ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी । सकल ताड़ना के अधिकारी । जानिये इस चौपाई का सही अर्थ ।अनिरुद्धाचार्य जी
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2021
- #shrianiruddhacharyajimaharaj #aniruddhacharyajilive #aniruddhacharyalivetoday #vrindavan #bhajan
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी । सकल ताड़ना के अधिकारी । जानिये इस चौपाई का सही अर्थ । श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे,
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अपने शिष्य को मुर्ख बनाने के लिए बहुत अच्छा तारक दिया गुरुजी
महाराज जी दोहे का अर्थ नहीं बदल रहा है लेकिन समाज बदल रहा है इसलिए कुछ लोगों को दोहे का अर्थ बदलना पड़ रहा है
Ram Ram ji, is dohe ka aerth log ya katha wachak badi badi baten karten hain jayada se jayade time barbad karte hain, Aisa lagta hai ki puri ramayan main yahi ak doha hai. Baki koi bhi doha yad nhi.
Jo tum samjho wahi hai.. Kya ukhad loge... Aur galat kya kaha hai dohe me.. Aaj shudro ko khuli chhut de di gai to dekho hamare sir pe naach rahe hain.. Jispe mann sc st act laga rahe hain.. Mahilao ko khuli chhut de di to anjaam kya hai ki ladkiya jihadiyon ke sath bhi bhaag rahi hain.. Mata pita ki izzat koi parwaah nahi karti... Inpe control rakhna bohot zaruri hai..
Good bro
आप अर्थ का अनर्थ बता रहे है क्या मानस में ताड़ना शब्द का अर्थ एक
होता है या मानस में और भी लिखा हुआ है तो उस ताड़ना का अर्थ दुसरा होगा।
आप समाज सुधारक है अगर कुछ। गलत लिखा गया या कहा गया है।उसमे सुधार किया जाना चाहिए न कि गलत अर्थ में उलझाना चाहिए मानस में कई चौपाई में ताड़ना शब्द लिखा हुआ है।
👍👍👍👍👍👍👍👍
जय श्रीराधे राधे🙏🌹
🙏🚩जय सियाराम 🚩🙏हरहरमहादेव 🚩🙏
Sharma Mishra shukla dubey Tiwari
Sakal tadna ke abhikari
Murkh Mt bnao Maharaj ji tatti ko poti bolo latring Bo tatti hi rahegi samjhe
रैदास न बामन पूजिए जौ होए गुणहीन
पूजिए चरन चण्डाल के जौ होवे गुण प्रवीन।।
Mtlb
Mtlb
सापत ताड़त परुष कहंता। बिप्र पूज्य अस गावहिं संता॥
पूजिअ बिप्र सील गुन हीना। सूद्र न गुन गन ग्यान प्रबीना॥
इसका क्या अर्थ लगाया जाए
इसका अर्थ पूछो इनसे😂😂😂 कोई जवाब नही मिलेगा😂😂😂😂
याद रखो तुलसीदास 500 साल पहले ही aye थे, लेकिन हजारों साल पहले भगवान परशुराम कह गए - जन्मना जायते शूद्रः कर्मणा द्विज उच्यते। जन्म से सभी शूद्र ही होते हैं और कर्म से द्विज कहलाते हैं।
ताड़ना का अर्थ निहारना देखना अवधि भाषा मे लिखा गया है।संस्कृत मे नही है लिखा गया नही है रामचलितमानस । 🙏🙏
सीताराम
तोड़ मरोड़ कर समझाने के लिए धन्यवाद आज के महाराज जी का यही काम है
Bhai aa gaye trend issue ko dekhkar Jan/feb2023 mei ye issue trend mei jo hai lekin ye video 1year pehle upload Hui hai aaaj se to soch kon sahi hai 😏😏
Ye chutiye hai bhai ye nahi samghege .inke dimag mein kida bhara hai.
🙏🙏 जय श्रीराधे राधे 🙏 🙏
शर्मा , मिश्रा ,पांडे ,शुक्ला और तिवारी |
सकल ताड़ना के अधिकारी ||
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
Rampyare ji sahi kaha hai Aap jay ho ambedkar ji aap ne jo samvidhan likha hai vah sabase sahi hai usake mukaable aaj koi garanth nahi hai
@@akhileshyadav-hu6fq leave Hinduism 👍🏿
Vah Bhai aap to Tulsi ke baap ho
Pandito se bahut dusmani hai tumhare sath kuchh galat kar diye hai kya
ताड़ना शब्द के अनेक अर्थ होता है जैसे- बजाना, मारना , देखना, सीखाना, शिक्षित करना, निरीक्षण करना आदि ।
यहाँ पर श्लेष अंलकार प्रयुक्त हुआ है ।
परम पूज्यनीय महाराज जी कोटि कोटि नमन, आपकी व्याख्या अतुलनिय है मै जानता था ताड़ना मतलब ध्यान देना, देखते रहना है, फिर भी मै जब भी ये चौपाई पढ़ता अन्य लोगों की तरह मै भी गलत अर्थ निकालता और ये सोचता ऐसा क्यों लिखा जबकि नारी पूजनीय है आज समझ पाया, इसी तरह ना जाने करोड़ो लोग हैं जो गलत पढ़ते है खुद भी भ्रमित रहते हैं और लोगों को भी गलत संदेश जाता है, जय श्री राम.
