आओ धर्म की परिभाषा सुनो ओर जानो \आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री \ HARI SHANKAR JI \ARYA SAMAJ MISSION
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- เผยแพร่เมื่อ 29 เม.ย. 2022
- आओ धर्म की परिभाषा सुनो ओर जानो \आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री \ HARI SHANKAR JI \ARYA SAMAJ MISSION
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●आर्य समाज के नियम/ Principles of Arya Samaj●
1. सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
2. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।
3. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
4. सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।
5. सब काम धर्मानुसार अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिए।
6. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना ।
7. सबसे प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिए।
8. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।
9. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिए किन्तु सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए।
10. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।
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PUNJALA ,MANDOR
JODHPUR RAJASTHAN-INDIA
PIN-342304 - เพลง
ll ओ३म ll नमस्ते जी l
गुरु जी आप को कोटि कोटि प्रणाम
OUM namaste guruji
बहुत अच्छा
आनंद आ गया
धर्म की परिभाषा------------------- यतो अभ्युदय नि:श्रेयस सिद्धि स: धर्म:
इससे आगे का भाग बताए
namste g Satya vachan
namaste aachary ji
Bahut sundar Vedic prachar M k Arya
आचार्य जी विधर्मी नहीं अधर्मियों की संख्या ज्यादा हो जाए तो क्या उस स्थान पर धर्म रह पाएगा।
व्याख्यान बहुत ही महत्वपूर्ण है
सुन्दर प्रवचन
Eknath mahraj
नमस्ते जी आचार्य जी गदनपुर
🙏🙏🙏🙏
में तो मानता हूँ धर्म 99 % लोग धर्म को नहीं जानते हैं🙏💕🙏💕🙏💕
Aacharya harishankar agnutra Ji ko Sadar namaste
क्लेशों से रहित स्थिति को सुख कहते हैं अधिकतर लोग संतुष्टि को भी सुख मान लेते हैं। जबकि सुख और संतुष्टि दोनों शब्द भिन्न भिन्न पदार्थों के वाचक हैं। बीड़ी पीने से संतुष्टि होती है सुख नहीं।
Acharya Hari Shankar Agnihotri jee ka maholikheda Mainpuri me aapka hardic swagat hai M k Arya
🙏 नमस्ते जी। इससे आगे का भी प्रवचन भेजना जी ..... 🙏 धन्यवाद।
Acharya Hari Shankar Agnihotri jee ko koti koti Naman M k Arya
Dharm ki esi soch hamare men daali gurudev ki dharm adharm ke baadal bilkul chhat gaye
Khokhle gyan se bhi dharm siddh nhi hota
Bhut acha definition... DETE RAHIYE
Bhut sunder ssr.. ! Bolte rahiye !! Sunega bhart !!!
Jai ho sanatan dharm ki
बहुत सुंदर आचार्य जी
विद्वतापूर्ण व्याख्यान ।
प्रणाम आपके पुरुषार्थ को।
सत्यार्थ प्रकाश अमर रहे।
आचार्य जी को सादर प्रणाम
धन्यवाद भाई जी🙏💕🙏💕🙏💕🙏💕
इसका दूसरा भाग कहां है?
आचार्य जी आपको सादर प्रणाम और आप सादर नमस्कार