रोचक कहानी! किचन से निकलकर चाय-सत्तु के संचालकों की गतिविधियों को समेटते हुए बंगाल के कामरेडो की सच्ची कथा, मंहगाई मे सनी व्यथा। कहानी से कहानी को जोड़ने का तार बहुत मजबूत लगा। एक वाक्य दिल को खूब डुबोया-" छोटा-छोटा काम करके बड़ा हो रहा हूँ"!। लेखिका डाॅ सुजाता और धारा प्रवाह कथा वाचिका सीमा सिंह जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
Decent story,ek gehraai liye hue ❤ Aap lekhakon ka bahut sundar parichay detin hain ♥️Aapka vaachan rangon ki Niraali kriti hai, jo aapki mehnat ke har rang ko darshaata hai 🌷jaisay kala mein har brushstroke ki apni kahani hoti hai,aapke swar se har wakya mein ek jeevantta aati hai 💖With the grace of a butterfly,light and free,you flutter through life,The sweetest melody ❣️Each soft whisper of the breeze carries your name,A gentle reminder of your loveliest innocence, story of your beautiful simplicity yet untamed 🌹
सुजाता जी की कहानी सुनी। यदि सम्भव हो तो उनकी और भी कहानियाँ सुनाइए । साम्यवादी विचार रखने वाले चरित्र को गांधीवादी विचार रखने वाली सुजाता जी ने बड़ी ख़ूबसूरती से उठाया। भाषा , बयान व अभिव्यक्ति जब शब्दों में आती है तो और निखरती है। आप दोनों को प्यार!
कहाँ कुछ बदला , जैसा महसूस किया! वही मानसिकता, वही समस्याएँ…। नायिका स्पष्ट और जीवन के यथार्थ को जीने में विश्वास करती है जबकि नायक असमंजस में , शरत-युग स्मरण कराती कहानी। चिंतन में नायक के छोटे-छोटे कथन गंभीर व्यक्तित्व को दर्शाते हैं। देवता शब्द पर अंतिम कथन सर्वदा कहा जानेवाला है । कहानी सहज गति से सरल राह बनाती चलती है । मन में आए भाव के बावजूद नायक-नायिका का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति कहीं कटु नहीं होता है…मित्रों का हास्य और नायक का द्वंद्व मानव मन का सामान्य भाव है । नायक यथार्थ में खयालीपुलाव पकाते रहते हैं और अंत में खयालों से निकलकर चप्पल झाड़ जीवन को गति देने का संकल्प करते हैं । कहानी जीवन से निकली है …साथ-साथ चलती है प्रेम का उदात्त रूप लिए …लेखिका अपने मन्तव्य में सफल हुई हैं । वाचन में आवाज़ प्रभावी है । प्रस्तुति और बेहतर हो सकती थी। यह कला अब विरले ही सुनने को मिलती है ।
I guess when she asked to go for movie she wanted to know his character ,if he says yes .and he said no ,he thought that she is chalu that she wanted to go movie with bim ...but the ultimate result both were benefited.she became wife of some decent person and he devta for both wife and husband ....so sometimes saying No becomes good in life . Please add some reaction or interpretation why she think that he is devta ????
बहुत सुंदर कहानी, स्वर मधुर और स्पष्ट
जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपको ❤️
बहुत सुंदर कहानी है.👍👍
बहुत सुंदर कहानी है। बाँधती है और चौंकाती है और बिसरी हुई संवेदना को ताज़ा करती है।
प्रणाम l बहुत अच्छी और प्रेरक कहानी l
बहुत सुन्दर कहानी बढियां प्रस्तुति के साथ
🙏🏻♥️
रोचक कहानी! किचन से निकलकर चाय-सत्तु के संचालकों की गतिविधियों को समेटते हुए बंगाल के कामरेडो की सच्ची कथा, मंहगाई मे सनी व्यथा। कहानी से कहानी को जोड़ने का तार बहुत मजबूत लगा।
एक वाक्य दिल को खूब डुबोया-" छोटा-छोटा काम करके बड़ा हो रहा हूँ"!।
लेखिका डाॅ सुजाता और धारा प्रवाह कथा वाचिका सीमा सिंह जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
आपको हृदयतल से धन्यवाद सर ⚘️
मैंने उसे चालू लड़की कहा और उसने मुझे देवता बना दिया,......बहुत ही संवेदनशील कहानी
बिना सोचे समझे किसी के बारे में राय बना लेना फिर पछताना , बहुत ही अच्छी कहानी है 🎉🎉
कहानी की रचयिता और कथावाचक प्रशंसा की पात्र हैं। रुचिकर कहानी जिसने पाठक को कहीं जाने नहीं देती। नायक नायिका का सरल सुंदर चित्रण ।
⚘️❤️❣️
बहुत अच्छी भावनात्मक कहानी l ईश्वर आपकी लेखनी को आशीष दें और आप उच्चस्तरीय साहित्य रचती रहें l❤
बहुत ही अच्छी और हृदय स्पर्शी कहानी ।
बेहद मर्मस्पर्शी रचना है सुजाता की।
उत्कृष्ट रचना !