मेरी समझ में ये नहीं आया कि ताड़ना शब्द का अर्थ देखते रहना है तो तुलसी के अनुसार पूरा शूद्र ताडन लायक ही है उसमें एक भी नही हो सकता बुद्धिजीवी मेहनती जबकि ब्राह्मण क्षत्रिय में सब विद्वान और मेहनती ही पैदा होता है उसे ताडने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह पूज्य विद्वान ) जाति में पैदा हुआ है
@@skybhai6070 भाई गीता पढ़ो गीता में लिखा है कि गुणों के आधार लोगों को बदला गया है जाति के अनुसार नहीं और भगवान इसमें सबको guno के अनुसर दिए हैं और महाराज जी भी बंदूकों का ही नाम लिया यानि warker........
@@skybhai6070 bhae anupras alankar hai Tarana jaise kanak kanak te sauguni madakta adhikary ,me kanak ka alag -2 arth hai .aur pahle jobhi vidwan hua chahe kisi varn ka ho wo to brahman hi ho gya jaise valmikiji ,
Dhol ko kya tadenge maharaj
@@vishalsonkar152 पप्पू ,पप्पू ही रहेगा, जय श्री राम जय श्री हिन्दू राष्ट्र भारत.
परमपूज्य गुरुजी प्रणाम, आपके मुख से ये अर्थ सुनकर हमारा संदेह मिट गया क्योंकि यही अर्थ मै भी समझती थी लेकिन मैंने you tube पर बहुत से वीडियो देखे तो सबने गलत बताया जैसे ही वीडियो ऑन करती थी ताड़ना का अर्थ मारना सुनकर मै वीडियो बंद कर देती थी और मुझे अपने ऊपर संदेह होता था
Aapne phle sahi dekha h ye maharaj ji Galt bta rhe h.
@@RAMKUMAR-mv8dh chal bey bhimte
अरे सीमा जी ढोल को देखने की जरूरत कब होती है जब उसको बजाते है और सिर्फ ढोल के अलावा और कोई वाद्य यंत्र नही होता ये सिर्फ पागल बनाता है साला कमिना
राधे राधे जी नम्रता हमारा भुषण है और जहाँ विनम्रता है वहा ज्ञान है तुलसी जी की भाषा समझने के लिये साधना और स्वाध्याय की जरूरत है इस युग के. विद्वान अर्थ बदल देते है
हमे गलत को स्वीकार करने में गर्व करना चाहिए।संतों को भी समाज के दृष्टिकोण से और विवेक से ही व्याख्या कर लोगों को बताना चाहिए। उन्होंने लिखना चाहिए था।सकल देखन के अधिकारी।मनुष्य से गलती होती ही है,तुलसीदास जी बहुत अच्छे अच्छे काव्य लिखा है।
*याद हृदय में सच्चा प्रेम हो तो*
*प्रतीक्षा का हर क्षण आनंद देता है!!*
_पवनसुत अंजनिपुत्र महावीराय नमो:🔥_
💢₣rเεηɗŽσиɘмє ....࿐
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अगर शूद्र ज्ञानी हो और सवर्ण अज्ञानी हो तो ताड़ सकता है
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
Gyani Shudra reh hi nhi jata or Agyani brahman nhi reh jata
महाराज जी लोग आज भी गाँव मे कहते है कि किसको ताड़ रहे हो तो इसका अर्थ देखना होता है
याद रखो तुलसीदास 500 साल पहले ही aye थे, लेकिन हजारों साल पहले भगवान परशुराम कह गए - जन्मना जायते शूद्रः कर्मणा द्विज उच्यते। जन्म से सभी शूद्र ही होते हैं और कर्म से द्विज कहलाते हैं।
कितनी जद्दोजहत करनी पड़ती है,,,,एक वाक्य समझाने में,,
सब लोग इसमें ही लगे है,,,इतने महान कवि ने पहले तो ऐसा शब्द लिया ही क्यों,,,दूसरा आप कितना भी समझाए यह सत्य छुप नहीं सकता ,,,गरीब लोग ,,विशेष जाति के लोगो को ,,,,,नारी को नीचा ही दिखाया जाता रहा है,,, जय श्रीमन्नारायण 🙏⛳
तो मत छुपाओ किसने कहा है
और शुद्र शब्द अंग्रेज बनाकर गए हैं उनको उजाड़ सकते हो तो उजाड़ दो जाकर
या फिर तुलसी दास जी की स्थिति में पहुंच कर उनको मूर्ख बनाओ
ब्राह्मण ,पंडा ,भूमिहार ,पुजारी सकल ताड़ना के अधिकारी....
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
@@puja7256 ढोल, गंवार, शूद्र, पशु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी।।
@@prashantraut5450 आप एक बार गूगल पर जाए, इसका अर्थ देखे, फिर आकर मुझे बताये, जो देखा आपने
ब्राहमण, क्षत्रिय, कायस्थ महतारी !
