MALANA | दुनिया का अनोखा गांव मलाणा
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- เผยแพร่เมื่อ 24 ก.ย. 2024
- MALANA | दुनिया का अनोखा गांव मलाणा #himachalpradesh #village
मलाणा, हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी के उत्तर-पूर्व में स्थित एक प्रचीन गांव है...मलाणा गांव पार्वती घाटी के चंद्रखनी और देवटिब्बा नाम की पहाड़ियों की गोद में बसा है...ये गांव आधुनिकाता से कोसों दूर है...यहां के निवासियों की जीवन शैली काफी अलग व आधुनिक दुनिया में रहने वालों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है...ठीक उसी तरह यहां के रास्ते भी हैं...यहां दुर्दांत बीहड़ रास्तों से हो कर पलाणा पहुंचा जा सकता है...मलाणा तक कोई वाहन भी नहीं पहुंच सकता है कई किलोमीटर की पहाड़ी सकते रास्ते पर चल कर यहां पहुंच सकते हैं...रास्ते इतने खतरनाक कि मुसाफिर को पसीना छूट जाए...यहां के समाज का तानाबाना और रातिरिवाज भी काफी अलग हैं...जिसका सख्ती से पालन किया जाता है...।अगर इतिहास की बात करें तो मलाणा का इतिहास काफी पुराना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां कभी "जमलू" रिषी रहते थे और यहां के नियम कानून उन्हीं के बनाए हुए हैं। ये भी मान्यता है कि जमलू रिषी आर्यों के पहले से थे और उनका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। दूसरी कथा ये है कि मलाणा में सिकंदर के सैनिकों के वंशज रहते हैं जो आज भी यहां के लोग खुद को वंशज मानते हैं। मलाणा की सामाजिक संरचना भी देवता जमलू की बनाई हुई है जो आज भी कायम है...पूरे गांव के प्रशासन को ग्राम परिषद चलाती है जिसमें 11 सदस्य होते हैं...जो जमलू रिषि के प्रतिनिधि माने जाते हैं और इनका फैसला अंतिम फैसला होता है...इस गांव की राजनीतिक व्यवस्था प्रचीन ग्रीस से मिलती जुलती है इसी लिए मलाणा को लोग 'हिमालय का एथेंस' भी कहते हैं। मलाणा की भाषा या बोली रहस्यमयी मानी जाती है...इसे लोग कनांशी-रक्ष नाम से जानते हैं...इसी लिए इसे राक्षस बोली भी कहते हैं...जानकार मलाणा की बोली में तिबत्त की कई बोलियों और संस्कृत का मिश्रण मानते हैं...
सजा और जुर्माना का प्रावधान- मलाणा में बाहरी किसी भी व्यक्ति की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाती है...यहां के निवासी खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं...और बाहरी किसी को भी पूजाघर, स्मारकों, कलाकृतियों, या दीवारों यहां तक कि बाहरी व्यक्त को स्थानीय लोगों को छूने तक की मनाही है...प्रचीनतम लोकतांत्रिक व्यवस्था और परंपराओं की वजह से मलाणा आज पूरी दुनिया में मशहूर है...हजारों की तादद में यहां पर्यटक आते हैं लेकिन उनके रुकने का यहां कोई इंतजाम नहीं है...अगर किसी पर्यटक ने किसी दुकान, सामान या किसी व्यक्ति को छू लिया तो 1 हज़ार से 11 हज़ार तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके लिए जगह जगह बोर्ढ भी लगे हैं। दुनिया में मलाणा क्रीम की जबरदस्त डिमांड है दरअसल मलाणा क्रीम भांग व चरस को बोलते हैं और यहां की चरस उच्च क्वालिटी की होती है...हलांकि अब पुलिस इस पर सख्ती से रोक लगा दी है...एक समय था जब यहां की भांग चोरी छुपे बाहरी देशों में भेजी जाती थी ।
जय हो
मेरे पूर्वजों का गांव lll
पूर्वजों को नमन
Veri nice👍👍
nice
jai ho
O ram ji
ye 100% really hai bhai
I like my heart Himachal perdesh
gud job
Thank you very much