मैं तो खो ही गया, इतनी तारतम्य की पता ही नहीं चला कि कब कहानी समाप्त हो गई।
आप अनवरत ऐसे ही लिखती रहें।
Really inspiring Somna/girish ki story and learning how devta was dignified ❤
Excellent creation
आप जैसी लेखिका को मेरा 🙏🙏प्रणाम
बहुत बहुत बधाई और असीम शुभकामनाएँ.
जय हो जय हो जय हो
Bahot Badiya Experience Mila Hai.
Thanks
कहानी सुनकर बचपन याद आ गया ❤
Very moving and meaningful story
Bahut achchhi lagi
बहुत अच्छी कहानी,लेखिका औऱ वाचिका दो नो ही प्रशंसा के पात्र है। सुजाता की अन्य कहानियां सुनाने की कृपा करें, धन्यवाद।❤
जी जरूर..हार्दिक धन्यवाद.
Clear voice me sunayi hui ye khani hamare samaj ki sachchai bta rhi h
🙏🏻♥️
बहुत अच्छा रचना है
अच्छी कहानी है
अद्भुत.
Decent story,ek gehraai liye hue ❤ Aap lekhakon ka bahut sundar parichay detin hain ♥️Aapka vaachan rangon ki Niraali kriti hai, jo aapki mehnat ke har rang ko darshaata hai 🌷jaisay kala mein har brushstroke ki apni kahani hoti hai,aapke swar se har wakya mein ek jeevantta aati hai 💖With the grace of a butterfly,light and free,you flutter through life,The sweetest melody ❣️Each soft whisper of the breeze carries your name,A gentle reminder of your loveliest innocence, story of your beautiful simplicity yet untamed 🌹
प्यार और धन्यवाद अंजू ❤️
Kahani Acchi Lagi
अच्छी हुई है
बहुत खूब
Amazing...what a story... beautiful script ,ultimate writing style...as suitable narrated... perfect... superlike 👍
Thank you dear Ankita 😘
💞
अच्छी कहानी
सुजाता जी की कहानी सुनी। यदि सम्भव हो तो उनकी और भी कहानियाँ सुनाइए । साम्यवादी विचार रखने वाले चरित्र को गांधीवादी विचार रखने वाली सुजाता जी ने बड़ी ख़ूबसूरती से उठाया। भाषा , बयान व अभिव्यक्ति जब शब्दों में आती है तो और निखरती है। आप दोनों को प्यार!
दीदी प्रणाम 🙏🏻
आप की टिप्पणी पढ़ कर हार्दिक प्रसन्नता हुई..आपका मार्ग-दर्शन के हम आकांक्षी रहेंगे। ♥️♥️♥️♥️
Nice story lovely voice Seema ji ❤❤
Thanks a lot 😊किरन जी ♥️
बहुत सुंदर कहानी है दीदी
स्नेहपूर्ण धन्यवाद सुमन जी ❤️❤️❤️
कहानी अच्छी लगी
♥️⚘️
👌👌👍👍🙏🙏
स्वर मधुर स्पष्ट
🙏🏻⚘️
कहाँ कुछ बदला , जैसा महसूस किया! वही मानसिकता, वही समस्याएँ…।
नायिका स्पष्ट और जीवन के यथार्थ को जीने में विश्वास करती है जबकि नायक असमंजस में , शरत-युग स्मरण कराती कहानी। चिंतन में नायक के छोटे-छोटे कथन गंभीर व्यक्तित्व को दर्शाते हैं। देवता शब्द पर अंतिम कथन सर्वदा कहा जानेवाला है ।
कहानी सहज गति से सरल राह बनाती चलती है । मन में आए भाव के बावजूद नायक-नायिका का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति कहीं कटु नहीं होता है…मित्रों का हास्य और नायक का द्वंद्व मानव मन का सामान्य भाव है ।
नायक यथार्थ में खयालीपुलाव पकाते रहते हैं और अंत में खयालों से निकलकर चप्पल झाड़ जीवन को गति देने का संकल्प करते हैं ।
कहानी जीवन से निकली है …साथ-साथ चलती है प्रेम का उदात्त रूप लिए …लेखिका अपने मन्तव्य में सफल हुई हैं ।
वाचन में आवाज़ प्रभावी है । प्रस्तुति और बेहतर हो सकती थी। यह कला अब विरले ही सुनने को मिलती है ।
❤❤
❤
Hi 🙏🙏
I guess when she asked to go for movie she wanted to know his character ,if he says yes .and he said no ,he thought that she is chalu that she wanted to go movie with bim ...but the ultimate result both were benefited.she became wife of some decent person and he devta for both wife and husband ....so sometimes saying No becomes good in life .
Please add some reaction or interpretation why she think that he is devta ????
प्रेम की पराकाष्ठा ही प्रेमी को देवता के पद पर प्रतिष्ठित करती है...मेरे विचार में तो.
बहुत ही अच्छी कहानी हैं ।🙏🙏