सकल तारणा के अधिकारी !!
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
ब्राह्मण शुक्ला दुबे तिवारी
सब ताड़न के अधिकारी l
👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
@@ajaykumaryadavajaypartap3380 👍👍👍
@@ajaykumaryadavajaypartap3380 ha bolo koi problem nhi
समय के साथ शब्द का अर्थ ऊलटा नही होता,99 % लोग सच अर्थ निकल रहे हैं
आपका कहना मान लिए
ठीक है लेकीन शूद्र और नारी ढ़ोल तारने की वास्तु है तो ब्राह्मण के बारे में क्यों नहीं लिखा उसे भी तो लिखना चाहिए
Aap apne aap ko shudra samajhte hain kya
Mujhe to yhi lagta hai ke kshatriya mante hain aap apne aap ko
😀
Shudra wale karm agar aapke honge to aap apne aap ko shudra maniye
ब्राह्मण नारियां नही होती है क्या।
@@STREETGYAN kasmiri pandito ne apani nariyo ko sahi se tada tha bhai hame to lagta aap pandit ho
@@AshokKumar-sz1mu aap agar padhe likhe hote to jante alankar vagaira
Filhal aapko hi shudra kahte hain
Gyan lo fir bolo
Aapko kitna Gyan hai hindi awadhi Sanskrit ka
Aapko ye bhi nahi pata hogi ke shree ramcharit manas me 200 ke aaspas languages ka use hua hai
Sabke liye uska alag alag arth hoga
Tadan shabd alankar ke roop me use hua hai
Jai Jai Shree Harivans Mahaprabhu Ki Jai Jai Shree Harivans Mahaprabhu Ki Jai Jai Shree Harivans Mahaprabhu Ki Jai Jai 🌺❣️🌹🙏🙏💟🧑🧑🙏❣️🌺🌺❣️🌹🌹🌺
सरल तरिके से समझाने के लिए महाराज जी को हृदय से प्रचंड प्रणाम 🚩🙏
hare Krishna Radhe Radhe
मैं हिंदी का शिक्षक हूं, और मैं रामचरितमानस पढ़ा हूं, एक चौपाई (सापत ताड़त परुश कहन्ता,पुजीय बिप्र अस गावहि संता ) में ताड़त का अर्थ पिटता हुआ लिखा है।अब ज्यादा ज्ञान मत पेलो पंडित जनता जानती है
ये कमीने लोग को अपनी दुकान चलानी है झूठ ही इनका सहारा है
जय श्री राम 🙏🚩🚩🙏🙏🚩🚩
Me Mp se hu waha tadna ka mtlb nigrani rakhna hota hai jay shree Ram 🚩
Sahi kah rahi hai aap
Sher ko kahe nahi tadte ho
@@SantoshKumar-hz2mg esliye ki wo tumhara baap hai .
@@vijaypandey7562 bap ko aisa nahi kahte bigde huye beta
@@SantoshKumar-hz2mg shudra shudra hi rahega sale kai pidhiyo se nai samajh me aaya abi tk ab nai aayega tum logo ko aur esiliye shoshan hoga tumhara shudra shudra hi rahega chahe baba aa jaye tumhare dada aa jaye samajhe shudra .
मूरख हिरदे न चेत जो गुरु विरांच् स् म foolhe फल्हि न बेट जदपि सुधा वर्शि जलधि
जय श्री राम गुरु जी राधे राधे श्रीमान नारायणजय श्री राम गुरु जी राधे राधे श्रीमन्नारायणआपने बहुत अच्छी कथा सुनाई है ताड़ना का मतलब देखना होता है आप बिल्कुल सही बता रहे हैंलेकिन कुछ लोगों को समझ नहीं आनाआप क्या करेंगे कोई कुछ नहीं कर सकता है जिसको मर्जी जो मर्जी अर्थ निकाल लेअब क्या करेंगे कोई कुछ नहीं कर सकता है जिसको मर्जी जो मर्जी अर्थ निकाल लेगुरु जी आपको बहुत-बहुत धन्यवादभगवान सबको खुश नहीं कर सकते तो आप हम कौन सा को खुश कर सकता हैसबका विकास सबका दिमाग अलग होता है
महाराज जी ढोल नगाड़ों को लोगों को कहिए सिर्फ देखेगा ढोल नगाड़ा अपने आप बजने लगेगा। धन्यवाद।
Arey mand buddhi...🤦♂️🤦♂️
Gali ke bahar se jab dhol nikalta hai to tu kya chin ke khud bazane lagta hai kya ya khada hokar taadta hai ye bhata ?
