ध वही लड़ेगा जो असली मुद्दों को समझेगा और जो मुद्दों को समझकर भी युद्ध नहीं लड़ेगा वो गुलाम ही रहेगा
🙏🏻🔥🙏🏻
Pranam aacharya ji
Ek dam sahi kaha sir
संस्था कोई कसर नहीं छोड़ रही है वेदांत को घर तक ले जाने में। आचार्यजी मेरेनलिए मात्र गुरु नहीं एक योद्धा है। जो भी बोलते है करके दिखाते है।
हर संसाधन जोड़ के निष्काम होके काम कर रहे है सभी। में प्रमाण ले रहा हूं, में संस्था के साथ मिलके जितनी श्रम कर सकता हूं, करूंगा।
🔥🔥 युद्ध्यस्व 🙏🙏
हमारी जितनी भी पहचाने है उनको देने वाला कोई बाहरी हो है ।
Saral jeevan jine ka hunar sikhane wale acharya ji ...aap hamare jindagi me aaye ...aapka bahut bahut dhanyavad...jisne bhi aapko sun or samjh liya to yakinan ve logo ki jindagi se aadhe se jyada dukh dard khatam ho jayega .....vyavharikta me aapke vicharo ko apnana brhad saral hai bs man me ikcha honi chahiye.
जिस काम से तुम्हें प्यार नहीं वह काम तुम कर ही नहीं सकते,,
काम वैसा चुननो जिससे तुम्हें प्यार हो
अन्धे कर्म त्याग्दो!
आचार्य जी सर्वश्रेष्ठ हैं
❤❤❤❤❤
श्रीप्रशांत हमें सही रास्ते पर लाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं🙏🏻
Acharya ji unike in the world asli yoddha
जो आपको सुन लिया उसे किसी और को सुनने की जरूरत नहीं !!!
#आचार्यप्रशांत #AcharyaPrashant
~😊❤#LoveYouSir❤😊~
हां
Namaste Aachaye ji
Jay ho acharya ji pranam
सुप्रभात आचार्य जी 🙏🙏
भगवतगीता पर आचार्य जी की व्याख्या अभूतपूर्व है
Good morning ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
मूर्ख दाम चुकता है मन को भरने के, ओर बोधि दाम चुकता है मन को खाली करने के।
हमे सबसे ज्यादा उन्होंने हि ठगा है जिस पर हमने सबसे ज्यादा विश्वास किया है। 💯
नमस्ते आचार्य जी
1.आत्मिक चेतना सवाल करती है, कुछ भी पहले नहीं मानती
2दुनिया, हो या कामना जो दुख दे वो पराया ही है
3अनात्मिक आत्मा पहले दुनिया देखती है फिर खुद को
4आत्मिक आत्मा पहले खुद को देखती है, फिर संसार को देखती है
5दुनिया, कामना करवाती है इसलिए अज्ञान थी कि कामना को समझो उसे मुक्त हो जाओ
6प्रेम प्रेम सब कोई कहे प्रेम ना जाने कोय
जा मरग साहब मिले प्रेम कहावे सोय
7प्रकृति में कुछ भी तुम्हारा नहीं है, सब प्रकृति का है
8अज्ञान से कामना उड़ती है, फिर कामना से दुःख होता है
9किसी चीज को मैं अपना तभी बोलूंगा जब वो पूरा पूरा मेरा हो वरना नहीं
10वो चेतना जो कृष्ण को चुनती है वही आत्मिक आत्मा है
11हम भीतर से आदिम जानवर हैं, ये देखने के लिए आत्मज्ञान औलोकन करो खुद को
12आत्मज्ञान के बिना आप खुद को नहीं जान सकते
13चेतना स्वभावोगत होती ह ....और इंद्रिय प्रभावोगत
14संसार की वास्तु को अपनी कामना की नजर से देखना छोड़ो, वस्तु को वस्तु रहने दो
15जिंदगी में भी चीज है उसके प्रति इस्तिफा तैयार रखो ❤....क्योंकि वह शरीर भी प्रकृति है
16अध्यात्म में निराशा, उदासीन्त बहुत ऊंची बात है
17कामना को भोग कर कामना पूरी हो जाती , तब भी ठीक थी....लेकिन भोगने के बाद भी पूरी नहीं होती
18प्रकृति पराया ह , आत्मा अपनी है
19आत्मज्ञान के प्रकाश में अंधे करम सब त्याग दो
निरश हो निर्मम बनो ताप रहित बस युद्ध हो
20अपना वो है... जो पराया से रिश्ता ना रखे
21.ममता हमेशा एहेन्ता के साथ चलती है
22.असली चीज़ भीतर
मिलती है
23विगतज्वर....कामना, उन्माद,
24कामनापूर्ति बानाम कामनामुक्ति
25कामनापूर्ति वाला युद्ध...नहीं लड़ना है...ताप रहित बस युद्ध हो
शुभ प्रभात 🙏🌅
आचार्य जी को सुनु मौज न आए ❤ हो ही नही सकता
❤❤Really The great Philosopher 🎉🎉
जहा कामना है वहा मजबूरी है,जहा मजबूरी है वहा लूट है।