@@ayushshukla2128 मन बुद्धि तुम्हारा यह बाबा है न जाने यह जाहिल कौन सा टीचर से हिंदी पadha है
@@BelieveYourself24567 sayad jiss Jahil se tumne padha h..usse toh bilkul bhi nahi..!! 🤣
@@ayushshukla2128 इस दोहे का क्या मतलब है तू भी अच्छी तरह जानता है लेकिन सच बोलने के लिए himmat होना चाहिए जो तेरे पास नहीं है क्योंकि इस दोहे का मतलब जो है वह तुम्हारे विरुद्ध है ब्राह्मणों के विरुद्ध तुम ब्राह्मण हो और ब्राह्मणों के खिलाफ तुम बोलोगे नहीं तुलसीदास v ब्राह्मण वह भी अपने cast को ऊपर दिखाया और और कास्ट वाले को नीचे, लिंक भेजा हूं वीडियो देख लेना पूरा कंफर्म हो जाएगा क्या मतलब है उसका
जी जैसे गुरु जी प्रवचन सुनाते है और हम उनको ध्यान से देखते है। 😇
Guruji aap ka jawab is chaupai ke sadhubad hai koti koti pranam
अति सुन्दर प्रवचन महराज जी,
महाराज जी, मैं अवधी हूँ और हमारे यहाँ अवधी में ताड़ना का अर्थ निगरानी करना /नज़र रखना होता है जबकि चित्रकूट में ताड़ना का मतलब निहारना होता है। वहीं संस्कृत में ताड़ना का मतलब पीटना होता है। अब तुलसीदास ही बता सकते हैं कि उन्होंने कौन से ताड़ना शब्द का उपयोग किया है।
Bro ramcharitmanas Sanskrit me nahi likha. Avadhi me hai
Aapne Hi Sahi Likh Diya Hai To Ab Doosara Kya Batayega Goswami Ji To Galat Likh Hi Nahi Sakate
Sahi kha bhae nigrani rakhana hota hai awadhi me
@@Vivek-mb1sx Bilkul Sahi Hamare Vindha Yani Ab Baghelkhand Me Bhi
वह ताड़ना नहीं ताड़न है
शिक्षा के अधिकारी
Radhey radhey radhey radhey radhey 🙏🏼♥
guru ji jb aisi baat hai to pehle brahaman log striyo aur shudro ko adhikar kyun nhi diya aur unn logo ko peete kyun the
iska jawab dijiye me do admi ko apna adarsh manta hoon jinhone ladna sikhaya hai vo do aadmi hai babasaheb aur bhagat singh mujhe garv hai ki mai nastik hoon
jai bhim jai bhagat singh
mera dharm sirf insaniyat aur jaati Bhartiye hai🇮🇳
परम पूजनीय श्री अनिरुद्धचार्य जी महाराज की जय हो
Radhey Radhey
th-cam.com/video/smW2bDrTj0A/w-d-xo.html
जय गुरुदेव नाम किसका प्रभु का
ढोल ग्वार शूद्र पशु नारी,
सकल ताड़ना के अधिकारी।। अवधि भाषा
प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं।
मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥
ढोल गंवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी॥ अवधि भाषा
इस चौपाई का full from
ढोल ताड़ना के अधिकारी।
ग्वार ताड़ना के अधिकारी।
शूद्र ताड़ना के अधिकारी।
पशु ताड़ना के अधिकारी।
नारी ताड़ना के अधिकारी।
अर्थात
प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा दी (दंड दिया), किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपकी ही बनाई हुई है। ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और स्त्री ये सभी उद्धार/उत्थान के अधिकारी हैं।
सूद्र अवधि भाषा में लिखा है जिसका हिन्दी शूद्र होगा।
Remember यहां श्लेष अलंकार है।
जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है किंतु उसको एक से अधिक अर्थ के संदर्भ में कहा जाता है, उसे श्लेष अलंकार कहते हैं।
उदाहरण 1
सुबरन को खोजत फिरत,
कवि, व्यभिचारी, चोर।
इसका Full From
सुबरन को खोजत फिरत कवि,
सुबरन को खोजत फिरत व्यभिचारी(बलात्कारी)
सुबरन को खोजत फिरत चोर ।
अर्थ
यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं; कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द, व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर स्त्री/पुरुष, चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ धन/सोना है।
आप सभी को सुबरन का अर्थ सुंदर/अच्छा मिलेगा। किंतु इस वाक्य में अर्थ अलग अलग संदर्भ में किया गया है वैसे ही ताड़ना अवधि भाषा का हिंदी तारना होगा उसका अर्थ उद्धार/उत्थान अलग अलग संदर्भ में किया गया है।
उदाहरण 2
पानी गये न ऊबरैँ,
मोती मानुष चून।।
इसका Full From
पानी गये न उबारै मोती।
पानी गये न उबारै मानुष।
पानी गये न उबारै चून।
अर्थ
यहाँ पानी का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु इस पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं,मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।
ठीक उसी प्रकार ढ़ोल गवार सूद्र पशु नारी चौपाई का अर्थ होगा
1 ढोल के संदर्भ में उसे ठीक रस्सी कसना या बजाकर देखना की रस्सी ठीक से बंधी है क्या ?
2 ग्वार के संदर्भ में शिक्षा देना तभी उसका समाज में उद्धार/उत्थान होगा।
3 शूद्र के संदर्भ में उस समय समाज में शूद्र की हालत दयनीय स्थिति में थी दुखी, गरीब,अज्ञानी आदि इसलिए उनका उद्धार/उत्थान होना चाहिए।
4 पशु के संदर्भ में प्रशिक्षित/ट्रेनिंग करना जैसे बैल,घोड़ा आदि तभी बैल या घोड़ा ठीक मार्ग पर लेजा पायेगे।
5 स्त्री के संदर्भ में शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण, आदि क्योंकि समय के साथ सभी उससे छीनते गए थे उसे सुरक्षित किया जा सके स्त्री की हालत गंभीर दयनीय स्थिति में थी।
सूद्र अवधि भाषा में लिखा है जिसका हिंदी शूद्र होगा ।
ताड़ना अवधि भाषा है जिसका हिंदी अर्थ तारना होगा उसका अर्थ उद्धार/उत्थान करना होता हैं।
जय श्री राम । 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
गोस्वामी तुलसीदास जी ने इस पंक्ति मे अपनी काव्य कला का परिचय दिया। ताडना अवधी बोली का शब्द है। जो अलग सन्दर्भो मे अलग -अलग अर्थ देता है और इसको अवथ मे रहने वाला ही समझ सकता है।अलग अलग सन्दर्भो मे अलग अलग अर्थ इस प्रकार है- ताड़ना एक अर्थ पीटना ;दूसरा अर्थ निगरानी करना।तीसरा अर्थ किसी की मनोदशा को भाप जाना/समझ जाना। चौथा अर्थ थपकी देना (ढोल के संन्दर्भ में)। इतने अर्थ होते हैं।यह गोस्वामी तुलसीदास जी काव्य कौशल ही है कि एक शब्द से पांच शब्दों को अर्थ प्रदान किया। ऐसे कवि प्रात:वदंनीय पूजनीय है। यह पाठक पर निर्भर है कि वह ढोल गवार शूद्र पशु नारी के लिए किस अर्थ का प्रयोग करता है इसका यह अवध की मिट्टी मे रचे बसे लोग ही समझ सकते हैं अंग्रेजी पढे याअनुवाद से रामचरित मानस पढे लोग नही समझ सकते हैं फिलहाल बाबा तुलसीदासजी जी अपनी इस पंक्ति से किसी का अपमान नही। अब धर्म ग्रन्थो का राजनीतिक उपयोग किया जाय।वह अलग बात है
तुलसी कृत रामयाण में बहुत अच्छी बाते हैं पर कुछ लोग ढोल ग्वार वाले दोहे पर क्यों अटके रहते हैं
बहुत सही🙏🏻🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍
साहित्य और इतिहास बदलना तो कोई इनसे सीखे।
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
बांग्लादेशी राम के अद्भुत चरित्र को समझ कहाँ सकते हैं।
hehe right apne paap ko chupane ye edit krrrai Hn 😂
Upper cast ne lower cast ko kabhi sukun se nhi jine diya. Pr sambhidan ne jine ka adhikar diya to mere liye to india ❤ hi mera bhagwan hai. I love my india. Mera desh meri jaan mera sambidhan
वैदिक काल में चार वर्ण था ब्राह्मण,क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र,ये वर्ण व्यवस्था कर्म पर आधारित है, जन्म से नहीं,ब्राह्मण का कार्य अध्ययन,अध्यापन, दान लेना, दान देना, यज्ञ करना तथा यज्ञ कराना, क्षत्रिय देश में प्रजा की रक्षा करने तथा कानून ब्यवस्था का पालन करते थे, वैश्य खेती, पशु पालन , व्यापार का कार्य करते थे, तथा अन्य सभी सेवा व नौकरी करने वाले शूद्र वर्ण में आते थे, परंतु कालांतर में सभी अपने पारिवारिक कार्य को पीढ़ी दर पीढ़ी करने लगे जिससे जाति शब्द की उत्पत्ति हुई, और आज संविधान ने इसे जातिगत आधार पर ही लागू कर दिया, जबकि आज की परिदृश्य में इसका कोई मतलब नही है, अर्थ को अनर्थ करके समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका परिणाम क्या होगा ईश्वर जाने
Radhe radhe guru ji
बहुत सुंदर व्याख्या है महाराज मैं अमर मोरिया
धन्यवाद महाराज जी आपने हम जैसे लोगो को जागरूक किया कि हिन्दू धर्म दलितों के खिलाफ है। सिर्फ ब्राहमण धर्म है हिन्दू धर्म
Bilkul sahi
Aaisa kuchh nhi hai
Sirf ek choppai se yeh nikal liya, aisi bhi chopai hai yahan brahman ko Gali di hai. Iska Matlab hindu Dharma anti Brahman hai. Or tulsi Das kavi hai , na ki prophet.