Jay shree Krishna 💖🥰🖇️❤️🥰
Shubh prabhat Sir Ji ❤
मेरा सोभाग्य है कि आप मुझे पहले मिल गए आपकी वजह से मैं जीना सीख रही हूँ आपका बहुत धन्यवाद😊😊
आध्यात्मिक चेतना पहले खुद्को देखती है ओर फिर संसार् को देखती है सामान्य चेतना पहले जगत को देखती है ओर उसके मुताबिक अपना अपना मूल्य निर्धारित करती हैं।
Gurujike charanme juga juga rahunga 🙏🙏🙏
शत शत नमन आचार्य जी..एक प्राथमिक पाठशाळा मे अध्यापक के रूप मे काम करता हू।।दो साल से आपको सुन रहा हू।।स्कूल के छात्रो की तरफ देखने का जरिया बदल गया।काम करने के समय मे वृद्धी हो गयी।सई मायनो मे अध्यापक तथा इंसांन बन गया।आप को बहुत नमन ❤
आप गीता सत्र में है तो बढ़िया नहीं है तो जुड़िए जीवन बदल जाएगा एक बेहतरीन दिशा में
युद्ध वहीं करेगा जो इस चाल को समझेगा
अध्याय 3 शोक 30 ap
और ये भी जान लो अगर हमारे पास सौ चीजें हैं तो हम महा मूर्ख हैं क्योंकि हम सौ जगह पर जाकर मूर्ख बन चुके हैं🤵🏻♂️🎁❌💥
Parnam gurug
जगत सत्य है तो जगत है मगर हम क्या हैं हमें ये पता ही नहीं है तो अवश्य खुद को भी जाने🌍✅🤔❔
असली युद्ध चुनो और जी जान से उसमें अपने आपको झोंक दो 🙏🙏
ऐसा लग रहा है जैसे हमें पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान मिल गया हो इस वीडियो से 🙏🏼🙂
सब कामना के मूल मे एक भ्रान्ति होती है की जगत सत्य है।
जो अध्यात्म होता है वो हमारे बेचैनियों का जवाब है क्योंकि हमें अध्यात्म इस मूर्ख बेचैनियों की असलियत बता देता है
🙏🏻🌟❌💥😨
Sir ESI vedio dalne ke liye koti koti naman🥺🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जब तक पुराने से आस नहीं छोंडोंगे
तब तक नए की निर्मित्त्त असंभव है।
~आचार्य प्रशांत
Namaste sir.. 🙏🏻
निराशा नवीनता का वाहक है ❤❤❤
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After joining geeta session ❤,
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I have start doing my work without wasting time,
Before I have desire but not understood the root cause ❤,
Due to acharya jii, I have saved my lot of time and utilize that for my improvement ❤.
आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵
জয় গীতা জয় গীতা জয় জয় শ্রী কৃষ্ণ জয় শ্রী কৃষ্ণ জয় 🙏🙏🙏🙏
कोई भी मूल्य आपके परिप्रेक्ष्य मे होता है।
आज हम जो मूर्खता कर रहे हैं उसे रोकना होगा क्योंकि इस मूर्खता से हम विनाश को बढ़ा रहे हैं।💥🤩😘💥
Acharya ji ko good morning 🙏🌹 shukriya dhanyawad 💐🙏
शुभ प्रभात 🌄🙏 गुरु जी
Thanks
सत्य का इतना गहरा ज्ञान और उस सत्य को बताने में बेफिक्री, निडरता कबीर साहब के बाद आचार्य प्रशांत में ही देखने को मिली है 🙏 नमन आचार्य जी को 🙏
पाता नहि चलना ही असली जीवन है
कभी कभी मुझे लगता है। की मैं कुछ नहीं जानती , में अभी इस दुनिये की बात से काफी आंजन हो। कुछ पाना चाहती हो। कुछ सिखाने के लिए में काफी बेचैन हो। और यहीं जिज्ञासा मुझे कभी उदर नाचती है तो कभी उदर।।।।।।।
दुनिया में अधिकांश लोग कुछ ना कुछ कामनाओं के पीछे भागकर अपना पुरा जीवन नष्ट कर देता है परंतु अपनी आत्मिक संभावनाओं से वंचित रह जाते है यही बहुत दुख की बात है પ્રણામ આચાર્ય 🙏🙏🙏
Absolutely right acharya ji! 😊
सत सत नमन आचार्य प्रशांत जी
गर्म गर्मी वाली लड़ाई की दूरी बहुत ही छोटी होती है। इसमें अपना ही बहुत ज्यादा नुकसान होता है अहंकार को ताकत मिलती है हिंदी लड़ाई में अहंकार धीरे धीरे आत्मा में परिवर्तित होना शुरू हो जाता है और वह आत्मस्थ हो जाता है और उसको पता भी नहीं लगता धीरे धीरे इस क्रिया में वह खत्म हो जाता है प्रणाम आचार्य जी