@@aborginalsingh kha gaali dia h batao jara
Kuch logo k man m itna andhkar h ki unhe hamesha hindu dharm m Kami hi dikhti h
अति सुन्दर गुरु जी
बहुत सुंदर अर्थ महराज जी
Radhe Radhe Guru ji 🌹 aap ki chrono me mera koti koti pranam hai 🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹
किसी धर्म में शुद्र शब्द नहीं आया लेकिन हिंदू धर्म में...।
Bhaiya
Shudra mane sewa karne wale
Service sector
Aaj ke ias rajniti wale ye sab log service sector me aate hai
Shudra koi ghrinit shabd nahi hai bhai
Hum sab hindu hai bhai
Jai shree ram 🚩🚩🚩🙏
@@anupam4338 jii... bilkul.....❤️😊
अब ईधर की बात उधर कर ने से काम नहीं चलेगा संतों कलम युग है
ये सब देखरेख शिक्षा तथा सही ज्ञान के अधिकारी हैं ॥ 3॥ अर्थात…. ढोल (एक साज), गंवार(मूर्ख), शूद्र (कर्मचारी), पशु (चाहे जंगली हो या पालतू) और नारी (स्त्री/पत्नी), इन सब को अपनी देखरेख में साधना अथवा सिखाना पड़ता है.. और निर्देशित करना पड़ता है…. तथा विशेष ध्यान रखना पड़ता है
गुरु जी आप धन्य हैं 🙏 आपने तुलसी दास जी की लिखी चौपाई को 100% सही समझाया है। हम विचार पर खुश हैं 🙏
galat Tadna ka matlab nazar rakhna ya peetna hota hai isliye aaj b dalit samaj pratadit ho rai hn Rajasthan me ek dalit ko much rakhne par kaat diya gaya rajpooto dwara
My uncle said to me this line and I really didn't believe that Tulsidas also can say such things. I really cried but I think let's confirm it is real or not. And I searched on TH-cam and saw some videos and now I'm satisfied that our culture is great as always........
galat Tadna ka matlab nazar rakhna ya peetna hota hai isliye aaj b dalit samaj pratadit ho rai hn Rajasthan me ek dalit ko much rakhne par kaat diya gaya rajpooto dwara
@@coolone5822 tum mahamoorkh Mootniwasi logon ko pahle baat to har chiz ka galat matlab hi nikaalna hai usko bina padhe samjhe. Tumhare lalitwistaar me to striyon ko neech aur bahkaane wali bataya gaya hai uspar kahe kuch nahi bolte ho? Khud ka hi ghar kaanch ka hai aur dusron ke ghar me patthar dekhte ho
जब भगवान राम ने समुद्र से रास्ता मांगा तो समुद्र ने मना कर दिया। इसके बाद भगवान राम ने अपना धनुष तान दिया। समुद्र डर गया और उसी ने यह वाक्य बोला है। यहां समुद्र को नीच कहा गया है और नीच व्यक्ति इसी तरह की भाषा बोलता है। ये चौपाई समुद्र का कथन है ना कि तुलसी दास ने उपदेश दिया है। रामचरितमानस एक प्रबंध काव्य है और प्रबंध काव्य में इसी तरह से दूसरों के विचार व्यक्त किये जाते हैं। इस चौपाई को बिना उसके सन्दर्भ के अर्थ निकालकर व्याख्या करके समाज में प्रदूषण फैलाने से पहले रामचरितमानस को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। तुलसीदास जी एक महान कवि थे। उनके ऊपर संदेह करना ठीक नहीं। उन्होंने हमें एक महान ग्रंथ दिया है।जो जनमानस में लोकप्रिय है।
Brahman or baba tadana ke adhikari
Radhe radhe Maharaj ji 🌹🙏🌹 very nice 🌹 Jai Shri Krishna 🙏🌹🙏
मैं दलित हूं मैं श्री राम को अपना आदर्श मानता हूं 🥰🚩
आप लोग दलित नहीं हैं
@@sunilrajbhar3046
सही कहा हम लोग सनातनी हैं 💯
जो राम से विमुख हो गया वह किसी काम का नहीं हो सकता है परंतु पहचान करने की आवश्यकता है कि राम है कौन क्या श्री राम के जन्म के पहले राम नहीं थे
Taadna mtlb dekhna hota hai kuch brahman to kah rhe shiksha pahle aap brahman log fix kar lo aapas me milkar kya batana hai tab logo ko bataiye aise alg alg batayenge to koi sch kaise Mane 🙏
Sach Hai Aachary Ji
जय श्री राम
ताड़ना शब्द का प्रयोग भोजपुरी में भी हुआ है, जिसका अर्थ होता है जानना, समझना।लोग कहते हैं - रउवा का करब हम ताड़ गयनि अर्थात आप क्या करोगे जान गया,समझ गया। जी सादर अभिवादन
समझ में नहीं आता ढोल को निगरानी की क्या जरूरत है।अब खिसकती जमीन ओर लोगों की जागरूकता से सब बाहर आ रहे है तो व्याख्या बदलनी शुरू हो गया है।
ये वीडियो एक साल पहले अपलोड की है देख लो
Good bro
Devraj bakloli Mt jharo..Gyan nhi hai to Gyan lo..nhi to parinaam bura hoga...
Dhol ko dekhna parta hai bhai . Kabhi dhol bajaya bhi h tune???? Rassi tiet karna parta jab dheeli ho jaye toh
apna paap chupane edit krrai Hn 😂
Bhut accha Guru jee. 🙏🙏
bura
अच्छी तरह से समझाए है
समय समय पर अर्थ बदलने से अच्छा है सच्चाई बताई जाय फिर से समाज को मूर्ख न बनाया जाता तो अच्छा लगता आगे आप कि इच्छा ം
Tum jaise log n kuch v kar liya jaye murkh paida huye hai aur murkh bane rahna chahte hai
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
अगर ताड़ना का अर्थ ऐसा है जैसे ये पोंगा पंडित लोग बता रहे हैं तो चारों वर्णों को ताड़ना चाहिए ये पंडित बनकर अर्थ बता रहा है इनको भी ताड़ना चाहिए ताकि ये गद्दी में बैठकर कोई गलत अर्थ न बता दे भेद भाव न फैलाये सुपरलिटी न फैलाये अगर गोस्वामी ने बहुअर्थी भाषा का प्रयोग किया है तो किसी खास वर्ण जाति के लिए क्यों पुरे मानव समाज के लिए क्यों नहीं ये लोग किस अधिकार से मानव को वर्णों में बांटने का काम करते हैं और समाज के अन्य जातियों पर कर्म थोपने का अधिकार और कर्म नियत करने का अधिकार किसने दिया है ये लोग खुद ही किताबों की रचना धर्म शास्त्र के नाम पर करके खुद ही सर्व श्रेष्ठ का तमगा लगा लिये हैं और OBC समाज के बल पर बड़े बने बैठे हैं OBCसमाज गहरी निद्रा में सोई है तब तक जाति पांति का खेल चल रहा है जिस दिन जाग जायेगा भारत से जातिवाद खतम हो जायेगा ये पोंगा पंडित लोग धर्म को रूप रंग कर्मकांड में बांधकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं जबकि धर्म का कोई स्वरूप नहीं है वह मनुष्य का जीवन पद्धति है जो देश काल समय के अनुसार बदलता रहा है पुरे ब्रहमांड में सनातन नामक कोई चीज नहीं होता इन जैसे पंडितों का उत्पन्न किया हुआ भ्रामक शब्दजाल है क्यों कि विश्व का कण कण गतिशील और परिवर्तन शील है ।
आज के युग मे (अधिकारी) का मतलब भी बता दीजिए ।😁😁😁
@@puja7256 अगर " ढोल गवार पशु शुद्र नारी सकल ताडना के अधिकारी " का अर्थ सही है तो , आजसे हम ," ब्राम्हण मिश्रा दुबे तिवारी सकल ताडना के अधिकारी !, क्यो नही कह सकते ?
Jai shri krishna guru ji
न न बाबा जी, अब वेबकुफ नही बनेंगे, सांबुक के जीवा कौन कटा था, बुद्धिस्ट लोग को कौन कौन सर कटा था
Jay Shree Gurudev bhagwan ji Jay ho🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌸🌸🌺🌸🌺🌺🌸🌺🌺🌺🌺🌺
वाह गुरूजी आपने तो सही में बता दिया
तुलसीकृत रामचरितमानस को ही बदल दिया
अभी जो हमारे घर रामायण है उसमे ताड़ना का अर्थ पीटना है
जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरत तिन देखी वैसी
😂😂😂isliye tm gawar ho 😂
Bhae puran Mae ye bhi Likha hae Ki Krishna Bhagwan Ki Sagi behen Ki sadi Arjun Kae sath hue thee na kyonki Krishna Bhagwan yaduvanshi kshatriya thae aur Arjun chandravanshi kshatriya thae Bhae phir ap OBC Kaha Hua ap to kshatriya Hua na
महाराज जी जरा बताइए वह 200 प्रकार की भाषा कौन कौन सी है,जो रामचरित मानस में तुलसी दास जी वर्णन किए हैं । शुद्र को बता रहे हो की कामचोरी करते हैं,आप बोलो हर दिन कितना समय तक काम करते हैं कितने घंटे कंपनी में काम करते हैं।
Guruji Radhe Radhe
धार्मिक किताबों में यह भी तो लिखा हुआ है की ब्राह्मण अगर पापी हो गवार हो चोर हो जाहिल हो बलात्कारी हो फिर भी वह पूजने लायक है फिर भी वह श्रेष्ठ है,kya ye galat nhi h?
🙏🏻🌺 radhe radhe 🌺🙏🏻
ब्राह्मण ,पंडा ,भूमिहार ,पुजारी सकल ताड़ना के अधिकारी....
Radhe Radhe
Jai Shri Radhe Krishna
इसे ऐसा भी लिखा जा सकता था " ढोर गंवार विप्र पशु और व्यापारी, सकल ताड़ना के अधिकारी" जब गलतीयां पकड़ी जा रही है तो नाना प्रकार के तर्क दिये जा रहें हैं।
ढोल अगर ना होता तो दुनिया में संगीत नहीं होता गवार नहीं होता तो दुनिया में ज्ञान का कोई महत्व नहीं पशु पक्षी नहीं होता तो इस धरती पर ऑक्सीजन नहीं होता कोई भी पर्यावरण नहीं होता और शुद्र नहीं होता तो हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक साफ-सफाई शादी-ब्याह पूजा त्यौहार ऐसे बहुत सारे काम है जो अधूरे रह जाते और नारी नहीं होता तो संसार मैं मनुष्य नाम का कोई चीज ही नहीं होता और हम लोगों का जन्म कभी नहीं होता इसीलिए कहा गया है ढोल गवार पशु शूद्र नारी यह सब तारण के अधिकारी तारण का अर्थ होता है तृप्त करना या तृप्त हो जाना
आखिरी ने तारना का अर्थ उद्धार करना भी होता है
जैसा कि हम कहते है
ईश्वर ने हमे तार दिया
@@puja7256dhol ko kon shiksha deta hai😂
और बाबाओं को भी तो ताड़ना चाहिए क्योंकि आज कल जिस बाबा की कुंडली सामने आई है भ्रष्टाचार अपराध से लिप्त ही मिली है। बड़ी कार हेलीकॉप्टर आलीशान मंच सिंहासन पर बैठकर मोह माया से दूर रहने के प्रवचन देते हैं।
Har har Mahadev
इस चौपाई के सन्दर्भ में हमारे यूपी के तराई गांवों में एक कहावत है कि धन दिए लाला माने बाभन माने खिलाएं से विनती करें से ठाकुर माने शूद्र माने जुतियाए से और ये सवर्णों द्वारा शूद्रों को कहीं जाती है
बिल्कुल सही ब्याख्या। आज मुझे भी समझ में आया। राधे राधे।
ब्राह्मण , पशू,वैश्य सकल ता ड ना के अधिकारी. ताडना करणे के लिये क्षत्रिय को तो आपने जिंदा ही नहीं रखा हैं.परशुराम जी ने पहिले हि 21बर इस पृथ्वी पर समाप्त किये है. जय हो.
Hamare yaha bhi tadane ka arth dekhna hi hota hai 🚩👍🕉️
*परिवार को घड़ी की सुइयों जैसा होना चाहिए*
*कोई छोटा हो,,कोई बड़ा हो*
*कोई स्लो हो कोई फास्ट हो!*
*पर जब किसी के 12बजाने हों*
*तब सब एकसाथ हों!!*
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ɠσσԃ ɱσɾɳιɳɠ ҽʋҽɾყσɳҽ...❤️
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Jer radhe radhe Jay radhe radheJay radhe radhe Jay radhe radhe radhe Krishna radhe Krishna radhe Krishna radhe Krishna radhe radhe radhe radhe Jay radhe Krishna Jay radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
@@rakeshyadv1441 Jo likha hai usko jap bhi liya kriye Vaishakh Nandan 😂😂
बिल्कुल सही व्याख्या है ये। और ये 1साल पहले का वीडियो है नाकि अभी कंट्रोवर्सी के बाद व्याख्या की गई है।
यह विवाद पहले भी उठ चुका है
galat Tadna ka matlab nazar rakhna ya peetna hota hai isliye aaj b dalit samaj pratadit ho rai hn Rajasthan me ek dalit ko much rakhne par kaat diya gaya rajpooto dwara
बाबाजी ताड़ना का अर्थ चरणो में वंदना है
Jai shree radhe krishna 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
He mere govind aur radhe rani ko danwat pranaam karta hu 🌺🌺🌹🌹❣️🌹🧑🧑🌺❣️🌺🌺🙏💟🙏🙏🌹🙏🙏🌹❣️❣️🌺🌺
Why we should read or depend upon such books... I have common sense given by God...
महोदय,
मैं अवधी भाषा के इलाके का रहने वाला हूं। और दावे के साथ कहता हूं की ताड़ने का मतलब निगरानी करना होता है ।
महोदय आप ढोल को कैसे ताड़ेंगे??? ढोल को या तो आप पीट कर बजा सकते हो या तो सुन सकते हो । ये बकैती बहुत सुने है मुफ्तखोर बाबा और उनके चेलो से ।
शूद्र की निगरानी क्यों तुलसी कराएगा ब्राह्मणों की निगरानी क्यों नहीं करवाया।
पूरी नारियों की निगरानी क्यों करवाएगा उसे अपने घर या अपने जाति की नारियों पर भरोसा नहीं है तो वह उनकी निगरानी कराए।
@@rpsahani8014 shudr Brahman veshy shariay inka kisi bhi jati se koi lena dena nahi he ye karm ke adhar par he naki janm ke pehle puri chije suno
महोदय,
हम भी अवध के है उम्मीद करते है तुम अपनी मां बहन सहित ,फूआ, चाची सबको अच्छे तरह से ताड़ते होगे।जब हम उनसे मिलेंगे तो हम भी तड़ेंगे।
Radhe radhe 🙏🏻🙏🏻❤️
राधे राधे महाराज जी, आपने जो बताया वो संहि होगा, लेकिन संतुष्ठ होने वाला जवाब नही मिला,
Ye bilkul gey lag raha hai logo bacho launda baaj hai ye
Radhe radhe Jay radhe radhe Jay radhe radhe Jay radhe radhe Jay radhe radhe
Bahut sundar maharaj ji
जब जाति जन्मना हो गई तब से समस्या है।लगभग 99.99% लोग शूद्र हैं
Now a days people are very intelligent. They know each and every thing very well.
Pranam guruji
Jay Bageshwar dham Sarkar ki
Jay Shri Krishna
Jay Shri ram 🙏
Jai shri krishna